Salient points of speech : Hon'ble Home Minister & Minister of Cooperation Shri Amit Shah will address "Indian Polity 65yrs Scenario & Paradigm Shift Under Modi ji" at Town Hall, Bangaluru (K'taka)


by Shri Narendra Modi -
23-02-2023
Press Release

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह जी द्वारा बेंगलुरु, कर्नाटक मेंसंवाद' द्वाराइंडियन पोलिटी 65 इयर्स सिनारियो एंड पैराडाइम शिफ्ट अंडर मोदी जी" विषय पर आयोजित व्याख्यान में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की नीतियां टॉप टू बॉटम अप्रोच पर आधारित नहीं थीं, बल्कि बॉटम टू टॉप की अप्रोच पर आधारित हैं। हम पहले नीचे की समस्या को समझते हैं, उसका विश्लेषण करते हैं, फिर नीतियां बनाते हैं और फिर उसे नीचे तक पहुंचाते हैं, इसलिए जनता हमारी नीतियों को गले लगाती है।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विकास के हर पैमाने पर सफलता के नए इतिहास रचे गए हैं। अभी तो भारत की कहानी शुरू हुई है। 2047 में महान भारत की रचना सुनिश्चित है।

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2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एक पैराडाइम शिफ्ट हुआ, राजनीति प्रिविलेज से पोटेंशियल की ओर गई जिससे भारत पोटेंशियल से पॉवर की ओर बढ़ रहा है। पहले परिवार के लोगों को ही मौका मिलता था इसीलिए प्रिविलेज था, अब जिसमें पोटेंशियल है उसी को जगह मिलती है।

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कांग्रेस की सरकारों में जातिवाद के आधार पर नीतियाँ बनती थीं, परिवारवाद के आधार पर मौके दिए जाते थे और तुष्टिकरण के आधार पर बजट का आवंटन होता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश से जातिवाद, परिवारवाद, तुष्टिकरण और वोट बैंक पॉलिटिक्स के नासूरों को ख़त्म किया है।

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कांग्रेस और समाजवादी सोच वाली पार्टियां आज परिवारवादी पार्टी बन के रह गई है। कम्युनिस्ट पार्टियों की तो इकॉनमी, परिश्रम और बुद्धिमत्ता को लेकर सोच ही संकीर्ण थी, इसलिए उनका पतन हुआ।

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हमारी विचारधारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, एकात्म मानववाद और अंत्योदय के तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। हमारा मानना है कि देश के संसाधनों पर सबसे पहला हक़ गरीबों का है, वंचितों का है, शोषितों का है। अंत्योदय से हमारा मतलब है - विकास से पीछे छूट गए लोगों को मुख्यधारा में शामिल करना।

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श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने कभी लोगों को अच्छे लगे, ऐसे फैसले नहें लिए बल्कि ऐसे फैसले लिए जो लोगों के लिए अच्छे हों। हमारी सरकार ने गरीबों को सशक्त बनाया और उन्हें सपने देखने एवं उन सपनों को पूरा करने का अवसर दिया। गरीबों को पहली बार यह अनुभूति हुई है कि दिल्ली में उनकी सरकार है।

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यदि भारत की स्थिति बदलनी है तो आप पार्टी को और पार्टी की नीति, नीयत और नेतृत्व को देख कर वोट कीजिये। आप पार्टी में इन्टरनल डेमोक्रेसी, विचारधारा और उसकी कार्यसंस्कृति के आधार पर वोट दीजिये।

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नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश के सोचने के स्केल और समस्याओं का निदान करने की स्पीड को भी बढ़ाया है। हमारा स्पष्ट मानना है कि समस्या का जब तक पूर्ण समाधान हो, तब तक समस्या, समस्या ही रहती है।

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हम हम टुकड़े-टुकड़े नहीं सोचते बल्कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार सर्वस्पर्शी और सर्व-समावेशी के सिद्धांत पर चलते हुए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर काम कर रही है।

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श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने लाभार्थियों को उनका अधिकार डीबीटी के मध्यम से देना शुरू किया है। इससे सरकार का खर्च भी कम हुआ, भ्रष्टाचार भी ख़त्म हुआ और सही लाभार्थियों तक उनका अधिकार भी पहुंचा। ये पैराडाइम शिफ्ट श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में आया है।

