केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह द्वारा भुबनेश्वर (ओड़िशा) में आयोजित “ओड़िशा चैप्टर ऑफ़ मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी" पुस्तक के विमोचन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
श्री नरेन्द्र मोदी जी जैसे यशस्वी व्यक्तित्व के 50 वर्ष के सामाजिक जीवन को कुछ चंद मिनटों और शब्दों में समाहित करना किसी भी व्यक्ति के लिए अत्यंत ही कठिन है। श्री नरेन्द्र मोदी एक ऐसे आदर्शवादी नेता हैं जो देश के गौरव और देशवासियों के भले के अलावे किसी और चीज की परवाह नहीं करते हैं।
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आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के लोकतंत्र को परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की राजनीति से मुक्त किया है। उन्होंने परिवारवाद की राजनीति की जगह क्षमता, परिणाम और पॉलिटिक्स ऑफ़ परफॉरमेंस को प्रतिष्ठित किया है।
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देश में जितनी भी परिवारवादी पार्टियां हैं, या तो उन्हें अपने-आप को बदलना होगा और यदि वे नहीं बदलते हैं तो उन्हें बार-बार चुनाव हारने की तैयारी रखनी पड़ेगी।
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श्री मोदी को जब देश के राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा की ओर से प्रत्याशी चुनने का अवसर आया तो उन्होंने पहली बार एक गरीब दलित के बेटे को और दूसरी बार इसी उड़ीसा की पावन धरती की सबसे गरीब जनजाति तथा एक अत्यंत गरीब घर की बेटी द्रौपदी मुर्मू जी को महामहिम राष्ट्रपति के स्थान पर विराजमान किया।
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आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी हमेशा इसलिए सफल होते हैं क्योंकि उनके सोचने की गति उर्ध्व होती है अर्थात् वे हमेशा आगे की ओर सोचते हैं। जैसे दीपक की लौ हमेशा उर्ध्व दिशा की ओर होती है, उसी तरह हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच भी उर्ध्व दिशा में ही होती है।
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अंग्रेजी में एक कहावत है कि Blood is thicker than water मतलब यह कि खून का रिश्ता सबसे ऊपर होता है लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस कहावत को बदल कर रख दिया है। उन्होंने 130 करोड़ देशवासियों को ही अपना परिवार बना लिया है। उनके जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण देश और देशवासियों के कल्याण के प्रति समर्पित है।
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दीये की लौ की तरह जलना, हमेशा उर्ध्व अर्थात् आगे की सोचना, समस्त देशवासियों के कल्याण के लिए ही सोचना और देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देना - ये अद्वितीय संस्कार बहुत कम लोगों में होते हैं जिसमें से एक व्यक्तित्व हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं।
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मैं आज दावे के साथ कह सकता हूँ कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी चुनाव में भाजपा के देश भर में किसी भी कार्यकर्ता से ज्यादा परिश्रम श्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम का कार्यकर्ता करता है। जब एक कर्मठ कार्यकर्ता देश का नेतृत्व करता है और पार्टी का मार्गदर्शन करता है तो चुनाव में विजय सुनिश्चित हो जाती है।
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‘टीम इंडिया’ के सच्चे ‘लीडर’ के रूप में वे देश के सभी राज्यों को जरूरत के वक्त हरसंभव सहायता उपलब्ध कराते हैं चाहे राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार हो।
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विगत 20 वर्षों से आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोई भी दिवाली अपने घर पर नहीं मनाई है। वे अपनी हर दिवाली बॉर्डर पर सेना के जवानों के साथ मनाते हैं। यह जो संवेदनशीलता है, जो भावना है, वह श्री नरेन्द्र मोदी जी को महान बनाती है।
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एक निडर सेनापति के रूप में भी हमने उन्हें चुनौतियों से पार पाते हुए और एक मिसाल प्रस्तुत करते हुए देखा है। चाहे डोकलाम की चुनौती हो या उरी या पुलवामा की घटना हो, बात जब देश के गौरव की आती है, देश की सीमा की सुरक्षा की आती है, सेना के सम्मान की आती है तो वे चट्टान से भी ज्यादा अडिग हो जाते हैं।
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गुरुदेव समर्थ स्वामी रामदास जी की ‘उपभोग शून्य स्वामी' की परिकल्पना को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने चरितार्थ किया है। यही कारण है कि जनता श्री नरेन्द्र मोदी जी को मानती है, उन्हें स्वीकार करती है, उनका सम्मान करती है और उन्हें आशीर्वाद देती है।
