Salient points of press conference of Senior BJP Leader and former Union Minister Shri Ravi Shankar Prasad


by Shri Ravi Shankar Prasad -
01-09-2023
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

घमंडिया गठबंधन की कथित तीसरी बैठक मुंबई में संपन्न हुई जिसके बाद हमने उनका रिवायती प्रेस कांफ्रेंस सुना। बहुत पुरानी कहावत है कि हताशा में हार होती है और आशा में जीत लेकिन यहाँ तो पूरे घमंडिया गठबंधन में हताशा है।

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अब तक किसी भी घमंडिया गठबंधन की बैठक में तो विकसित भारत का विजन दिखा, गरीबों के कल्याण के लिए कोई विकल्प सामने आया, देश के महिलाओं, बच्चों के लिए कोई ठोस बात की गई और ही देश की संप्रभुता, सुरक्षा एवं आतंकवाद के खिलाफ किसी संकल्प का संकेत दिखा।

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घमंडिया गठबंधन की एक ही कोशिश है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपशब्द कहो। घमंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं में इस बात की होड़ मची हुई है कि कौन देश के प्रधानमंत्री को कितना अधिक गाली देता है और उनका अपमान करता है।

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यह तीन बैठकों में तीसरी बार हुआ है कि घमंडिया गठबंधन ने प्रेस वार्ता में किसी भी पत्रकारों के सवाल का जवाब नहीं दिया। गठबंधन के नेता प्रेस वार्ता में मीडिया के सवालों का जवाब नहीं देंगे लेकिन भाजपा पर आरोप जरूर लगाएंगे कि भाजपा मीडिया के सवालों का जवाब नहीं देती है।

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घमंडिया गठबंधन की बैठक में प्रेरित प्रस्ताव की पहली ही पंक्ति में सीट शेयरिंग को लेकर “give-and-take” शब्द का इस्तेमाल हुआ है। यह शब्द वास्तव में घमंडिया गठबंधन की पहचान है। इनकी पूरी राजनीति “give-and-take” पर ही आधारित है।

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बेल पर चल रहे चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद के घोटालों के नए-नए प्रकरण आज भी खुलते रहते हैं। रेलवे में नौकरी के मामले में भी जमीन दो, नौकरी लो। “give-and-take” का इससे बड़ा नमूना और क्या हो सकता है? घमंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने जल, थल, नभ, वायु और अग्नि - हर जगह घोटाले किये।

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घमंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक का एकमात्र नतीजा है कि उन्होंने “give-and-take” पॉलिसी को औपचारिक रूप से स्वीकार किया है। कोई संयोजक बना और ना ही कोई कमिटी बनी।

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लालू यादव आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ कैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो खुद बेल पर हैं। इतनी शर्मिंदगी भरी बात तो बोली भी नहीं जा सकती।

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क्या कांग्रेस नेता राहुल गाँधी चीन के प्रवक्ता बन गए हैं? राहुल गाँधी को देश की सेना पर भरोसा नहीं है लेकिन चीन की बात वे करेंगे। कैसे-कैसे लोग राहुल गांधी के मित्र हैं और जिनको चीन फंडिंग करता है। क्या यह बहुत बड़ी बात नहीं है कि आपको सपोर्ट करने कुछ मीडिया संस्थान पर कथित तौर पर चीन द्वारा फंडेड हैं।

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कांग्रेस की मनमोहन सिंह की सरकार की आधिकारिक लाइन ये थी कि चीन से सटे भारत के हिस्सों पर आधरभूत संरचना का विकास करके चीन को गुस्सा नहीं दिलाना है।

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घमंडिया गठबंधन की बैठक से ऐसा प्रतीत होता है कि चीन को प्रसन्नता हो रही है। क्या कारण है कि राहुल गाँधी जी, आपको बार-बार चीन की तारीफ करनी पड़ती है? क्या आपकी घमंडिया अलायंस की हर बैठक में चीन का जिक्र होना जरूरी है? यह बड़ा गंभीर सवाल है।

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यह देश की जनता को तय करना है कि वह ऐसी पार्टी और ऐसे नेता को चुनेगी जो भारत के विकास, गरीबों के विकास और भारत की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है या फिर घमंडिया गठबंधन को जहां हर चीज के दाम लगते हैं।

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घमंडिया गठबंधन में नीति है, नीयत है, कार्यक्रम है और ही भारत के विकास के विकल्प की रूपरेखा है। सभी सर्वे में एनडीए की पूर्ण बहुमत से सरकार बन रही है। सभी अंतर्राष्ट्रीय सर्वे में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अपार लोकप्रियता सामने आती है

