भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री रवि शंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट और मुख्य न्यायाधीश श्री एनवी रमना की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया कि पेगासस को लेकर जान-बूझ कर तूफ़ान खड़ा किया गया जिसका एक ही मकसद था - आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और भारत को बदनाम करना।
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देश में कुछ ऐसे स्वयंसिद्ध बुद्धिजीवी, नेता और एनजीओ हैं जिनका एक ही उद्देश्य है - आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाना और भारतवर्ष को बदनाम करना। इन लोगों ने 2019 से ही पेगासस को लेकर एक दुष्प्रचार का अभियान छेड़ा हुआ था। आज इस दुष्प्रचार की सच्चाई सामने आ गई है।
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पेगासस को लेकर तूफ़ान खड़ा करने वालों ने 29 मोबाइल फोन में पेगासस होने की संभावना जताई थी। सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमिटी को न तो किसी फोन में पेगासस मिला और न ही जासूसी होने के कोई सबूत मिले।
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पेगासस के बहाने कांग्रेस पार्टी ने दो-दो बार संसद के सत्र को बाधित किया। पिछले साल का मानसून सत्र तो पूरा का पूरा पेगासस की भेंट चढ़ गया था। राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी ने बार-बार प्रेस कांफ्रेंस कर हमारे प्रधानमंत्री जी पर झूठे आरोप लगाए थे। क्या राहुल गाँधी आज माफी मांगेंगे!
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पेगासस को लेकर केंद्र की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ जो कैम्पेन चलाया गया, वह एक मोटिवेटेड कैंपेन का हिस्सा था जिसका सच्चाई से कोई मतलब नहीं है। अपने कुकृत्य पर क्या सोनिया गाँधी और कांग्रेस पार्टी आज देश से माफी मांगेगी?
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यदि कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी यह समझते हैं कि झूठ का सहारा लेकर वह अपनी पार्टी का विस्तार कर पायेंगे तो यह उनकी ग़लतफ़हमी है। झूठ का भांडा फूटने पर कांग्रेस तो और सिकुड़ जाती है। कांग्रेस झूठे आरोप लगाकर भाग जाने की राजनीति करती है। उन्हें पता होना चाहिए कि झूठ की खेती बहुत दिनों तक नहीं चलती।
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पेगासस से पहले कांग्रेस ने सेन्ट्रल विस्टा और राफेल पर भी दुष्प्रचार अभियान चलाया था। झूठ का सहारा लेकर आरोप लगाना और फिर पीआईएल की छतरी में कोर्ट पहुँच जाना - यही तो इनका इकोसिस्टम है। लेकिन, इनके हर झूठ को देश की अदालत ने खारिज किया।
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कांग्रेस पार्टी हमें जासूसी पर ज्ञान न दे। क्या यह सच्चाई नहीं है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी जब देश के वित्त मंत्री थे, तब कांग्रेस ने उनके ऑफिस में जासूसी कराई थी?
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2013 में एक आरटीआई के जवाब में यह सामने आया कि कांग्रेस की यूपीए सरकार में तब 9,000 फोन और 500 ईमेल अकाउंट पर हर महीने नजर रखी जा रही थी।
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मैं कांग्रेस पार्टी से कहना चाहता हूँ कि लड़ना है तो मैदान में आइये। आपका प्रायोजित झूठा कैम्पेन और पीआईएल का हथकंडा सच्चाई के सामने ठहर नहीं सकता। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ईमानदारी से काम करती है। गरीबों की चिंता करती है, किसानों की चिंता करती है, देश की सुरक्षा की चिंता करती है।
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चाहे कांग्रेस पार्टी हो या उनके बहुत नजदीकी NGO हो या फिर वामपंथी, आप कुछ भी कीजिये, आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार देश की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करेगी। देशभक्ति का हम सौदा नहीं करते बल्कि देशभक्ति तो हमारी प्रतिबद्धता है। भारत की सुरक्षा हमारा कमिटमेंट है।
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम द्वारा सबमिट किये गए रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस एंड कंपनी पर जम कर प्रहार किया।