Salient points of press conference of Hon'ble Union Minister Shri Ravi Shankar Prasad on 22 Jan 2019


22-01-2019
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद जी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

लंदन का हैकथॉन प्रेस कांफ्रेंस कांग्रेस प्रायोजित राजनीतिक स्टंट था। लोक सभा के चुनाव में हारने का बहाना ढूंढ रही है कांग्रेस

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भारतीय जनता पार्टी देश के लोकतंत्र और चुनाव आयोग जैसी विश्व की प्रतिष्ठित संस्था को बदनाम करने की कांग्रेस की साजिश की कड़ी निंदा करती है और भाजपा कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी के  हर झूठ का पर्दाफ़ाश करेगी

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कांग्रेस और उसके समर्थकों द्वारा लंदन में प्रायोजित ईवीएम हैंकिग में कपिल सिब्बल वहां क्या कर रहे थे? वे वहां किस हैसियत से मौजूद थे?

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हैकिंग की पटकथा के लिए स्वर्गीय श्री गोपीनाथ मुंडे की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का सहारा लिया गया। आखिर इस झूठे के पीछे कौन है?

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यह कांग्रेस पार्टी की सोची समझी साजिश का हिस्सा है, यह कांग्रेस की कैम्ब्रिज एनालिटिका पार्ट-2 है। क्या कांग्रेस पार्टी के समर्थन से किये जा रहे ऐसे साजिशों से देश के जनमत का अपमान नहीं हो रहा है? क्या यह 90 करोड़ मतदाताओं का अपमान नहीं है?

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प्रेस कांफ्रेंस के इनविटेशन में कहा गया था कि ईवीएम को हैक कर के दिखाया जाएगा लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में कोई डेमो तक नहीं दिया गया। पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईवीएम हैकिंग का न तो कोई सबूत दिया गया और न ही पत्रकारों को कोई सवाल पूछने दिया गया

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2017 में चुनाव आयोग ने पार्टियों को ईवीएम हैक करने की चुनौती दी थी। तब क्यों ईवीएम का विरोध करने वाली कांग्रेस या अन्य पार्टियों ने क्यों चुनौती स्वीकार नहीं की। कथित हैकर सैयद शुजा भी ईवीएम हैक करने क्यों नहीं पहुंचे?

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प्रेस कांफ्रेंस में यह भी आरोप लगाया गया कि 2014 में ईवीएम हैकिंग से भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी लेकिन 004 से 2014 के आम सभा चुनाव तक कांग्रेस की ही यूपीए सरकार थी तो फिर ईवीएम हैक कैसे हुआ?

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जहां-जहां कांग्रेस जीती या फिर अन्य विपक्षी दल वहां ईवीएम ठीक थी लेकिन जहां भारतीय जनता पार्टी जीती वहीं ईवीएम हैक हुई। यह किस प्रकार का अजीब तक है?

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कांग्रेस की मंशा केवल देश और देश की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की है

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राम मंदिर रुकवाना हो तो सिब्बल, देशद्रोह के क़ानून को ख़त्म करने की बात हो तो सिब्बल, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव और अब चुनाव आयोग को बदनाम करना हो तो सिब्बल

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और लंदन में भारत को बदनाम करने के लिए कांग्रेस द्वारा प्रायोजित फेक ईवीएम हैकिंग के कथित प्रेस कांफ्रेंस को लेकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी पर बड़ा हमला किया। 

 

