Salient points of virtual press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


08-06-2021
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता (वर्चुअल) के मुख्य बिंदु

 

 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी जहां कोविड के विरुद्ध एक निर्णायक लड़ाई लड़ रही है वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी इस आपदा की घड़ी में नित नए घोटाले में संलिप्त नजर आ रही है.

************

पंजाब में कुछ दिन पहले ही वैक्सीन को निजी अस्पतालों को बेचने संबंधी मुनाफाखोरी का वसूली मॉडल सामने आया था। उस घोटाले में अभी तक उचित कार्रवाई भी कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा नहीं हुई कि अब फ़तेह कोविड-19 किट खरीद घोटाला सामने आ गया।

************

पंजाब की कांग्रेस सरकार ने कोविड आपदा के समय कोविड फ़तेह किट्स प्रदेश की जनता के लिए खरीदने का निर्णय लिया. अप्रैल के पहले सप्ताह में पहला टेंडर आया, जिसमें इस फ़तेह किट की कीमत 837 रूपये निर्धारित की गई थी, जो पहले से ही बढ़ी हुई कीमत थी. इस पहले टेंडर में 17,000 किट लेने का निर्णय हुआ। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक ये जानकारी भी नहीं है कि ये किट जनता के लिए आई भी या नहीं।

************

पंजाब सरकार द्वारा आनन फानन में, 20 अप्रैल के आसपास एक दूसरा टेंडर लाया गया जिसमें इस फ़तेह किट की कीमत 837 रूपये से बढ़ाकर 1,226 रूपये तय की गई अर्थात सीधे 46 फीसदी की बढ़ोतरी.

************

पुनः 17 दिन बाद आये तीसरे टेंडर में इस किट की कीमत 1,226 रुपये से बढ़ाकर 1,338 रुपये तय की गई अर्थात पहले टेंडर की तुलना में सीधे 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

************

एक अनिवार्य ड्रग लाइसेंस होता है, जो उन सबके लिए अनिवार्य है, जो सरकार को कोई भी दवाई या चिकित्सीय सामग्री देता है। लेकिन जो दूसरा और तीसरा टेंडर लाया गया, उनके पास ये लाइसेंस नहीं था। उसके बावजूद आनन फानन में बड़े दामों पर, बिना पारदर्शिता के फ़तेह किट्स का सरकारी टेंडर इस कम्पनी को दे दिया गया। आखिर अनिवार्य ड्रग्स लाइसेंस की अनदेखी क्यों की गई?

************

जब पहले वाले टेंडर की वैधता छह माह की थी तो फिर इसे नजरअंदाज करते हुए दूसरे और तीसरे टेंडर की अनुमति क्यों दी गई? क्या इस भ्रष्टाचार के तार गाँधी परिवार से जुड़े हैं?

************

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जी तो इस घोटाले के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन क्या कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांघी जी और राहुल गाँधी जी इस मामले में कोई स्पष्टीकरण देंगे?

************

दरअसल, पंजाब में घोटाले का BMW मॉडल चल रहा है अर्थात B-भ्रष्टाचार, M-मुनाफाखोरी और W-वेस्टेज. यही है पंजाब की वसूली और भ्रष्टाचार की सरकार। इनकों बड़े बड़े निजी अस्पतालों की चिंता है. ये चाहते हैं कि गरीब व्यक्ति भी महंगी से महंगी वैक्सीन ले और जो रुपया पहुंचेगा, वो घूमकर कांग्रेस के पास आएगा।

 

 

इस गंभीर मामले में सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी अपनी चुप्पी तोड़ें। पंजाब की जनता जवाब मांग रही है कि उनकी मेहनत की कमाई से घूसखोरी, वसूली क्यों हो रही है? अगर आप चुप रहेंगे तो ये तय हो जाएगा कि पंजाब में एक और घोटाला हुआ है।

************

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज एक प्रेस वार्ता को वर्चुअली संबोधित किया और कांग्रेस शासित पंजाब राज्य में फ़तेह किट्स खरीद मामले में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी जहां कोविड के विरुद्ध एक निर्णायक लड़ाई लड़ रही है वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी इस आपदा की घड़ी में नित नए घोटाले में संलिप्त नजर आ रही है. 