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राजनीति होती है और होती रहेगी लेकिन अपने राजनीतिक स्वार्थ की आड़ में देश के मनोबल को तोड़े घमंडिया गठबंधन। राहुल गाँधी कहीं भी घूमें, कोई दिक्कत नहीं है लेकिन देश उनकी बात कल सुनता था, आज सुनता है और ना ही आगे सुनेगा।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और विपक्ष के घमंडिया गठबंधन की नकारात्मक राजनीति को लेकर कांग्रेस एंड कंपनी पर जोरदार हमला बोला।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि घमंडिया गठबंधन की कथित तीसरी बैठक मुंबई में संपन्न हुई जिसके बाद हमने उनका रिवायती प्रेस कांफ्रेंस सुना। अब तक किसी भी बैठक में घमंडिया गठबंधन की बैठकों में तो विकसित भारत का विजन दिखा, गरीबों के कल्याण के लिए कोई प्रमाणिक विकल्प सामने आया, देश के महिलाओं, बच्चों एवं स्वास्थ्य के लिए कोई ठोस बात की गई और ही देश की संप्रभुता, सुरक्षा एवं आतंकवाद के खिलाफ किसी प्रामाणिक संकल्प का संकेत दिखा। घमंडिया गठबंधन की एक ही कोशिश है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपशब्द कहो। घमंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं में इस बात की होड़ मची हुई है कि कौन देश के प्रधानमंत्री को कितना अधिक गाली देता है और उनका अपमान करता है।

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने घमंडिया गठबंधन पर बड़ा आरोप मढ़ते हुए कहा कि यह तीन बैठकों में तीसरी बार हुआ है कि घमंडिया गठबंधन ने प्रेस वार्ता में किसी भी पत्रकारों के सवाल का जवाब नहीं दिया। गठबंधन के नेता प्रेस वार्ता में मीडिया के सवालों का जवाब नहीं देंगे लेकिन भाजपा पर आरोप जरूर लगाएंगे कि भाजपा मीडिया के सवालों का जवाब नहीं देती है।

 

घमंडिया गठबंधन द्वारा पारित तीन लाइन के प्रस्ताव में उपयोग किये गए शब्दों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि इस प्रस्ताव की पहली ही पंक्ति में सीट शेयरिंग को लेकर “give-and-take” शब्द का इस्तेमाल हुआ है। यह शब्द वास्तव में घमंडिया गठबंधन की पहचान है। इस गठबंधन के लोग “give-and-take” की भाषा से बहुत ही अच्छी तरह परिचित हैं। इनकी पूरी राजनीति “give-and-take” पर ही आधारित है। चारा घोटाला, 2G घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला, कोयला घोटाला - सब “give-and-take” पर ही आधारित है। लालू प्रसाद यादव ने तो “give-and-take” की पराकाष्ठा पार कर दी थी। चारा घोटाले में लालू प्रसाद को एक नहीं अनेक मामलों में सजा मिली। वे अभी बेल पर छूटे हुए हैं, फिर भी उनके नए-नए प्रकरण खुलते हैं। रेलवे में नौकरी के मामले में भी जमीन दो, नौकरी लो। “give-and-take” का इससे बड़ा नमूना और क्या हो सकता है? घमंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने जल, थल, नभ, वायु और अग्नि - हर जगह घोटाले किये।

 

घमंडिया गठबंधन पर हमला जारी रखते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि इन लोगों ने हर जगह भ्रष्टाचार किया। थल में कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला, आदर्श घोटाला, बिहार में चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला हुआ। इन लोगों को थल से संतोष नहीं हुआ तो पाताल में चले गए और वहां कोयला घोटाला किया। आकाश में हेलीकॉप्टर घोटाला किया। वायु में टू-जी घोटाला कर दिया। जल की बात लीजिए तो सबमरीन घोटाला हुआ। बीकानेर में दामाद जी को जमीन दिलायी गयी। वहां सूर्य की किरणों से अग्नि निकालने के लिए प्लांट लगया जाएगा। इस मामले में कितनी एफ आईआर हो चुकी है, यह देश की जनता जानती है। घमंडिया गठबंधन की यही सच्चाई है। घमंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक का एकमात्र नतीजा है कि उन्होंने “give-and-take” पॉलिसी को औपचारिक रूप से स्वीकार किया है। कोई संयोजक बना और ना ही कोई कमिटी बनी। लालू यादव आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ कैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो खुद बेल पर हैं। इतनी शर्मिंदगी भरी बात तो बोली भी नहीं जा सकती।

