Salient points of press conference : Senior BJP Leader and Union Minister, Shri Prakash Javadekar


16-01-2020
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर जी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त जस्टिस एस एन धींगड़ा समिति 1984 में हुए सिख नरसंहार पर अपनी रिपोर्ट दी है और इस रिपोर्ट ने कमीशन ने स्पष्ट कर दिया है कि 1984 के सिख नरसंहार के दोषियों पर कांग्रेस ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि दोषियों को संरक्षण देने का भी काम किया

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रिपोर्ट में कहा गया है कि दंगे के तुरंत बाद और कुछ वर्षों बाद तक बड़ी तादाद में पीड़ित स्टिस रंगनाथ मिश्रा आयोग समेत विभिन्न एजेंसियों से गुहार लगाते रहे। बावजूद इसके बड़ी संख्या में हत्या, दंगा, लूट, आगजनी के अपराधियों की पहचान नहीं की गई और दंडित किया गया

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लगभग 3,000 से अधिक सिखों को जिंदा जला दिया गया, उनके घरों को लूट लिया गया और लगातार इस तरह की क्रूर चीजें हो रही थीं

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दिल्ली के सुल्तानपुर में हिंसा की 500 घटनाओं के हलफनामे मिलने के बावजूद 6-7 साल बाद केवल एक ही एफआईआर दर्ज किया गया और जांच के लिए भी सिर्फ एक ही कर्मचारी लगाया गया

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आदर्श रूप से, एफआईआर तुरंत दर्ज की जानी चाहिए थी, लेकिन 6-7 वर्षों तक ऐसा नहीं हुआ। और मजबूरन, अदालत को इन उपद्रवियों को मुक्त करना पड़ा

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उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने हिंसा का समर्थन करते हुए कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है। तीन हजार सिखों का कत्लेआम हुआ और उसके बाद कांग्रेस का ये रवैया। इससे केवल ये साफ पता चलता है कि कांग्रेस का हाथ क़त्ल करने वालों के साथ

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1984 का सिंह नरसंहार केवल एक दंगा नहीं था बल्कि यह एक तरफ़ा सामूहिक-हत्या थी। यह कांग्रेस द्वारा हमारे देश के लोकतंत्र का उड़ाया गया मजाक था। इतना बड़ा नरसंहार हुआ और सभी कांग्रेस ने अपराधियों को संरक्षण दिया। एफआईआर तक सही समय पर दर्ज नहीं की गई

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कांग्रेस सरकार के प्रभाव में पुलिस का पूरा प्रयास हमेशा अपराधियों को बचाने में लगा रहा। आज 30 साल बाद भी, कांग्रेस वही बात कहती है कि हुआ तो हुआ! इससे पता चलता है कि कांग्रेस दोषियों को बचा रही है और यही दुखद कहानी भारत ने अनुभव की है

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देश को झकझोरने वाले निर्भया केस के आरोपी आज तक फांसी पर नहीं लटके, इसका एकमात्र कारण दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार की लापरवाही है

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उच्चतम न्यायालय ने उनकी अपील 2017 में ही खारिज कर दी थी और उन्हें फांसी की सजा दी थी तो पिछले 2.5 वर्षों में दया याचिका दायर करने के लिए दोषियों को दिल्ली सरकार ने नोटिस क्यों नहीं दिया?

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न्याय में देरी के लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदार है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 2.5 साल में तिहाड़ जेल को विस्तृत कानूनी प्रक्रिया मुहैया कराने में जो रवैया दिखाया है, उससे पता चलता है कि वह दुष्कर्मियों और हत्यारों के साथ खड़ी है

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर जी ने आज पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और 1984 में कांग्रेस सरकार में हुए प्रायोजित सिख नरसंहार के संदर्भ में जस्टिस धींगड़ा कमिटी की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जम कर हमला बोला और कांग्रेस पर अपने दोषी नेताओं को बचाने का आरोप लगाया।

 

