Salient points of press conference : BJP National Spokesperson Shri Shehzad Poonawalla


by Shri Shehzad Poonawalla -
11-08-2022
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

**************

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर तिरंगे का अपमान करने और दिल्ली सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर जमकर निशाना साधा।      

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने अरविन्द केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल जी का रेवड़ी मॉडल है विज्ञापन दो और व्यवस्था स्लोतथा पोस्टर में हीरो और असलियत में जीरो। अरविन्द केजरीवाल जी प्रेसवार्ता कर झूठ  बोलते हैं और मुद्दे को डायवर्ट करते रहते हैं। जनता चाहती है कि अरविन्द केजरीवाल प्रेसवार्ता करके भारतीय जनता पार्टी के सवालों का जबाव दें।   

 

भारतीय राजनीति के पिनोकियो अरविन्द केजरीवाल जी ने दिल्लीवासियों को फ्री शिक्षा, फ्री स्वास्थ्य, फ्री पानी, फ्री टांसपोर्ट के वादे के बावजूद कुछ नहीं दिया, बल्कि वे फ्री करप्शन, फ्री प्रदूषण, फ्री विज्ञापन, फ्री तुष्टिकरण की राजनीति के साथ फ्री नशा दिया है।  

 

केजरीवाल जी दोस्तवाद और परिवारवाद के बारे में खूब बोलते नजर आ रहे हैं जबकि परिवारवाद पार्टी कांग्रेस से गठजोड़कर आम आदमी पार्टी ने ही दिल्ली में सरकार बनायी थी। आज केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचारवाद, झूठवाद और  विज्ञापनवाद का पोषक बन गए हैं।  यदि झूठ बोलने की विश्व प्रतियोगिता हो तो आम आदमी पार्टी के मुखिया को ही गोल्ड मेडल मिलेगा।            

 

आम आदमी पार्टी के मुखिया भारतीय राजनीति के पिनोकियो हैं, जो बार बार झूठ बोलता है और हर बार उसकी नाक बढ़ जाती है। भारत के पड़ौसी देशों में, जहां परिवारवाद, मुफ्त-मुफ्त की संस्कृति और भ्रष्टाचार को प्राथमिकता दी गयी उन देशों की आर्थिक स्थिति बदतर हुई है।

 

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस परिपेक्ष्य में देश की जनता को रेवड़ी कल्चर, भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ जागरूक करने का अभियान शुरू किया है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने रेवड़ी कल्चर का जिक्र करने के दौरान किसी व्यक्ति या प्रांत का नाम नहीं लिया। किन्तु भारतीय राजनीति के पिनोकियो यानी अरविन्द केजरीवाल ने रेवड़ी कल्चर नामक उड़ता तीर पकड़कर राजनीति शुरू कर दी। इससे वह कहावत चरितार्थ हुआ है कि चोर की दाढ़ी में तिनका।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 70 सालों से वंचित लोगों को जनधन योजना, गैस सिलिंडर, शौचालय, बिजली, पानी आदि की सुविधा उपलब्ध कराई ताकि वे लोग समाज मुख्यधारा में जुड़ सकें, यह सामाजिक जनकल्याण का कार्य है। रेवड़ी कल्चर वह होता है जो योजना को पूरा करने की क्षमता के बारे में बगैर सोचे समझे चुनाव में मुफ्त देने की घोषणा कर दें और उस योजना से साधन संपन्न लोग ही लाभान्वित हों। सिर्फ अपने चुनावी लाभ के लिए अमीर-गरीब सबको मुफ्त सुविधा देने की घोषणा करना रेवड़ी कल्चरहै, भले ही चुनाव के बाद उसे पूरा नहीं कर सके।

 

रेवड़ी कल्चर में साधन संपन्न व्यक्ति तो लाभ उठा लेते हैं, किन्तु गरीब आदमी को लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए रेवड़ी कल्चर टैक्सपेयर के साथ छलावा है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस रेवड़ी कल्चर से बचने का आह्वान किया तो भारतीय राजनीति के पिनोकियो केजरीवाल जी मैदान में कूद पड़े।           

 

आज केजरीवाल जी से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं, आशा है वे इनका जवाब देंगे.        

 

पहला सवाल - तिरंगा को सम्मान दिलाने वाली खिलाड़ी दिव्या काकरन को अपमानित करने वाले सौरभ भारद्वाज के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे? अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिव्या काकरन कुश्ती में हमारे देश और तिरंगे का मान सम्मान बढाया है। दिव्या जी ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने के बाद उन्हें बधाई संदेश मिल गए किन्तु दिल्ली सरकार से कोई सरकारी सहायता नहीं मिली। दिव्या जी द्वारा मुख्यमंत्री केजरीवाल जी की सच्चाई रखी गई तो आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया द्वारा दिव्या को निरंतर अपमानित किया जाने लगा। आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दिव्या पर अपमाजनक शब्दों का प्रयोग कर जलील करने का काम किया है। सौरभ भारद्वाज ने दिव्या से कहा था कि तू दिल्ली से है मुझे तो लगा कि तू उत्तर प्रदेश से है।

