Salient points of the press conference of Hon'ble Union Minister Shri Arjun Ram Meghwal & BJP National Secretary Smt. Alka Gurjar


by Shri Arjun Ram Meghwal -
19-07-2023
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल एवं भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ अलका गुर्जर की संयुक्त प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में बढ़ते अपराध, विशेषकर महिलाओं के साथ जिस प्रकार अत्याचार और दुष्कर्म हो रहे हैं, वहां की जनता अब माफ़ करने वाली नहीं हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें आईना दिखाने वाली है.

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आज जोधपुर जिले के ओसियां विधानसभा क्षेत्र में एक ही परिवार के चार सदस्यों को, जिसमें एक छह माह की बच्ची और दो महिलाएं भी हैं, जिंदा जलाकर उनके शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए गए.

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अलवर में एक मूकवधिर बालिका के साथ दुष्कर्म हुआ, लेकिन संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका वाड्रा, जो यूपी जाकर कहती हैं कि लड़की हूँ लड़ सकती हूं, इस घटना पर एक शब्द तक बोलने की फुर्सत नहीं मिली.

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प्रियंका जी को विशेष शौक है राजस्थान के रणथम्भौर में पिकनिक मनाने का. अलवर घटना के दौरान ही जब वे पिकनिक मनाने आईं, तो भाजपा का एक शिष्टमंडल उस पीड़िता परिवार की पीड़ा लेकर जब प्रियंका जी से मिलने का प्रयास किया, प्रशासन द्वारा कार्रवाई तो दूर, शिष्टमंडल के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. प्रशासन को इस प्रकार मैनेज किया गया कि चूँकि प्रियंका जी यहाँ है, अतः इस मुद्दे को ज्यादा नहीं उठाना है.

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ऐसी शर्मनाक घटना होने के बाद भी ओसियां की कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा कह रही हैं कि मेरे आगे पीछे पुलिस की गाड़ियां चलती हैं और मैं सुरक्षा के बीच चलती हूं, फिर भी मुझ पर हमले हो जाते हैं.

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राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार आने के बाद से कानून व्यवस्था जिस प्रकार चरमराई है, उसकी एक लंबी फेहरिस्त है. बतौर कानून मंत्री मैं यदि इसका विश्लेषण करूँ तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं हैं.

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इन निर्मम घटनाओं पर भी वहां सत्ता में बैठे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शांति धारीवाल जी सदन के पटल पर कहते हैं कि बलात्कार इसलिए होते हैं कि यह मर्दों की भूमि है.

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गहलोत जी विभिन्न सभाओं में जाकर कहते रहते हैं कि मेरी सरकार माननीय विधायकों ने बचाई. गहलोत जी के ऐसे बयान से विधायक ही मुख्यमंत्री बन जाते हैं. फलतः वह विधायक अपनी पसंद के थानेदार, पुलिस अधीक्षक और डीएम की नियुक्ति अपने क्षेत्र में करा लेने में सफल हो जाते हैं और जो वहां के विधायक जो चाहते हैं, वही होता है.

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इस प्रकार, वहां के विधायक भ्रष्टाचार को सुगम बनाते हैं. जब कानून व्यवस्था बिगड़ती है, तो किसी भ्रष्ट थानेदार-तहसीलदार के तबादले नहीं हो पाते. यही कारण है कि कोसियाँ जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति राजस्थान में देखने को मिल रही है.

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मुख्यमंत्री गहलोत जी के ही गृहनगर जोधपुर में, तीन दिन पूर्व, एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार होता है, वह दर दर न्याय की गुहार के लिए भटकती है, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी की संवेदनाएं इतनी मर चुकी हैं कि इस घटना को कवर-अप करने के लिए कहते हैं कि यह किसी अन्य विचारधारा के लोग थे.

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क्या किसी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार जैसी जघन्य घटना पर भी विचारधारा देखी जाती है?