श्री जावड़ेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त जस्टिस एस एन धींगड़ा समिति 1984 में हुए सिख नरसंहार पर अपनी रिपोर्ट दी है और इस रिपोर्ट ने कांग्रेस की कलई खोल कर रख दी है। जस्टिस धींगड़ा कमीशन ने स्पष्ट कर दिया है कि 1984 के सिख नरसंहार के दोषियों पर कांग्रेस ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि दोषियों को संरक्षण देने का काम किया। उन्होंने कहा कि आयोग की रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दंगे के तुरंत बाद और कुछ वर्षों बाद तक बड़ी तादाद में पीड़ित विभिन्न एजेंसियों (जस्टिस रंगनाथ मिश्र आयोग समेत) से गुहार लगाते रहे। बावजूद इसके बड़ी संख्या में हत्या, दंगा, लूट, आगजनी के अपराधियों की पहचान नहीं की गई और दंडित किया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पुलिस ने अथॉरिटीज ने दोषियों को दंडित करने के इरादे से कानूनी कार्रवाई में दिलचस्पी नहीं ली। रिपोर्ट कहती है कि पुलिस-प्रशासन का पूरा प्रयास दंगे से जुड़े आपराधिक मामलों पर पर्देदारी करने का जान पड़ता है। स्पष्ट है कि 1984 सिख नरसंहार की सही जांच कभी नहीं हुई। उन्होंने रिपोर्ट के कुछ तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि लगभग 3,000 से अधिक सिखों को जिंदा जला दिया गया, उनके घरों को लूट लिया गया और लगातार इस तरह की क्रूर चीजें हो रही थीं। सुल्तानपुर में इस तरह की लगभग 500 घटनाएं हुई, प्रशासन को कई हलफनामे भी मिले लेकिन 500 घटनाओं की सिर्फ एक ही एफआईआर हुई और एक एफआईआर की जांच के लिए सिर्फ एक ही कर्मचारी लगाया गया। आदर्श रूप से, एफआईआर तुरंत दर्ज की जानी चाहिए थी, लेकिन 6-7 वर्षों तक ऐसा नहीं हुआ। और मजबूरन, अदालत को इन उपद्रवियों को मुक्त करना पड़ा।

 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने हिंसा का समर्थन करते हुए कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है। तीन हजार सिखों का कत्लेआम हुआ और उसके बाद कांग्रेस का ये रवैया। इससे केवल ये साफ पता चलता है कि कांग्रेस का हाथ क़त्ल करने वालों के साथ। कांग्रेस द्वारा एक तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई में जानबूझकर देरी की गई और दूसरा यह कि कांग्रेस सरकार ने नरसंहार के दोषियों को गिरफ्तार करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। यह केवल एक दंगा नहीं था बल्कि यह एक तरफ़ा सामूहिक-हत्या थी। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इसे एक तरह से उचित ठहराया था। यह कांग्रेस द्वारा हमारे देश के लोकतंत्र का उड़ाया गया मजाक था। इतना बड़ा नरसंहार हुआ और सभी कांग्रेस ने अपराधियों को संरक्षण दिया। एफआईआर तक सही समय पर दर्ज नहीं की गई।

 

श्री जावड़ेकर ने कहा कि जस्टिस धींगड़ा ने कई उदाहरण दिए हैं। 1985 में, रंगनाथ मिश्र आयोग के समक्ष हज़ारों सिख शपथ पत्र देने के लिए आगे आए और हलफनामों में घटनाओं और दोषियों के नाम का विवरण दिया। इन सभी हलफनामों को कांग्रेस सरकार द्वारा 6-7 साल बाद केवल एक एफआईआर में बदल दिया गया। इसलिए, जब मामला ट्रायल कोर्ट के सामने आया, तो अदालत ने देरी के कारण सभी आरोपियों को रिहा कर दिया। कांग्रेस सरकार के प्रभाव में पुलिस का पूरा प्रयास हमेशा अपराधियों को बचाने में लगा रहा। आज 30 साल बाद भी, कांग्रेस ने वही बात की है - हुआ तो हुआ! वे नरसंहार में 3,000 लोगों की हत्या की अनुमति देते हैं और फिर सैम पित्रोदा जैसे नेता इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी करते हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस दोषियों को बचा रही है और यही दुखद कहानी भारत ने अनुभव की है।

 

एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश को झकझोरने वाले निर्भया केस के आरोपी आज तक फांसी पर नहीं लटके, इसका एकमात्र कारण दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार की लापरवाही है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उनकी अपील 2017 में ही खारिज कर दी थी और उन्हें फांसी की सजा दी थी तो पिछले 2.5 वर्षों में दया याचिका दायर करने के लिए दोषियों को दिल्ली सरकार ने नोटिस क्यों नहीं दिया? न्याय में देरी के लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदार है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 2.5 साल में तिहाड़ जेल को विस्तृत कानूनी प्रक्रिया मुहैया कराने में जो रवैया दिखाया है, उससे पता चलता है कि वह दुष्कर्मियों और हत्यारों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट में खड़े होकर कहा कि फांसी 22 जनवरी को नहीं हो सकती। पूरा देश चाहता है कि चारों आरोपियों को फांसी दी जाए और वे (केजरीवाल सरकार) इसमें देरी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अभी भी अपील करने का समय है। यह अतिरिक्त समय किसने दिया? दिल्ली सरकार की बेरहमी ने।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

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