Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


by Shri Gaurav Bhatia -
15-04-2022
Press Release

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

 

सामाजिक न्याय पखवाड़ा के अंतर्गत यह प्रयास रहा है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक न्याय-समरसता और गरीबों-दलितों-वंचितों के सशक्तिकरण के लिए जो उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं, उसे देश की जनता के समक्ष रखा जाए.

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माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से पहले केंद्र की जो सरकारें रहीं, खासकर विपक्ष की, उन्होंने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग की अनदेखी की। अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्गों से जुड़े जो कार्य लटके और अटके हुए थे, उन कार्यों को अगर देखे तो पहले के 55 वर्षों की बजाय पिछले 8 वर्षों में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ज्यादा और बेहतर कार्य हुए।

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पिछली सरकारों का रुख था कि कुछ मूलभूत सुविधाएं भी अगर लोगों को दे देते हैं, तो सरकार द्वारा उसे इतिश्री समझ लिया जाता था । केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार बनने के बाद इस सोच में एक ऐतिहासिक बदलाव आया और जन-भागीदारी को विकास का प्रमुख केंद्र बिंदु माना गया.

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माननीय प्रधानमंत्री जी ने यह दिखाया कि किस तरह से केवल मूलभूत सुविधाएं देना ही हमारा लक्ष्य नहीं है बल्कि हमारा लक्ष्य है कि समाज के गरीब-दलित-वंचित लोगों को पूरे सम्मान के साथ मुख्यधारा से जोड़ कर उनका सशक्तिकरण किया जाये. अनुसूचित समुदाय को सम्मान के साथ समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का महत्वपूर्ण काम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कर दिखाया.

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सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी समाज के निर्माण में अग्रसर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा  एससी/एसटी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में दोगुनी वृद्धि की गई.

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एससी/एसटी के छात्र-छात्राओं की बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले ही बजट में 1,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। 2021 में यह बजट बढ़ाकर 6 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया। 2022-23 के बजट में 2. 36 प्रतिशत एसटी समुदाय के लिए निर्धारित किये गए हैं अर्थात कुल 89,265 करोड़ रुपये.

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मुद्रा योजना के जिसके तहत लगभग 10 करोड़ लाभार्थी हैं, इनमें 50 प्रतिशत ऋण खाते एससी-एसटी-पिछड़े वर्गों से जुड़े हैं और इस योजना ने इन्हें स्वावलंबी बनाकर इन्हें रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनाने में महती भूमिका निभाई है.

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माननीय प्रधानमंत्री जी ने स्टैंडअप इंडिया योजना चलाई जिसके तहत आज SC, ST समाज और महिलाओं को ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

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केंद्रीय योजनाओं, अर्थात राष्ट्रीय जनजातीय कल्याण कार्यक्रम के तहत 3,344  करोड़ रुपये दिए गए हैं। साथ ही, 26,135 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री वन बन्धु कल्याण योजना को 31 मार्च 2026  तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है।

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वन उत्पाद की वस्तुओं पर पहले एमएसपी नहीं होती थी. मोदी सरकार ने पहली बार वन उत्पादों पर एमएसपी का लाभ दिया। मोदी सरकार ने एमएसपी सूचि में 23 अतिरिक्त वन उत्पादों को शामिल किया।

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माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने एससी/एसटी समाज के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल पर जोर दिया और इस योजना के तहर अगले पांच साल में 452 नए विद्यालय बनाए जाएंगे, 211 का नवीनीकरण होगा और 15 उत्कृष्ट केंद्र बनाये जायेंगे जहां एससी बच्चों को सिर्फ शिक्षा के साथ अन्य व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं । 2022-23 के बजट में एकलव्य स्कूल के लिए 28,920  करोड़ रुपये का आवंटन किये गए  हैं।

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वर्ष 2022-23 के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन के लिए 499  करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं।  "आत्मनिर्भर भारत अभियान" के हिस्से के रूप में अगले 5 वर्षों में नए हाट बाजार और भण्डार गृह विकसित किये जायेंगे । इस मिशन के लिए अगले 5 वर्षों में 1,612 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गयी है।

