भारतीय जनता पार्टी
राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक
6 एवं 7 जनवरी, 2017
एन.डी.एम.सी. कन्वेन्सन सेन्टर, नई दिल्ली-110 001
आर्थिक प्रस्ताव
एक साहसिक कदम- गरीब कल्याण की ओर
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा विमुद्रीकरण द्वारा ग़रीब कल्याण हेतु लिए गए साहसिक निर्णय का स्वागत करती है। सरकार के इस दृढ़ निर्णय तथा उसकी विश्वसनीयता के साथ सफल क्रियान्वयन के लिए पार्टी, सरकार का हार्दिक अभिनंदन करती है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी भारत के 125 करोड़ जनमानस की ताकत को नमन करती है कि उन्होंने धैर्य और विश्वास के साथ सरकार के कालेधन के ख़िलाफ़ ग़रीबों के हित में साहसिक निर्णय का पूर्ण समर्थन किया है. इस वातावरण से देश में कालेधन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जाली नोट, एवं काली कमाई के द्वारा निर्मित सामानांतर अर्थव्यवस्था के खिलाफ एक महत्वपूर्ण एवं सफल अभियान को जनमानस के सहयोग से सरकार ने पूर्ण किया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी का अभिमत है कि यह लड़ाई सशक्त, समरस और समर्थवान भारत के पुनर्निर्माण का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। सरकार के इस कदम से इस विश्वास को बल मिला है कि भारत की राजनीतिक परंपरा में अब केवल मात्र देशहित की बात करना देशभक्ति नहीं है अपितु देशहित के लिए राजनीति से ऊपर उठकर समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के पक्ष में निर्णय लेकर दृढ़ता एवं विश्वसनीयता के साथ कार्य करना देशभक्ति है।
देशहित का यह कार्य भारत के गरीबों के आर्थिक समायोजन, पारदर्शी शासन एवं समतामूलक समाज की स्थापना के लिए बड़ा पड़ाव है। विमुद्रिकरण की यह प्रक्रिया कर नहीं देने वालों के काले धन का ग़रीबों और कमज़ोरों में वितरण होना है। देश के ईमानदार नागरिकों को सम्यक आजीविका, एक मज़बूत अर्थव्यवस्था एवं पारदर्शी शासन देने के संकल्प को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी सरकार को बधाई देती है।
नकारात्मक राजनीति
इस पवित्र अभियान में एक ओर देश का जनमानस जहाँ उत्साह एवं सकारात्मक उर्जा के साथ, देश को लम्बे कष्ट से मुक्ति दिलाने के लिए थोड़ी तकलीफ सहकर भी पुननिर्माण के संकल्प के लिए खड़ा रहा था। वही कई विपक्षी दलों के नकारात्मक प्रचार के द्वारा माहौल को ख़राब करने की कोशिश की गई, जिसको जनता ने पूरी तरह से नकार दिया। इस दिग्भ्रमित विपक्ष ने देश की संसद को चलने नहीं देकर जहाँ लोकतंत्र की मर्यादा के मानदंड को तोड़ा है. वहीं मुद्दों से भटकाने की भी पूरी कोशिश की परन्तु उनकी सब कोशिश असफल हुई हैं । लोगों ने सरकार की क्षमता पर भरोसा और विश्वास कर अपना पूर्ण समर्थन सरकार के निर्णय को दिया है। इसी का परिणाम है कि विमुद्रीकरण के 50 दिन के दौर में न तो आमजन का धैर्य टूटा,न ही बाजार में आपूर्ति में बाधा आई और न ही सार्वजनिक जीवन में किसी प्रकार की क्षति हुई। देश में रबी की बुवाई भी पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष ज़्यादा हुई है।
कालेधन के खिलाफ सुशासन के बढ़ते कदम
