Salient points of press conference of Senior BJP Leader and Former Union Minister Shri Ravi Shankar Prasad


by Shri Ravi Shankar Prasad -
07-09-2023
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

 

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज भाजपा बिहार प्रदेश के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस पार्टी और घमंडिया गठबंधन की चुनावी रणनीति में हिंदू आस्था एवं सनातन का अपमान करने के मामले पर जमकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि “सुन लें सोनिया जी, हिंदू  आस्था और हिंदुओं का अपमान, अब नहीं सहेगा हिंदुस्तान।“ भारतीय जनता पार्टी गांव-गांव जाकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की सच्चाई उजागर करेगी।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि घमंडिया गठबंधन के घटक दल डीएमके के नेता और तमिलनाडु के सीएम के पुत्र उदयनिध स्टालिन ने सनातन धर्म को डेंगू और एवं मलेरिया जैसी बीमारी कहते हैं, तो डीएमके के नेता ए. राजा दो कदम आगे बढ़ते हुए सनातन धर्म को कोढ और एचआईवी एड्स बताते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे सनातन को अपमानित करने में पीछे नहीं रहते हैं। विपक्षी गठअबंधन के घटक दल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के प्रदेश  अध्यक्ष जगदानंद सिंह हिन्दू  आस्था को अपमानित करने वाला बयान देते हैं। ऐसा लगता है कि मुम्बई में घमंडिया गठबंधन की बैठक होने के बाद सोची समझी रणनीति के तहत हिन्दू धर्म, संतान संस्कृति और परम्परा विरोधी  बयान दिए जा रहे हैं।

 

श्री प्रसाद ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से सवाल पूछते हुए कहा कि वे देश की जनता को इन प्रश्नों के जवाब दें -:

 

       हिन्दू  आस्था एवं सनातन का अपमान करने के मामले में सोनिया गाँधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की चुप्पी, क्या इस मामले में उनकी मौन स्वीकृति है?

 

       घमंडिया गठबंधन ने मुम्बई की बैठक में क्या यही रणनीति बनायी है कि हिन्दू  आस्था एवं सनातन चिंतन का अपमान करो?

 

       क्या सोनिया गाँधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी वोट बैंक की राजनीति में सबकुछ भूल गयी है कि भारत के संविधान में प्रभु श्रीराम, श्रीकृष्ण, महादेव, हनुमान सहित अन्य महान हस्तियों के चित्र हैं, जो भारतीय संस्कृति एवं परम्परा को दर्शाती है?

 

       सोनिया गांधी के दादा ससुर जी पंडित जवाहर लाल नेहरू को भारतीय संविधान में प्रभु श्रीराम, श्रीकृष्ण, हनुमान और नटराज की चित्र से कोई दिक्कत नहीं थी, जबकि गांधी परिवार पंडित नेहरू के विरासत के नाम पर राजनीति करती है। गाँधी परिवार क्या पंडित नेहरू के विचारों को भी भूल गयी है? 

 

इतिहास के पन्ने पलटते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि सैकड़ों वर्षा की गुलामी के बाद जब देश आजाद हुआ, तो हमारे स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों एवं मनीषी नेताओं ने भारतीय संविधान तैयार किया जिसमें देश की संस्कृति, संस्कार और भारत के अध्यात्मिक विरासत को दर्शाया गया है। उस वक्त संविधान निर्माताओं ने कुछ चित्रों को चयनित किया और पश्चिम बंगाल के बहुत बड़े पेंटर और रविंद्रनाथ टैगोर के शिष्य नंद लाल घोष जी से उन चित्रों को बनवाया गया था। भारत के संविधान की मूल प्रति में उन सभी चित्रों को स्थान दिया गया।

 

भारत के संविधान की मूल प्रति दिखाते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि संविधान में उल्लेखित मौलिक अधिकार वाले पृष्ठ पर प्रभु श्रीराम, माता जानकी और श्री लक्ष्मण के साथ श्रीलंका विजय के बाद अयोध्या लौटने का चित्र है। संविधान में उल्लेखित डायरेक्टिव प्रिसिपल ऑल स्टेट वाले पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण द्वारा महाभारत में अर्जुन को गीता का ज्ञान देने का चित्र है। भारत के संविधान में हनुमान जी और भगवन नटराज का भी चित्र है। भारतीय संविधान में छत्रपति शिवाजी, झांसी की रानी, महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस का भी चित्र है। संविधान की मूल कॉपी में अकबर का चित्र है किन्तु बाबर और औरंगजेब नहीं है।

 

पंडित नेहरू को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बताते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि भारत के संविधान की मूल कॉपी पर संविधान सभा के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी ने पहला हस्ताक्षर किया। तत्पश्चात पंडित जवहार लाल नेहरू ने उसके नीचे हस्ताक्षर किये। संविधान की मूल कॉपी पर मौलौना आजाद जी का भी उर्दू में हस्ताक्षर है, सरदार बल्लभ भाई पटेल और डॉ भीमराव अम्बेडकर के भी हस्ताक्षर हैं। संविधान की मूल प्रति पर  बिहार के भी कई मनीषी नेता श्रीकृष्ण सिंह, श्री अनुग्रह नारायण सिंह, श्री केबी सहाय सहित देश भर के अनेक नेताओं के हस्ताक्षर हैं।

 

सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं कांग्रेस पार्टी को इतिहास से सबक सिखाते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि भारत पर लंबे समय तक मुगल सल्तनत रहा, फिर भी हिन्दू आस्था और सनातन धर्म को से हिला नहीं सके। सैकड़ों वर्षों तक ब्रिटिश हुकुमत ने मिशनरियों के साथ मिलकर भी हिन्दू आस्था पर बहुत चोट पहुंचायी, किन्तु हिन्दू आस्था एवं सनानत धर्म को हिला नहीं सके। सनातन धर्म की ज्वाला और ज्यादा जोर से चमकने लगी। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले ये लोग आखिर कर भी क्या सकते हैं?

