Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


by Shri Gaurav Bhatia -
05-04-2023
Press Release

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच को रोकने के लिए 14 विपक्षी राजनीतिक दल सर्वोच्च न्यायालय गए थे। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने इन 14 दलों की याचिका को खारिज करते हुए जो टिप्पणी की, वह देश के हर नागरिक के लिए गर्व की बात है।

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मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अगर आप नेता भी हैं तो आपको कोई अधिकार नहीं है कि आपके लिए अलग कानून हो क्योंकि कानून सबके लिए बराबर है और कानून की नजर में हर व्यक्ति बराबर है। इसलिए हम आपकी याचिका को स्वीकार नहीं करेंगे।

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दूसरी बात अदालत ने यह भी कहा कि क्या हम इस तरह के कोई दिशानिर्देश दे सकते हैं जो कि अपने-आप में एक नई श्रेणी बना देगी कि आम जनता के लिए अलग कानून हो और नेताओं के लिए अलग कानून।

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आज सर्वोच्च न्यायालय ने 14 विपक्षी दलों की याचिका को खारिज किया किया तो यह बात स्पष्ट हो गई कि जो बात ये 14 विपक्षी दल (जो प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली पार्टियां हैं) कर रहे हैं, इसमें कोई सच्चाई नहीं है और जांच एजेंसियां ईमानदारी से अपना काम कर रही है।

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आज सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के ईमानदार काम पर मुहर लगी है। 14 विपक्षी पार्टियों पर सुप्रीम कोर्ट का झटका इतना करारा था कि इन्हें अपनी याचिका वापिस लेनी पड़ी।

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अगर किसी भ्रष्टाचारी को यह लगता है कि वह भ्रष्टाचार करके बच जाएगा तो यह उसकी ग़लतफ़हमी है। क़ानून लंबा हाथ उसके गिरेबान तक जरूर पहुंचेगा। ये श्री नरेन्द्र मोदी सरकार है - भ्रष्टाचार करोगे तो जेल भी जाना होगा और जनता से लूटा हुआ पैसा लौटाना भी पड़ेगा।

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बाहर तो आप बिना तथ्यों के चिल्ला सकते हैं, झूठ बोल सकते हैं लेकिन न्यायालय के अंदर जब इनकी दलील नहीं बची तो इन्हें याचिका को वापिस लेना पड़ा। आज सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि न्याय, ईमानदारी, सच्चाई और कानून वह किस तरफ है।

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इस देश में लोकतंत्र इतना मजबूत है कि जहाँ एक तरफ भ्रष्टाचारी हैं जिनके शब्दों का न तो वजन है और न कोई मूल्य तो दूसरी तरफ हमारी सर्वोच्च अदालत का पवित्र फैसला है। एक तरह भ्रष्टाचारी हैं तो दूसरी ओर जनता है। एक तरफ भ्रष्टाचारी नेता हैं तो दूसरी ओर ईमानदार प्रधानमंत्री और ईमानदार जांच एजेंसियां।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्पष्ट कहा है कि अब देश में वीवीआईपी कल्चर नहीं चलेगा क्योंकि देश के सभी नागरिक बराबर हैं। लेकिन, भ्रष्टाचारियों के मन में ये भाव है कि वे क़ानून, संविधान, जनता, लोकतंत्र और यहाँ तक कि सर्वोच्च न्यायालय से भी ऊपर हैं।

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आज देश का हर नागरिक इन 14 दलों से ये सवाल पूछ रहा है कि गली-मोहल्ले में शोर मचाते हो, झूठ बोलते हो लेकिन जब न्याय के मंदिर के सामने अपनी दलील रखने की बारी आई तो याचिका वापिस क्यों लेनी पड़ी?

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इन 14 विपक्षी राजनीतिक दलों में भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस पार्टी शामिल थी जिसके शीर्ष नेता राहुल गाँधी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी और रॉबर्ट वाड्रा बेल पर बाहर हैं। जमीन दो, नौकरी लो का नारा देने वाली और जानवरों का चारा तक खा जाने वाली लालू प्रसाद यादव की आरजेडी इसमें शामिल थी। गुलाबी गड्डियों में जिनके मंत्री पाए जाते हैं, ऐसी तृणमूल कांग्रेस जिसका नेतृत्व ममता बनर्जी जी करती हैं, वे भी इसमें शामिल थी। इस मुहिम में कट्टर बेईमान पार्टी आम आदमी पार्टी शामिल थी जो कट्टर ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटा करते थे।