 

आम आदमी पार्टी की सबूत मांगने का वही ढंग है जैसे हमारे सेना से सर्जिकल स्टाईक और एयर स्टाईक का सबूत मांगते रहे। आज भारत का नाम रौशन करने वाली खिलाड़ी दिव्या से वही आम आदमी पार्टी सबूत मांग रही है कि किस प्रांत की है।  केजरीवाल जी विज्ञापन देने में मस्त हैं उन्हें इस पर ध्यान देने की जरूरत महसूस नहीं हो रही। आखिर हमारे देश की बेटी और खिलाड़ी दिव्या जी को सोशल मीडिया पर अपना सर्टिफिकेट पोस्ट करना पड़ा। उन्हें बताना पड़ा कि मैं दिल्ली राज्य का प्रतिनिधित्व करती हूं। दिव्या जो पिछले बीस साल से दिल्ली में रहती है और आठ बार भारत का प्रतिनिधित्व कर 10-12 पदक जीता है। जबकि दिल्ली सरकार को कहना चाहिए था कि दिल्ली में रहती हैं तो हम आपका सम्मान करेंगे और सरकारी सहायता एवं पुरस्कार भी देंगे। केजरीवाल सरकार ने खिलाड़ी वर्ग, युवाओं और तिरंगे का अपमान करने का काम किया है। यदि अरविन्द केजरीवाल को दिव्या काकरन जी के प्रति थोड़ा भी सम्मान है तो सौरभ भारद्वाज को अविलंब चुप कराते या उन्हें अपनी पार्टी से निष्कासित कर देते। लेकिन केजरीवाल जी का खेल के प्रति सम्मान इससे भी झलकता है कि कुछ दिन पहले जब दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने स्टेडियम में कुत्ता टहलाने ले गए तो उस वक्त खिलाड़ियों को खेलने से रोक दिया गया।

 

चाहे ओलंपिक गेम्स के बाद खिलाड़ियों से मुलाकात करके उनका मनोबल बढ़ाना हो या खेलो इंडियां स्कीम आदि से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की बात हो, माननीय प्रधानमंत्री जी  खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। इसी कारण टोक्यो ओलंपिक, पारा ओलंपिक या कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर तिरंगे का मान सम्मान बढ़ाया है। दूसरी ओर केजरीवाल सरकार खिलाड़ियों को अपमानित करने और उनसे सबूत मांगने का काम करती है।   

 

दूसरा सवाल - दिल्ली प्रदेश के 700 सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल कब नियुक्त होंगे? दिल्ली में 20 नए कॉलेज कब बनेंगे? सरकारी स्कूलों में 45 हजार शिक्षकों की नियुक्तियां कब होंगी? क्लास रूम निर्माण घोटाला पर कब कार्रवाई होगी?

 

अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में फ्री शिक्षा देने की बात करते हैं, किन्तु देश में साराजी राय गायकवाड,, जी.के. गोखले, महात्मा गांधी जी की वर्धा स्कीम, तमिलनाडु में कामराज जी का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयासों सहित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के काल खंड में शिक्षा को मौलिक अधिकार में शामिल करने कि कार्रवाई से लेकर अबतक देश में निशुल्क स्कूली शिक्षा व्यवस्था ही चल रही है। निशुल्क शिक्षा व्यवस्था कोई केजरीवाल मॉडल नहीं है।          

 

आम आदमी पार्टी का रेवड़ी मॉडल यह है कि दिल्ली में 500 नये स्कूल खोलना था, किन्तु नए स्कूल तो नहीं खुले बल्कि स्कूलों एवं मंदिरों के पास 850 शराब ठेके की व्यवस्था जरूर करा दी गयी। केजरीवाल सरकार में 31 स्कूल बंद हो गए। दिल्ली में 1027 स्कूल हैं, इनमें से 700 स्कूलों में ग्यारहवीं और बारहवीं में विज्ञान एवं कामर्स की पढ़ाई नहीं होती है। 745 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं। चाइल्ड प्रोटेक्शन कमिटी ने इस पर दिल्ली सरकार को नोटिस भी दिया है और अदालत ने इस मामले पर केजरीवाल सरकार से जवाब भी मांगा है।       

 