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि देश में कुछ ऐसे स्वयंसिद्ध बुद्धिजीवी, नेता और एनजीओ हैं जिनका एक ही उद्देश्य है - आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाना और भारतवर्ष को बदनाम करना। इन लोगों ने 2019 से ही पेगासस को लेकर एक दुष्प्रचार का अभियान छेड़ा हुआ था। इसके बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की गई। सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत जस्टिस रविन्द्रन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बड़े ही सक्षम टेक्नीकल मेम्बर्स की एक टीम बनाई। यह कमिटी पूरी तरह से सरकार से अलग थी और इसमें केंद्र सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं था। पेगासस को लेकर तूफ़ान खड़ा करने वाले लोगों ने 29 मोबाइल फोन को इस एक्सपर्ट कमिटी के सामने रखा। इस एक्सपर्ट कमिटी ने सबमिट किये गए सभी 29 मोबाइल फोन की जांच की और अपनी डिटेल्ड रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सबमिट की। आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री एनवी रमना ने कहा है कि एक्सपर्ट कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया है कि उन्हें किसी भी मोबाइल में पेगासस वायरस नहीं मिला। पांच मोबाइल में कुछ मैलवेयर मिला है लेकिन वह पेगासस नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने एक रिपोर्ट भी जारी करने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया कि पेगासस को लेकर जान-बूझ कर तूफ़ान खड़ा किया गया जिसका एक ही मकसद था - आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और भारत को बदनाम करना।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि पेगासस को लेकर क्या-क्या नहीं कहा गया? हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के बारे में क्या-क्या नहीं कहा गया। कांग्रेस ने पेगासस पर गला फाड़-फाड़ कर प्रेस कांफ्रेंस किया था और हमारी सरकार पर देशद्रोह का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने पिछले साल मानसून सत्र को पूरी तरह से बाधित कर दिया था। राहुल गाँधी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि पेगासस के सहारे केंद्र सरकार लोकतंत्र पर हमला किया है, संविधान पर हमला किया है। राहुल गाँधी ने कहा था कि केंद्र की भाजपा सरकार पेगासस के सहारे देश के मुख्यमंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और अन्य नेताओं की जासूसी करा रही है। राहुल गाँधी तो कई ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जिसे अपनी मर्यादाओं के कारण मैं रिपीट करना भी उचित नहीं समझता। क्या राहुल गाँधी आज माफी मांगेंगे! क्या आज कांग्रेस पार्टी अपने कुकृत्य और झूठे आरोपों के लिए माफी मांगेगी!
श्री प्रसाद ने आरोप लगाया कि पेगासस को लेकर केंद्र की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ जो कैम्पेन चलाया गया, वह एक मोटिवेटेड कैंपेन का हिस्सा था जिसका सच्चाई से कोई मतलब नहीं है। ये आरोप लगा कर भाग जाते हैं। जब पेगासस के बारे में चर्चा हो रही थी तो उन देशों की चर्चा नहीं हो रही थी जो इसका उपयोग करते थे बल्कि भारत में पेगासस का दुरुपयोग हो रहा है, इसकी चर्चा हो रही थी। यह चर्चा हो रही थी या जान-बूझ कर करवाई जा रही थी? दो-चार मीडिया आउटलेट भी इस तरह के झूठे कैम्पेन में लगे हुए थे।
कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी यह समझते हैं कि झूठ का सहारा लेकर वह अपनी पार्टी का विस्तार कर पायेंगे तो यह उनकी ग़लतफ़हमी है। जब झूठ का भांडा फूट जाता है तो कांग्रेस और सिकुड़ जाती है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ उनके मन में इतनी नफरत भरी हुई है कि ये देश के विरोध में काम करने लग जाते हैं। राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी जी, लोकतंत्र लोकलाज और संविधान से चलता है। झूठ की खेती बहुत दिन तक नहीं चलती। पेगासस से पहले इसी तरह कांग्रेस पार्टी ने सेन्ट्रल विस्टा और राफेल पर भी दुष्प्रचार अभियान चलाया था। झूठ का सहारा लेकर आरोप लगाना और फिर पीआईएल की छतरी में कोर्ट पहुँच जाना - यही तो इनका इकोसिस्टम है। लेकिन, इनके हर झूठ को देश की अदालत ने खारिज किया है।
श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमें जासूसी पर ज्ञान न दे। कांग्रेस पहले अपने गिरेबां में झांके। क्या यह सच्चाई नहीं है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी जब देश के वित्त मंत्री थे, तब कांग्रेस ने उनके ऑफिस में जासूसी कराई थी? 2013 में एक आरटीआई के जवाब में यह सामने आया कि कांग्रेस की यूपीए सरकार में तब 9,000 फोन और 500 ईमेल अकाउंट पर हर महीने नजर रखी जा रही थी। मैं कांग्रेस पार्टी से कहना चाहता हूँ कि लड़ना है तो मैदान में आइये। देश में लोकतंत्र है और जनता ईमानदारी से वोट देती है। आपका प्रायोजित झूठा कैम्पेन और पीआईएल का हथकंडा सच्चाई के सामने ठहर नहीं सकता। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ईमानदारी से काम करती है। गरीबों की चिंता करती है, किसानों की चिंता करती है, देश की सुरक्षा की चिंता करती है। चाहे कांग्रेस पार्टी हो या उनके बहुत नजदीकी NGO हो या फिर वामपंथी, आप कुछ भी कीजिये, आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार देश की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करेगी। देशभक्ति का हम सौदा नहीं करते बल्कि देशभक्ति तो हमारी प्रतिबद्धता है। भारत की सुरक्षा हमारा कमिटमेंट है।
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