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सरकार का अभिनन्दन करती है कि सरकार के द्वारा विमुद्रीकरण के इस निर्णय को पूरी तैयारी एवं जनविश्वास की कसौटी पर खरा उतरा है। यही कारण है कि केंद्र में सरकार आने के तुरंत बाद माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कैबिनेट ने पहला निर्णय जहाँ कालेधन के खिलाफ एसआईटी के गठन का निर्णय लिया वही स्वैच्छिक आयकर योजना, जनधन योजना, ब्लैकमनी एक्ट , bankruptcy insolvency लॉ, डीआरटी संसोधित लॉ, बेनामी सम्पति एक्ट जैसे कानूनों को पास करके कालेधन के खिलाफ इस लड़ाई को लड़ने के लिए व्यवस्थागत एवं क़ानूनी प्रावधानों को सुसंगत बनाने के लिए कदम उठायें गए है। आधार कानून के द्वारा गरीबों को उनका हक़ देने की सुनिश्चितता सरकार द्वारा की गयी है। देश में जीएसटी कानून के भविष्य में कुशल उपयोग के लिए, कालेधन की समानांतर अर्थव्यवस्था को समाप्त करने के लिए विमुद्रीकरण आवश्यक था। आज देश में बैंकों के पास ऋण देने के लिए पहले से ज़्यादा पैसा है और ब्याज दरें नीचे गिर रही हैं। अब अनौपचारिक और औपचारिक, दोनों अर्थव्यवस्थायें ठीक तरीक़े से आपस में जुड़ जाएँगी जिससे राज्यों और केंद्र को अधिक आय होगी और हम एक साफ़ और बढ़ी हुईं GDP की तरफ़ बढ़ेंगे .
राष्ट्रीय कार्यकारिणी का मानना है कि देश में 107 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फ़ोन है, 147 करोड़ बैंक अकाउंट में से 117 करोड़ सेविंग अकाउंट एवं 25 करोड़ जनधन अकाउंट है। 35 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफ़ोन, 40 करोड़ से ज्यादा आधार नंबर से खातों का जुड़ाव एवं 75 करोड़ से ज्यादा डेबिट कार्ड भारत को की डिजिटल कारोबारी व्यवस्था के विकास हेतु एक सक्षम प्लेटफार्म है। केंद्र सरकार द्वारा कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिए यूपीआई, यूएसएसडी, एईपीएस एवं रुपे-कार्ड के प्रयोग को बढ़ाना स्वागतयोग्य है। सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार मुक्त भारत की ओर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था नई भारत की ताकत
देश में मनरेगा, निर्धन छात्रों को छात्रवृति, वंचित वर्गों को सब्सिडी, एससी/एसटी एवं ओबीसी को दिए जानेवाली लाभकारी योजना में सरकार द्वारा डिजिटल प्रयोग से गरीबों के लाभ में बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है। यह भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए संतोष का विषय है। भारतीय जनता पार्टी का यह स्पष्ट मत है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के माध्यम से जहाँ एक ओर देश में करों की चोरी को रोका जायेगा वही औधोगिक विवाद अधिनियम, न्यूनतम वेतन अधिनियम, बोनस का भुगतान अधिनियम, कारखाना अधिनियम, संविदा मजदूर अधिनियम तथा इस प्रकार के अन्य कानूनों से गरीबों के हित में अनुपालना हो सकेगी।
सरकार के द्वारा वर्तमान में जो वेतन अधिनियम का संशोधन प्रस्ताव लाया गया है, वह देश के मजदूरों एवं कर्मचारियों के हित में सही समय पर लिया जाने वाला व्यवास्थानुकुल परिवर्तन है।
सरकार के डिजिटल व्यवस्था के इस कदम से जहाँ ईमानदार मध्यमवर्गीय करदाता, छोटा व्यापारी, छोटे कामगार, छोटे प्रोफेशनल जो अभी तक कालाबाजारी के आगे मूकदर्शक बने हुए थे उन्हें सरकार के इस निर्णय से ताकत मिली है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इस नववर्ष के प्रारंभ में देश के सर्वसमाज के लिए जो BHIM एप को समर्पित किया है, वह बाबा साहब अम्बेडकर के द्वारा निर्मित भारतीय संविधान के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के संकल्पों को पूरा करने में सार्थक सिद्ध होगा।
माननीय प्रधानमंत्री जी को देश का आश्वासन