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इसके साथ ही प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत 7,300 करोड़ की लागत से 36,428 आदिवासी बाहुल्य गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2018 में एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम की शुरुआत की थी। पूरे देश में 117  जिले बतौर  एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट चुने गए। इसमें से कई आदिवासी बहुल जिले हैं । इस स्कीम के तहत  स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और विकास तथा बेसिक इंफ्रास्टरक्चर आदि पर ध्यान देकर लोगों के जीवन स्तर को सुधारा जा रहा है।

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सार्वजनिक खरीद नीति के तहत सभी केन्द्रीय मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को अपनी  वार्षिक खरीद का न्यूनतम 25 प्रतिशत एमएसई से खरीदना पड़ता है। इसमें से 4 प्रतिशत एससी एवं एसटी उद्यमियों के स्वामित्व वाली इकाईयों के लिए निर्धारित है।

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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 01 अप्रैल 2022 को 5वें परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में छात्रों के साथ चर्चा की । इस कार्यक्रम में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल के 75,000 से अधिक छात्रों और लगभग 350 शिक्षकों ने भाग लिया।

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हमारे आदिवासी वर्ग का बहुत बड़ा योगदान आजादी की लड़ाई में भी रहा है। उनके उस बलिदान और योगदान को भारत के नागरिकों को बताने में पहले की सरकारों द्वारा अनदेखी की गई।

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आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हर वर्ष 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।  यह पहली बार होगा कि ऐसे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जो अब तक स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक रहे हैं।

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इस प्रकार, माननीय प्रधानमंत्री जी ने जो मूलमंत्र दिया-सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास,वह केवल शब्दों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे सफलतापूर्वक साकार भी करके दिखाया है.

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और 7 अप्रैल से 20 अप्रैल तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनाई जा रही सामाजिक न्याय पखवाड़ा दिवस के तहत आज समर्पित अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओ पर व्यापक प्रकाश डाला।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि सामाजिक न्याय पखवाड़ा के अंतर्गत यह प्रयास रहा है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक न्याय-समरसता और गरीबों-दलितों-वंचितों के सशक्तिकरण के लिए जो उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं, उसे देश की जनता के समक्ष रखा जाए. माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से पहले केंद्र की जो सरकारें रहीं, खासकर विपक्ष की, उन्होंने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग की अनदेखी की। अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्गों से जुड़े जो कार्य लटके और अटके हुए थे, उन कार्यों को अगर देखे तो पहले के 55 वर्षों की बजाय पिछले 8 वर्षों में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ज्यादा और बेहतर कार्य हुए।

 

पिछली सरकारों का रुख था कि कुछ मूलभूत सुविधाएं भी अगर लोगों को दे देते हैं, तो सरकार द्वारा उसे इतिश्री समझ लिया जाता था । केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार बनने के बाद इस सोच में एक ऐतिहासिक बदलाव आया और जन-भागीदारी को विकास का प्रमुख केंद्र बिंदु माना गया. माननीय प्रधानमंत्री जी ने यह दिखाया कि किस तरह से केवल मूलभूत सुविधाएं देना ही हमारा लक्ष्य नहीं है बल्कि हमारा लक्ष्य है कि समाज के गरीब-दलित-वंचित लोगों को पूरे सम्मान के साथ मुख्यधारा से जोड़ कर उनका सशक्तिकरण किया जाये. अनुसूचित समुदाय को सम्मान के साथ समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का महत्वपूर्ण काम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कर दिखाया.

 

आज भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में आठ मंत्री एसटी कम्यूनिटी से हैं। एसटी कम्यूनिटी के लोग समाज का नेतृत्व कर रहे हैं और वो ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस समुदाय के उत्थान के लिए जो जरुरतें हैं, वो पूरी हों। माननीय प्रधानमंत्री जब आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो उनका उद्देश्य समाज के एससी-एसटी वर्गों को एक ओर  शिक्षा के माध्यम से और दूसरी ओर प्रशिक्षित करके उन्हें आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने का है.

 

सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी समाज के निर्माण में अग्रसर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा  एससी/एसटी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में दोगुनी वृद्धि की गई. एससी/एसटी के छात्र-छात्राओं की बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले ही बजट में 1,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। 2021 में यह बजट बढ़ाकर 6 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया। 2022-23 के बजट में 2. 36 प्रतिशत एसटी समुदाय के लिए निर्धारित किये गए हैं अर्थात कुल 89,265 करोड़ रुपये. मुद्रा योजना के जिसके तहत लगभग 10 करोड़ लाभार्थी हैं, इनमें 50 प्रतिशत ऋण खाते एससी-एसटी-पिछड़े वर्गों से जुड़े हैं और इस योजना ने इन्हें स्वावलंबी बनाकर इन्हें रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनाने में महती भूमिका निभाई है. माननीय प्रधानमंत्री जी ने स्टैंडअप इंडिया योजना चलाई जिसके तहत आज SC, ST समाज और महिलाओं को ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

 

वहीँ दूसरी ओर, केंद्रीय योजनाओं, अर्थात राष्ट्रीय जनजातीय कल्याण कार्यक्रम के तहत 3,344  करोड़ रुपये दिए गए हैं। साथ ही, 26,135 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री वन बन्धु कल्याण योजना को 31 मार्च 2026  तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है। वन उत्पाद की वस्तुओं पर पहले एमएसपी नहीं होती थी. मोदी सरकार ने पहली बार वन उत्पादों पर एमएसपी का लाभ दिया। मोदी सरकार ने एमएसपी सूचि में 23 अतिरिक्त वन उत्पादों को शामिल किया।  माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने एससी/एसटी समाज के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल पर जोर दिया और इस योजना के तहर अगले पांच साल में 452 नए विद्यालय बनाए जाएंगे, 211 का नवीनीकरण होगा और 15 उत्कृष्ट केंद्र बनाये जायेंगे जहां एससी बच्चों को सिर्फ शिक्षा के साथ अन्य व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं । 2022-23 के बजट में एकलव्य स्कूल के लिए 28,920  करोड़ रुपये का आवंटन किये गए  हैं।

 

वर्ष 2022-23 के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन के लिए 499  करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं।  "आत्मनिर्भर भारत अभियान" के हिस्से के रूप में अगले 5 वर्षों में नए हाट बाजार और भण्डार गृह विकसित किये जायेंगे । इस मिशन के लिए अगले 5 वर्षों में 1,612 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गयी है।

 

इसके साथ ही प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत 7,300 करोड़ की लागत से 36,428 आदिवासी बाहुल्य गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2018 में एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम की शुरुआत की थी। पूरे देश में 117  जिले बतौर  एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट चुने गए। इसमें से कई आदिवासी बहुल जिले हैं । इस स्कीम के तहत  स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और विकास तथा बेसिक इंफ्रास्टरक्चर आदि पर ध्यान देकर लोगों के जीवन स्तर को सुधारा जा रहा है।

 

सार्वजनिक खरीद नीति के तहत सभी केन्द्रीय मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को अपनी  वार्षिक खरीद का न्यूनतम 25 प्रतिशत एमएसई से खरीदना पड़ता है। इसमें से 4 प्रतिशत एससी एवं एसटी उद्यमियों के स्वामित्व वाली इकाईयों के लिए निर्धारित है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 01 अप्रैल 2022 को 5वें परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में छात्रों के साथ चर्चा की । इस कार्यक्रम में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल के 75,000 से अधिक छात्रों और लगभग 350 शिक्षकों ने भाग लिया।

 

हमारे आदिवासी वर्ग का बहुत बड़ा योगदान आजादी की लड़ाई में भी रहा है। उनके उस बलिदान और योगदान को भारत के नागरिकों को बताने में पहले की सरकारों द्वारा अनदेखी की गई। आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हर वर्ष 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।  यह पहली बार होगा कि ऐसे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जो अब तक स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक रहे हैं।

 

इस प्रकार, माननीय प्रधानमंत्री जी ने जो मूलमंत्र दिया-सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास,वह केवल शब्दों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे सफलतापूर्वक साकार भी करके दिखाया है.

 

(महेंद्र कुमार)

कार्यालय सचिव

 

 

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