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1951

हमारी यात्रा

21 अक्टूबर, 1951: भारतीय जनसंघ का गठन किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी (माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर) से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भेंट की, तत्पश्चात जनसंघ के निर्माण की प्रक्रिया मई 1951 में प्रारंभ हुई। 21 अक्टूबर, 1951 को दिल्ली के कन्या माध्यमिक विद्यालय परिसर में भारतीय जनसंघ का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में अखिल भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई। आयताकार भगवा ध्वज झंडे के रूप में स्वीकृत हुआ और उसी में अंकित दीपक को चुनाव चिन्ह स्वीकार किया गया। इसी उद्घाटन सत्र में प्रथम आम चुनाव के घोषणापत्र को भी स्वीकृत किया गया।

हमारी यात्रा 1951 डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

भारतीय जनसंघ के संस्थापक

हमारी यात्रा

फोटो सौजन्य : फोटो डिवीजन इंडिया

1952

हमारी यात्रा

आम चुनाव: भारतीय संसद के लिए 1951-52 में हुए आम चुनावों में भारतीय जनसंघ ने तीन सीटें जीतीं।

1953

हमारी यात्रा

कश्मीर आंदोलन: भारतीय जनसंघ ने कश्मीर और राष्ट्रीय एकता के मसले पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में आंदोलन आरंभ किया और कश्मीर को किसी भी प्रकार का विशेष अनुदान देने का विरोध किया। प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के तानाशही रवैये के कारण डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार कर कश्मीर की जेल में डाल दिया गया, जहां रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु को गई।

फोटो सौजन्य : वेब

1954

हमारी यात्रा

गोवा मुक्ति आंदोलन: 2 मई, 1954 को देश में एकता दिवस मनाया गया और 6 दिसंबर से 16 दिसंबर, 1954 तक गोवा मुक्ति सप्ताह का आयोजन किया गया।

फोटो सौजन्य : बीबीसी

1955

हमारी यात्रा

गोवा चलो: 23 जुन, 1955 को भारतीय जनसंघ के महामंत्री जगन्नाथ राव जोशी ने 100 सत्याग्रहियों के साथ गोवा के लिए प्रस्थान किया।

फोटो सौजन्य : बीबीसी

1957

हमारी यात्रा

आम चुनाव: 1957 के लोक सभा चुनाव में भारतीय जनसंघ ने 4 सीटें जीतीं तथा मतदान प्रतिशत भी लगभग दोगुना होकर 5.93 प्रतिशत हो गया।

1958

हमारी यात्रा

बेरूबाड़ी जन आंदोलन: नेहरू-नून समझौते के तहत बेरूबाड़ी केंद्र शासित प्रदेश को पाकिस्तान को सौंपने के विरोध में जन आंदोलन।

1962

हमारी यात्रा

लोक सभा चुनाव: 1962 के लोक सभा चुनाव में भारतीय जनसंघ ने 14 सीटें जीतीं।

1964

हमारी यात्रा

12 अप्रैल, 1964: भारत-पाक महासंघ और भारत एवं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर डॉ. राम मनोहर लोहिया तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय का संयुक्त बयान।

1967

हमारी यात्रा

चुनाव: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में हुए चुनाव में भारतीय जनसंघ देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। लोक सभा चुनाव में 35 सीटें प्राप्त की। दिल्ली मेट्रोपोलिटन एवं नगर निगम चुनाव में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया। विभिन्न राज्यों में कांग्रेस विरोधी सरकारें बनीं जिनमें भारतीय जनसंघ साझीदार था।

फोटो सौजन्य : इण्डियन एकपेस आर्काइव

1971

हमारी यात्रा

लोक सभा चुनाव: 1971 को हुए लोक सभा चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को भारी जीत मिली, लेकिन भारतीय जनसंघ ने भी 22 सीटों पर जीत दर्ज की।

1975

हमारी यात्रा

25 जून, 1975 - 3 मार्च 1977 आपातकाल लागू: संघर्ष की गौरवमयी गाथा, अनेक नेता तथा कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए और जेल में रखे गए।

फोटो सौजन्य : वेब

1977

हमारी यात्रा

विलय: आपातकाल के बाद 1977 में भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हुआ।

फोटो सौजन्य : वेब

1980

हमारी यात्रा

भाजपा का गठन: जनता पार्टी आपसी स्पर्धा की शिकार हो गयी। वर्चस्व की लड़ाई में भारतीय जनसंघ के कार्यकर्ताओं के खिलाफ 'दोहरी सदस्यता' का मुद्दा उठाया गया। जनसंघ के लोग या तो जनता पार्टी छोड़ें या फिर संघ से अपने रिश्ते समाप्त करें। इस मुद्दे पर जनसंघ के नेताओं ने जनता पार्टी छोड़ दी तथा 6 अप्रैल, 1980 को पंच निष्ठाओं के आधार पर भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ।