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विरासत पर गर्व के बारे में भी पैराडाइम शिफ्ट हुआ है। हम अपनी ही महान विरासत और संस्कृति से दूर होते चले जा रहे थे। आज भगवान् श्रीराम मंदिर का मंदिर बन रहा है, सोने से सोमनाथ मंदिर बन रहा है और काशी विश्वनाथ धाम बन कर तैयार हो चुका है।

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हमने हमारी महान संस्कृति और महान भाषाओं को महत्त्व दिया है। कन्नड़, तेलुगु, तमिल सभी हमारी महान भाषाएँ हैं, इसलिए हमने मातृभाषा में शिक्षा की बात कही है। भाषा तो विचार की अभिव्यक्ति है, विचार नहीं। भाषा IQ का प्रमाण नहीं है।

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मातृभाषा में हमारे छात्रों को, युवाओं को आगे नहीं बढ़ाने से हमारी लगभग 96 प्रतिशत एनर्जी वेस्ट चली जाती है। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा और मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की शिक्षा के प्रावधान से काफी बदलाव आएगा।

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आतंकवाद के खिलाफ और क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई की बात हो या डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए व्यवस्था तंत्र मजबूत करने की बात हो, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की लीडरशिप में दुनिया ने भरोसा जाताया है।

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह जी ने आज गुरुवार को टाउन हॉल, बेंगलुरु मेंसंवाद' द्वारा "Indian Polity 65 years Scenario & Paradigm Shift Under Modi Ji" विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित किया और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत 9 वर्षों में हर क्षेत्र में आये पैराडाइम शिफ्ट को लेकर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई और “SAMVADA" से श्री प्रकाश जी सहित कई गणमान्य व्यक्ति और बुद्धिजीवी उपस्थित थे।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हम आजादी का अमृतकाल मना रहे हैं। देश ने अब तक 17 लोक सभा चुनाव, 15 प्रधानमंत्री और 22 सरकारें देखी है और सबने अपने-अपने तरीके से देश को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है लेकिन ये पीछे मुड़ कर 1947 से 2022 तक की देश की यात्रा को देखने और उसका विश्लेषण करने का समय है कि देश इन प्रयासों से कितना आगे बढ़ पाया है। साथ ही, अब हमें यह भी तय करना है कि 2047 में जब देश आजादी की स्वर्णजयंती मना रहा होगा तो हम देश को कहाँ देखना चाहते हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में तो हम यह लक्ष्य लेकर निकले हैं कि 2047 में भारत हर क्षेत्र में दुनिया में सर्वप्रथम हो और ग्लोबल लीडर हो।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आयोजकों ने विषय को दो कालखंडों में बांटा है - एक तो आजादी के पहले 65 साल का भारत और दूसरा केंद्र में आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद का भारत। जब देश आजादी हुआ तो संविधान निर्माताओं ने यह तय किया कि भारत मल्टी पार्टी पार्लियामेंट्री डेमोक्रेटिक पार्टी सिस्टम के आधार पर चलेगा और जब यह तय हुआ, उसके बाद 1950 से देश में राजनीतिक पार्टियां बननी शुरू हुई। कई लोग कहते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन मेरा मानना है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र तो है ही लेकिन इससे पहले भारत ‘Mother of Democracy' है। यह दुनिया को दी गई भारत की थाती है। वैशाली, मगध से लेकर यहाँ भी भगवान् बसवेश्वर के अनुभव मंडपम में भी इसकी झलक मिलती है।

 

श्री शाह ने कहा कि देश की आजादी के समय जनता के सामने चार ऑप्शन थे - एक तो कांग्रेस जिसके पास देश की आजादी का पूरा यश था, दूसरा जन संघ जो देश की मिट्टी की सुगंध से सुवासित नीतियों से बना था, तीसरी सोच समाजवादी विचारधारा थी और चौथा ऑप्शन कम्युनिस्ट पार्टियां थी। आज की स्थिति देखिये कि देश की आजादी के महान कार्य के लिए बनी कांग्रेस आज पूरी की पूरी परिवारवादी व्यवस्था में घिर चुकी है और उसमें इन्टरनल डेमोक्रेसी पूर्ण रूप से समाप्त हो गई है। लोहिया युग के बाद समाजवाद भी पहले जातिवादी पार्टी और अब परिवारवादी पार्टी के रूप में ही प्रतिष्ठित हो गई है। आप राजद और सपा की हालत देख सकते हैं। कर्नाटक में जेडीएस को देख लीजिये - वह पूर्ण रूप से परिवारवादी पार्टी है। परिवार में ऐसा कोई सदस्य ढूंढ ही नहीं सकते जो चुनाव लड़ता हो। कम्युनिस्ट पार्टियों की इकॉनमी के बारे में सोच ही सकीर्ण थी। उनके विचार में परिश्रम और बुद्धिमत्ता का कोई महत्व ही नहीं था, इसलिए कम्युनिस्ट विचारधारा भी दुनिया से लगभग समाप्त हो गई। ये बात जरूर है कि जन संघ से से लेकर भारतीय जनता पार्टी के रूप में अब तक की यात्रा हमारी काफी संघर्षपूर्ण रही है लेकिन हमने तमाम झंझावातों को झेलते हुए भी अपनी विचारधारा को पकड़ कर रखा, हम उससे अलग नहीं हुए। कांग्रेस परिवारवादी पार्टी बन गई लेकिन हमने अपनी पार्टी में इन्टरनल डेमोक्रेसी को आगे बढ़ाया। हमारी पार्टी में किसी राष्ट्रीय अध्यक्ष का बेटा पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनता बल्कि यहाँ मेधा और परिश्रम को सम्मान दिया जाता है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की स्थापना किसी विचारधारा के साथ नहीं हुई थी बल्कि विभिन्न विचारधाराओं को मानने वाले लोगों ने देश की आजादी के लिए कांग्रेस को एक मंच बनाया क्योंकि सबका लक्ष्य एक था - देश की आजादी। कांग्रेस में अलग-अलग विषयों को लेकर नीतियों में कोई स्पष्टता नहीं थी, इसलिए महात्मा गाँधी जी ने भी आजादी के बाद कहा था कि कांग्रेस को अब ख़त्म कर देना चाहिए लेकिन ऐसा हो पाया।

 

श्री शाह ने कहा कि भाजपा की विचारधारा के बारे में काफी कन्फ्यूजन क्रियेट किया गया और गलत बातें फैलाई गई। हमारी विचारधारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, एकात्म मानववाद और अंत्योदय के तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। दुनिया के बाकी सभी देश जियो-पॉलिटिकल देश हैं लेकिन हमारा देश जियो-कल्चरल देश है। यहाँ मणिपुरी नृत्य में भी श्रीकृष्ण दिखाई देते हैं तो भारत नाट्यम, गरबा और कुचिपुड़ी में भी श्रीकृष्ण की छाप है। नदियों, पेड़-पौधों - सबके बारे में सम्मान का भाव हमारी संस्कृति में अलग-अलग खान-पान, वेश-भूषा, भाषा के बावजूद है। हमारा स्पष्ट मानना है कि व्यक्ति से लेकर ब्रह्माण्ड तक सभी चीजें एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और किसी का भीस्ट्रीम' संतुलन को तोड़ सकता है। व्यक्ति से समष्टि तक की यात्रा है एकात्म मानववाद का दर्शन। हमारी विचारधारा का तीसरा स्तम्भ है अंत्योदय। हमने तो यह भी सुना है कि देश के संसाधनों पर सबसे पहला हक़ किसका है। कांग्रेस कुछ भी कहे लेकिन हमारा मानना है कि देश के संसाधनों पर सबसे पहला हक़ गरीबों का है, वंचितों का है, शोषितों का है। अंत्योदय से हमारा मतलब है - विकास की मुख्यधारा से पीछे छूट गए लोगों को विकास की अग्रिम पंक्ति में प्रतिष्ठित करना। भाजपा की स्थापना का यही उद्देश्य है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जब पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने जो नीतियाँ बनाई, वह पश्चिमी नीतियों से प्रभावित थी, उसमें देश की मिट्टी की सुंगध नहीं थी। इसलिए, हमारे मनीषी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर विचारधारा के आधार पर जन संघ की स्थापना की। सालों तक सत्ता में में आने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं थी लेकिन हमने अपना संघर्ष जारी रखा, हमने हर विषय पर वैकल्पिक नीतियों का दस्तावेज देश के सामने रखा और इसी का परिणाम है कि आज भाजपा देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। आज हमारे लगभग 18 करोड़ सदस्य हैं, लगभग 1500 विधायक हैं, 400 सांसद हैं और देश के लगभग 66 प्रतिशत हिस्से में भाजपा की सरकार है।

 