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श्री नरेन्द्र मोदी जी जब एक कार्यकर्ता थे, तब भी परिश्रमी थे, अब देश के प्रधानमंत्री हैं तो और अधिक परिश्रम करते हैं। वे हमेशा कहते हैं कि मुझे कड़ी मेहनत से कभी थकान नहीं लगती बल्कि मुझे संतोष की अनुभूति कड़ी मेहनत कर के होती है। जब एक गरीब के चेहरे पर मुस्कान आती है तो मन में एक संतोष पैदा होता है।
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आदरणीय प्रधानमंत्री जी गरीबों के लिए सोचते हैं, कर्मठ कार्यकर्ता की भांति परिश्रम करते हैं, एक स्टेट्समैन की तरह दुनिया में देश के गौरव के लिए कार्य करते हैं, एक ‘टीम लीडर' के नाते पूरे देश का नेतृत्व करते हैं और एक संवेदनशील राजनेता की तरह आम जन के कल्याण के लिए फैसले लेते हैं।
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श्री नरेन्द्र मोदी जी निडर सेनापति की तरह देश की रक्षा के लिए अडिग चट्टान की तरह खड़े हो जाते हैं और ‘उपभोग शून्य स्वामी' की तरह जन-जन के कल्याण को ही अपना लक्ष्य बना लेते हैं। जब इस तरह से कोई अपने जीवन को ढाल लेता है तब जाकर वह ‘नरेन्द्र मोदी' बनता है। ‘नरेन्द्र मोदी' बनने की जो बहुत ही कठिन है।
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जब श्री नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने कई सारे लैंडमार्क निर्णय लिए थे जो उस वक्त कोई सोच भी नहीं सकता था। गुजरात में भूकंप के बाद आपदा प्रबंधन की शुरुआत श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की थी। पावर क्राइसिस की समस्या का पूर्ण समाधान भी उन्होंने निकाला और गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बना जहां चौबीसों घंटे बिजली गांवों तक पहुँची।
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कृषि महोत्सव के माध्यम से श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात में 10% का कृषि विकास दर हासिल किया। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में ड्रॉप-आउट रेशियो को लगभग शून्य पर लाने में उन्हें सफलता मिली और उनके नेतृत्व में गुजरात ने लगभग शत-प्रतिशत एनरॉलमेंट के लक्ष्य को भी प्राप्त किया।
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जल संचय के अभियान से भू जल-स्तर को ऊपर उठाने का अभिनव कार्य श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हुआ। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी की संख्या 22% से 92% तक ले जाने का काम केवल 5 साल में किया जिससे माता मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर को बहुत कम करने में काफी मदद मिली।
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लोग मोदी जी योजनाओं को कई बार दुकड़ों में देखते हैं लेकिन मोदी जी कभी टुकड़ों में नहीं सोचते। उनका दृष्टिकोण हमेशा समस्या के संपूर्ण समाधान का होता है। स्वास्थ्य की समस्या का समाधान उनकी इसी तरह के दृष्टिकोण को चरितार्थ करता है।
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भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब, इन्वेस्टमेंट हब और एक्सपोर्ट हब बनाने की नीति श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बनाई है। आज भारत विश्व में सबसे अधिक विकास दर के साथ आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। आज जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन हो रहा है। 2021-22 में भारत ने सर्वाधिक 421 बिलियन डॉलर का निर्यात किया है ।
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हमारी पार्टी को पहले हिंदी भाषी पार्टी कहा जाता था लेकिन आज पूरे नॉर्थ-ईस्ट में भारतीय जनता पार्टी है, गुजरात में भी वर्षों से भाजपा की सरकार है, कर्नाटक में भी भाजपा की सरकार और ओड़िशा में भी भाजपा की सरकार बनने वाली है।
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आज सबसे अधिक दलित और आदिवासी सांसद भाजपा के हैं। सबसे अधिक पिछड़ा समाज के मंत्री किसी प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में बने हैं तो वे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मंत्रिमंडल में बने हैं।
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5 अगस्त 2019 को धारा 370 धाराशायी हुआ और जम्मू-कश्मीर सही मायनों में भारत का अभिन्न अंग बना। इसी तरह 05 अगस्त 2020 को अयोध्या में जहां भगवान् राम का जन्म हुआ था, वहां भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने रखी।
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इन दोनों समस्याओं का पूर्ण समाधान संवैधानिक तरीके से और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। जब समस्याओं के समाधान का संकल्प होता है तो रास्ते अपने आप निकल ही आते हैं।
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“ओड़िशा चैप्टर ऑफ़ मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी” पुस्तक एक व्यक्तित्व के अनेक आयामों से हमारा परिचय कराती है इसमें एक संवेदनशील नेता का परिचय है, एक गुड गवर्नेंस वाले सुधारक का भी परिचय है, समाज की समस्याओं को जड़ मूल के साथ समाप्त करने वाले सुधारक और प्रशासक का भी परिचय इसमें है।