सवाल यह भी है कि निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस अर्थात कमजोर वर्ग के छात्रो को सीटें नहीं मिल रही है, तो उन सीटों को कैसे भरा गया? यानी शिक्षा में घोटाला। सीबीएसई का दिल्ली प्रदेश में  2011 में उतीर्ण छा़त्रों का प्रतिशत 98.5 था, आज वह घटकर 68.9 प्रतिशत हो गया है।  केजरीवाल सरकार आने के बाद दिल्ली में शिक्षा एवं स्कूलों की पढ़ाई का बंटाधार हुआ है। दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज के फंडिंग रोक दी गयी है। दिल्ली शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार से गुहार लगायी कि विज्ञापन पर हो रहे खर्च को रोककर शिक्षक एवं कर्मचारियों को वेतन दी जाए। कुछ दिन पहले केजरीवाल सरकार डिप्लोमा पढ़ाई की फीस में 7 प्रतिशत बढ़ोत्तरी करना चाहते थे, किन्तु दिल्ली के उप राज्यपाल ने रोक लगा दी। केजरीवाल सरकार शराब पर डिस्काउंट दे रही थी, किन्तु शिक्षा में फीस बढ़ाने की पूरी कोशिश की। केजरीवाल जी अपने दोस्तों (शिक्षा माफिया) को लाभ पहुंचाने में लगे हुए हैं। केजरीवाल सरकार ने 22 हजार गेस्ट टीचर की नौकरियां छीन ली। दिल्ली प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 45 हजार से ज्यादा शिक्षक के पद रिक्त पड़े हैं।      

 

 तीसरा सवाल - दिल्ली प्रदेश के सरकारी स्कूल वर्ल्ड क्लासकैसे बन गए, जब स्कूल में शिक्षक, प्रिंसपल ही नहीं हैं? बच्चों के रिजल्ट खराब हो रहे हैं। स्कूल के भवन निर्माण में घोटाले हो रहे हैं। क्या स्कूलों के बगल में बियर बार खोलने का कारण दिल्ली के सरकारी स्कूल वर्ल्ड क्लास हो गए? स्कूल के भवन निर्माण में भी घोटाला हो रहा है. कुछ दिन पहले ही केजरीवाल  सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन को पत्र लिखकर घोटाला होने का जिक्र किया है।

 

सांसद मनोज तिवारी और सांसद परवेश वर्मा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली जोन 23, 24 और 28 के स्कूलों में एडिशनल क्लास रूम 5 लाख रुपए में बन सकता था जिसे 28 लाख रुपए में बनाया गया, वह भी निम्मस्तर  मैटेरियल से। केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल में भ्रष्टाचार का अम्बार है। पहले 200 क्लासरूम बनाने के लिए 27 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। बाद में उसे बढ़ाकर 54 करोड़ रुपए कर दिए गए। 1600 क्लास रूम के लिए 221 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे और उसे बढ़कर 326 करोड़ रुपए कर दिए गए। जब दिल्ली भाजपा ने लोकायुक्त से इसकी शिकायत की तो लोकायुक्त ने दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा। यह है अरविन्द केजरीवाल का फ्री शिक्षा मॉडल”, जो वास्तव में रेवड़ी कल्चरहै।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में देश के 90 प्रतिशत स्कूलों में हैंडवाश की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। देश के 90 प्रतिशत स्कूलों में बच्चियों के लिए शौचालय की व्यवस्था करायी गयी। 2019-20 में 84 प्रतिशत स्कूलों में पुस्तकालय की व्यवस्था करायी गयी। 2014 से लेकर अबतक हर रोज दो नए कॉलेज खुले। 2013-14 में 36,614 कॉलेज थे, जो 2019-20 में बढ़कर 42,334 कॉलेज हो गए। यानि हर सप्ताह एक नए विश्वविद्यालय खुले। 2013-14 में 723 विश्वविद्यालय थे जो 2019-20 में बढ़कर 1,034 विश्वविद्यालय हो गए। यही है जनकल्याण का मॉडल।इसके विपरीत केजरीवाल जी ने 20 नए कॉलेज बनाने की घोषणा की थी किन्तु एक भी कॉलेज नहीं खोला गया।

 

केजरीवाल जी की स्वास्थ्य सुविधा में एक भी नया अस्पताल नहीं बनाए गए, ट्रांसपोर्ट बसों में तथाकथित फ्री सेवा, दस लाख रोजगार देने के नाम पर महज 3,246 नौकरियां देना, यह सब केजरीवाल का रेवड़ी मॉडलहै।

 

चौथा सवाल - मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपने पार्था” (पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्री पार्था चटर्जी) अर्थात भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्री विधायक को कब निष्कासित करेंगे?

 

आम आदमी पार्टी में हर रोज नए पार्था जुड़ रहे हैं। एक पार्था हैं भ्रष्टाचार के आरोपी सत्येन्द्र जैन, जिन्हें दो महीने से जमानत नहीं मिली है। दूसरा पार्था, मनीष सिसोदिया ने खुद शराब घोटाले को स्वीकार किया और पुरानी शराब नीति को लागू करने की घोषणा की है। तीसरा पार्था हैं अमानतुल्लाह खां जिसने परिवारवाद को प्रश्रय देकर वक्फ बोर्ड में भारी भरकम घोटाला किया है। इनके तीसरे पार्थ पर 23 केस रजिस्टर्ड हैं। 7 मामले में जांच पेंडिंग है और दो मामले आदलत में ट्रायल चल रहे हैं। चौथा पार्थ अरविन्द केजरीवाल सरकार की कार्यशैली और व्यवस्था है।

*********

To Write Comment Please Login