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सत्य में बहुत ताकत होती है। आप संख्या में तो 14 हो सकते हैं लेकिन आपके पास सच्चाई और ईमानदारी की ताकत नहीं है। आपके पास ये भी ताकत नहीं है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मुहिम हमारे ईमानदार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शुरू की है, उसे रोक सको।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज बुधवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और भ्रष्टाचार में शामिल पार्टियों द्वारा ईडी और सीबीआई की जांच से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए भ्रष्टाचारी विपक्षी पार्टियों पर जम कर निशाना साधा। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने ED-CBI के दुरुपयोग से जुड़ी कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि आपके लिए अलग कानून नहीं हो सकता क्योंकि कानून सबके लिए बराबर है।

 

श्री भाटिया ने कहा कि एक विषय जो बहुत ही महत्वपूर्ण है पूरे देश के लिए, देश के सभी नागरिकों के लिए, उस पर आज चर्चा करना बहुत जरूरी है। पिछले 9 वर्षों में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश की सेवा में अहर्निश समर्पित भाव से काम कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की नीति है ‘Zero tolerance for Corruption’. हमने देखा है कि किस तरह से जांच एजेंसियां निष्पक्ष तरीके से भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कर रही है, भ्रष्टाचारियों को पकड़ रही है। विपक्ष में बैठे ये भ्रष्टाचारी नेता अपने खिलाफ मुकद्दमा रद्द कराने अदालत नहीं जाते क्योंकि इन्हें डर है कि अदालत में जब तथ्य सामने आएंगे तो इनकी किरकरी होगी और मुकद्दमा रद्द नहीं होगा। इसलिए अब विपक्षी राजनीतिक दल भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच को रोकने के लिए अदालत जा पहुंचे।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच को रोकने के लिए 14 विपक्षी राजनीतिक दल सर्वोच्च न्यायालय गए थे। इसमें भ्रष्टाचार की जननी के रूप में प्रतिष्ठित कांग्रेस पार्टी शामिल थी जिसके शीर्ष नेता राहुल गाँधी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी और रॉबर्ट वाड्रा बेल पर बाहर हैं। जमीन दो, नौकरी लो का नारा देने वाली और जानवरों का चारा तक खा जाने वाली लालू प्रसाद यादव की आरजेडी इसमें शामिल थी। गुलाबी गड्डियों में जिनके मंत्री पाए जाते हैं, ऐसी तृणमूल कांग्रेस जिसका नेतृत्व ममता बनर्जी जी करती हैं। यह भी इसमें शामिल थी। इस मुहिम में कट्टर बेईमान पार्टी आम आदमी पार्टी शामिल थी जो कट्टर ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटा करते थे। इनके उप-मुख्यमंत्री कट्टर भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं, उन्हें बेल नहीं मिल रही। इनके एक और मंत्री लगभग 10 महीनों से जेल में बंद हैं। उन्हें भी अदालत बेल नहीं दे रही। बीआरएस जिसके भ्रष्टाचार के किस्से जगजाहिर हैं, यह भी भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच को रोकने की मुहिम में अदालत गई। हम सब जानते हैं कि के. कविता से भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ हो रही है जिससे वे घबराये हुए हैं। साथ ही, इसमें एनसीपी, डीएमके, उद्धव ठाकरे की पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, जदयू, सपा, सीपीआई और सीपीआई (एम) भी शामिल थी।

 

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए श्री भाटिया ने कहा कि ये सभी 14 दल सर्वोच्च न्यायालय इसलिए गए थे कि इनके नेताओं के खिलाफ ईडी, सीबीआई जांच को रोक दिया जाए ताकि इनके नेताओं के भ्रष्टाचार की जांच न होने पाए। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने इन 14 दलों की याचिका को खारिज करते हुए जो टिप्पणी की, वह देश के हर नागरिक के लिए गर्व की बात है। सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ  न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा भी शामिल थे।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इस देश में लोकतंत्र इतना मजबूत है कि जहाँ एक तरफ भ्रष्टाचारी हैं जिनके शब्दों का न तो वजन है और न कोई मूल्य तो दूसरी तरफ हमारी सर्वोच्च अदालत का पवित्र फैसला है। एक तरह भ्रष्टाचारी हैं तो दूसरी ओर जनता है। एक तरफ भ्रष्टाचारी नेता हैं तो दूसरी ओर ईमानदार प्रधानमंत्री और ईमानदार जांच एजेंसियां।