8 नवम्बर को माननीय प्रधानमंत्री जी की घोषणा से जहाँ देश में ईमानदारों के जीवन को सम्मान प्रदान किया, वहीं 31 दिसंबर की घोषणा ने किसान, छोटे व्यापारी, वरिष्ट नागरिक, व्यापारी, महिलाओं और युवाओं को एक नया विश्वास प्रदान किया है। 50 दिनों के पूरा होने पर प्रधानमंत्री ने एटीएम से पैसे निकालने की सीमा ढाई हज़ार रुपए से साढ़े चार हज़ार रुपए कर दी है। प्रधानमंत्री ने देश समत और ग़रीबों के लिए जो घोषणाएँ की हैं, वे स्वागतयोग्य हैं: 1) किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध करने के लिए NABARD के कोश में 20,000 करोड़ रुपए 2) रबी की फ़सल के लिए किसानों के 60 दिन का बिना ब्याज का ऋण 3) तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्डों को रूपे डेबिट कार्ड 4) प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण आवासों में 33% की वृद्धि 5) दलित, आदिवासी, पिछड़े और महिलाओं के को मुद्रा योजना में प्राथमिकता 6) वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10 साल की सावधि जमा पर 8 प्रतिशत ब्याज 7) 12 लाख के गृह निर्माण ऋण पर ब्याज में छूट 8) संस्थागत प्रसव पर 6000 रुपए की सहायता राशि सीधे प्रसूत के खाते में 9) छोटे और मंझौले उद्योगों के ऋणों की गारंटी 20 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत की।
राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च के बारे में प्रधानमंत्री जी का आवाहन परिवर्तनकारी है। भ्रष्टाचार और कालेधन से राजनैतिक दलों की मुक्ति भविष्य के भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी प्रधानमंत्री जी के इस वक्तव्य का स्वागत करती है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ कराने के लिए देश में एक राजनैतिक सर्वानुमति का वातावरण खड़ा किया जाये।
बदलेगा भारत बढेगा भारत
भारत की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ाना आवश्यक है। केंद्र सरकार के विमुद्रीकरण के इस कदम से सरकारी व्यवस्था के बाहर तहखानों में कैद पैसा वापस बैंक में आया है। सरकार के द्वारा चलाये गए इस अभियान में जिस दृढ़ता से सरकार द्वारा दोहरी चालाकियों एवं भ्रष्ट लोगों से लड़ाई लड़ी है, पार्टी उसका स्वागत करती है। देश के विकास का लाभ देश में हर नागरिक तक पहुंचे इसके लिए ईमानदार तरीके से देश में व्यापार का वातावरण बनाना आवश्यक है। पार्टी का यह मानना है कि विमुद्रीकरण और डिजिटल अर्थव्यवथा पर उसकी नीतियों एवं उनके कुशल क्रियान्वयन से हम विकसित भारत के लक्ष्यों को पूरा करेंगे।
यह वर्ष 2017 पार्टी के विचार प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्मशताब्दी वर्ष है और एकात्ममानववाद की विचारधारा के अनुरूप गरीबों के हितकारी एवं समतामूलक समाज के लिए सरकार के इस निर्णय का पार्टी स्वागत करती है। पार्टी का मानना है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा लिए गए दृढ निर्णय एवं विश्वसनीय सरकार के प्रति जनता के विश्वास के भाव को धन्यवाद के लिए एक अभियान के माध्यम से संवाद करना चाहिए। डिजिटल इकोनॉमि, पारदर्शी शासन एवं कुशल नेतृत्व तथा जनता से संवाद के सेतु के रूप में पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी के विचारों को समाज के सभी वर्गों तक ले जाना चाहिए। समाज में सबके लिए, सबके हित में निर्णय लेने का भाव रहे यही एकात्ममानववाद है।
सरकार के इस कदम से हम उस आधुनिक भारत को बनाने में सफल सिद्ध होंगे जहाँ आधुनिक तकनीक, पारदर्शी शासन, सर्वजन हित, समरस समाज और सम्यक आजीविका के बेहतर तालमेल से हम सबका साथ सबका विकास के लक्ष्य को पूरा करेंगे।
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