Salient points of press conference of BJP Senior Leader and Union Minister, Smt. Smriti Irani on 01 Jan 2018


01-01-2019
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी जी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

स्पेशल कोर्ट, सीबीआई के फैसले के बाद कांग्रेस का प्रपंच और वास्तविक सच्चाई एक बार फिर राष्ट्र के सामने है। आज यह एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि 2010 में कांग्रेस नेतृत्व के इशारे पर सीबीआई ने श्री अमित शाह को गिरफ्तार किया था

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यह कितनी बड़ी विडंबना है कि एक आतंकवादी के मारे जाने पर एक राज्य के गृहमंत्री को सोनिया-मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार द्वारा साजिश के तहत जेल में डाला गया लेकिन आज सच्चाई सबके सामने है

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कांग्रेस पार्टी और उसके शीर्ष नेतृत्व के द्वारा तब के गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान में भारतवर्ष के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं गुजरात की भाजपा सरकार को बदनाम करने का जो प्रपंच रचा गया था, वह एक बार फिर बेनकाब हो गया

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आज भारतीय जनता पार्टी न्यायपालिका को पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से आभार व्यक्त करती है कि कांग्रेस के षड्यंत्र को मुंह की खानी पड़ी। न सिर्फ मुंबई हाई कोर्ट में, बल्कि माननीय सुप्रीम कोर्ट में भी और अब स्पेशल कोर्ट के निर्णय से भी यह स्पष्ट हो गया

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स्पेशल कोर्ट का यह जजमेंट अपने आप में इस बात का प्रतीक है कि कांग्रेस पार्टी और ख़ास कर कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्षा सोनिया गाँधी ने सीबीआई के माध्यम से एविडेंस को क्रियेट किया ताकि श्री अमित शाह को वह राजनीतिक दृष्टि से बर्बाद कर सके

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भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता के नाते मैं देशवासियों से कहना चाहती हूँ कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को उस अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा लेकिन आज न्यायपालिका के आशीर्वाद से राष्ट्र के सामने हम सच को प्रस्तुत कर पाए

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संविधान के संरक्षण में न्याय हुआ, इसके लिए हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता न्यायपालिका को बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं

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हम राष्ट्र को यह बताना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में रह कर प्रशासनिक ढाँचे का दुरुपयोग करके अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों को ख़त्म करने के लिए अपने पैरों तले न्याय को और संविधान को भी रौंदने के लिए तत्पर रहती है

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कांग्रेस ने अपने प्रपंच में मीडिया में यह भी कहा कि श्री अमित शाह को तो तड़ीपार घोषित किया गया था जबकि उन्होंने स्वयं कोर्ट में कहा कि अगर कांग्रेस की (तब की) केंद्र सरकार को लगता है कि वे न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करेंगे तो वे अपने राज्य से, अपने परिवार से दूर रहना पसंद करेंगे ताकि पूरी इंवेस्टिगेशन की प्रक्रिया बिना किसी हस्तक्षेप के कांग्रेस कर पाए

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अक्टूबर, 2010 में श्री अमित शाह की रिहाई के वक्त न्यायालय ने कहा था - “Suggesting involvement of the accused is not made out for the purpose deciding the complexity of accused in light of character & evidence.”

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स्पेशल जज, सीबीआई ने श्री अमित शाह को 30 दिसंबर 2014 में डिस्चार्ज एप्लीकेशन सुनते वक्त अपनी फाइंडिंग में 2010 के केस के संदर्भ में हाईकोर्ट के फैसले को दोहराते हुए यह ऐड किया कि यह केस सरासर राजनैतिक कारणों के चलते श्री अमित शाह पर थोपा गया है

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इस जजमेंट को सोनिया गांधी की किचन केबिनेट के एक मेंबर हर्ष मंदर ने चैलेंज किया जो 2010 में एनएससी के सदस्य नियुक्त किये गए थे। यह सर्वविदित था कि एनएससी यूपीए के कार्यकाल में एक शैडो कैबिनेट के रूप में काम कर रही थी

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हाल में आये कोर्ट के फैसले में जज ने अपना जजमेंट रिकॉर्ड करते वक्त कहा कि 210 विटनेसेस को एग्जामिन करने और सभी डॉक्यूमेंट को पढ़ने के बाद यह स्पष्ट है कि “The entire investigation was thus targeted to act upon a script to achieve the said goal and in the process of its zeal to anyhow implicate political leaders, the CBI created the evidence.”

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भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने आज मंगलवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और एक आतंकी के एनकाउंटर मामले में कोर्ट के फैसले से कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार की साजिश का खुलासा होने के बाद कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस नेतृत्व पर जम कर हमले किये।

 

