भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता एवं वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता एवं वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज केन्द्रीय कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता करके “एक स्टिंग ऑपरेशन” के हवाले से उभरकर आए तथ्यों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं आबकारी मंत्री मनीष सिसोदया से शराब घोटाले के इन आरोपों पर पूछा कि क्या दिल्ली की आबकारी नीति को घोटाले के लिए ही तैयार किया गया था? किस-किस से लिए गए, किस प्रकार से घोटाले हुए ये सभी चीजें अब उजागर हो गई हैं. यही नहीं, शराब घोटाले के पैसे को गोवा और पंजाब के चुनावों में उपयोग किया गया।
डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सोशल मीडिया पर चल रहे शराब घोटाले का दूसरा स्टिंग ऑपरेशन देखकर दुखद आश्चर्य हुआ। इस स्टिंग ऑपरेशन में शराब घोटाले में आरोपी नम्बर-9 अमित अरोड़ा द्वारा केजरीवाल सरकार पर एडवांस में पैसा लेन-देन का जिक्र किया गया है। उसके अनुसार, नयी शराब नीति का स्वरुप इस बात को ध्यान में रखकर बनाया गया था कि चुनिंदा लोगों के हाथों में पैसा रहे और उन्हीं के हाथों से कैश फ्लो होता रहे। उदाहरण के तौर पर पूरे भारत में शराब के दो ही बड़े ब्रांड हैं जिनके दो बड़े अधिकृत होलसेलर्स को दिल्ली में ठेके दिए गए।
स्टिंग ऑपरेशन में आरोपी नम्बर-9 अमित अरोड़ ने कुछ बिंदुओं को उजागर किया है. मसलन,
· पहला बिंदु - केजरीवाल सरकार को ब्रिंडको के अमनदीप ढल के माध्यम से 60 करोड़ रुपए और इंडो स्प्रीट के समीर महेन्द्रू के माध्यम से 100 करोड़ रुपए देने की बात कही गयी है।
· दूसरा बिंदु - केजरीवाल सरकार ने नयी शराब नीति लागू कर पहली बार शराब पर कमीशन निर्धारित किया, जबकि शराब कंपनियों द्वारा मैनुफैक्चरर, होलसेलर एवं रिटेलर के बीच में कमीशन तय की जाती है। भिन्न-भिन्न रिटेलर का कमीशन परिस्थिति के अनुसार तय होता है, ताकि रिटेलरों के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्द्धा बनी रहे।
· तीसरा बिंदु - केजरीवाल सरकार द्वारा होलसेलरों के लिए सर्वाधिक शराब की कमीशन तय की गयी।
किसी उत्पाद के लिए मैनुफैक्चरर का प्रॉफिट इनपुट अधिक होता है क्योंकि उसे अधिक निवेश करना होता है। रिटेलर के लिए कमीशन ज्यादा होती है। होलसेलर तो एक प्रकार से बिचौलिए का काम करते हैं। किन्तु केजरीवाल सरकार में सबसे ज्यादा कमीशन होलसेर्ल्स के लिए निर्धारित की गयी।
· चौथा बिंदु - स्टिंग ऑपरेशन में बताया जा रहा है कि होलसेर्ल्स को अधिक कमीशन लेने का औचित्य क्या था और किसे देना था।
पांचवा बिंदु - 5-5 करोड़ रुपए तक की फीस न्यूनतम निर्धारित की गई। 5 करोड़ इसलिए रखा गया कि छोटे-मोटे व्यापारी आने न पाये, जबकि मूलतः अन्य राज्यों में यह पॉलिसी इस आधार पर बनाई जाती है कि छोटे-छोटे व्यापारियों को भी काम करने का मौका मिले.
अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनने के बाद कहा था कि जो कोई भी स्टिंग बनाकर भ्रष्टाचार का खुलासा करेगा, तो हमारी सरकार उस स्टिंग पर तत्काल कार्रवाई करेगी।
भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि अरविन्द केजरीवाल इस स्टिंग ऑपरेशन को लेकर शराब घोटाले पर कार्रवाई करें या पूर्व में स्टिंग को लेकर अपने दिए गए बयान पर सार्वजनिक माफ़ी मांगे।
स्टिंग ऑपरेशन के सार्वजनिक होने के बाद दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि-
नयी शराब नीति को लेकर जब इस प्रकार की नीतिगत बातें उभरकर सामने आई, तो केजरीवाल सरकार ने क्या कार्रवाई की?
आखिर नई शराब नीति को वापस क्यों लिया गया ?
शराब घोटाले का खुलासा होने के बावजूद क्यों नयी शराब नीति का समर्थन किया गया?
शराब घोटाले को लेकर बनी पहली स्टिंग पर अरविंद केजरीवाल ने कोई कार्रवाई अब तक क्यों नहीं की?
शराब घोटाले पर दूसरा स्टिंग ओपरेशन आने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोई कार्रवाई अब तक क्यों नहीं की?
अरविंद केजरीवाल के आंदोलन के पितृ पुरुष अन्ना हजारे भी शराब मामले को लेकर उन्हें पत्र लिख चुके हैं, अन्ना हजारे के पत्र पर अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले को लेकर क्या कार्रवाई की?
भारतीय राजनीति में सत्ता में आने के बाद महज 7-8 वर्षो में ही आम आदमी पार्टी का चरित्र जितना बदला है उतना संभवत किसी पार्टी का बदलते नहीं देखा गया है।
· आम आदमी पार्टी ने अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए क्या किया, यह स्टिंग ऑपरेशन में स्पष्ट नजर आ रहा है। शराब नीति में एडवांस, एडजस्टमेंट और कैश आदि का प्रावधान कर अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक तरह से लाभार्थी नीति बनायी थी। ऐसा लगता है कि एक तरह से शराब माफिया द्वारा ही नई शराब नीति का स्वरुप तैयार किया गया था।
· शराब घोटाले में दस हजार करोड़ रुपए की गड़बडी हुई है। आम आदमी पार्टी द्वारा की गयी शराब घोटाले की शराब सिर्फ नशीली ही नहीं है, बल्कि जहरीली भी है। वह जहर अब सबको दिखने लगा है. स्टिंग ऑपरेशन में वैसे नाम भी सामने आये हैं, जो आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी हैं।
दूसरी ओर, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल वह हर काम करते हैं, जिसमें भ्रष्टाचार हो और अपने लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके।
· दिल्ली सरकार के खजाने में शराब कारोबार से 165 प्रतिशत राजस्व आता था, केजरीवाल सरकार ने उसे घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया, क्योकि दिल्ली के खजाने में आने वाले पैसे गिने-चुने शराब माफिया को मिले और उनके माध्यम से आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं तक पैसा पहुँच सके।
· स्टिंग मास्टर अरविंद केजरीवाल का स्टिंग हो रहा है। शराब घोटाले को लेकर पब्लिके डोमेन में दूसरा स्टिंग घुम रहा है। अरविंद केजरीवाल अब डायरेक्ट कैश कलेक्शन में विश्वास करते हैं। शराब घोटाले में सीधे कैश कलेक्शन उन तक पहुंच रहा है। यह स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है।
भाजपा नेता श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन से यह भी स्पष्ट होता है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने चंद शराब माफिया दोस्तों के लिए नयी शराब नीति बनायी थी। पंजाब और गोवा विधान सभा चुनाव के लिए शराब माफिया से एडवांस पैसे लिए गए। आम आदमी पार्टी द्वारा सिर्फ शराब घोटाल ही नहीं किया गया, बल्कि कालेधन को सफेद भी किया गया।
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