Salient points of press conference of Senior BJP Leader and Union Minister Shri Ravi Shankar Prasad 04 Feb 2019


04-02-2019
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट आरोप है कि ममता बनर्जी सरकार भ्रष्ट लोगों को बचा रही है। इस कारण घोटालों की जांच में बाधा आ रही है। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से ममता बनर्जी घबरा गई हैं

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इस बात की पुरजोर आशंका है कि जब राजीव कुमार एसआईटी के हेड थे तो जान-बूझ कर दस्तावेजों को नष्ट किया गया हो या इसके साथ छेड़छाड़ किया गया हो

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धरने का ड्रामा कर के ममता बनर्जी अपने आप को तथाकथित महागठबंधन के रूप में भी प्रोजेक्ट कर रही हैं। पर इस पर राहुल गाँधी, मायावती इत्यादि गठबंधन के स्वयंभू नेताओं को सोचना होगा कि उनका क्या होगा?

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ममता बनर्जी उस राजदार को बचाने की कोशिश कर रही है जो तृणमूल सरकार के घपलों-घोटालों के बारे में काफी कुछ जानता है

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ये पश्चिम बंगाल में आखिर हो क्या रहा है? क्यों सीबीआई को राज्य की पुलिस गिरफ्तार कर रही है? एक पुलिस कमिश्नर नेताओं के साथ धरने पर बैठे हैं, इसका मतलब क्या है? ये किस तरह का संवैधानिक संकट पैदा करने की कोशिश की जा रही है कि सीबीआई के अधिकारियों को ही गिरफ्तार कर लिया गया

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8 मई 2014 को कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी का बयान ट्वीट किया था कि पश्चिम बंगाल में चिट फंड स्कैम में 20 लाख लोगों का पैसा डूब गया है। यह निंदनीय है। और अब राहुल गाँधी कह रहे हैं कि वे ममता बनर्जी के साथ हैं। ये किस तरह के दोहरे मापदंड हैं?

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हमारी सरकार ने 26 मई 2014 को शपथ ली जबकि नारदा, सारदा और रोज वैली आदि मामले की जांच इससे पहले ही शुरू हो गई थी। सारदा घोटाले की जांच 2013 में ही शुरू हो गई थी। ऐसे में विपक्षी दलों की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, भारतीय जनता पार्टी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के खिलाफ अनाप-शनाप बातें कर रहे हैं

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पोंजी स्कीम्स की जांच की मांग लेकर कांग्रेस और वामपंथी समर्थक सुप्रीम कोर्ट गए थे। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो इस पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने 9 मई 2014 को निर्देश दिया गया कि मामले की जांच सीबीआई करेगी

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जब सुदीप बंदोपाध्याय और मदन मित्रा की गिरफ्तारी पर सीएम व्याकुल नहीं हुईं तो पुलिस कमिश्नर को बचाने के लिए वह इतनी परेशान क्यों हैं? ऐसे में संदेह पैदा होता है कि राजदार बहुत जानता है

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सीबीआई की ओर से पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को तीन बार समन भेजा गया था कि हम आपका बयान रिकॉर्ड करना चाहते हैं और जांच एजेंसी को क़ानून के तहत यह अधिकार है कि वह किसी को भी बिना बुलाये बात करे। जो व्यक्ति तीन तीन बार समन करने के बावजूद जांच में सहयोग करने नहीं आया तो क्या जांच एजेंसी उसे बता कर पूछताछ के लिए जाती?

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2016 में राज्य के विधान सभा चुनाव के वक्त भी राजीव कुमार ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर थे जिस पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें हटाया था लेकिन चुनाव बाद फिर इस राजदार को ममता बनर्जी ने वापस तैनात कर दिया

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सभा के लिए मैदान छोटा कर दिया, सभा में हंगामा करने की कोशिश की गई। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के हेलिकॉप्टर तक को लैंड नहीं करने दिया गया। हम सबने देखा है कि पंचायत चुनावों में लोगों को वोट तक नहीं डालने दिया गया

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यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल में इस प्रकार का संवैधानिक संकट पैदा हुआ हो। एक बार सेना अपने जवानों के लिए ट्रैफिक टेस्टिंग कर रही थी तो ममता बनर्जी ने कहा था कि मुझे भारतीय सेना में भरोसा नहीं है

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और लोकतंत्र की हत्यारी पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा करने के लिए आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ममता बनर्जी उस राजदार को बचाने की कोशिश कर रही है जो तृणमूल सरकार के घपलों-घोटालों के बारे में काफी कुछ जानता है।

 

श्री प्रसाद ने ममता बनर्जी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि ये पश्चिम बंगाल में आखिर हो क्या रहा है? क्यों सीबीआई को राज्य की पुलिस गिरफ्तार कर रही है? एक पुलिस कमिश्नर नेताओं के साथ धरने पर बैठे हैं, इसका मतलब क्या है? उन्होंने कहा कि धरने पर बैठकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नक्शेकदम पर चल रही हैं। हम आशा करते हैं कि भ्रष्टाचार की जांच के खिलाफ एजेंसी नहीं झुकेगी।

 

सारदा चिटफंड घोटाले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के दोहरे मापदंड पर करारा प्रहार करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 8 मई 2014 को कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी का बयान ट्वीट किया था कि पश्चिम बंगाल में चिट फंड स्कैम में 20 लाख लोगों का पैसा डूब गया है। यह निंदनीय है। और अब राहुल गाँधी कह रहे हैं कि वे ममता बनर्जी के साथ हैं। ये किस तरह के दोहरे मापदंड हैं?