श्री प्रसाद ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि लंदन में आयोजित हैकथॉन को कांग्रेस समर्पित लोगों द्वारा आयोजित किया था और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल उसकी मॉनिटरिंग के लिए वहां गए थे। इसका आयोजन कांग्रेस के करीबी और उनके लिए प्रचार करने वाले लोगों ने किया था। उन्होंने कहा कि लंदन में हुए इस प्रेस कांफ्रेंस के आयोजक आशीष रे कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी के काफी करीबी हैं, यह तथ्यों से साफ़ स्पष्ट हो जाता है। आशीष रे ने कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड में राहुल गाँधी के महिमामंडन में आर्टिकल्स भी लिखे हैं, वे ट्विटर पर भी राहुल गाँधी और कांग्रेस का गुणगान करते हुए भारतीय जनता जनता पार्टी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के बारे में अनर्गल बातें करते रहते हैं। 2018 में राहुल गाँधी के लंदन दौरे में भी ये थे और इनके साथ राहुल गाँधी की लंबी बातचीत हुई थी। इसलिए यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि लंदन में फेक ईवीएम हैकिंग की प्रेस वार्ता कांग्रेस के द्वारा ही प्रायोजित थी।

 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि क्या लंदन में कांग्रेस ने 2014 के जनादेश का अपमान करने के लिए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रयोजित किया था? मैं पूछना चाहता हूं कि कपिल सिब्बल वहां क्या कर रहे थे? वे वहां किस हैसियत से मौजूद थे? उन्होंने कहा कि राम मंदिर रुकवाना हो तो सिब्बल, देशद्रोह के क़ानून को ख़त्म करने की बात हो तो सिब्बल, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव और अब चुनाव आयोग को बदनाम करना हो तो सिब्बल। क्या इस तरह के आयोजन से क्या 2014 में देश के जनमत का अपमान नहीं हो रहा है? क्या यह 90 करोड़ मतदाताओं का अपमान नहीं है?

 

श्री प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश के लोकतंत्र और चुनाव आयोग जैसी विश्व की प्रतिष्ठित संस्था को बदनाम करने की कांग्रेस की साजिश की कड़ी निंदा करती है और भाजपा कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी के  हर झूठ का पर्दाफ़ाश करेगी। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की सोची समझी साजिश का हिस्सा है, कुछ दिन पहले ईवीएम के खिलाफ कांग्रेस सहित कुछ अन्य नकारी गई विपक्षी पार्टियों ने अभियान की शुरुआत की और उसके दो दिन बाद ही कपिल सिब्बल के नेतृत्व में प्रेस वार्ता - यह कांग्रेस की कैम्ब्रिज एनालिटिका पार्ट-2 है।

 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस के इनविटेशन में कहा गया था कि ईवीएम को हैक कर के दिखाया जाएगा लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में कोई डेमो तक नहीं दिया गया। पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईवीएम हैकिंग का न तो कोई सबूत दिया गया और न ही पत्रकारों को कोई सवाल पूछने दिया गया। कांग्रेस की तर्ज पर ही बिना सबूत के आरोप लगाए गए, यह किस तरह का प्रेस कांफ्रेंस था?

 

श्री प्रसाद ने कहा कि ईवीएम हैंकिग की पटकथा के लिए स्वर्गीय श्री गोपीनाथ मुंडे की मौत का सहारा लिया गया क्योंकि अब वे इस पर जवाब तो नहीं दे सकते। लंदन की प्रेस वार्ता में स्वर्गीय श्री गोपीनाथ मुंडे की एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना को हत्या बताया जा रहा है जबकि एम्स में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने कहा कि उनकी मौत एक्सीडेंट के कारण हुई थी। आखिर इस झूठ के पीछे कौन है?