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मेरा यह मानना है कि यह पुस्तक अभी अधूरी है, श्री नरेन्द्र मोदी जी इससे कहीं अधिक बड़े हैं। देश का सौभाग्य है कि पूरा विश्व जिस व्यक्ति के नेतृत्व का लोहा मानता हो, वह नेता हमारा है, भारत का है। यह हम सब के लिए गौरव का विषय है।
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देश की आजादी रजत जयंती भी आई, स्वर्ण जयंती भी आई लेकिन कभी भी देश के भविष्य को जोड़ने वाला इतना बड़ा कार्यक्रम नहीं चलाया गया। आजादी के अमृत महोत्सव को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जन-जन का उत्सव बनाया है। आज देश का बच्चा-बच्चा तिरंगा लेकर घूमता है, उनके मन में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत होती है।
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13 से 15 अगस्त तक 20 करोड़ भारतीय अपने घर पर तिरंगा फहराने वाले हैं। आप भी जरूर फहराना। आजादी का अमृत काल देश के लिए अगले 25 वर्ष का लक्ष्य तय करने का समय है कि आने वाले 25 वर्षों में हम रक्षा, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश को कहाँ देखना चाहते हैं।
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अगर भारत की 130 करोड़ की जनता 25 साल प्रचंड पुरुषार्थ करती है, परिश्रम की पराकाष्ठा करती है, पराक्रम की पराकाष्ठा करती है तो जब शताब्दी मनाई जाएगी, निश्चित रूप से भारत माता विश्व गुरु के स्थान पर विराजमान होगी।
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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने आज सोमवार को मेफेयर कन्वेंशन, भुबनेश्वर (ओड़िशा) में आयोजित “ओड़िशा चैप्टर ऑफ़ मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी" पुस्तक का विमोचन किया और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री बैजयंत जय पांडा, पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं ओड़िशा की प्रभारी श्रीमती डी पुरुंदेश्व,री ओड़िशा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री समीर मोहंती, ओड़िशा विधान सभा में विपक्ष के नेता श्री जयनारायण मिश्र, भुबनेश्वर से भाजपा सांसद एवं पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती अपराजिता सारंगी एवं ओड़िशा विधान सभा में पार्टी के सचेतक श्री मोहन चरण मांझी सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए श्री शाह ने महाप्रभु जगन्नाथ जी को नमन किया और कहा कि जब-जब ओडिशा की भूमि पर आता हूँ तो मन में सुखद शांति और संतोष की अनुभूति होती है। जब मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना, तब ओड़िशा के ही धौली गाँव से सक्रिय सदस्य बन कर शुरुआत की थी। कहने को तो इस जगह कलिंगवासी पराजित हुए थे लेकिन सच्चे अर्थों में पराजित सम्राट अशोक हुए थे और वह युद्ध ओड़िशा की इसी गाँव की भूमि पर लड़ा गया था।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी जैसे यशस्वी व्यक्तित्व के 50 वर्ष के सामाजिक जीवन को कुछ चंद मिनटों और शब्दों में समाहित करना किसी भी व्यक्ति के लिए अत्यंत ही कठिन है क्योंकि मैंने कठिन से कठिन परिस्थितियों में उनके नेतृत्व के गुणों का अनुभव किया है और संघर्ष को अवसरों में परिवर्तित करते हुए उन्हें नजदीक से देखा है। मोदी @20 का मतलब है जब से श्री नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब से लेकर आज तक का उन का सफ़र। देश को महान बनाने के लिए, इस देश की समस्या को जड़-मूल से उखाड़ फेंकने के समाधान हेतु और सफलता के साथ-साथ विश्व में भारत के गौरव को प्रतिस्थापित करने के लिए आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा किये गए सतत एवं अहर्निश प्रयास की विराट संकल्प गाथा है मोदी @20। लेकिन, मेरा मानना है कि अगर आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के जीवन को समझना है, उनके कृतित्व एवं संघर्षों से परिचय प्राप्त करना है तो तो उनके 20 साल के इस कालखंड से पहले के 30 साल का अध्ययन करना बहुत जरूरी है। आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के 20 वर्ष तो सबने देखे हैं - पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और विगत 8 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री के रूप में लेकिन देश और देशवासियों के लिए अपना सर्वस्व अर्पित कर देने की कहानी एक कार्यकर्ता, एक स्वयंसेवक और एक मूक समाज सेवक के रूप में उनकी 30 साल के अथक परिश्रम की नींव पर बनी है।
