भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी का कांग्रेस पर करारा हमला
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज शुक्रवार को कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति और एससी, एसटी एवं ओबीसी की हक़ मारने की मंशा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन के छिपे हुए एजेंडे में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति का हक छीनकर एक वर्ग विशेष को देना है जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार गरीबों का है।
श्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिसंबर 2006 में नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नवीन योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास के लाभों में समान रूप से साझा करने के लिए सशक्त बनाया जाए और संसाधनों पर उनका पहला दावा होना चाहिए। इसके पश्चात 2009 में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में एक प्रेस वार्ता के दौरान इसी बयान को फिर से दिया था।
कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सच्चर कमिटी की रिपोर्ट के माध्यम से यह दावा करने का प्रयास किया गया था कि देश में मुस्लिमों की स्थिति दलितों से भी दयनीय है, इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम आरक्षण के लिए एक लंबे समय से पृष्ठभूमि तैयार कर रही थी। कांग्रेस की अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के अधिकारों पर डाका डालने की यह आदत बहुत पुरानी है।
श्री नड्डा ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के एक भाषण का उदाहरण देते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 1951 में कहा था कि पिछले 20 वर्षों में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2000 भाषण दिए हैं, लेकिन एक बार भी अनुसूचित जाति के कल्याण के बारे में बात नहीं की है। पंडित नेहरू हमेशा मुस्लिमों के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यह कदापि नहीं चाहती कि देश में मुस्लिमों की उपेक्षा हो, लेकिन एससी, एसटी और ओबीसी जिन्हें ज्यादा सामजिक सुरक्षा की आवश्यकता है, उनके अधिकारों को छीन कर एक वर्ग विशेष का तुष्टिकरण नहीं करना चाहिए।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक आयोग का गठन कर मुस्लिमों को भी जातियों में बांटने की साजिश की। कांग्रेस ने यह भी साजिश रची कि अगर कोई धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनता है, तो उसका अनुसूचित जाति का दर्जा बना रहे, साथ ही पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण में से 6 प्रतिशत काटकर मुस्लिमों को आरक्षण दिया गया। कांग्रेस की सरकार ने कोर्ट के कानून को बदलकर एएमयू, जामिया-मिलिया जैसे संस्थानों में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को भी समाप्त किया। 1981 में कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को छीनने के लिए एएमयू (संशोधन) अधिनियम लाकर न्यायालय के फैसले को बदल दिया।
श्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम समाज की सभी जातियों को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा बता रही है। कांग्रेस सरकार ने आंध्र प्रदेश में 4 बार मुस्लिम आरक्षण लाने करने का प्रयास किया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण वह नियम लागू नहीं कर पाई। 2009 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणपत्र में मुस्लिमों को रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण देने का वादा किया था। कांग्रेस चाहती थी कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण में मुस्लिमों के लिए अलग से कोटा हो। 2011 में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण के भीतर 8.4 प्रतिशत सब-कोटा का प्रस्ताव रखा जिसमें मुस्लिम समुदाय के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण शामिल था।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 2014 के चुनावी घोषणापत्र में भी कांग्रेस ने यही सब बातें कही थी और 2024 में भी फिर से वही वादे कर रही है। कर्नाटक में भाजपा सरकार ने धार्मिक आधार को समाप्त कर दिया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही मुस्लिमों को पिछड़ा वर्ग समुदाय में शामिल कर आरक्षण दे दिया गया। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लिखा है कि देश में बहुसंख्यकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है, मतलब कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र से स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति से कितनी नफरत है।
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