Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia.


by Shri Gaurav Bhatia -
26-11-2022
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में जांच एजेंसियां स्वतंत्र होकर निष्पक्षता से काम कर रही है

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शराब घोटाले में सप्लीमेंटरी चार्जशीट आने का इंतजार कर लें अरविन्द केजरीवाल

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“केएसआई” मार्का यानी “केजरीवाल स्कैमस्टर इंस्टीच्यूट” मार्का

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज भाजपा दिल्ली प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता करके शराब घोटाले के चार्जशीट में शिक्षा एवं आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया नाम नहीं आने पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सप्लीमेंटरी चार्जशीट आने का इंतजार कर लें।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि कानून की प्रक्रिया पूरी करते हुए जांच एजेंसियों ने न्यायालय में निर्धारित समय सीमा के अंदर चार्जशीट फाइल की है। मीडिया के अनुसार जाँच एजेंसियां अभी इस मामले की विवेचना कर रही है। इस तरह के मामलों में सप्लीमेंटरी चार्जशीट फाइल करने का भी प्रावधान होता है। ऐसा इसलिए बोल रहे हैं कि इस तरह के कई उदाहरण देखने को मिला है।

 

अरविंद केजरीवाल जी को उदाहरण के तौर पर उस मामले की याद दिलाना चाहेंगे कि आतंकवादी यासीन मलिक हमारे देश के खिलाफ गतिविधियों में संलिप्त था। न्यायालय में जांच एजेंसियों की सप्लीमेंटरी चार्जशीट में उसका नाम आया और कानूनी प्रक्रिया पूरे होने पर यासीन मलिक का दोष सिद्ध हुआ।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में जांच एजेंसियां स्वतंत्र होकर निष्पक्षता से काम कर रही है। भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार हुआ है अैर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलेरेंस की नीति है। देश की जनता को जांच एजेंसियों पर अटूट विश्वास है कि कोई भ्रष्टाचारी नहीं बचेगा। जबकि सोनिया गांधी- मनमोहन सिंह वाली सरकार के वक्त सर्वोच्च न्यायालय ने जांच एजेंसियों पर टिप्पणी की थी कि इसे “पिंजरे का तोता” बना दिया गया है।

 

कट्टर बेईमान भ्रष्टाचारी सोच रहे हैं कि हमारी चोरी पकड़ी नहीं गयी है हम तो छूट जाएंगे, किन्तु भारतीय जनता पार्टी को पूरा विश्वास कि कोई भ्रष्टाचारी छूटेगा नहीं, क्योंकि कानून में सप्लीमेंटरी चार्जशीट का प्रावधान है। अरविंद केजरीवाल जी पूछेंगे कि सप्लीमेंटरी क्या होता है? सप्लीमेंटरी यह होता है कि केजरीवाल सरकार ने क्लास रूम बनाने का टेंडर कम कीमत में दिया गया और बाद में उसकी लागत बढ़कर अपने घनिष्ठ दोस्त बब्बर एडं बब्बर एसोसिएटस को करोड़ रुपए का रुपए  दिए गए। 

 

वस्तु की गुणवत्ता की पहचान के लिए आईएसआई मार्क यानी इंडियन स्टैंडर्ड इंस्टीच्यूट का मार्का के बारे में सबलोगों ने सुना है, लेकिन अब एक नया मार्का “केएसआई” आ गया है। “केएसआई” मार्का यानी “केजरीवाल स्कैमस्टर इंस्टीच्यूट” मार्का।  केजरीवाली जी स्वयं को कट्टर ईमानदार बताने के लिए केएसआई मार्का की गारंटी दे रहे हैं। श्री भाटिया ने तंज कसते हुए कहा कि जिसके अनुसार केजरीवाल गारंटी दे रहे हैं कि मै आया हूं तो सौ प्रतिशत भ्रष्टचार करूंगा। खुद को कट्टर ईमानदारी की सर्टिफिकेट देने वाले अरविंद केजरीवाल को अपने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के कार्यकाल में क्लास रूम घोटाले होने पर कोई दिक्कत नहीं है।

 

कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल ने आज एक छोटी से प्रेसवार्त करके कहा कि भारत में कोई और नहीं अरविंद केजरीवाल ही कटटर ईमानदार है। भारतीय राजनीति में ऐसा कभी नहीं हुआ कि जो भ्रष्टाचार के किंगपिन हो और जिनके मुख्यमंत्रित्व काल में क्लासरूम घोटाले, शराब घोटाले, डीटीसी लोफ्लोर बस, हवाला रैकेट घोटाले, जैसे घाटाले ही घोटाले होते हैं। जेल में बंद मंत्री सत्येन्द्र जैन को बर्खास्त नहीं किया जाता है। ऐसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्ययं को कट्टर ईमानदारी की सर्टिफिकेट देता है। लगता है कि अरविंद केजरीवाल जी को राजनीतिक मोतियाबिंद हुआ है। चुनाव परिणाम आने के बाद मालूम पड़ जाएगा कि जनता उनके बारे में क्या सोचती है?  

 

अरविंद केजरीवाल जी पर यह पंक्तियां सटीक बैठती है कि मीठा-मीठा गप-गप, कड़वा-कड़वा थू-थू। केजरीवाल जी जब बिना तथ्यों के जांच एजेंसियों पर सवाल उठाते हैं तो उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए जो संविधान की शपथ ली है, उसे तार-तार कर देते हैं। अरविंद केजरीवाल बार-बार आरोप लगाते थे कि जांच एजेंसियां निष्पक्ष नहीं है किसी के इशारे पर गिरफ्तार कर लेती है तो आज उन वक्तव्य का क्या हुआ?  क्या एक मुख्यमंत्री के वक्तव्य इतने हल्के हैं कि समय और परिस्थितियों के अनुसार बदल जाते हैं।

 

आम आदमी पार्टी के नेताओं एक वक्तव्य आया कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। सच्चाई यह है कि बदनाम तो उसकी होती है जिसकी इज्जत हो। केजरीवाल जी की इज्जत रूई से हल्की है। कोई ठग आता है उनके वसूली का पर्दाफास कर देता है और वे हवा में उड़ जाते हैं।

 

पांच दिन पहले स्पेशल कोर्ट ने सत्येनद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी। कुछ दिन पहले न्यायलय ने सत्येन्द्र जैन मामले में कहा था क यह भ्रष्ट मंत्री का अपने पद पर बने रहना उचित नहीं है, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस पर सोचने की आवश्यकता है। निर्लज्जता की हद है कि पिछले पांच महीनों से जेल में बंद आरोपी मंत्री सत्येन्द्र जैन को भारत रत्न देने की मांग करते हैं, जो देश का सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

 

सच्चाई यह है कि अरविंद केजरीवाल लूट-खसोट और भ्रष्टाचार करने में इतने व्यवस्त रहते हैं कि उन्हें भारत के कानून पढ़ने का समय ही नहीं मिलता है। उन्हें मालूम होना चाहिए कि कानून के अनुसार एक समय सीमा के अंदर चार्जशीट फाइल करने का प्रावधान है। जांच एजेंसियां उस मामले के तथ्य, साक्ष्य और बयान के आधार पर चार्जशीट फाइल करती है। चार्जशीट फाइल होने के बाद ही जेल में बंद आरोपी को बेल मिलता है।

 

अरविंद केजरीवाल जी को यह भ्रष्टाचार दिखायी नहीं देता है कि दिल्ली के स्कूलों में टॉयलेट को क्लास रूम बता दिया गया, रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के दो प्लांट लगाए गए और 29 प्लांट लगाने के पैसों का भुगतान कर दिया गया। सवाल यह भी है कि यदि नयी आबकारी नीति अच्छी थी तो वापस क्यों ली गयी?  केजरीवाल अपने शराब माफिया दोस्तों को 144 करोड़ रुपए वापस क्यों किया? भारतीय जनता पार्टी द्वारा भ्रष्टाचार मामले में उटाए गए सवालों पर अरविंद केजरीवाल जी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? जनता के सवालों से दूर क्यों भाग रहे हैं?

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