श्री शाह ने कहा कि आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 30 वर्षों तक गुजरात और देश के चप्पे-चप्पे का भ्रमण किया, संगठन की मजबूती के लिए अथक परिश्रम करने का कार्य किया, समाज की समस्या को समझकर उसके समाधान की दिशा में चिंतन करने का कार्य किया, व्यक्तियों को परखने का भी कार्य किया और विषम परिस्थितियों में भी आपदा को अवसर में कैसे परिवर्तित किया जा सकता है, इसे भी सीखने का कार्य किया। जब तक हम श्री नरेन्द्र मोदी जी के पिछले 30 वर्ष की संघर्ष गाथा से परिचित नहीं होंगे, तब तक उनके जीवन के इस 20 वर्ष का परिचय हमें अच्छे से नहीं मिल सकता। मैंने उनके साथ लंबे समय तक काम किया है। बुरे से बुरे वक्त में भी आशा के साथ प्रचंड पुरुषार्थ करते हुए और उस कठिन परिस्थिति से उन्हें निकलते हुए मैंने देखा है। श्री नरेन्द्र मोदी एक ऐसे आदर्शवादी नेता हैं जो देश के गौरव और देशवासियों के भले के अलावे किसी और चीज की परवाह नहीं करते हैं।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का महती कार्य किया है। इस देश के लोकतंत्र को परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की राजनीति के तीन नासूरों ने ग्रसित कर रखा था। इसने न केवल देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास किया अपितु देश के विकास की राह में अवरोध भी उत्पन्न किये। परिवारवाद की राजनीति के कारण जहां मेधा को सम्मान नहीं मिला, वहीं तुष्टिकरण के कारण समाज में कई वर्गों के बीच बड़ी-बड़ी खाई बनने लगी और भ्रष्टाचार के दीमक के कारण देश की अर्थव्यवस्था और समाज कल्याण का अभियान खोखला होता चला गया। पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और अब देश के प्रधानमंत्री के रूप में आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के लोकतंत्र के परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार के इन तीनों नासूरों को समाप्त करने का कार्य किया है।
श्री शाह ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने परिवारवाद की राजनीति की जगह क्षमता, परिणाम और पॉलिटिक्स ऑफ़ परफॉरमेंस को प्रतिष्ठित किया है। उत्तर प्रदेश में 2014 से दो लोक सभा एवं दो विधान सभा अर्थात् लगातार चार चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत इस बात को दर्शाती है कि किस तरह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जातिवाद और परिवारवाद को खत्म कर पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस की राजनीति को राजनैतिक विमर्श का केंद्र बनाया है। अब यह स्पष्ट हो चला है कि देश में जितनी भी परिवारवादी पार्टियां हैं, या तो उन्हें अपने-आप को बदलना होगा और यदि वे नहीं बदलते हैं तो उन्हें बार-बार चुनाव हारने की तैयारी रखनी पड़ेगी क्योंकि देश की जनता अब परिवारवाद की राजनीति को सहन नहीं कर सकती।
तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति, लोकतंत्र के सभी को समान अवसर देने के मूल सिद्धांत का उल्लंघन करते हुए एक विशेष वर्ग को विशेष फायदा पहुंचा कर उस वर्ग को वोट बैंक के रूप में बदलने की प्रक्रिया है जो विकास को अवरुद्ध करती है। आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने तुष्टिकरण की राजनीति का भी अंत किया। कोई हमारी योजनाओं पर भी आरोप नहीं लगा सकता कि जो भाजपा का समर्थक नहीं है, उसे किसी योजना का लाभ नहीं मिला। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में सबको समान अवसर मिला है लेकिन किसी को विशेष नहीं मिलने दिया। इसलिए कि कोई हमें वोट देता है, इसलिए उसे ज्यादा मिल जाएगा, इस तरह की अवधारणा और तुष्टिकरण की राजनीति को भी ख़त्म करने का कार्य श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने किया है।
श्री शाह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सेवाकाल में इस विषय पर एक व्यापक अवधारणा बनी है कि जो सरकार भ्रष्टाचार करेगी, उसे कभी सत्ता नहीं मिलेगी। 2014 से पहले देश में 10 साल तक एक ऐसी सरकार थी जिस पर 12 लाख करोड़ रुपये के घपले-घोटाले का आरोप था जबकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार पर आज तक विपक्ष भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा पाया है। यही बताता है कि मोदी जी ने लोकतंत्र की जड़ों को गहरा कितना किया है। 2004 के बाद से 2014 के लोक सभा चुनाव तक रे देश में निराशा और हताशा का माहौल फ़ैल गया था और जनता के मन में मल्टी-पार्टी डेमोक्रेटिक पार्लियामेंट्री सिस्टम पर से भरोसा उठने लगा था। उस कालखंड में प्रधानमंत्री को कोई प्रधानमंत्री मानता ही नहीं था और मंत्रिमंडल का हर मंत्री अपने आप को प्रधानमंत्री मानता था। आंतरिक और बाह्य सुरक्षा दोनों खतरे में थी और अर्थव्यस्था के सारे मानदंड नीचे की ओर जा रहे थे। दुनिया में भारत का सम्मान भी दाव पर लग गया था। ऐसी स्थिति में देश की जनता ने श्री नरेन्द्र मोदी जी में अपना विश्वास देखा और भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन देते हुए श्री नरेन्द्र मोदी जी को देश के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान किया। इसके बाद से देश ने हर क्षेत्र में परिवर्तन की एक नई कहानी देखी। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पॉलिसी पैरालिसिस ख़त्म हुआ और निर्णायक नेतृत्व का अभ्युदय हुआ। अब आतंकवादियों को घर में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके दंडित करने का हौसला भारत के पास है। जनता के मन में जो आत्मविश्वास पुनः जागा है, इस आत्मविश्वास को पुनर्जीवित करने का कार्य आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। आज जन-जन के मन में यह विश्वास जागृत हुआ है कि संविधान के अनुरूप चलते हुए हमारा देश इसी लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ आगे बढ़ सकता है और विश्व में सर्वोच्च स्थान तक हम पहुँच सकते हैं।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के युगांतकारी निर्णयों की चर्चा करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि उन्हें जब पहली बार देश के राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा की ओर से प्रत्याशी चुनने का अवसर आया तो उन्होंने एक गरीब दलित घर के बेटे श्रीमान रामनाथ कोविंद जी को महामहिम रामनाथ कोविंद बनाकर दलितों के मन में एक विश्वास जगाया। दूसरी बार जब अवसर आया तो उन्होंने इसी उड़ीसा की पावन धरती की जनजातियों में सबसे गरीब जनजाति तथा एक अत्यंत गरीब घर की बेटी द्रौपदी मुर्मू जी को महामहिम राष्ट्रपति के स्थान पर विराजमान किया। आप कल्पना कर सकते हैं कि इन समाजों के मन में ऐसे निर्णयों से कितना बड़ा आत्मविश्वास बनता है। संविधान सभा में सभी वर्गों को, सभी प्रांतों व क्षेत्रों को समाहित करने का प्रयास किया गया था लेकिन एक कमी रह गई थी कि उसमें कोई आदिवासी महिला नहीं थी। आज उसी संविधान ने एक गरीब आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति चुनाव है। आज इससे आम जन को संविधान की सफलता का अनुभव होता है।
श्री शाह ने कहा कि आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी हमेशा इसलिए सफल होते हैं क्योंकि उनके सोचने की गति उर्ध्व होती है अर्थात् वे हमेशा आगे की ओर सोचते हैं। जैसे दीपक की लौ हमेशा उर्ध्व दिशा की ओर होती है, उसी तरह हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच भी उर्ध्व दिशा में ही होती है। मैंने उनके साथ सालों काम किया है। अंग्रेजी में एक कहावत है कि Blood is thicker than water मतलब यह कि खून का रिश्ता सबसे ऊपर होता है लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस कहावत को बदल कर रख दिया है। आज उनके परिवार के लोग अत्यंत सामान्य जिंदगी बिता रहे हैं जिसके बारे में कोई ज्यादा नहीं जानता जबकि उन्होंने स्वयं को देश के 130 करोड़ लोगों की भलाई के लिए अर्पित कर दिया है। उन्होंने 130 करोड़ देशवासियों को ही अपना परिवार बना लिया है। उनके जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण देश और देशवासियों के कल्याण के प्रति समर्पित है। दीये की लौ की तरह जलना, हमेशा उर्ध्व अर्थात् आगे की सोचना, समस्त देशवासियों के कल्याण के लिए ही सोचना और देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देना - ये अद्वितीय संस्कार बहुत कम लोगों में होते हैं जिसमें से एक व्यक्तित्व हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं। मैंने उनके साथ रहते हुए उन्हें एक अति संवेदनशील व्यक्ति को देखा है जिनके मन में हमेशा देश के दलित, पददलित, आदिवासी, गरीब और पिछड़ों के लिए कल्याण की भावना रहती है। हर निर्णय के केंद्र में उनकी अंत्योदय और गरीब कल्याण की नीति रहती है। गरीब कल्याण की सोच हमारे प्रधानमंत्री जी की नीतियों की प्रकृति बन गई है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के एक कार्यकर्ता के रूप में शुरूआती दिनों को याद करते हुए कहा कि मैंने उन्हें एक कर्मठ कार्यकर्ता और स्वयंसेवक के रूप में अथक परिश्रम करते हुए देखा है। मैं आज दावे के साथ कह सकता हूँ कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी चुनाव में भाजपा के देश भर में किसी भी कार्यकर्ता से ज्यादा परिश्रम श्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम का कार्यकर्ता करता है। जब एक कर्मठ कार्यकर्ता देश का नेतृत्व करता है और पार्टी का मार्गदर्शन करता है तो चुनाव में विजय सुनिश्चित हो जाती है। यही कारण है कि उनके नेतृत्व में हमने पार्टी के विजय की श्रृंखला का अनुभव किया है।
श्री शाह ने कहा कि मैंने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अंदर एक स्टेट्समैन को भी देखा है जो अपने 130 करोड़ भारतवासियों का प्रतिनिधित्व दुनिया भर में करता है। चाहे पेरिस जलवायु समझौता हो, संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को प्रतिष्ठित करने की बात हो या कोरोना के समय देशवासियों की रक्षा के लिए अहर्निश प्रयास हों - हमने हर क्षण अपने प्रधानमंत्री जी को देश के लिए समर्पित भाव से कार्य करते देखा है। योग दिवस मनाने के उनके प्रस्ताव को तो केवल 70 दिनों में 170 से अधिक देशों ने अपना लिया और आज पूरे विश्व में हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि ‘टीम इंडिया’ के सच्चे ‘लीडर’ के रूप में वे देश के सभी राज्यों को जरूरत के वक्त हरसंभव सहायता उपलब्ध कराते हैं चाहे राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार हो। कोरोना के समय हमने इसका विशेष अनुभव किया है। उन्होंने हर राज्य को सुरक्षित और संवर्धित करने का प्रयास किया।
