Press statement by BJP National Spokesperson Dr. Sudhanshu Trivedi


by Dr. Sudhanshu Trivedi -
08-07-2023
Press Release

 

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में प्रायोजित हिंसा के संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी की ओर से जारी प्रेस वक्तव्य

 

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में जारी हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। चुनाव लोकतंत्र के हृदय की गति माने जाते हैं परंतु बंगाल में कुछ कुछ वैसा ही हो रहा है जैसा 90 के दशक में बिहार में हुआ करता था। लोकतंत्र के इस पर्व को रक्त रंजित करने के जितने कृत्य पश्चिम बंगाल की सरकार ने किए हैं, वह एक के बाद एक संवैधानिक उपकरणों से एक्सपोज होते जा रहे हैं।

 

पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में सुरक्षा बलों की तैनाती का निर्णय अदालत ने लिया है। न्यायालय ने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जब राज्य के चुनाव आयोग ने ही सुरक्षा बलों की डिमांड की थी, तो पश्चिम बंगाल की सरकार कैसे कह सकती है कि फोर्सेज नहीं आने चाहिए? यह प्रश्न करने का अर्थ होता है कि उनके मन के अंदर का जो भाव था कि वह सुरक्षा बलों का दुरुपयोग करना चाहते थे। मुझे लगता है कि चुनाव आयोग इस विषय के ऊपर अपनी पूरी नजर रखे हुए है और चुनाव आयोग ने यदि सतर्कता नहीं बरती होती और न्यायालय ने कड़ाई से निर्देश नहीं दिए होते तो पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव और भी वीभत्स हो हो सकते थे।

 

हमारे कार्यकर्ताओं की जिस प्रकार से हत्या हो रही है, उनकी प्रताड़ना हो रही है, इसके उपरांत भी जिस दृढ़ता के साथ वे लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं, यह लोकतंत्र के प्रति भारतीय जनता पार्टी की निष्ठा का प्रमाण है। जो कुछ पश्चिम बंगाल की सरकार कर रही है, वह लोकतंत्र को सत्ता का दुरुपयोग कर हिंसा के द्वारा प्रभावित कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के पिछले विधान सभा चुनाव में कई सीटों पर तो कोई वोटिंग ही नहीं हुई थी। पश्चिम बंगाल में हिंसा का तांडव हो रहा है और बाकी पार्टियों को और लोगों को तो लोकतंत्र की हत्या नजर रही है, पश्चिम बंगाल में कोई समस्या नजर रही है क्योंकि ये सब वे लोग हैं जिनको केवल भारतीय जनता पार्टी और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विरोध की बाते ही समझ में आती हैं भले ही उनके कार्यकर्ताओं की हत्या क्यों हो जाए और लोकतंत्र रक्तरंजित क्यों हो जाए?

 

पश्चिम बंगाल में वर्षों से हिंसा जारी है और केवल हिंसा ही जारी नहीं है बल्कि उत्तरोत्तर यह हिंसा बढ़ती ही जा रही है। स्थितियां बद से बदतर होती चली जा रही है। हिंसा का स्वरूप यह है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है, कम्युनिस्ट और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भी हत्या हो रही है लेकिन उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है। इतना ही नहीं, पश्चिम बंगाल को उस मुकाम में ले जाकर पहुंचा दिया है कि तृणमूल कांग्रेस के गुट ही आपस में एक दूसरे के विरुद्ध हिंसात्मक कार्रवाई कर रहे हैं, एक-दूसरे के हत्या करवाने में लगे हैं। यह दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल की वह भूमि जिसे भद्र लोक कहा जाता था, जो कला और संस्कृति के लिए पूरे विश्व में जानी जाती थी, जिसकी एक वैश्विक पहचान थी, वह पश्चिम बंगाल आज तृणमूल कांग्रेस के इस कार्यकाल में पूरी तरीके से हिंसा, भ्रष्टाचार और अपराधियों को प्रत्यक्ष राजनीतिक संरक्षण देने के दुर्दांत अपराध की भागी हो गई है। अपराधियों को जिस प्रकार से सत्ता का संरक्षण देकर उनसे हिंसा करवाई जा रही है, यह अपने आप में भारत की राजनीति का बहुत दुखद उदाहरण है। पश्चिम बंगाल की सरकार दुर्दांत अपराध की भागी हो रही है। पश्चिम बंगाल आज तृणमूल कांग्रेस सरकार में अपराध, खतरनाक तुष्टिकरण, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और लोकतंत्र के अंदर हिंसा का पूरे भारत में एक दुखद और दर्दनाक उदाहरण बन के उभरा है। पश्चिम बंगाल की गरिमा और प्रतिष्ठा को अपने दुष्कृत्यों के द्वारा तार-तार करने का जो काम तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने किया है, इसके लिए वो लोकतंत्र ही नहीं, बंगाल की जनता के भी अपराधी हैं।

 

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