श्री शाह ने कहा कि देश में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार रही, कम्युनिस्टों को भी कई राज्यों में लंबे समय तक काम करने का मौक़ा मिला और भाजपा को भी अब कई राज्यों में और केंद्र में सरकार में रह कर काम करने का मौक़ा मिला। इसलिए अब देश के बुद्धिजीवियों को और देश के नागरिकों को तीनों की सरकारों में हुए विकास कार्यों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिए। जनता को किसी पार्टी के वादों पर नहीं बल्कि तीनों पार्टियों की सरकारों के परफॉरमेंस पर विश्वास करना चाहिए। मैं आपको एक उदाहरण देना चाहता हूँ। पुराने उत्तर प्रदेश, पुराने मध्यम प्रदेश (छत्तीसगढ़ भी), राजस्थान और छत्तीसगढ़ - ये चारों बड़े राज्य देश का लगभग 50 प्रतिशत भू-भाग को कवर करते हैं और लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या इन प्रदेशों में वास करती है। इन सभी राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी और कांग्रेस की सरकार के समय प्लानिंग कमीशन को BIMARU राज्य घोषित काना पड़ा था। कांग्रेस का ऐसा शासन चला कि ये चारों बड़े राज्य विकास के पायदान में सभी क्षेत्रों में नीचे गए थे। जनता के आशीर्वाद से चारों जगह भाजपा की सरकारें आई। आज इनमें से एक भी राज्य बीमारु प्रदेश की सूची में नहीं आता। कम्युनिस्टों ने बंगाल में लगभग 27 साल तक शासन किया और भाजपा की सरकार भी गुजरात में 27 सालों से है। आप इन दोनों राज्यों के विकास के आंकड़ों की तुलना भी कर सकते हैं। आपको मालूम पड़ेगा कि किसी भी राज्य में भाजपा के आने से पहले की स्थिति और भाजपा के आने के बाद की स्थिति में कितना व्यापक परिवर्तन आया है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हम पर आरोप लगता है कि ये लोगभारत माता की जय' बोलते हैं, ये शासन कर सकते हैं क्या? हम पर प्रश्न चिह्न लगाए जाते थे। अब हमने सरकार चला कर दिखाया है, अच्छे से चलाया है और श्रेष्ठ तरीके से चलाया है। ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि भाजपा की नीतियाँटॉप टू बॉटम' नहीं बल्किबॉटम टू टॉप' की अप्रोच वाली थी। हमारी सरकार बॉटम की समस्या को समझती है, समस्याओं को समझ कर उनका विश्लेषण करती है, उसका समाधान ढूंढती है, फिर इसकाटॉप' पर डिस्कशन होता है, फिर नीतियां बनती है और फिर उन नीतियों कोबॉटम' तक पहुंचाया जाता है तो लोग उन नीतियों को गले लगाते हैं।

 