श्री शाह ने कहा कि विगत 20 वर्षों से आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोई भी दिवाली अपने घर पर नहीं मनाई है। वे अपनी हर दिवाली बॉर्डर पर सेना के जवानों के साथ मनाते हैं। यह जो संवेदनशीलता है, जो भावना है, वह श्री नरेन्द्र मोदी जी को महान बनाता है। एक निडर सेनापति के रूप में भी हमने उन्हें चुनौतियों से पार पाते हुए और एक मिसाल प्रस्तुत करते हुए देखा है। चाहे डोकलाम की चुनौती हो या उरी या पुलवामा की घटना हो, बात जब देश के गौरव की आती है, देश की सीमा की सुरक्षा की आती है, सेना के सम्मान की आती है तो आदरणीय प्रधानमंत्री जी चट्टान से भी ज्यादा अडिग हो जाते हैं। अमेरिका और इजरायल के अलावा घर में घुस कर बदला लेने का किसी और देश ने नहीं सोचा था लेकिन हमारी सेना ने आतंकवादियों को उनके घर में घुस कर जवाब दिया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हो रहा था तो शिवाजी महाराज जी ने गुरुदेव समर्थ स्वामी रामदास जी से पूछा था कि मेरे लिए एक वाक्य में उपदेश क्या है तो समर्थ रामदास जी ने उनसे कहा था कि तुम राजा बनने जा रहे हो, तुम्हारे पास हाथी, घोड़े, सोना, चांदी, खजाना, बड़े-बड़े राजमहल होंगे। उस वक्त एक बात हमेशा तुम्हें याद रखनी है कि तुम्हें उपभोग शून्य स्वामी बनना है। तुम स्वामी तो बनोगे लेकिन उपभोग तुम नहीं कर सकते क्योंकि उस पर जनता का हक़ है। मैंने आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को बहुत ही नजदीक से देखा है। मैंने अपने पूरे जीवन में उनके जैसा फकीरी और सादगी से जीने वाला राजनेता नहीं देखा। गुरुदेव समर्थ स्वामी रामदास जी की ‘उपभोग शून्य स्वामी' की परिकल्पना को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने चरितार्थ किया है। यही कारण है कि जनता श्री नरेन्द्र मोदी जी को मानती है, उन्हें स्वीकार करती है, उनका सम्मान करती है और उन्हें आशीर्वाद देती है।
श्री शाह ने कहा कि जनता अपने प्रधानमंत्री को इतना मानती है कि उनके एक आह्वान पर जनता कर्फ्यू, जन-जन का कर्तव्य बन जाता है, जागृति का दीया जल उठता है, ताली-थाली बजाकर स्वास्थ्यकर्मियों का सम्मान होता है और जनता की सेवा में लगे डॉक्टरों पर पुष्पवर्षा होती है। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय लाल बहादुर शास्त्री जी के बाद यह व्यक्तित्व केवल और केवल श्री नरेन्द्र मोदी जी में जनता ने देखा है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी जब एक कार्यकर्ता थे, तब भी परिश्रमी थे, अब देश के प्रधानमंत्री हैं तो और अधिक परिश्रम करते हैं। वे दिन में 16 से 18 घंटे और कभी-कभी तो 20-20 घंटे काम करते हैं। सतत काम करना और अहर्निश काम करना उनका सहज स्वभाव है। वे हमेशा कहते हैं कि मुझे कड़ी मेहनत से कभी थकान नहीं लगती बल्कि मुझे संतोष की अनुभूति कड़ी मेहनत कर के होती है क्योंकि कड़ी मेहनत देश की जनता के लिए है। जब एक गरीब के चेहरे पर मुस्कान आती है तो मन में एक संतोष पैदा होता है। इस भाव के साथ देश के लिए मेहनत करने वाला व्यक्तित्व बहुत लंबे समय बाद देश को मिला है। वे गरीबों के लिए सोचते हैं, कर्मठ कार्यकर्ता की भांति परिश्रम करते हैं, एक स्टेट्समैन की तरह दुनिया में देश के गौरव के लिए कार्य करते हैं, एक ‘टीम लीडर' के नाते पूरे देश का नेतृत्व करते हैं, एक संवेदनशील राजनेता की तरह आम जन के कल्याण के लिए फैसले लेते हैं, निडर सेनापति की तरह देश की रक्षा के लिए अडिग चट्टान की तरह खड़े हो जाते हैं और ‘उपभोग शून्य स्वामी' की तरह जन-जन के कल्याण को ही अपना लक्ष्य बना लेते हैं। जब इस तरह से कोई अपने जीवन को ढाल लेता है तब जाकर वह ‘नरेन्द्र मोदी' बनता है। ‘नरेन्द्र मोदी' बनने की जो प्रक्रिया है, वह बहुत ही कठिन है।
श्री शाह ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की नीतियाँ मानवता से जन्म लती हैं। सर्व समाज के कल्याण की भावना के साथ वे उन नीतियों को बनाते हैं। उनका यह दृढ़ विश्वास है कि जनभागीदारी के सिवा जनता की समस्याओं का समाधान कतई नहीं हो सकता। वे कोई भी योजना लेकर आते हैं तो उसके अंदर जनभागीदारी का तत्व बहुत बड़ा होता है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने कई सारे लैंडमार्क निर्णय लिए थे जो उस वक्त कोई सोच भी नहीं सकता था। गुजरात में भूकंप के बाद आपदा प्रबंधन की शुरुआत श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की थी। पावर क्राइसिस की समस्या का पूर्ण समाधान भी उन्होंने निकाला और गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बना जहां चौबीसों घंटे बिजली गांवों तक पहुँची। कृषि महोत्सव के माध्यम से श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात में 10% का कृषि विकास दर हासिल किया। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में ड्रॉप-आउट रेशियो को लगभग शून्य पर लाने में उन्हें सफलता मिली और उनके नेतृत्व में गुजरात ने लगभग शत-प्रतिशत एनरॉलमेंट के लक्ष्य को भी प्राप्त किया। बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ के माध्यम से उन्होंने गुजरात में लिंगानुपात को सुधारने की दिशा में भी कदम उठाये जो देश को आगे की राह दिखाने वाला अभियान बना। गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां जल की बहुत बड़ी दिक्कत थी। हमारा 80% जल गुजरात के 9% हिस्से में था और बाकी 91% हिस्से में केवल 20% जल था। जल संचय के अभियान से भू जल-स्तर को ऊपर उठाने का अभिनव कार्य श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हुआ। उन्होंने वन बंधु कल्याण योजना और सागर खेरू योजना को लागू कर सर्वस्पर्शी और सर्व समावेशी विकास का मॉडल लागू किया। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी की संख्या 22% से 92% तक ले जाने का काम केवल 5 साल में किया जिससे माता मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर को बहुत कम करने में काफी मदद मिली। उस समय गुजरात माता मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर को सबसे कम रखने में पहले स्थान पर था। इन योजनाओं पर बात मैंने इसलिए की क्योंकि इस पर मीडिया में कोई विशेष चर्चा नहीं हुई। अगर कोई नेता एक छोटा सा भी काम करता है तो उसकी प्रसिद्धि लेना नहीं भूलता लेकिन उन्होंने चुपचाप जनता की भलाई के लिए काम किया। भले ही इन योजनाओं की बहुत ज्यादा चर्चा नहीं हुई लेकिन काम हुआ है, परिवर्तन हुआ है और धरातल पर परिणाम भी दृष्टिगोचर हो रहे हैं।
श्री शाह ने कहा कि लोग मोदी जी योजनाओं को कई बार दुकड़ों में देखते हैं लेकिन मोदी जी कभी टुकड़ों में नहीं सोचते। उनका दृष्टिकोण हमेशा समस्या के संपूर्ण समाधान का होता है। स्वास्थ्य की समस्या का समाधान उनकी इसी तरह के दृष्टिकोण को चरितार्थ करता है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने सबसे पहले स्वच्छ भारत अभियान का सूत्रपात किया और स्वच्छता के संस्कार को नीचे तक पहुंचाया। उस वक्त तो हमें मालूम ही नहीं पड़ा और किसी ने सोचा भी नहीं कि स्वच्छ भारत अभियान के पीछे जन-जन के स्वास्थ्य की चिंता है। जब गंदगी होती है तो उसी से बीमारी पैदा होती है। उसके बाद वे हर घर में शौचालय पहुंचाने का कार्यक्रम लेकर आए और लगभग 10 करोड़ शौचालय बना कर महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया। फिट इंडिया मूवमेंट भी वे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ही लेकर आये। फिर उन्होंने योग के साथ देशवासियों को जोड़ा। पोषण अभियान और मिशन इन्द्रधनुष से उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के जीवन का स्ट्रक्चर ही ऐसा बनाने का कार्य किया कि शरीर में रोग ही न आये। इसके पश्चात् आदरणीय प्रधानमंत्री जी ‘आयुष्मान भारत' योजना लेकर आये जिसके तहत उन्होंने देश के लगभग 50 करोड़ से अधिक लोगों को पांच लाख करोड़ रुपये सालाना तक का मुफ्त स्वास्थ्य कवच दिया। इसके बाद उन्होंने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का संकल्प लिया और रिकॉर्ड संख्या में मेडिकल की सीटें भी बढ़ाई। एक ओर आजादी के 70 सालों में मेडिकल सीटों की संख्या और दूसरी ओर इन 8 वर्षों में मेडिकल सीटों की संख्या - इसकी आप तुलना करेंगे तो पता चलेगा कि इस क्षेत्र में कितना परिवर्तन आया है। वेलनेस सेंटर के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी अपग्रेड करने का काम किया गया। इससे आप समझ सकते हैं कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच किस तरह समस्या के पूर्ण समाधान की है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि जहाँ तक कोरोना का सवाल है तो आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने इस आपदा को देश के लिए अवसर में बदल दिया। दुनिया के कई देश जहां अब तक अपने नागरिकों को फर्स्ट डोज तक नहीं लगा पाए हैं, वहां हमने 200 करोड़ से अधिक डोज एडमिनिस्टर कर लिया है और अब अपने नागरिकों को बूस्टर डोज लगा रहे हैं। दुनिया के कई देशों में वैक्सीनेट होने का सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए लोग भटक रहे हैं, वहीं हमारे देश में लोगों को अपने मोबाइल पर एक क्लिक में सर्टिफिकेट उपलब्ध है। हमारे कोविन एप का दुनिया के लगभग 70 देशों ने अनुसरण किया है। वैक्सीन बनाने में भी प्रधानमंत्री जी ने तब ही तैयारी कर ली थी जब देश में केवल तीन मरीज आये थे।