 

श्री भाटिया ने कांग्रेस शासित पंजाब राज्य की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में कुछ दिन पहले ही वैक्सीन को निजी अस्पतालों को बेचने संबंधी मुनाफाखोरी का वसूली मॉडल सामने आया था। उस घोटाले में अभी तक उचित कार्रवाई भी कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा नहीं हुई कि अब फ़तेह कोविड-19 किट खरीद घोटाला सामने आ गया।

 

श्री भाटिया ने पंजाब के फ़तेह कोविड किट्स घोटाले से संबंधित तीन महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यानाकर्षित करते हुए कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने कोविड आपदा के समय कोविड फ़तेह किट्स प्रदेश की जनता के लिए खरीदने का निर्णय लिया. अप्रैल के पहले सप्ताह में पहला टेंडर आया, जिसमें इस फ़तेह किट की कीमत 837 रूपये निर्धारित की गई थी, जो पहले से ही बढ़ी हुई कीमत थी. इस पहले टेंडर में 17,000 किट लेने का निर्णय हुआ। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक ये जानकारी भी नहीं है कि ये किट जनता के लिए आई भी या नहीं।

 

श्री भाटिया ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि पंजाब सरकार द्वारा आनन फानन में, 20 अप्रैल के आसपास एक दूसरा टेंडर लाया गया जिसमें इस फ़तेह किट की कीमत 837 रूपये से बढ़ाकर 1,226 रूपये तय की गई अर्थात सीधे 46 फीसदी की बढ़ोतरी. पुनः 17 दिन बाद आये तीसरे टेंडर में इस किट की कीमत 1,226 रुपये से बढ़ाकर 1,338 रुपये तय की गई अर्थात पहले टेंडर की तुलना में सीधे 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. आपदा के समय प्रदेश की जनता का दुःख बांटकर जहां मरहम लगाना था, वहीँ कांग्रेस की भ्रष्टाचारी सरकार पहले वसूली करती रही फिर भ्रष्टाचार.

 

श्री भाटिया ने कहा कि एक अनिवार्य ड्रग लाइसेंस होता है, जो उन सबके लिए अनिवार्य है, जो सरकार को कोई भी दवाई या चिकित्सीय सामग्री देता है। लेकिन जो दूसरा और तीसरा टेंडर लाया गया, उनके पास ये लाइसेंस नहीं था। उसके बावजूद आनन फानन में बड़े दामों पर, बिना पारदर्शिता के फ़तेह किट्स का सरकारी टेंडर इस कम्पनी को दे दिया गया। आखिर अनिवार्य ड्रग्स लाइसेंस की अनदेखी क्यों की गई? सबसे महत्वपूर्ण बात है कि जब पहले वाले टेंडर की वैधता छह माह की थी तो फिर इसे नजरअंदाज करते हुए दूसरे और तीसरे टेंडर की अनुमति क्यों दी गई? क्या इस भ्रष्टाचार के तार गाँधी परिवार से जुड़े हैं?

 

श्री भाटिया ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जी तो इस घोटाले के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन क्या कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांघी जी और राहुल गाँधी जी इस मामले में कोई स्पष्टीकरण देंगे?     

 

दरअसल, पंजाब में घोटाले का BMW मॉडल चल रहा है अर्थात B-भ्रष्टाचार, M-मुनाफाखोरी और W-वेस्टेज. यही है पंजाब की वसूली और भ्रष्टाचार की सरकार। इनकों बड़े बड़े निजी अस्पतालों की चिंता है. ये चाहते हैं कि गरीब व्यक्ति भी महंगी से महंगी वैक्सीन ले और जो रुपया पहुंचेगा, वो घूमकर कांग्रेस के पास आएगा।

 

आज देश की जनता कह रही है कि ये तो ईमानदार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोविड राहत के लिए लाखों करोड़ की सामग्री, वैक्सीन और चिकित्सा उपकरण बिना किसी भेदभाव के सभी प्रदेशों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लेकिन जिन प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार है, वहां भ्रष्टाचार हो रहा है, ये दीमक की तरह देश को खाना चाहते हैं।

 

श्री भाटिया ने भारतीय जनता पार्टी की और से मांग रखते हुए कहा कि इस गंभीर मामले में सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी अपनी चुप्पी तोड़ें। पंजाब की जनता जवाब मांग रही है कि उनकी मेहनत की कमाई से घूसखोरी, वसूली क्यों हो रही है? अगर आप चुप रहेंगे तो ये तय हो जाएगा कि पंजाब में एक और घोटाला हुआ है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाक के नीचे घोटाला हुआ, अतः उन्हें कोई अधिकार नहीं है कि वे संवैधानिक पद पर बने रहें. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ साथ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू भी जब तक अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे, तब तक इस घोटाले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती.    

 

 

महेंद्र पांडेय

 

(कार्यालय सचिव)

 

To Write Comment Please Login