
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सैयद जफर इस्लाम की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की इकॉनोमिक विजन ने “जॉब सीकर्स” को “जॉब गिवर्स” बनाया है। मुद्रा योजना को IMF, वर्ल्ड बैंक समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी सराहा है।
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मुद्रा योजना से भारत में आर्थिक क्रांति आई है। इससे MSME सेक्टर को जबरदस्त गति मिली है। MSME का बैंक क्रेडिट योगदान भी 15% से बढ़कर 20% हो गया है। इसमें 11% लाभार्थी अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। मुस्लिम महिलाओं को भी काफी लाभ पहुंचा है।
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मुद्रा योजना के तहत अबतक 52 करोड़ लाभार्थियों को 33 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिए गए हैं जिसमें 70% महिलाएं हैं। यह योजना महिला सशक्तिकरण में काफी कारगर सिद्ध हुई है।
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भाजपा ने बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर के संकल्प को पूरा किया है। मुद्रा योजना के तहत दिए गए ऋण के 50 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज से हैं।
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डीएमके सरकार में मंत्री पोनमुडी द्वारा हिंदू धर्म, संतों और हिंदी भाषी समाज के खिलाफ दिया गया बयान घोर आपत्तिजनक है। उन्हें मंत्री पद से अविलंब हटाया जाए। पोनमुडी को सार्वजनिक रूप से देश की जनता से और खासकर हिंदुओं से क्षमा मांगनी होगी।
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आदरणीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने जैसे ही एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन की घोषणा की, तो दबाव में आकर डीएमके ने अपने मंत्री को पार्टी पद से तो हटाया लेकिन मंत्री पद से नहीं हटाया।
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तमिलनाडु की डीएमके सरकार न केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है बल्कि अपने कुकर्मों से ध्यान भटकाने के लिए लगातार सनातन धर्म, वक्फ बोर्ड, परिसीमन और भाषा विवाद जैसे मुद्दे उठाकर समाज को बांटने का प्रयास कर रही है।
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भाजपा ने सदैव तमिल संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले जाने का प्रयास किया है, वहीं डीएमके सरकार भाषा, जाति और धर्म के मुद्दों पर भटकाव पैदा करती है।
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डीएमके सरकार और मुख्यमंत्री स्टालिन को समझना होगा कि देश और तमिलनाडु की जनता इस अपमान को नहीं भूलेगी। समय रहते अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता इसका करारा जवाब देगी।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ सैयद जफर इस्लाम ने आज शनिवार को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई मुद्रा योजना के 10 ऐतिहासिक वर्ष पूरे होने पर एक महत्त्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने तमिलनाडु में डीएमके सरकार में मंत्री के. पोनमुडी के सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए विवादित बयान को लेकर डीएमके और कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए करारा हमला बोला। उन्होंने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से मंत्री के पोनमुडी को तत्काल मंत्री पद से हटाए जाने की मांग करते हुए कहा कि पोनमुडी को देश की जनता से भी अविलंब माफी मांगनी चाहिए।
डॉ इस्लाम ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की इकॉनोमिक विजन ने “जॉब सीकर्स” को “जॉब गिवर्स” बनाया है। मुद्रा योजना को IMF, वर्ल्ड बैंक समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी सराहा है। मुद्रा योजना के तहत अबतक 52 करोड़ लाभार्थियों को 33 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिए गए हैं जिसमें 70% महिलाएं हैं। साथ ही, डॉ. इस्लाम ने हिंदू विरोधी बयान देने के लिए तमिलनाडु के मंत्री के. पॉनमुडी की जमकर आलोचना की और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से मंत्री के. पॉनमुडी को तत्काल मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की।
डॉ इस्लाम ने कहा कि आज पूरी दुनिया में ट्रंप के टैरिफ के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता और अनिश्चितता का माहौल है। हर देश इस बात को लेकर आशंकित है कि इन टैरिफ का असर क्या होगा, वैश्विक अर्थव्यवस्था किस दिशा में जाएगी, सिकुड़ेगी या ठहरेगी? इन सबके बीच भारत एकमात्र ऐसा देश है जो वैश्विक मंच पर एक मज़बूत, स्थिर और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के रूप में उभरकर सामने आया है। यह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दूरदर्शी आर्थिक नीतियों और सुधारों का परिणाम है कि जब बाकी दुनिया अस्थिरता से जूझ रही है, भारत आगे बढ़ रहा है। टैक्स कलेक्शन, पावर कंजम्पशन और सरकार की विविध योजनाओं के मौजूदा आकंड़ों से यह स्पष्ट होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है। इसके पीछे की वजह “सबका साथ, सबका विकास” है और श्रद्धेय दीन दयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के सिद्धांत पर आधारित है, जिसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 में सत्ता में आते ही प्राथमिकता दी।
राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ इस्लाम ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दूरगामी सोच का परिणाम है कि एक क्रांतिकारी योजना के रूप में मुद्रा योजना को 8 अप्रैल 2015 को लॉन्च किया गया, जिसका सुखद परिणाम उभरकर सबके सामने आया है। यह क्रांतिकारी योजना उन लोगों तक पहुंची जो पहले न तो बैंक से जुड़े थे और न ही कभी फंडिंग के योग्य माने जाते थे। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सबसे पहले जनधन योजना से बैंकिंग का रास्ता खोला, फिर मुद्रा योजना के माध्यम से लोगों को वित्तीय सहायता दी। आज 52 करोड़ से अधिक उद्यमियों को इस योजना का लाभ मिला है, जिनमें से 70% महिलाएं हैं। अब तक 33 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। यह संख्या 150 देशों की कुल आबादी से अधिक है। जहां पहले एक आम ग्रामीण नागरिक को बैंक ऋण पाना मुश्किल होता था, वहां अब बिना गारंटी के ऋण मिल रहा है। 2016 में मुद्रा योजना के अंतर्गत औसत ऋण टिकट साइज 26,000 रुपये था, जो अब बढ़कर लगभग 1.5 लाख रुपये तक पहुँच चुका है।
डॉ इस्लाम ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस नेता संविधान जेब में लेकर घूमते है, लेकिन संविधान का अनुपालन नहीं करते हैं। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर के संकल्प को पूरा किया है और मुद्रा योजना के तहत दिए गए ऋण के 50 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज से हैं। आज मुद्रा योजना के चलते MSME सेक्टर को जबरदस्त गति मिली है और भारतीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की है। 2014 में MSME का कुल बैंक क्रेडिट में योगदान 15% था, जो अब बढ़कर 20% हो चुका है। 11% लाभार्थी अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, विशेषकर इस योजना से मुस्लिम महिलाओं की सशक्तिकरण हुई है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि शुरुआत में ₹50,000 तक का ऋण सबसे अधिक दिया जाता था, लेकिन अब इसमें ₹5 लाख तक का ऋण लेने वालों की संख्या 45% तक पहुंच गई है। इससे स्पष्ट है कि अब लोग माइक्रो से स्मॉल एंटरप्राइज की ओर बढ़ रहे हैं। इससे भारत में एक आर्थिक क्रांति आई है, जो ग्रामीण भारत से शुरू होकर पूरे देश में फैल रही है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की इकॉनोमिक विजन ने “जॉब सीकर्स” को “जॉब गिवर्स” बनाया है। इस योजना को IMF, वर्ल्ड बैंक समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी सराहा है और यह आयुष्मान भारत की ही तरह एक वैश्विक उदाहरण बन चुका है।
तमिलनाडु में डीएमके सरकार के मंत्री के. पोनमुडी के विवादित बयान पर जोरदार हमला बोलते हुए डॉ इस्लाम ने कहा कि तमिलनाडु की डीएमके सरकार न केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है बल्कि अपने कुकर्मों से ध्यान भटकाने के लिए लगातार सनातन धर्म, वक्फ बोर्ड, परिसीमन और भाषा विवाद जैसे मुद्दे उठाकर समाज को बांटने का प्रयास कर रही है। डीएमके के फॉरेस्ट मिनिस्टर के. पोनमुडी द्वारा हिंदू धर्म, संतों और हिंदी भाषी समाज के खिलाफ दिया गया बयान आपत्तिजनक है। यह बड़बोलापन और घमंड, केवल अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास है। भारतीय जनता पार्टी ने बार-बार यह मांग उन्हें बर्खास्त करने की मांग की लेकिन डीएमके सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन जैसे ही आदरणीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन की घोषणा की, तो दबाव में आकर डीएमके ने अपने मंत्री को पार्टी पद से तो हटाया लेकिन अभी भी मंत्री पद से नहीं हटाया है। भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि उन्हें मंत्री पद से भी हटाया जाए और वो सार्वजनिक रूप से देश की जनता से और खासकर हिंदुओं से क्षमा मांगें।
पूर्व सांसद डॉ इस्लाम ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने तमिल संस्कृति का हमेशा सम्मान किया है। काशी-तमिल संगमम जैसे आयोजन इसके प्रमाण हैं। भाजपा ने सदैव तमिल संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले जाने का प्रयास किया है, वहीं डीएमके सरकार अपनी भ्रष्टाचार छुपाने के लिए भाषा, जाति और धर्म के बेबुनियादी मुद्दे उठाकर हमेशा भटकाव पैदा करती है। डीएमके सरकार और मुख्यमंत्री स्टालिन को समझना होगा कि देश और तमिलनाडु की जनता इस अपमान को नहीं भूलेगी। समय रहते अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता इसका करारा जवाब देगी।
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