 

श्री भाटिया ने कहा कि मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अगर आप नेता भी हैं तो आपको कोई अधिकार नहीं है कि आपके लिए अलग कानून हो क्योंकि कानून सबके लिए बराबर है और कानून की नजर में हर व्यक्ति बराबर है। इसलिए हम आपकी याचिका को स्वीकार नहीं करेंगे। दूसरी बात अदालत ने यह भी कहा कि क्या हम इस तरह के कोई दिशानिर्देश दे सकते हैं जो कि अपने-आप में एक नई केटेगरी बना देगी कि आम जनता के लिए अलग कानून हो और नेताओं के लिए अलग कानून।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आप सब जानते हैं कि जब देश में कांग्रेस की यूपीए सरकार थी तो सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई के लिए ‘पिंजरे का तोता’ शब्द का प्रयोग किया था। आज सर्वोच्च न्यायालय ने 14 विपक्षी दलों की याचिका को खारिज किया किया तो यह बात स्पष्ट हो गई कि जो बात ये 14 विपक्षी दल (जो प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली पार्टियां हैं) कर रहे हैं, इसमें कोई सच्चाई नहीं है बल्कि ईडी, सीबीआई या अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियां अपना काम न्यायसंगत तरीके से, कानूनी तरीके से, संविधान के तहत कर रही है।

 

श्री भाटिया ने कहा कि हमारे सबके आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्पष्ट कहा है कि अब देश में वीवीआईपी कल्चर नहीं चलेगा क्योंकि देश के सभी नागरिक बराबर हैं। लेकिन, भ्रष्टाचारियों के मन में ये भाव है कि वे क़ानून, संविधान, जनता, लोकतंत्र और यहाँ तक कि सर्वोच्च न्यायालय से भी ऊपर हैं। आज सर्वोच्च न्यायालय ने इन्हें बता दिया कि आप भी आम जनता की तरह हैं। आपके लिए कोई स्पेशल क़ानून नहीं हो सकता। आज यह स्पष्ट हो गया है कि अगर किसी भ्रष्टाचारी को यह लगता है कि वह भ्रष्टाचार करके बच जाएगा तो यह उसकी ग़लतफ़हमी है। क़ानून लंबा हाथ उसके गिरेबान तक जरूर पहुंचेगा। ये श्री नरेन्द्र मोदी सरकार है - भ्रष्टाचार करोगे तो जेल भी जाना होगा और जनता से लूटा हुआ पैसा लौटाना भी पड़ेगा।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के काम पर एक तरह से मुहर लगी है। 14 विपक्षी पार्टियों पर सुप्रीम कोर्ट का झटका इतना करारा था कि इन्हें अपनी याचिका वापिस लेनी पड़ी। कांग्रेस और 13 दलों की अगुआई कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील डॉ अभिषेक मनु सिंघवी कर रहे थे। बाहर तो आप बिना तथ्यों के चिल्ला सकते हैं, झूठ बोल सकते हैं लेकिन न्यायालय के अंदर जब इनकी दलील नहीं बची तो इन्हें याचिका को वापिस लेना पड़ा।

 

श्री भाटिया ने कहा कि यह सवाल आज देश का हर नागरिक इन 14 दलों से पूछ रहा है कि गली-मोहल्ले में शोर मचाते हो, झूठ बोलते हो लेकिन जब न्याय के मंदिर के सामने अपनी दलील रखने की बारी आई तो आपको याचिका वापिस क्यों लेनी पड़ी? इस सवाल का उत्तर चाहे तो कांग्रेस पार्टी, चाहे तो पापी आम आदमी पार्टी या चाहे इस याचिका में शामिल बाकी भ्रष्टाचारी दलों को जरूर देना चाहिए। सत्य में बहुत ताकत होती है। आप संख्या में तो 14 हो सकते हैं लेकिन आपके पास सच्चाई और ईमानदारी की ताकत नहीं है। आपके पास ये भी ताकत नहीं है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मुहिम हमारे ईमानदार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शुरू की है, उसे रोक सको। भारत की जांच एजेंसियां कानूनी तरीके से, ईमानदारी से अपना काम कर रही है। आज सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि न्याय, ईमानदारी, सच्चाई और कानून वह किस तरफ है।

 

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