भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा कुरुक्षेत्र, हरियाणा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने आज गुरुवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को संबोधित किया। संबोधन के दौरान उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के महत्व और मानव जीवन में उसकी उपयोगिता का वर्णन किया।
श्री नड्डा ने बताया कि कैसे लोग अपने गौरवमय इतिहास एवं ग्रंथ को भूलते जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि कैसे हम सभी के समक्ष कुरुक्षेत्र का इतिहास लुप्त होता जा रहा है, परंतु आज अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन से पुनः इतिहास को जागृत करने का कार्य हो रहा है जिस पर हम सभी को गर्व करना चाहिए। जो आज की किताबों से पढ़ कर जो गुण हम सीखते हैं वह सभी गुण ज्ञान, अध्यात्मवाद, तर्कशक्ति, शास्त्रार्थ, पूर्ण रूप से पहले से ही श्रीमद्भगवद्गीता पुराण में उपलब्ध है। हम सभी को हमारी संस्कृति ने खुले मन एवं खुले विचारों से अपनी बात को सबके समक्ष रखने की बात सिखाई है। हमको गर्व करना चाहिए कि आज तक आध्यात्मिक, राजनैतिक, सामाजिक क्षेत्र मे से किसी ने श्रीमद्भगवद्गीता के किसी भी बिन्दु पर क्षण भर भी तर्क या सवाल खड़ा कर सके।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पूर्वकाल हो, वर्तमान काल हो या फिर भविष्य मे भी, अगर हम श्रीमद्भगवद्गीता को पढ़ेंगे, तभी हमको मालूम चलेगा कि श्रीमद्भगवद्गीता पूर्ण रूप से प्रासंगिक है एवं हमको दिशा और दृष्टि प्रदान करती हैं।
श्री नड्डा ने कहा कि वह कुरुक्षेत्र की पवित्र धरती पर आकार अभिभूत हैं और गुरुजी से आज पुनः प्रेरणा मिली है। इस संस्थान द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के प्रचार – प्रसार और महत्व को पूरी दुनिया में सही परिप्रेक्ष्य में रखने का अद्भुत प्रयास बहुत ही अतुलनीय एवं अत्यंत प्रशंसनीय है। हम सभी को इस उत्तम कार्य में अपना योगदान देना चाहिए। श्रीमद्भगवद्गीता जो मानवदर्शन, जीवन मार्गदर्शन और सम्पूर्ण ज्ञान का स्त्रोत है जिसके प्रचार-प्रसार में यह संस्थान प्रयासरत है, इसके लिए हम सब की शुभकामनाएं इनके साथ है। यह एक ईश्वरीय कार्य है। हम सबको व्यक्तिगत रूप में इस कार्य में अपना सहयोग और योगदान देना चाहिए और समाज को दृष्टि एवं दिशा देने में सहभागी बनना चाहिए।
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