Salient points of virtual press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra


03-06-2021
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता (वर्चुअल) के मुख्य बिंदु

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज एक प्रेस वार्ता को वर्चुअली संबोधित किया और दिल्ली सरकार से कोरोना से हुई मौतों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग रखी। साथ ही उन्होंने कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहाकिस प्रकार से सैंकड़ों लोगों की मृत्यु होती है और किस प्रकार से इन आंकड़ों को छुपाया जाता है और कोई भी इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। इस प्रकार का एक चित्रण दिल्ली की सरकार हम सबके सामने रखने का प्रयास कर रही है।

 

डॉ पात्रा ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के संबंध में अप्रैल और मई, ये 2 महीने बेहद महत्वपूर्ण रहे। इस बीच 34,750 मृत्यु प्रमाण पत्र दिल्ली के 3 नगर निगम द्वारा जारी किए गए। इतनी बड़ी तादाद में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा दिया आंकड़ा सिर्फ 9,916 है। दिल्ली सरकार द्वारा जो आंकड़े दिखाए गए और जो वास्तविक आंकड़े हैं उसमें 250% की बढ़ोतरी है.

 

डॉ पात्रा ने कहा कि 2 महीनों के कोविड के आधिकारिक आंकड़े 13,201 रहे हैं। नगर निगम के आंकड़ों और आधिकारिक आंकड़ों का अंतर 21,549 है। यानि 21,000 से अधिक मौतों का कोई हिसाब देने को तैयार नहीं है। क्या दिल्ली सरकार इस पर कुछ स्पष्टीकरण देंगे? किस प्रकार से सैंकड़ों लोगों की मृत्यु होती है और किस प्रकार से इन आंकड़ों को छुपाया जाता है और कोई भी इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। डॉ पात्रा ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या इस अनअकाउंटेड डेथ की भी ऑडिट नहीं होनी चाहिए? 

 

डॉ पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी ने कहा था कि हम दिल्ली में ऑक्सीजन की होम डिलीवरी करेंगे। दवाओं, ऑक्सीजन की होम डिलीवरी में दिल्ली सरकार तो सफल नहीं रही लेकिन आज स्थिति यह है कि दिल्ली सरकार शराब की होम डिलीवरी करा रही है। केजरीवाल जी क्या ये हकीकत नहीं है कि जिस समय कोविड की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, जानबूझकर और अपनी सरकार की साख को बचाने के लिए आपने दिल्ली में टेस्टिंग की संख्या को कम कर दिया?

 

डॉ पात्र ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा कि आखिर क्यों 2015 से 2019 के बीच दिल्ली में एक भी नया अस्पताल नहीं खोला गया? 2013 के पश्चात दिल्ली में 16 ऐसे अस्पताल थे, जो अंडर कंस्ट्रक्शन थे और उनका उद्घाटन होना था, लेकिन क्या कारण रहा कि इन 16 में से एक भी अस्पताल कार्यान्वित नहीं हो पाया? केजरीवाल सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि द्वारका स्थित इंदिरा गाँधी अस्पताल में 250 बेड वाला अस्पताल खोला गया है लेकिन जब न्यायालय ने इस बात की समीक्षा की तो बात झूठी निकली. आखिर केजरीवाल सरकार ने देश और दिल्ली की जनता तथा न्यायालय को बरगलाने की कोशिश क्यों की?

 

डॉ पात्रा ने दिल्ली में कोरोना की भयावह स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा कि केस फैटेलिटी रेट पूरे हिंदुस्तान में सर्वाधिक दिल्ली में है और जबकि दूसरे स्थान पर पंजाब है। दिल्ली में यह 2.9% है जबकि राष्ट्रीय फैटेलिटी रेट 1.3% है यानि दिल्ली की फैटेलिटी रेट राष्ट्रीय औसत के दोगुना से भी ज्यादा है। क्या कारण है कि दिल्ली में इतनी मृत्यु हुई है?

 

डॉ पात्रा ने निम्न सवाल उठाते हुए केजरीवाल सरकार से इसपर एक श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की-

 

आप सरकार ने दिल्ली में हुई मौतों के आंकड़े कम क्यों दिखाए?

 

केजरीवाल सरकार  ने ऑक्सीजन ऑडिट क्यों मना किया था?

 

आखिर केजरीवाल सरकार ने कोरोना की टेस्टिंग कम क्यों की?

 

केजरीवाल सरकार ने अब तक एक भी अस्पताल क्यों नहीं बनवाए?

 

वैक्सीन को लेकर केजरीवाल सरकार ने झूठ क्यों बोला?

 

केजरीवाल सरकार ने ऑक्सीजन को स्टोर करने की व्यवस्था क्यों नहीं की?

 

दिल्ली सरकार ने कितने ऑक्सीजन प्लांट अब तक लगाए?

 

महेंद्र पांडेय

(कार्यालय सचिव)

 

To Write Comment Please Login