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राजस्थान में महिलाओं, खासकर दलित महिलाओं के साथ जो शर्मनाक घटनाएं हो रही हैं, उस पर ठोस कार्रवाई करने की बजाये गहलोत जी विचारधारा और तुष्टिकरण की नीति देखते हैं.

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यदि गहलोत जी को लगता है कि इन घटनाओं पर कार्रवाई करने से उनका वोट बैंक खिसक जाएगा, तो वो यह निश्चित मान लें कि उनका वोट बैंक खिसक चुका है.

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल एवं भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ अलका गुर्जर ने आज एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया और राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में बढ़ते अपराध, विशेषकर महिलाओं के साथ जिस प्रकार अत्याचार और दुष्कर्म हो रहे हैं, वहां की महिलाएं अब माफ़ करने वाली नहीं हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में आईना दिखाने वाली है.           

 

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राजस्थान में नित्य प्रायः जिस प्रकार बच्चियों के साथ दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, एसिड अटैक और दिन दहाड़े हत्याओं जैसी घटनाएँ बढ़ रही हैं और उस पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती, उससे एक शांतप्रिय राज्य राजस्थान के लोग मर्माहत हैं. आज जोधपुर जिले के ओसियां विधानसभा क्षेत्र में एक ही परिवार के चार सदस्यों को, जिसमें एक छह माह की बच्ची और दो महिलाएं भी हैं, जिंदा जलाकर उनके शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए गए.

 

केंद्रीय मंत्री ने दिव्या मदेरणा के उस बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी शर्मनाक घटना होने के बाद भी ओसियां की कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा कह रही हैं कि मेरे आगे पीछे पुलिस की गाड़ियां चलती हैं और मैं सुरक्षा के बीच चलती हूं, फिर भी मुझ पर हमले हो जाते हैं.

 

राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार आने के बाद से कानून व्यवस्था जिस प्रकार चरमराई है, उसकी एक लंबी फेहरिस्त है. बतौर कानून मंत्री मैं यदि इसका विश्लेषण करूँ तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं हैं. गहलोत जी विभिन्न सभाओं में जाकर कहते रहते हैं कि मेरी सरकार माननीय विधायकों ने बचाई. गहलोत जी के ऐसे बयान से विधायक ही मुख्यमंत्री बन जाते हैं. फलतः वह विधायक अपनी पसंद के थानेदार, पुलिस अधीक्षक और डीएम की नियुक्ति अपने क्षेत्र में करा लेने में सफल हो जाते हैं और जो वहां के विधायक जो चाहते हैं, वही होता है. इस प्रकार, वहां के विधायक भ्रष्टाचार को सुगम बनाते हैं. जब कानून व्यवस्था बिगड़ती है, तो किसी भ्रष्ट थानेदार-तहसीलदार के तबादले नहीं हो पाते. यही कारण है कि कोसियाँ जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति राजस्थान में देखने को मिल रही है.

 

मुख्यमंत्री गहलोत जी के ही गृहनगर जोधपुर में, तीन दिन पूर्व, एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार होता है, वह दर दर न्याय की गुहार के लिए भटकती है, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी की संवेदनाएं इतनी मर चुकी हैं कि इस घटना को कवर-अप करने के लिए कहते हैं कि यह किसी अन्य विचारधारा के लोग थे. क्या किसी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार जैसी जघन्य घटना पर भी विचारधारा देखी जाती है?

 

राजस्थान में महिलाओं, खासकर दलित महिलाओं के साथ जो शर्मनाक घटनाएं हो रही हैं, उस पर ठोस कार्रवाई करने की बजाये गहलोत जी विचारधारा और तुष्टिकरण की नीति देखते हैं. यदि गहलोत जी को लगता है कि इन घटनाओं पर कार्रवाई करने से उनका वोट बैंक खिसक जाएगा, तो वो यह निश्चित मान लें कि उनका वोट बैंक खिसक चुका है. जैसलमर में एक कोचिंग जाने वाली छात्रा का, पुलिस की मिलीभगत से, अपहरण कर उसका बलात्कार किया गया और फिर उसे मार डाला गया. स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा इस घटना पर लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद गहलोत सरकार द्वारा कारवाई हुई, अन्यथा अन्य घटनाओं की भांति इसे भी नजरंदाज कर दिया जाता. अशोक गहलोत सरकार  की शासन प्रणाली और महिलाओं, दलितों के साथ हुई जघन्य घटनाओं के प्रति उनकी वोट बैंक की नीति राजस्थान जैसे एक शांतिप्रिय राज्य, जिसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है, को बदनाम और शर्मसार कर रही है. 

