भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
भारत की विवेकपूर्ण एवं विद्वान जनता ने पहले ही “मोदी की गारंटी” पर मुहर लगा दी है और अब आईएमएफ सहित अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां भी मोदी की गारंटी पर बार-बार अपनी मुहर लगा रही है, जिस गारंटी में एक स्पष्ट रूप से देश के लिए “मिशन एवं विजन” है।
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एक तरफ मोदी की गारंटी में “मिशन एवं विजन” है, तो दूसरी ओर गारंटी ऑफ कमीशन, गारंटी ऑफ करप्शन, गारंटी ऑफ डिविजन, गारंटी ऑफ फैमिली रन डायनेस्टिक प्रोफेशन, गारंटी ऑफ अपना-अपना एम्बिशन और गारंटी ऑफ डिसरप्शन इन पार्लियामेंट है, जिसे जनता ने नकार दिया है।
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दुनिया के दैनिक अखबारों में भारत की अर्थव्यवस्था को “फास्टेस्ट ग्रोइंग- 5” के रूप में बताया जाता है, जबकि 2014 से पहले कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था “फ्रैजाइल-5” मे था। उस समय अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां कहती थी कि क्या भारतीय अर्थव्यवस्था संभल पाएगी, या लड़खड़ा कर गिर जाएगी।
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आईएमएफ के अनुसार सशक्त आर्थिक रणनीतियों की वजह से वर्ष 2023 में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरकर सामने आया है, जो वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत योगदान देगा।
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भारत के अंदर जी-20 की अध्यक्षता के दौरान स्पष्ट संदेश दिया कि भारत पूरी दुनिया की नीतियां बनाने एवं निर्धारित करने तथा देश-दुनिया को आगे बढ़ाने में अहम किरदार निभा रहा है।
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आईएमएफ की इस रिपोर्ट में यह भी निष्कर्ष उभरकर सामने आया है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है और महंगाई दर पर निरंतर नियंत्रित होता जा रहा है, इससे आम जनता को बहुत बड़ी राहत मिल रही है। जबकि, दुनिया के देशों में इन्फ्लेशन लगातार बढ़ रहा है।
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कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार को चलाने वाले अर्थशास्त्री थे, जबकि उन्हें अनर्थशास्त्री कहना चाहिए, क्योंकि उनके शासनकाल में औसत मुद्रास्फीति 8.5 प्रतिशत से उपर था और 2012 के बाद इन्फ्लेशन रेट 10 प्रतिशत से उपर चला गया था।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बैंकों का नॉन परफारमिंग एसेट सबसे कम हो गए हैं और पब्लिक सेक्टर बैंक की प्रॉफिट मार्जिन रिकार्ड बना रहा है, जो एक लाख करोड़ रुपए ज्यादा है।
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कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार में “लोन ऑन फोन” था, उस समय ऐसे ऐसे लोगों को बैंकों से ऋण दिलाए गए, जिन्होंने कभी ऋण नहीं चुकाए। उन लोगों को किस व्यक्ति के कहने पर पब्लिक सेक्टर बैंक से करोड़ो रुपए का लोन दिए गए।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बताने वाली इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड (आईएमएफ) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की विवेकपूर्ण एवं विद्वान जनता ने पहले ही “मोदी की गारंटी” पर मुहर लगा दी है और अब आईएमएफ सहित अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां भी मोदी की गारंटी पर बार-बार अपनी मुहर लगा रही है, जिस गारंटी में एक स्पष्ट रूप से देश के लिए एक मिशन एवं विजन है।
श्री शहजाद ने कहा कि मोदी की गारंटी के “मिशन एवं विजन” की वजह से देश की अर्थव्यवस्था दसवें से पांचवें स्थान पर पहुँच गया, 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गए, गरीबों के लिए 4 करोड़ आवास बनाया गए, लगभग 10 करोड़ लोगों तक नल से जल पहुंचाए गए, उज्जवला योजना के तहत मताओं एवं बहनों तक गैस सिलिंडर पहुंचाए गए। एक तरफ मोदी की गारंटी में मिशन एवं विजन है, तो दूसरी ओर गारंटी ऑफ कमीशन, गारंटी ऑफ करप्शन, गारंटी ऑफ डिविजन, गारंटी ऑफ फैमिली रन डायनेस्टिक प्रोफेशन, गारंटी ऑफ अपना-अपना एम्बिशन और गारंटी ऑफ डिसरप्शन इन पार्लियामेंट है, जिसे जनता ने नकार दिया है। इंडी एलायंस यानी घमंडिया गठबंधन आपस में लड़ते नजर आ रहे हैं और आजकल वे लोग (विपक्षी) हाथों में हाथ डाले इक्ठ्ठा हो रहे हैं, परन्तु उनके दिल से दिल मिलते नजर नहीं आ रहे हैं।