 

श्री प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार ने 26 मई 2014 को शपथ ली जबकि नारदा, सारदा और रोज वैली आदि मामले की जांच इससे पहले ही शुरू हो गई थी। सारदा घोटाले की जांच 2013 में ही शुरू हो गई थी। ऐसे में विपक्षी दलों की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, भारतीय जनता पार्टी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के खिलाफ अनाप-शनाप बातें कर रहे हैं।

  

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ममता बनर्जी ने 26 अप्रैल 2013 को पोंजी स्कीम्स की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी जिसका अध्यक्ष राजीव कुमार को बनाया गया था जो अभी कोलकाता के पुलिस कमिश्नर हैं। उन्होंने कहा कि पोंजी स्कीम्स की जांच की मांग लेकर कांग्रेस और वामपंथी समर्थक सुप्रीम कोर्ट गए थे। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो इस पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने 9 मई 2014 को निर्देश दिया गया कि मामले की जांच सीबीआई करेगी। सीबीआई ने यह भी कहा था कि नारदा, सारदा और रोजवैली मामलों के व्यापक ऐंगल की भी जांच की जाएगी।

 

श्री प्रसाद ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा कि जब सांसद मदन मित्रा, तापस पाल जैसे कई बड़े नेता गिरफ्तार किए गए तब ममता ने कभी भी आलोचना नहीं की। सवाल उठता है कि सारी मर्यादाएं तोड़ कर ममता पुलिस कमिश्नर के समर्थन में धरने पर क्यों बैठ गई? उन्होंने कहा कि जब सुदीप बंदोपाध्याय और मदन मित्रा की गिरफ्तारी पर ममता व्याकुल नहीं हुईं तो 83 बैच के आईपीएस अफसर को बचाने के लिए वह इतनी परेशान क्यों हैं? ऐसे में संदेह पैदा होता है कि राजदार बहुत जानता है।

 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सीबीआई की ओर से पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को तीन बार समन भेजा गया था कि हम आपका बयान रिकॉर्ड करना चाहते हैं और जांच एजेंसी को क़ानून के तहत यह अधिकार है कि वह किसी को भी बिना बुलाये बात करे। उन्होंने कहा कि दो बार 2017 में और फिर 2018 में समन किया गया लेकिन हर बार राजीव कुमार बहाना बनाकर पेश नहीं हुए। जो व्यक्ति तीन तीन बार समन करने के बावजूद जांच में सहयोग करने नहीं आया तो क्या जांच एजेंसी उसे बता कर पूछताछ के लिए जाती? जब सीबीआई ने कहा कि पोंजी स्कीम्स की जांच कर रहे अधिकारियों को भेजिए तो कोई कहता था कि वे बूढ़े हो चुके हैं तो कोई कहता था कि मेरे भाई की मौत हो गई है। पश्चिम बंगाल की पुलिस की ओर से कहा गया कि सभी जांच अधिकारी रिटायर हो गए हैं या अलग-अलग जगह पोस्टेड हैं तो सीबीआई खुद उनसे संपर्क करे। जब सीबीआई ने पश्चिम बंगाल पुलिस से यह पूछा कि जाँच अधिकारियों की पोस्टिंग कहा है और रिटायर्ड अधिकारी रिटायर के बाद कहाँ हैं तो इस पर राज्य पुलिस से कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि इसमें कोई न कोई षड्यंत्र जरूर है। उन्होंने कहा कि यहाँ पर गौर करने वाली बात यह है कि 2016 में राज्य के विधान सभा चुनाव के वक्त भी राजीव कुमार ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर थे जिस पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें हटाया था लेकिन चुनाव बाद फिर इस राजदार को ममता बनर्जी ने वापस तैनात कर दिया।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट आरोप है कि ममता बनर्जी सरकार भ्रष्ट लोगों को बचा रही है। इस कारण घोटालों की जांच में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि इस बात की पुरजोर आशंका है कि जब राजीव कुमार एसआईटी के हेड थे तो जान-बूझ कर दस्तावेजों को नष्ट किया गया हो या इसके साथ छेड़छाड़ किया गया हो। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हो सकता है कि धरने का ड्रामा कर के ममता बनर्जी अपने आप को तथाकथित महागठबंधन के रूप में भी प्रोजेक्ट कर रही हैं। पर इस पर राहुल गाँधी, मायावती इत्यादि गठबंधन के स्वयंभू नेताओं को सोचना होगा कि उनका क्या होगा?      

 

तथाकथित महागठबंधन पर हमला करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस तथाकथित गठबंधन के जितने सिपाही हैं, सब कहीं न कहीं गंभीर जांच के दायरे में हैं। राहुल गाँधी पहले ही बेल पर हैं। बिहार के नेता के पास अकूत संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों पर पहले से ही कई केस चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश के दोनों गठबंधन नेताओं की स्थिति सबको पता है। हमारा स्पष्ट मानना है कि पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से ममता बनर्जी घबरा गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सभा के लिए मैदान छोटा कर दिया, सभा में हंगामा करने की कोशिश की गई। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के हेलिकॉप्टर तक को लैंड नहीं करने दिया गया। हम सबने देखा है कि पंचायत चुनावों में लोगों को वोट तक नहीं डालने दिया गया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल में इस प्रकार का संवैधानिक संकट पैदा हुआ हो। एक बार सेना अपने जवानों के लिए ट्रैफिक टेस्टिंग कर रही थी तो ममता बनर्जी ने कहा था कि मुझे भारतीय सेना में भरोसा नहीं है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर राजीव कुमार ऐसा क्या जानते हैं कि ममता बनर्जी उसे छुपाना चाहते हैं?

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

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