श्रीमती ईरानी ने कहा कि वर्ष 2010 में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के आदेश पर तब के गुजरात के गृह मंत्री और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शह जी को एक राजैतिक षड्यंत्र के तहत प्रताड़ित करने का दुस्साहस किया गया। आज सच्चाई राष्ट्र के सामने है। आज यह एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि 2010 में कांग्रेस नेतृत्व के इशारे पर सीबीआई ने श्री अमित शाह को गिरफ्तार किया था। इतना ही नहीं, तब सीबीआई ने कोर्ट में न्यायाधीश के सामने यह कहा कि हम अमित शाह को इंटेरोगेट नहीं करना चाहते, केवल गिरफ्तार करना चाहते हैं। उसी दिन सीबीआई ने श्री अमित शाह जी के खिलाफ चार्जशीट भी फ़ाइल कर दी और उन्हें जेल में जीवन जीने को छोड़ दिया गया और बाहर कांग्रेस पार्टी और उसके शीर्ष नेतृत्व के द्वारा तब के गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान में भारतवर्ष के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं गुजरात की भाजपा सरकार को बदनाम करने का प्रपंच रचा गया। उन्होंने कहा कि जब श्री अमित शाह ने कोर्ट के सम्मुख अपनी बेल की गुजारिश की, तब  अक्टूबर, 2010 में श्री अमित शाह की रिहाई के वक्त न्यायालय ने कहा - “Suggesting involvement of the accused is not made out for the purpose deciding the complexity of accused in light of character & evidence.” कोर्ट ने यह स्थापित किया कि श्री अमित शाह के खिलाफ कोई सबूत नहीं था।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि श्री अमित शाह के खिलाफ कोर्ट ने तो कोई सबूत नहीं पाया लेकिन कांग्रेस की मंशा थी राजनैतिक प्रपंच करना और प्रशासनिक संसाधनों का दुरुपयोग करना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस संयंत्र में किस कदर लिप्त थी, उसका एक उदाहरण और प्रस्तुत हुआ जब श्री अमित शाह जी की रेग्युलर बेल की अपील पर न्यायाधीश के जजमेंट के बाद कांग्रेस ने न्यायालय और न्यायालय के बाहर श्री अमित शाह के खिलाफ बार-बार प्रहार किया। लेकिन स्पेशल जज, सीबीआई ने श्री अमित शाह को 30 दिसंबर 2014 में डिस्चार्ज एप्लीकेशन सुनते वक्त अपनी फाइंडिंग दी, तब 2010 के केस के संदर्भ में श्री अमित शाह के संबंध में जो हाईकोर्ट ने कहा उसी को दोहराते हुए अपने फाइंडिंग में यह ऐड किया कि यह केस सरासर राजनैतिक कारणों के चलते श्री अमित शाह पर थोपा गया है। इस जजमेंट को सोनिया गांधी की किचन केबिनेट के एक मेंबर हर्ष मंदर ने चैलेंज किया जो 2010 में एनएससी के सदस्य नियुक्त किये गए थे। यह सर्वविदित था कि एनएससी यूपीए के कार्यकाल में एक शैडो कैबिनेट के रूप में काम कर रही थी। लेकिन, आज भारतीय जनता पार्टी न्यायपालिका को पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से आभार व्यक्त करती है कि कांग्रेस के षड्यंत्र को मुंह की खानी पड़ी। न सिर्फ मुंबई हाई कोर्ट में, बल्कि माननीय सुप्रीम कोर्ट में भी। हाल ही में जो स्पेशल कोर्ट का जजमेंट आया है, उसमें जज ने अपना जजमेंट रिकॉर्ड करते वक्त कहा कि 210 विटनेसेस को एग्जामिन किया गया। सभी प्रूफ, सभी डॉक्यूमेंट को पढ़ने के बाद जज का यह बयान है कि “The entire investigation was thus targeted to act upon a script to achieve the said goal and in the process of its zeal to anyhow implicate political leaders, the CBI created the evidence.” ये शब्द जजमेंट को पढ़ने के बाद हमने पाए। उन्होंने कहा कि यह कितनी बड़ी विडंबना है कि एक आतंकवादी के मारे जाने पर एक राज्य के गृहमंत्री को सोनिया-मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार द्वारा साजिश के तहत जेल में डाला गया लेकिन आज सच्चाई सबके सामने है।

 

श्रीमती ईरानी ने कहा कि हम राष्ट्र को यह बताना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में रह कर प्रशासनिक ढाँचे का दुरूपयोग करके अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों को ख़त्म करने के लिए अपने पैरों तले न्याय को और संविधान को भी रौंदने के लिए तत्पर रहती है। हम सम्माननीय न्यायपालिका को न्याय के संरक्षण के लिए आभार व्यक्त करते हैं। वर्षों से चला आ रहे कांग्रेस के प्रपंच को मुंह की खानी पड़ी। कांग्रेस ने अपने प्रपंच में यह भी कहा मीडिया में कि श्री अमित शाह को तो तड़ीपार घोषित किया गया था। उन्होंने कहा कि मीडिया के बंधुओं से मेरा निवेदन है कि वह तथ्यों का आकलन करे जो पब्लिक डोमेन में एवलेवल है। श्री अमित शाह जी ने स्वयं कोर्ट में कहा कि अगर कांग्रेस की (तब की) केंद्र सरकार को लगता है कि वे न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करेंगे तो वे अपने राज्य से, अपने परिवार से दूर रहना पसंद करेंगे ताकि पूरी इंवेस्टिगेशन की प्रक्रिया बिना किसी हस्तक्षेप के कांग्रेस कर पाए।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से यही कहना चाहती हूँ कि स्पेशल कोर्ट का यह जजमेंट अपने आप में इस बात का प्रतीक है कि कांग्रेस पार्टी और ख़ास कर कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्षा सोनिया गाँधी ने सीबीआई के माध्यम से एविडेंस को क्रियेट किया ताकि श्री अमित शाह को वह राजनीतिक दृष्टि से बर्बाद कर सके। उन्होंने कहा कि संविधान के संरक्षण में न्याय हुआ, इसके लिए हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता न्यायपालिका को बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं। ये 8 वर्ष जो राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संघर्ष के गुजारे हैं, यह संघर्ष उनके अकेले का नहीं था बल्कि इस दौरान उनके परिवार को भी प्रताड़ित किया गया, लांछन लगाए गए। भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता के नाते मैं देशवासियों से कहना चाहती हूँ कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को उस अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा लेकिन आज न्यायपालिका के आशीर्वाद से राष्ट्र के सामने हम सच को प्रस्तुत कर पाए।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

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