श्री शाह ने कहा कि अब मैं 65 साल बनाम 9 साल की बात करता हूँ। 2004 से 2014 तक हमारे सभी विरोधियों ने मिलकर केंद्र में सरकार बनाई। इस दौरान देश में पॉलिसी पैरालिसिस और अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उस सरकार में हर मंत्री अपने आप को प्रधानमंत्री समझता था और प्रधानमंत्री को कोई प्रधानमंत्री समझता ही नहीं था। एक भी पॉलिसी उस दौरान कांग्रेस की सरकार में बनी नहीं थी। 12 लाख करोड़ रुपये के घपले-घोटाले के समाचार अखबारों की सुर्खियाँ बन रही थी। भ्रष्टाचार अपने चरम पर था। भारत की अर्थव्यवस्थाफ्रेजाइल फाइवमें थी। देश का फिस्कल डेफिसिट लगातार बढ़ता ही जा रहा था। ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस में हम काफी नीचे आ गए थे। देश की सुरक्षा खतरे में थी। दुनिया में हमारे प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं था। ऐसी स्थिति देश की कांग्रेस की सरकार के समय बन गई थी। इसके आधार पर आपको पता चलेगा कि आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में किस तरह से बदलाव आया।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एक पैराडाइम शिफ्ट हुआ, राजनीति प्रिविलेज से पोटेंशियल की ओर गई जिससे भारत पोटेंशियल से पॉवर की ओर बढ़ रहा है। पहले परिवार के लोगों को ही मौका मिलता था इसीलिए प्रिविलेज था, अब जिसमें पोटेंशियल है उसी को जगह मिलती है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश से जातिवाद, परिवारवाद, तुष्टिकरण और वोट बैंक की पॉलिटिक्स के नासूरों को ख़त्म किया है। कांग्रेस की सरकारों में जातिवाद के आधार पर नीतियाँ बनती थीं, परिवारवाद के आधार पर मौके दिए जाते थे और तुष्टिकरण के आधार पर बजट का आवंटन होता था। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने कभी लोगों को अच्छे लगे, ऐसे फैसले नहें लिए बल्कि ऐसे फैसले लिए जो लोगों के लिए अच्छे हों। हमने कभी भी वोट बैंक की राजनीति नहीं की। पैराडाइम शिफ्ट का मतलब क्या होता है - ये इससे समझिये कि आजादी के 70 साल बाद ही देश के 11 करोड़ घरों में शौचालय नहीं थे, 9 करोड़ परिवार में गैस कनेक्शन नहीं था, करोड़ों आबादी के पास अपना बैंक एकाउंट तक नहीं था, कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं था। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने ये सब कार्य किया। गरीबों के घर बनाए, घर में बिजली, पानी, शौचालय, गैस कनेक्शन और आयुष्मान कार्ड पहुंचाया। कोरोना काल से अब तक लगभग ढाई वर्षों से देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को हर महीने पांच-पांच किलो गेहूं/चावल और एक-एक किलो दाल मुहैया कराया जा रहा है। आजादी के बाद पहली बार देश के गरीबों को यह अनुभूति हुई है कि दिल्ली में उनकी सरकार है जो उनके बारे में सोच रहा है। हमारी सरकार ने गरीबों को सशक्त बनाया और उन्हें सपने देखने और उन सपनों को पूरा करने का अवसर दिया। इसलिए मेरा आपसे कहना है कि आप किसी भी पार्टी को वोट देने से पहले यह अध्ययन करें कि उस पार्टी में इन्टरनल डेमोक्रेसी है या नहीं, पार्टी की विचारधारा क्या है और सत्ता में आने के बाद उन्होंने किस तरह से कार्य किया है।

 

श्री शाह ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश के सोचने के स्केल और समस्याओं का निदान करने की स्पीड को भी बढ़ाया है। पहले इस तरह का लक्ष्य निर्धारित किया जाता था कि इतने टॉयलेट्स बनेंगे, इतने घर बनेंगे इत्यादि। जबकि, श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया कि हर गरीब के पास अपना पक्का मकान होगा, हर घर में बिजली, पानी, गैस कनेक्शन और शौचालय होगा। सबको नल से जल बनेगा। सबको आयुष्मान कार्ड बनेगा। हमने देश के सोचने के स्केल को ही बदल दिया। हमारा स्पष्ट मानना है कि समस्या का जब तक पूर्ण समाधान हो, तब तक समस्या, समस्या ही रहती है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने नीति निर्धारण भी शुरू किया। नई शिक्षा नीति बनी, नई हेल्थ पॉलिसी बनी, नई ड्रोन पॉलिसी बनी, डिजास्टर मैनेजमेंट की नीति बनी, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स पॉलिसी बनी, स्किल इंडिया पॉलिसी बनी, स्टैंड-अप पॉलिसी बनी, स्टार्ट-अप पॉलिसी बनी, डिजिटल इंडिया पॉलिसी बनी, मेक इन इंडिया पॉलिसी बनी, उड़ान पॉलिसी बनी, ग्रीन इंडिया राष्ट्रीय मिशन बना, स्वच्छ भारत अभियान शुरू हुआ, सामाजिक सुरक्षा योजनायें बनी, जीएसटी इम्प्लीमेंट की गई, स्मार्ट सिटी का कांसेप्ट बना, उज्जवल डिस्कॉम की योजना बनी, पीएलआई की स्कीम बनी जिसमें लगभग 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया, ग्रीन हाइड्रोजन की पॉलिसी बनी और जनजातीय समाज के कल्याण के लिए भी नीतियाँ बनी। इन नीतियों से बदलाव क्या आया? बदलाव ये आया कि आज भारत दुनिया में सबसे बड़ा डिजिटल लेनदेन करने वाला देश है। एलईडी बल्ब लगाने में भारत नंबर वन है। दुनिया में सबसे अधिक शौचालय बनाने में भारत 11 करोड़ के आंकड़े के साथ सबसे आगे है। सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम भारत ने चलाया, दाल उत्पादन में भारत सबसे आगे निकला, दुग्ध उत्पादन में भारत सबसे आगे निकला, जूट उत्पादन में भारत सबसे ऊपर है और सबसे अधिक रेलवे इंजन बनाने वाला देश भी भारत ही है। अब तो हम रेलवे इंजन विदेशों में भी भेज रहे हैं। इतना ही नहीं, भारत मोबाइल हैंडसेट के निर्माण में, सीमेंट उत्पादन में, स्टील उत्पादन में, चाय उत्पादन में और कॉटन उत्पादन में दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुँच चुका है। स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनाने में और मोटर व्हीकल बनाने में हम दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुँच गए हैं। आज देश में लगभग 84,000 स्टार्ट-अप्स हैं जिसमें से लगभग 107 यूनिकॉर्न हैं।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हम हम टुकड़े-टुकड़े नहीं सोचते बल्कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार सर्वस्पर्शी और सर्व-समावेशी के सिद्धांत पर चलते हुए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर काम कर रही है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी गरीबी से निकल कर आये हैं, गरीबी को जिया है और गरीबी में ही बड़े हुए हैं, वे गरीबों की मजबूरी समझते हैं, इसलिए वे गरीबों के सशक्तिकरण में लगे हुए हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में आये क्रांतिकारी बदलाव का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने सबसे पहले स्वच्छता अभियान चलाया, हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाया, लोगों को योग के लिए प्रेरित किया, फिट इंडिया और खेलो इंडिया मूवमेंट शुरू किया, आयुष्मान भारत योजना शुरू की, सस्ती दवाइयों के लिए जन-औषधि केंद्र खोले, हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का कार्य हाथ में लिया और अब वेलनेस सेंटर्स खोले जा रहे हैं।