1984

हमारी यात्रा

आम चुनाव: 1980 का लोक सभा उपचुनाव श्रीमती गांधी जीत चुकी थी। जनता पार्टी के टूटने के बाद पुनः गैर-कांग्रेसी दलों में कांग्रेस का मुकाबला करने के लिये गठबंधन की राजनीति के प्रयत्न हुये, जनसंघ के समय ‘दूध से जले हमारे नेता फूंक-फूंक कर कदम रखने लगे तथा तय किया कि हम अब अपनी पहचान समाप्त करनेवाला कोई गठबंधन नहीं करेंगे। 31 अक्टूबर 1984 को श्रीमती गांधी के एक अंगरक्षक ने उनकी हत्या कर दी। व्यापक सिक्ख विरोधी दंगे हुये। जनसंघ एवं संघ कार्यकर्ताओं ने उस हर प्रयत्न को विफल करने में सक्रियता निभाई जो हिन्दू-सिक्ख घृणा फैलाते थे। राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने 31 अक्टूबर को ही श्री राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। लोकसभा के चुनाव घोषित हुये। श्रीमती गांधी के प्रति सहानुभूति की लहर में चुनाव बह गये। भारतीय जनता पार्टी का यह पहला चुनाव था, उसे केवल दो सीटें प्राप्त हुयी।

1986

हमारी यात्रा

1986 में भाजपा की अध्यक्षता का दायित्व श्री लालकृष्ण आडवाणी पर आया।

1986-89

हमारी यात्रा

1986-1989 - भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनः बोफोर्स रिश्वत कांड के बाद उच्च स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन चलाया गया।

फोटो सौजन्य : bharatshakti.in

1989

हमारी यात्रा

शिवसेना-भाजपा गठबंधन: 25 सितम्बर 1989 को भाजपा व शिवसेना का गठबंधन हुआ। चुनाव परिणाम अपेक्षा के अनुकूल आये। राजीव गांधी की सरकार सत्ता के बाहर हो गयी। 1984 में जहां भाजपा को 2 सीटें मिली थी, अब वे बढ़ कर 85 हो गयी। इन चुनावों में बोफोर्स के मुद्दे के अलावा भाजपा ने अपना विचार व्यक्त किया ‘सब के लिये न्याय, तुष्टीकरण किसी का नहीं।’ श्री लालकृष्ण आडवाणी पहली बार लोकसभा में गये।
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन का समर्थन: जून 1989, पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) श्री राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने रामजन्म भूमि आन्दोलन के समर्थन का निर्णय लिया। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का यह ज्वलंत मुद्दा था। छद्म धर्मनिरपेक्षता बनाम वास्तविक सर्वपंथ समभाव का यह युद्ध था। 25 सितम्बर दीनदयाल जयंती से आडवाणी की राम रथ यात्रा सोमनाथ से प्रारम्भ हुई, 30 अक्टूबर को इसे अयोध्या पहुंच कर ‘कार सेवा’ में सहभागी होना था। ‘रथयात्रा’ को मिला जन-समर्थन अद्भुत था।

फोटो सौजन्य : वेब

1990

हमारी यात्रा

राम रथ यात्रा: सितंबर 1990 में श्री लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक ऐतिहासिक रथ यात्रा शुरू की। श्री आडवाणी को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आदेश पर गिरफ्तार कर लिया गया। बावजूद इसके बड़ी संख्या में कारसेवक अयोध्या में एकत्रित हुए।

फोटो सौजन्य : इंडिया टीवी फ़ाइल चित्र

1991

हमारी यात्रा

आम चुनाव: देश में 1991 में आम चुनाव हुए, जिसमें भारतीय जनता पार्टी की सीटें बढ़कर 120 तक पहुंच गईं। डॉ. मुरली मनोहर जोशी 1991 से 1993 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।

1993

हमारी यात्रा

श्री लालकृष्ण आडवाणी 1993 से 1998 तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे।
1993 में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में धीरे-धीरे भाजपा के मत और पैठ बढ़ते रहे तथा यह देश की राष्ट्रीय पार्टी बनने लगी।

1995

हमारी यात्रा

आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, ओडिशा, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी कमल खिलने लगा।