 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस समर्थक आशीष रे और कथित हैकर सैयद शुजा की प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया गया कि भाजपा 2014 में हैकिंग से चुनाव जीती है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां कांग्रेस जीती या फिर अन्य विपक्षी दल वहां ईवीएम ठीक थी लेकिन जहां भारतीय जनता पार्टी जीती वहीं ईवीएम खराब थी, हैकिंग हुई थी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जीती तो वहां ईवीएम ठीक थी। ये अजीब तर्क है। उन्होंने कहा कि ईवीएम को देश में लागू हुए लगभग 20 साल हो गए । इस दौरान 10 साल यूपीए सत्ता में रही, 2007 में मायावती यूपी में जीती, 2012 में अखिलेश यादव जीते, ममता बनर्जी बंगाल में दो-दो विधानसभा चुनाव जीतीं, लोकसभा में ममता को जीत मिली। जब उनको जीत मिली तो ईवीएम ठीक था। लेकिन उनके पक्ष में जहां परिणाम नहीं आया वहां ईवीएम हैक होने का बहाना बनाया जा रहा है। प्रेस कांफ्रेंस में यह भी आरोप लगाया गया कि 2014 में ईवीएम हैकिंग से भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी लेकिन 004 से 2014 के आम सभा चुनाव तक कांग्रेस की ही यूपीए सरकार थी तो फिर ईवीएम हैक कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि यह सब देश को बदनाम करने के लिए कांग्रेस प्रायोजित साजिश है।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि 2017 में चुनाव आयोग ने ईवीएम का विरोध करने वालों को खुली चुनौती दी थी कि कोई भी पार्टी आकर यह साबित करे कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। तब कोई क्यों  नहीं आगे आया? तब कांग्रेस पार्टी क्यों नहीं गई हैकिंग की चुनौती स्वीकार करने। और अगर सैयद शुजा इतने ही साइबर एक्सपर्ट थे तो उन्हें भी ईवीएम हैक करने जाना चाहिए था। वे भी नहीं गए। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की मंशा केवल देश और देश की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की है।

 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ईवीएम हैकिंग का यह फेक शिगूफा दरअसल राहुल गाँधी की ही खुराफात है। दरअसल 2019 के चुनाव में कांग्रेस हारने का बहाना अभी से ढूंढ रही है। राहुल गाँधी तो होमवर्क करते ही नहीं हैं, उनकी पूरी टीम भी होमवर्क नहीं करती है, यह भी अब पता चल गया है। राहुल गाँधी चुनाव में हार का बहाना ढूँढने के लिए अभी न जाने कितने और खुराफात और झूठ का प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि जो पार्टी देश में 55 साल राज कर चुकी है वह चुनाव आयोग पर इस तरह के शर्मनाक हमले करवा रही है, यह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि दरअसल, कांग्रेस देश की संस्थाओं चुनाव आयोग, सीवीसी और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर आदि पर हमला करती रही है लेकिन हर बार कांग्रेस का झूठ देश की जनता के सामने बेनकाब हो जाता है।

 

उन्होंने कांग्रेस से कुछ जवलंत प्रश्न भी पूछे:

 

  • कांग्रेस और उसके समर्थकों द्वारा लंदन में प्रायोजित ईवीएम हैंकिग में कपिल सिब्बल वहां क्या कर रहे थे? वे वहां किस हैसियत से मौजूद थे?
  • हैकिंग की पटकथा के लिए स्वर्गीय श्री गोपीनाथ मुंडे की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का सहारा लिया गया। आखिर इस झूठे के पीछे कौन है।
  • 2017 में चुनाव आयोग ने पार्टियों को ईवीएम हैक करने की चुनौती दी थी। तब क्यों ईवीएम का विरोध करने वाली कांग्रेस या अन्य पार्टियों ने क्यों चुनौती स्वीकार नहीं की। कथित हैकर सैयद शुजा भी ईवीएम हैक करने क्यों नहीं पहुंचे?
  • प्रेस कांफ्रेंस में यह भी आरोप लगाया गया कि 2014 में ईवीएम हैकिंग से भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी लेकिन 004 से 2014 के आम सभा चुनाव तक कांग्रेस की ही यूपीए सरकार थी तो फिर ईवीएम हैक कैसे हुआ?
  • जहां-जहां कांग्रेस जीती या फिर अन्य विपक्षी दल वहां ईवीएम ठीक थी लेकिन जहां भारतीय जनता पार्टी जीती वहीं ईवीएम हैक हुई। यह किस प्रकार का अजीब तक है?
  • क्या कांग्रेस पार्टी के समर्थन से किये जा रहे ऐसे साजिशों से देश के जनमत का अपमान नहीं हो रहा है? क्या यह 90 करोड़ मतदाताओं का अपमान नहीं है?

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

 

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