 

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के तिलक लगाने वाले बयान को लेकर लालू प्रसाद पर तंज कसते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि लालू जी खुद को बहुत बड़े समाजवादी चिंतक बताते हैं। अभी हाल ही में मुम्बई में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद अपने पुत्र उप–मुख्यमंत्री बेटे तेजस्वी यादव के साथ सिद्धिविनायक मंदिर गए थे। मीडिया में फोटो आया कि वहां लालू प्रसाद सिर झुकर तिलक लगवा रहे हैं। लालू जी, अगर तिलक नहीं लगवा रहे थे तो वहां क्या कर रहे थे?

 

ललाट पर तिलक का इतिहास बताते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय जी बहुत बड़े देशभक्त और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे और उन्होंने बनारस हिन्दू  यूनिवर्सिटी की स्थापना की। श्री मालवीय जी के मस्तक पर हमेशा तिलक चमकता था। स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थदशी पर्व के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन में जन जागरण अभियान चलाया था। महर्षि अरविंद देशभक्त और बहुत बड़े संत थे। अंग्रेजों ने उन्हें आतंकवादी घटना में फंसया और उनके भाई को अंडमान निकोबार में आजीवन कारवास की सजा दी थी। कांग्रेस को नेतृत्व देने वाले महान नेता महात्मा गांधी जी अक्सर “रधुपति राघव राजा राम” की पंक्तियां दोहराते थे। दुख की बात है कि कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन के लोग कुछ जानते नहीं हैं, न कुछ समझते हैं और ना ही पढ़ते हैं। श्री प्रसाद ने राजद नेता जगदानंद सिंह को नसीहत देते हुए कहा कि कम से कम एक बार महान सपूत राम मनोहर लोहिया जी को पढ़िए। राम मनोहर लोहिया जी ने भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण और भगवान महादेव की कितनी चर्चा की है, तब आपको यह बातें समझ में आएगी। 

 

श्री प्रसाद ने लालू प्रसाद से सवाल पूछते हुए कहा कि लालू यादव इन प्रश्नों के जवाब देश की जनता को दें। देश की जनता उनसे पूछती है कि

 

       लालू प्रसाद जी, जगदानंद जी के बयान पर चुप क्यों हैं और क्या वे इस पर कुछ बोलेंगे?

       यदि जदानंद के बयान पर उनकी मौन स्वीकृति है, तो क्या लालू प्रसाद जी दिखावा करने सिद्धिविनायक गए थे?

       लालू प्रसाद जी की फोटो मीडिया में आई है कि जन्माष्टमी में भगवान श्रीकृष्ण का झूला झुला रहे हैं, क्या यह सब भी दिखावा है?

 

सोनिया गांधी को हिन्दू  धर्म,  सनातन संस्कृति एवं परम्परा की नसीहत देते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि माता सबरी भी भील समुदाय से थी। वाल्मिकी जी, वेदव्यास जी और संत रविदास जी कौन थे, उनके बारे में जानिए? हमे गर्व है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संत रविदास को सम्मान दिया है और अभी सागर में उनका एक बहुत बड़ा मंदिर भी बना है। काशी में संत रविदास का मंदिर बना है। यही हिन्दू आस्था और सनातन सोच है कि कोई भी व्यक्ति संकल्पित एवं तपस्वी होकर हिन्दू आस्था में लीन है तो वह ईश्वरत्व को प्राप्त कर सकता है। 

 

श्री प्रसाद ने कहा कि विपक्षी गठबंधन रोज-रोज हिन्दू आस्था, हिन्दू  चिंतन का अपमान कर रहा है। इसलिए विपक्षी गठबंधन को घमंडिया गठबंधन कहा जा रहा है, क्योंकि उन्हें हिन्दू आस्था और देश  को समझने का घमंड है।

 

कांग्रेस पर तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि अगर आज संविधान बनता और उसमें ईश्वर को स्थान मिलता, तब कांग्रेस पार्टी कितना हो-हल्ला मचाती। कांग्रेस पार्टी और घमंडिया गठबंधन की वोट बैंक की राजनीति यही है कि हिन्दू आस्था का अपमान, हिन्दू  चिंतन का तिरस्कार और देश  की परम्परा का अपमान करना है। भारतीय जनता पार्टी इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु से घमंडिया गठबंधन के नेता लगातार जो सनातन विरोधी बयान दे रहे हैं, उसका जवाब तमिलनाडु की जनता देगी किन्तु सोनिया गांधी और राहुल गांधी की इस पर चुप्पी मौन स्वीकृति की तरह है।

 

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