 

राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में महिलाओं के साथ जिस प्रकार आपराधिक घटनाएं हो रही है, उससे वीरांगनाओं की धरती राजस्थान शर्मसार है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, वर्तमान में महिला अपराध में राजस्थान नंबर वन बन चुका है. वीरांगनाओं की भूमि राजस्थान में औसतन प्रतिदिन बलात्कार की 17-18 घटनाएँ होती हैं और 7 मर्डर होते हैं. आज राजस्थान में महिलाएं सड़कों पर और घरों में सुरक्षित नहीं है, यहाँ तक कि अस्पताल में उनके साथ बलात्कार हो जाता है. बीमार महिला एम्बुलेंस में हॉस्पिटल जाती हैं, लेकिन एम्बुलेंस में उनके साथ बलात्कार हो जाता है. सबसे शर्मनाक बात यह है कि पीड़ित महिला जब न्याय की गुहार लगाने थाने या आयुक्तालय जाती हैं, तो वहां उनके साथ बलात्कार हो जाता है. इन निर्मम घटनाओं पर भी वहां सत्ता में बैठे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शांति धारीवाल जी सदन के पटल पर कहते हैं कि बलात्कार इसलिए होते हैं कि यह मर्दों की भूमि है.

 

राजस्थान के सभी जिलों में डूंगरपुर में एक बच्ची के टुकड़े टुकड़े कर दिए जाते हैं, भारतपुर में सरेआम एक महिला को गोली मार दी जाती है, करौली में एक दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर उसके चेहरे पर तेजाब फेंककर कुँए में इसलिए फेंक दिया जाता है ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके, पिछले माह खाजूवाला में पुलिस की मिलीभगत से एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी जाती है, लेकिन शासन-प्रशासन मूक दर्शक बनी रहती है क्योंकि उन्हें इसमें भी राजनीति नजर आती है.

 

अलवर में एक मूकवधिर बालिका के साथ दुष्कर्म हुआ, लेकिन संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका वाड्रा, जो यूपी जाकर कहती हैं कि लड़की हूँ लड़ सकती हूं और जिन्हें विशेष शौक है राजस्थान के रणथम्भौर में पिकनिक मनाने का. घटना के दौरान ही जब वे पिकनिक मनाने आईं, तो भाजपा का एक शिष्टमंडल उस पीड़िता के परिवार की पीड़ा लेकर जब प्रियंका जी से मिलने का प्रयास किया, प्रशासन द्वारा कार्रवाई तो दूर, शिष्टमंडल के सदस्यों को गिरफ्तार करा दिया गया. प्रियंका जी को फुर्सत नहीं थी कि एक शब्द भी उस बच्ची के बारे में बोलें. प्रशासन को इस प्रकार मैनेज किया गया कि चूँकि प्रियंका जी यहाँ है, अतः इस मुद्दे को ज्यादा नहीं उठाना है.

 

राजस्थान में महिलाओं की अस्मत कांग्रेसियों के लिए मुद्दे हो गए हैं और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा वहां हो रही है. अशोक गहलोत सरकार को आह्वान करते हुए कहा कि राजस्थान की बच्चियों, महिलाओं, खासकर दलित महिलाओं के साथ जिस प्रकार अत्याचार और दुष्कर्म हो रहे हैं, वहां की महिलाएं अब माफ़ करने वाली नहीं हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में आईना दिखाने वाली है.          

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