 

श्री शाह ने कहा कि डीबीटी के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार को ख़त्म किया गया। गुजरात में पहले विधवा सही योजना मनीऑर्डर से दिए जाते थे लेकिन डीबीटी आने के बाद अब सीधा पैसा विधवा लाभार्थियों के एकाउंट में जाता है। डीबीटी शुरू होने के बाद 30 प्रतिशत लाभार्थी फर्जी निकले। आप समझ सकते हैं कि डीबीटी से देश को कितना लाभ हुआ है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने लाभार्थियों को उनका अधिकार डीबीटी के मध्यम से देना शुरू किया है। इससे सरकार का खर्च भी कम हुआ, भ्रष्टाचार भी ख़त्म हुआ और सही लाभार्थियों तक उनका अधिकार भी पहुंचा। ये पैराडाइम शिफ्ट श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में आया है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोरोना में पूरी दुनिया चिंतित थी कि भारत का क्या होगा लेकिन कोरोना को सबसे कारगर ढंग से भारत ने पराजित किया। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश को विश्वास में लिया, उन्हें एकजुट किया, उनकी चिंता की, समय पर स्वदेशी वैक्सीन के निर्माण को प्रेरित किया, वैज्ञानिक तरीके से वैक्सीनेशन प्रोग्राम को कंडक्ट किया और 130 करोड़ देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। ये सारे कार्य वही कर सकता है जो संवेदनशील हो और जो हर वक्त देश के बारे में सोचता हो। जनता कर्फ्यू, दीया जलाओ, ताली बजाओ-थाली बजाओ, कोविड वॉरियर्स का सम्मान हो - इन सब अभियानों ने पूरे देश के लोगों में लड़ाई का जज्बा भरा और महामारी को हारने की ताकत दी। कोरोना की दूसरी लहर में जब अचानक ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी तो 7 ही दिन में इस समस्या पर काबू पाया गया और इस तरह की नीति बनाई गई कि हर जिला अस्पताल और 50 बेड्स वाले हॉस्पिटल में ऑक्सीजन जेनरेशन की सुविधा हो। केंद्र में जब संवेदनशील और दूरदर्शी नेता हो तो देश किस तरह आपदा को अवसर में बदलता है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये की योजना बनाई और उसे इम्प्लीमेंट किया।

 

