भाजपा के वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में जम्मू एवं कश्मीर में कांग्रेस पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन को लेकर कांग्रेस पार्टी से सवाल पूछे और उनसे जवाब की उम्मीद की। श्रीमती ईरानी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने इस गठबंधन को लेकर कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस नेता राहुल गाँधी से कुछ सवाल किए हैं। यह सवाल भाजपा के हर कार्यकर्ता समेत देश की जनता पूछ रही है और कांग्रेस से जवाब की उम्मीद कर रही है। कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का गठबंधन राष्ट्र के सामने “सत्ता के लालच” के रूप में सामने आया है।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से श्रीमती ईरानी ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी से पूछे गए सवालों को एक बार फिर से उठाते हुए कांग्रेस पार्टी से जवाब की उम्मीद की-
- नेशनल कांफ्रेंस की यह घोषणा है कि वो जम्मू एवं कश्मीर पर धारा 370 दोबारा लागू करेंगे। क्या राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी धारा 370 और आर्टिकल 35A को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है?
- क्या कांग्रेस पार्टी कश्मीर के नौजवानों से बातचीत करने के बदले नेशनल कांफ्रेंस के इशारे पर पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगावाद का बढ़ावा देने का इरादा रखती है? ये वही लोग हैं जो जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, वही लोग हैं जो पाकिस्तान के साथ वार्ता करने की बात करते है।
- क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी, पाकिस्तान के साथ ‘LoC ट्रेड’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं?
- क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है?
- धारा 370 हटने के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने दलित, गुजर, बकरवाल और पहाड़ियों को न्याय दिलाया। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस के वादे के साथ है? इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। नेशनल कांफ्रेंस के इशारे पर कांग्रेस पार्टी यह पाप करेगी।
- क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य पर्वत’ ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाने जाएँ?
- क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करती है?
- क्या कांग्रेस पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है?
- 10 धारा 370 के हटने के बाद भारत और भारतीयों ने अपने राष्ट्रीय संकल्प को पूरा किया है कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एक निशान, एक प्रधान और एक संविधान रहेगा। क्या कांग्रेस और राहुल गाँधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की नेशनल कांफ्रेंस की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं?
- क्या कांग्रेस पार्टी ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है?
श्रीमती ईरानी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने आंतरिक सुरक्षा, राष्ट्र सम्मान और जम्मू कश्मीर की जनता के साथ लोकतांत्रिक ढांचे में न्याय दिलाया है। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने हमेशा इसका विरोध किया है। आशा करते हैं कि जम्मू एवं कश्मीर समेत देश की जनता को कांग्रेस पार्टी उक्त सवालों का जवाब जरूर देगी।
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