 

बार-बार राहुल गाँधी द्वारा चीन का पक्ष रखने पर श्री प्रसाद ने कटाक्ष करते हुए कहा कि एक गंभीर सवाल है कि क्या कांग्रेस नेता राहुल गाँधी चीन के प्रवक्ता बन गए हैं? राहुल गाँधी को देश की सेना पर भरोसा नहीं है लेकिन चीन की बात वे करेंगे। राहुल गाँधी सेना से शहदाद के सबूत मांगते हैं, उनसे और क्या कहा जा सकता है? कैसे-कैसे लोग राहुल गांधी के मित्र हैं और जिनको चीन फंडिंग करता है। उनके पिता जी के नाम वाली एक संस्था को कहाँ-कहाँ से पैसा मिला, ये भी सब लोग जानते हैं। पंडित नेहरू के समय हजारों किमी की हमारी भूमि चीन के कब्जे में चली गई। पंडित नेहरू ने तो आकाशवाणी पर असम के देश से कट जाने की भी बात कह दी थी और चीन द्वारा कब्जा की गई जमीन को भी लेकर बोला था कि उस जमीन पर घास भी नहीं उगती। महावीर त्यागी एक बहुत बडे़ स्वतंत्रता सेनानी थे और संविधान सभा के सदस्य थे, उन्होंने तब पंडित नेहरू को कहा था कि रे सिर पर बाल नहीं है, आपके भी सिर पर बाल नहीं हैं, तो क्या करें? राहुल गाँधी जी बेशर्मी से चीन के प्रवक्ता बने हुए हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की मनमोहन सिंह की सरकार की आधिकारिक लाइन ये थी कि चीन से सटे भारत के हिस्सों पर आधरभूत संरचना का विकास करके चीन को गुस्सा नहीं दिलाना है। कांग्रेस सरकार के रक्षा मंत्री ने तो संसद में बयान दिया था कि सीमा पर आधारभूत संरचना का विकास नहीं करना ही उनकी रणनीति है। आज श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में सीमा पर आधारभूत संरचनाओं का विकास किया गया है। राहुल गाँधी ने राफेल को लेकर भी झूठ बोला था। घमंडिया गठबंधन की बैठक से ऐसा प्रतीत होता है कि चीन को प्रसन्नता हो रही है। क्या कारण है कि राहुल गाँधी जी, आपको बार-बार चीन की तारीफ करनी पड़ती है? क्या आपकी घमंडिया अलायंस की हर बैठक में चीन का जिक्र होना जरूरी है? यह बड़ा गंभीर सवाल है। क्या यह बहुत बड़ी बात नहीं है कि आपको सपोर्ट करने कुछ मीडिया संस्थान पर कथित तौर पर चीन द्वारा फंडेड हैं। इस बात का संशय है कि आप चीन के प्रवक्ता बने हुए हैं। यह इस देश की जनता को तय करना है कि वह ऐसी पार्टी और ऐसे नेता को चुनेगी कि जो भारत के विकास, गरीबों के विकास और भारत की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है या फिर घमंडिया गठबंधन को जहां हर चीज के दाम लगते हैं।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि घमंडिया गठबंधन में नीति है, नीयत है, कार्यक्रम है और ही भारत के विकास के विकल्प की रूपरेखा है। सभी सर्वे में एनडीए की पूर्ण बहुमत से सरकार बन रही है। सभी अंतर्राष्ट्रीय सर्वे में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अपार लोकप्रियता सामने आती है। आज देश विकास कर रहा है तो कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन को क्या परेशानी हो रही है? आज भारत डिफेंस के क्षेत्र में एक्सपोर्ट कर रहा है तो कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन को क्या परेशानी हो रही है? आज भारत की अर्थव्यस्था दुनिया में सबसे मजबूत है तो कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन को क्या परेशानी हो रही है? आज भारत के खिलाड़ दुनिया में नाम कर रहे हैं तो कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन को क्या परेशानी हो रही है? राजनीति होती है और होती रहेगी लेकिन अपने राजनीतिक स्वार्थ की आड़ में देश के मनोबल को तोड़े घमंडिया गठबंधन। राहुल गाँधी कहीं भी घूमें, कोई दिक्कत नहीं है लेकिन देश उनकी बात कल सुनता था, आज सुनता है और ना ही आगे सुनेगा। बहुत पुरानी कहावत है कि  हताशा में हार होती है। आशा में जीत होती है यहाँ तो पूरे घमंडिया गठबंधन में हताशा है।

 

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