भाजपा के राष्टीय प्रवक्ता श्री पूनावाला ने कहा कि हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में देश की जनता ने मोदी की गारंटी पर मुहर लगायी है। मध्यप्रदेश में 18 सालों के बाद भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार एकबार फिर से बनी। वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को हटाकर जनता ने भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत की सरकार बनायी है। इसका अर्थ है कि जनता ने मोदी की गारंटी पर विश्वास करता है।
· मोदी की गारंटी का मतलब विकसित भारत बनने की गारंटी।
· मोदी की गारंटी का मतलब सुशासन नीति की गारंटी।
· मोदी की गारंटी का मतलब सरकार की टाईम बाउंड डिलवरी की गारंटी।
· मोदी की गारंटी का मतलब सामाजिक न्याय और गरीब कल्याण की गारंटी।
· मोदी की गारंटी का मतलब इज ऑफ लिविंग और इज आफ डुइंग की गारंटी।
· मोदी की गारंटी का मतलब आधारभूत संरचना की व्यापक बढ़ोत्तरी।
श्री पूनावाला ने कहा कि इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड का एक विस्तृत रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत और तेजी बढ़ाने वाला बताया है।
1- मजबूत व्यापक आर्थिक रणनीतियों की वजह से वर्ष 2023 में भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में उभरकर सामने आया है।
2014 से पहले कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था फ्रैजाइल-5 मे था। उस समय अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां कहती थी कि क्या भारतीय अर्थव्यवस्था संभल पाएगी, या लड़खड़ा कर गिर जाएगी। दैनिक अखबारों में हर रोज भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर नाकारात्मक बातें आती थी। आज दुनिया के दैनिक अखबारों में भारत की अर्थव्यवस्था फास्टेस्ट ग्रोइंग- 5 के रूप में बतया जाता है। यह पिछले नौ वर्षों में यह मोदी की गारंटी का सकारात्मक प्रभाव है कि देश की जनता सहित आईएफएफ ने भी मुहर लगायी है।
2- आईएमएफ ने भारत की अर्थव्यवस्थ को असाधारण रूप से तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया है, जो वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत योगदान देगा।
जिसका अर्थ यह है कि भारत की ग्रोथ सिर्फ देश को ही नहीं, बल्कि विश्व को संपन्न बनाए। जबकि 2014 से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया ऐसी नजरों से देखती थी कि क्या भारत की अर्थव्वस्था विश्व को नीचे की ओर ले जाएगा। आज मोदी की गारंटी के दौर में विश्व को भरोसा है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की अर्थव्यवस्था को उपर उठाएगी।
3- वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद भारत ने आर्थिक रूप से मजबूत रहा है, रोजगार दर अब महामारी से पहले के स्तर से अधिक हो गयी है।
कोविड-19 के रूप में ऐसी महामारी आयी, जो पिछले सौ सालों में इस प्रकार की समस्या नहीं आयी थी। इस कठिन कालखंड में भी भारत की अर्थव्यवस्था ने तेजी से रिकवरी की है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। यह दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था उड़ान भरने के लिए तैयार हो गयी है।
4- आईएमएफ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के अंदर जी-20 की अध्यक्षता के दौरान स्पष्ट संदेश दिया कि भारत पूरी दुनिया की नीतियों को बनाने और निर्धारित करने तथा देश-दुनिया को आगे बढ़ाने में अहम किरदार निभा रहा है।
5- आईएमएफ की इस रिपोर्ट में यह भी निष्कर्ष उभरकर सामने आया है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ बढ़ रही है और महंगाई दर निरंतर नियंत्रित होता जा रहा है, इससे आम जनता को बहुत बड़ी राहत मिल रही है। जबकि, दुनिया के देशों में इन्फ्लेशन लगातार बढ़ रहा है।
कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार को चलाने वाले अर्थशास्त्री थे, जबकि उन्हें अनर्थशास्त्री कहना चाहिए, क्योंकि उनके शासनकाल में औसत मुद्रास्फीति 8.5 प्रतिशत से उपर था और 2012 के बाद इन्फ्लेशन रेट 10 प्रतिशत से उपर चला गया था।
आज वैश्विक महामारी कोविड-19, यूक्रेन-रूस युद्ध और हमास-इजराय संघर्ष जैसे तीन चुनौतियां होने के बावजूद भी भारत की इन्फ्लेशन रेट 5.5 प्रतिशत के आसपास है या उससे कम है। यह स्पष्ट करता है कि कौन अर्थषास्त्री है और कौन अनर्थषास्त्री है।
6- आईएमएफ रिपोर्ट के निष्कर्ष के अनुसार भारत की मौद्रिक स्थिति बहुत अच्छी है।
कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार में “लोन ऑन फोन” था, उस समय ऐसे ऐसे लोगों को ऋण दिए गए, जिन्होंने कभी ऋण चुकाए नहीं। उन लोगों को किस व्यक्ति के कहने पर पब्लिक सेक्टर बैंक से करोड़ो रुपए का लोन दिए गए। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बैंकों का नॉन परफारमिंग एसेट सबसे कम हो गए हैं और बैंकिंग सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। पब्लिक सेक्टर बैंक की प्रॉफिट मार्जिन रिकार्ड बना रहा है, जो एक लाख करोड़ रूप्ए से अधिक हो गया है।
श्री पूनावाला ने कहा कि आईएमएफ की कोई पहली बार भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रशंसा नहीं की है। “मोदीनॉमिक्स” पर एक के बाद एक मुहर लगती जा रही है। मार्गेन स्टैनली की रिपोर्ट ने भी मोदीनॉमिक्स पर मुहर लगायी थी। एसएनपी ग्लोबल रिपोर्ट में यह बात कही गयी थी कि जब दुनिया की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गयी है तब दुनिया भारत की ओर देख रहा है। वाल स्ट्रीट जनरल में कहा गया कि भारत की अर्थव्यवस्था बूम कर रहा है और मुम्बई स्टॉक मार्केट आजतक के सबसे उंचाई को छू रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ भारत चिप कंडक्टर बनाने का समझौता कर रहा है। आज भारत की अर्थव्यवस्था और वैश्विक ताकत का इस प्रकार से विश्लेषण किया जा रहा है।
देश के विकास के इंडिकेटर की चर्चा करते हुए श्री पूनावाला ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के दूसरे तिमाही में 7.6 प्रतिशत ग्रोथ रेट दर्ज की गयी। मैनुफैक्चरिंग सेक्टर लगभग 13.9 प्रतिशत से बढ़ रहा है। यह सब दर्शाता है कि मेक इन इंडिया और पीएलआई स्कीम आदि अन्य नीतियों एवं योजनाओं से देश के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन पिछले महीने का रिकार्ड तोडकर आगे बढ़ा है। अक्टूबर 2023 में जीएसटी कलेक्शन 1.72 लाख करोड़ रुपए था, जो अक्टूबर 2022 की तुलना मे 13 प्रतिशत जयादा है। विपक्ष के नेताओं द्वारा जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहा गया था, उन लोगों को अवलोकन करना चाहिए कि किस प्रकार से जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है। वहीं, प्रत्यक्ष कर में भी 9 नवंबर 2023 को 10.60 लाख करोड़ रुपए का संग्रहण हुआ है, जो पिछले साल के इस अवधि की तुलना में 2 प्रतिशत ज्यादा कलेक्शन हुआ है।
श्री पूनावाला ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दसवें से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है, जो सिर्फ आंकड़े नहीं है, बल्कि आम नागरिकों की आय में बढ़ोत्तरी को दर्शाता है। मध्यम वर्ग की आय में चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2014 में केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक जनकल्याण पर होने वाले खर्च 6.06 लाख करोड़ रुपए था, जो आज बढ़कर 22.04 लाख करोड़ रुपए हो गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार में जनकल्याण पर होने वाले खर्च में 3.3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले नौ सालों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की राशि लाभार्थियों के खाते में 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक पहुंचायी गयी है। जबकि कांग्रेस के प्रधानमंत्री कहते थे कि एक रुपए लोगों को भेजता हूं तो 85 पैसा बिचौलिया खा जाते हैं। कोई पंजा बीच में ही लूट लेता था।
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