श्री शाह ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच में से हमारे प्रधानमंत्री जी ने दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष से बात कर भारतीय छात्रों की सकुशल वापसी सुनिश्चित की। आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर भी श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने व्यापक कार्य किया है। आज जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लगी है। धारा 370 के ख़त्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास के एक नए युग का शुभारंभ हुआ है2022 में लगभग 1.80 करोड़ लोग जम्मू-कश्मीर गए और सभी सकुशल वापस आये। जम्मू-कश्मीर में हर प्रकार की हिंसा 10 प्रतिशत से कम हो गई है। पूर्वोत्तर में हर तरह की हिंसा में 70 प्रतिशत की कमी आई है। नक्सलवाद भी कुछ ही जिलों में सिमट कर रह गई है। ये एक बड़ी उपलब्धि है। कर्नाटक में PFI कितना बड़ा खतरा था, एक के बाद एक घटना में इसकी इसका हाथ होता था। हमारी सरकार ने इस पर बैन लगाया और दोषियों को जेल में डाला।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैराडाइम शिफ्ट केवल विकास या इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में ही नहीं हुआ बल्कि डिफेंस सहित हर क्षेत्र में हुआ है। नेशनल हाइवे के निर्माण की स्पीड लगभग छः गुना बढ़ गई है। विरासत पर गर्व के बारे में भी पैराडाइम शिफ्ट हुआ है। हम अपनी ही महान विरासत और संस्कृति से दूर होते चले जा रहे थे।गवान् श्रीराम मंदिर का मामला वर्षों से अटका हुआ था। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में इसका स्थायी समाधान हुआ और उनके ही कर-कमलों से अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का शिलान्यास हुआ। 1025 में सोमनाथ मंदिर को लूटा गया था, आज उसे फिर से सोने से बनाने का काम शुरू हो गया है। औरंगजेब द्वारा तोड़े जाने के लगभग 600 साल बाद काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। उज्जैन महाकाल के परिसर को दिव्य बनाया गया है।

 

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि हमने हमारी महान संस्कृति और महान भाषाओं को महत्त्व दिया है। कन्नड़, तेलुगु, तमिल सभी हमारी महान भाषाएँ हैं, इसलिए हमने मातृभाषा में शिक्षा की बात कही है। भाषा तो विचार की अभिव्यक्ति है, विचार नहीं है। भाषा IQ का प्रमाण नहीं है। अभिव्यक्ति को ज्ञान मानने वाले ज्ञान की व्याख्या ही नहीं समझते। मातृभाषा में हमारे छात्रों को, युवाओं को आगे नहीं बढ़ाने से हमारी लगभग 96 प्रतिशत एनर्जी वेस्ट चली जाती है। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा और मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की शिक्षा के प्रावधान से काफी बदलाव आएगा।

 

श्री शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ और क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई की बात हो या डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए व्यवस्था तंत्र मजबूत करने की बात हो, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की लीडरशिप में दुनिया ने भरोसा जाताया है। उनकी पहल पर पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जाना हो, सोलर एलायंस के हेडक्वार्टर को भारत लाना हो या कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग हो, हर क्षेत्र में दुनिया में भारत की पहल को सराहा है।  2014 में भारत दुनिया की 11वीं अर्थव्यस्था थी जो आज साढ़े 8 वर्षों में पांचवें स्थान पर पहुँच गई है। निकट भविष्य में ही हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। आज हम डिफेंस के क्षेत्र में लगभग 70 प्रतिशत साजो-सामान खुद बना रहे हैं। एनर्जी सिक्योरिटी में सबसे अधिक सोलर एनर्जी का उत्पादन करने वाले देशों में आज भारत अग्रणी है। स्पेस सेक्टर में भी कई अवसर हमें बनाए हैं। कर्नाटक में साइबर, स्पेस और डिफेंस के क्षेत्र में काफी काम हो रहा है।

 

अंत में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आप वोट कभी भी व्यक्ति को देख कर मत कीजिये। यदि भारत की स्थिति बदलनी है तो आप पार्टी को और पार्टी की नीति, नीयत और नेतृत्व को देख कर वोट कीजिये। मैंने जो पिछले लगभग 9 सालों की भारत की विकास की कहानी सुनाई है, वह तो एक शुरुआत भर है। अभी तो भारत की कहानी शुरू हुई है। 2047 में महान भारत की रचना सुनिश्चित है। 2047 में हम देश की आजादी के सेनानियों के सपनों का भारत निर्माण करने में सफल होंगे जो विश्वगुरु होगा और पूरी दुनिया हमें सम्मान से देखेगी।

 

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