श्री शाह ने कहा कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब, इन्वेस्टमेंट हब और एक्सपोर्ट हब बनाने की नीति भी उन्होंने बनाई। आज भारत विश्व में सबसे अधिक विकास दर के साथ आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। आज जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन हो रहा है। 2021-22 में भारत ने सर्वाधिक 421 बिलियन डॉलर का निर्यात किया है, सबसे ज्यादा सेवा का निर्यात किया है। सबसे अधिक एफडीआई भी श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में ही आई। ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस की तालिका में भी भारत 170वें स्थान से 100 से भी अधिक स्थान ऊपर उठ कर 63वें स्थान पर आ गया है। प्रोडक्ट लिंग इंसेंटिव योजना भी श्री नरेन्द्र मोदी जी लेकर आये और कई सारी गरीब कल्याण योजनाओं को भी जन-जन तक पहुंचाया गया। देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को दो वर्ष से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त जरूरी राशन दिया जा रहा है और किसान सम्मान निधि के तहत देश के लगभग 11 करोड़ किसानों को अब तक दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। लगभग 9 करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन दिया गया, 11 करोड़ शौचालय बनाए गए, 9 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाया गया, लगभग तीन करोड़ परिवारों को बिजली का कनेक्शन दिया गया, दो करोड़ लोगों को आवास दिया गया, 50 करोड़ से अधिक लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड दिया गया और लगभग 43 करोड़ से अधिक जन-धन एकाउंट खोले गए। डीबीटी से 52 मंत्रालय की 300 योजनाओं में लगभग 23 लाख करोड़ रुपये गरीबों के बैंक एकाउंट में पहुंचाने कार्य आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में हुआ है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी को पहले हिंदी भाषी पार्टी कहा जाता था लेकिन आज पूरे नॉर्थ-ईस्ट में भारतीय जनता पार्टी है, गुजरात में भी वर्षों से भाजपा की सरकार है, कर्नाटक में भी भाजपा की सरकार और ओड़िशा में भी भाजपा की सरकार बनने वाली है। हमारी पार्टी पर व्यापारियों और बनियों की पार्टी का ठप्पा लगाया जाता था लेकिन आज सबसे अधिक दलित और आदिवासी सांसद भाजपा के हैं। सबसे अधिक पिछड़ा समाज के मंत्री किसी प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में बने हैं तो वे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मंत्रिमंडल में बने हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने कई ऐसे ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। 05 अगस्त 2019 को धारा 370 धाराशायी हुआ और जम्मू-कश्मीर सही मायनों में भारत का अभिन्न अंग बना। इसी तरह 05 अगस्त 2020 को अयोध्या में जहां भगवान् राम का जन्म हुआ था, वहां भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने रखी। इन दोनों समस्याओं का पूर्ण समाधान संवैधानिक तरीके से और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। जब समस्याओं के समाधान का संकल्प होता है तो रास्ते अपने आप निकल ही आते हैं।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि “ओड़िशा चैप्टर ऑफ़ मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी” पुस्तक एक व्यक्तित्व के अनेक आयामों से हमारा परिचय कराती है इसमें एक संवेदनशील नेता का परिचय है, एक गुड गवर्नेंस वाले सुधारक का भी परिचय है, समाज की समस्याओं को जड़ मूल के साथ समाप्त करने वाले सुधारक और प्रशासक का भी परिचय इसमें है। यह पुस्तक हमारा भाजपा को कश्मीर से कन्याकुमारी और अटक से कटक तक फैलाने वाले नेता का भी परिचय कराती है। मेरा यह मानना है कि यह पुस्तक अभी अधूरी है, श्री नरेन्द्र मोदी जी इससे कहीं अधिक बड़े हैं। देश का सौभाग्य है कि पूरा विश्व जिस व्यक्ति के नेतृत्व का लोहा मानता हो, वह नेता हमारा है, भारत का है। यह हम सब के लिए गौरव का विषय है।
श्री शाह ने कहा कि देश की आजादी रजत जयंती भी आई, स्वर्ण जयंती भी आई लेकिन कभी भी देश के भविष्य को जोड़ने वाला इतना बड़ा कार्यक्रम नहीं चलाया गया। आजादी के अमृत महोत्सव को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जन-जन का उत्सव बनाया है। आज देश का बच्चा-बच्चा तिरंगा लेकर घूमता है, उनके मन में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत होती है। 13 से 15 अगस्त तक 20 करोड़ भारतीय अपने घर पर तिरंगा फहराने वाले हैं। आप भी जरूर फहराना। आजादी का अमृत काल देश के लिए अगले 25 वर्ष का लक्ष्य तय करने का समय है कि आने वाले 25 वर्षों में हम रक्षा, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश को कहाँ देखना चाहते हैं। अगर भारत की 130 करोड़ की जनता 25 साल प्रचंड पुरुषार्थ करती है, परिश्रम की पराकाष्ठा करती है, पराक्रम की पराकाष्ठा करती है तो जब शताब्दी मनाई जाएगी, निश्चित रूप से भारत माता विश्व गुरु के स्थान पर विराजमान होगी। यह जो विजन है, यह जो संकल्प है, यह एक नेतृत्व में तभी आता है जब उसके जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण केवल और केवल देश के प्रति समर्पित होता है। ऐसा समर्पित नेता हम सबको मिला है, यह हम सब के लिए सौभाग्य की बात है। मैं मानता हूं कि उड़ीसा के युवाओं को यह पुस्तक जरूर करनी चाहिए। इसका उड़िया में अनुवाद भी होगा। बड़े बनने का स्वप्न यदि देखना है तो इस पुस्तक से निश्चित रूप से अपार प्रेरणा मिलेगी।
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