1996

हमारी यात्रा

आम चुनाव: 1996 में हुए संसदीय चुनावों में भाजपा ने 161 लोकसभा सीटें जीतीं और संसद की सबसे बड़ी पार्टी बन गई। श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद के रूप में शपथ ग्रहण की, लेकिन लोकसभा में बहुमत साबित करने में असमर्थ होने के कारण यह सरकार 13 दिनों बाद गिर गई। जनता दल के नेतृत्व में गठबंधन दलों ने 1996 में सरकार बनाई, लेकिन यह सरकार भी चल नहीं सकी और 1998 में मध्यावधि चुनाव कराए गए।

1998

हमारी यात्रा

आम चुनाव: 1998 में भाजपा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व करते हुए चुनाव लड़ा, जिसमें सहयोगी के रूप में समता पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझगम (एआईएडीएमके) और बीजू जनता दल शामिल थे। एनडीए को तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) का भी बाहर से समर्थन हासिल था और श्री अटल बिहारी वाजपेयी एकबार फिर से प्रधानमंत्री बने। हालांकि मई 1999 में अन्नाद्रमुक के समर्थन वापस लेने के बाद यह सरकार गिर गई और फिर से चुनाव कराए गए।
1998- पोखरण-2

फोटो सौजन्य : पीटीआई (प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया)

1999

हमारी यात्रा

कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर विजय।
आम चुनाव: 13 अक्टूबर, 1999 को राजग ने अन्नाद्रमुक के बगैर संसद में 303 सीटें जीतीं और स्पष्ट बहुमत हासिल किया। भारतीय जनता पार्टी ने उस समय तक की सर्वाधिक 183 सीटें प्राप्त कीं। श्री अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। श्री लाल कृष्ण आडवाणी उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री बने। राजग की यह सरकार पूरे पांच वर्ष तक रही। सरकार के नीतिगत एजेंडे में रक्षा तथा आतंक पर अधिक आक्रामक रुख एवं नव-उदार आर्थिक नीतियां शामिल थीं। विकसित तथा समृद्ध भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए बड़ी योजनाएं आरंभ की गईं।

फोटो सौजन्य : पीटीआई (प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया)

2004

हमारी यात्रा

आम चुनाव: 2004 में श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तय समय से छह महीने पूर्व चुनावों की घोषणा कर दी। एनडीए का चुनाव अभियान "इंडिया शाइनिंग" के नारे पर आधारित था, हालांकि चुनाव के नतीजों में एनडीए को हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस नीत गठबंधन के 222 की तुलना में उसे लोकसभा में केवल 186 सीटें मिलीं।

2008

हमारी यात्रा

मई 2008 में भाजपा ने कर्नाटक राज्य का चुनाव जीता। यह पहली बार था जब पार्टी ने किसी दक्षिण भारतीय राज्य का विधानसभा चुनाव जीता।

2009

हमारी यात्रा

आम चुनाव: 2009 के आम चुनावों में लोक सभा में भाजपा की सीटें घटकर 116 रह गईं।

2014

हमारी यात्रा

आम चुनाव: 2014 के आम चुनावों में भाजपा ने श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 282 सीटें जीतीं और एनडीए ने लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 336 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा संसदीय दल के नेता श्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। चुनावों में भाजपा का वोट प्रतिशत 31% और अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर यह 38% रहा। यह पार्टी की स्थापना के बाद पहला अवसर था जब पार्टी को संसद में बहुमत मिला और पहली बार लोकसभा में बीजेपी ने अपने बल पर बहुमत हासिल किया। श्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

फोटो सौजन्य : प्रेस इनफामेशन बूरो इंडिया

2019

हमारी यात्रा

आम चुनाव: भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2019 में 303 सीटों पर विजय प्राप्त कर इतिहास रचा।

भाजपा की यह ऐतिहासिक जीत इस बात का प्रमाण है कि भारत की जनता ने अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को साकार करने के लिए श्री नरेन्द्र मोदी के महान नेतृत्व में विश्वास दर्शाया हैं।

'सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास’ नए भारत की परिकल्पना का मंत्र बन गया है।

2024

हमारी यात्रा

आम चुनाव: भारतीय जनता पार्टी ने कुल 240 सीटें हासिल कर अपने मजबूत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ विजय प्राप्त कर इतिहास रच दिया। 

9 जून, 2024 को श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, जो तीसरी बार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व करने की उनकी यात्रा की शुरुआत करने का एक ऐतिहासिक क्षण था।

'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मंत्र के साथ भाजपा नेतृत्व वाला ये गठबंधन एक नए, विकसित और आकांक्षी भारत के निर्माण के लिए काम करेगा।

1951
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1986-89
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