संक्षिप्त जीवन परिचय
श्री बंगारू लक्ष्मण का जन्म 17 मार्च, 1939 को हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में श्री बंगाली नरसिंह और श्रीमती शिवम्मा के यहां हुआ। श्री लक्ष्मण अपनी किशोरावस्था में प्रवेश करने से पहले ही 1951 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए। उन्होंने सरकारी हाई स्कूल, नामपल्ली से मैट्रिक किया और इवनिंग कॉलेज से स्नातक किया। उन्होंने लॉ कॉलेज, उस्मानिया विश्वविद्यालय से छात्र के रूप में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की।
1962 में भारतीय रेलवे में जाने से पहले 1958 में आंध्र प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में उन्होंने कार्य किया। इसके तीन साल बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश में महालेखाकार कार्यालय में कार्य करने के लिए रेलवे छोड़ दिया। उन्होंने 1969 में महालेखाकार कार्यालय पद से भी इस्तीफा दे दिया और पूर्णकालिक राजनीतिक कार्यकर्ता बनने का विकल्प चुना।
एक सक्रिय ट्रेड यूनियनिस्ट के नाते उन्होंने ट्रेड यूनियन आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स, फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, सिंगरेनी कोलियरीज, मेट्रिक्स फैक्ट्री और मिडहानी के कर्मचारी संघों के अध्यक्ष चुने गए।
1970 और 1976 के बीच वह उस्मानिया विश्वविद्यालय सीनेट के सदस्य थे और वह ग्रेजुएट्स निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे।
श्री लक्ष्मण उच्च शक्ति वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे जो 1998 में अमेरिका, पेरू और ब्राजील की यात्रा पर भारत के राष्ट्रपति के साथ आए गये थे।
श्री लक्ष्मण सात वर्षों तक अखिल भारतीय भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रहे। वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। आपातकाल के दौरान उन्हें लगभग डेढ़ साल की कैद हुई। वह 1973 और 1977 के बीच भारतीय जनसंघ की आंध्र प्रदेश इकाई के सचिव थे और 1980 में नवगठित भारतीय जनता पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई के संयोजक बनने से पहले 1978 में वह आंध्र प्रदेश राज्य के सचिव थे। 1980 और 1985 के बीच वह पार्टी के महासचिव और 1986 से 1988 के बीच पार्टी के अध्यक्ष रहे।
श्री बंगारू लक्ष्मण 1985 में आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य थे और 1986 में इसे भंग कर दिया गया। वह अप्रैल 1996 में गुजरात से राज्यसभा के लिए चुने गए और अक्टूबर 1999 में उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में योजना और क्रियान्वयन राज्यमंत्री के नाते शामिल किया गए। नवंबर 1999 में उन्हें रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया।