Salient points of press conference of BJP National Spokesperson, Dr. Sambit Patra on 30 Nov 2018


30-11-2018
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा जी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

कांग्रेस और करप्शन एक दूसरे की पर्यायवाची हैं। आजादी से लेकर आज तक नामदार परिवार ने भ्रष्टाचार करने के सिवा कुछ और किया ही नहीं है।

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कांग्रेस पार्टी के इसनामदार" परिवार का सबसे बड़े किसान रॉबर्ट वाड्रा हैं जिनका एक ही काम है औने-पौने दाम में दूसरों के पैसों से किसानों की जमीन हड़पना और फिर कांग्रेस की सरकार से लैंड यूटिलिटी बदल कर उसे करोड़ों रुपये में बेच कर अपनी जेब भरना।

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एक ओर राहुल गाँधी हैं जिन्हें मूंग और मसूर का फर्क नहीं मालूम तो दूसरी ओर विश्व प्रसिद्ध किसानदागदार नामदारदागदार दामाद" रॉबर्ट वाड्रा हैं और ये दोनों केवल मनी की खेती करते हैं - नो मूंग, नो मसूर, ओनली मनी। यही है कि नेहरू-गाँधी परिवार के करप्शन का मॉडल

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आज एक प्रसिद्ध अंग्रेजी समाचार पत्र ने बहुत बड़ा खुलासा करते हुए कांग्रेस केनामदार" परिवार और रॉबर्ट वाड्रा की जालसाजी का कच्चा चिट्ठा देश की जनता के सामने रख दिया है जिससे पता चलता है कि किस तरह भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड के 800 करोड़ रुपये के काले-धन को सफ़ेद किया गया था

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जिस समय रॉबर्ट वाड्रा बीकानेर में किसानों की 70 एकड़ जमीन केवल 72 लाख रुपये में हड़प कर लीजनी फिनलीज को 5.15 करोड़ रुपये में बेच रहे थे, ठीक तभी सोनिया-मनमोहन सरकार द्वारा भूषण पावर के 800 करोड़ रुपये के काले धन को सफ़ेद किया जा रहा था जिसने लीजनी फिनलीज को जमीन खरीदने के लिए 5.64 करोड़ का अन्सिक्योर्ड लोन दिया था 

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रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित ताजा खुलासा कोई बदले की कार्यवाही नहीं है क्योंकि 2015 से ही रॉबर्ट वाड्रा के बीकानेर जमीन घोटाले की जांच चल रही है और एक-एक करके नेहरू-गाँधी परिवार के लोगों के भ्रष्टाचार की परतें खुलती जा रही है

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आखिर क्या हुआ कि महज 15 दिन में इनकम टैक्स के सैटलमेंट कमीशन ने सोनिया-मनमोहन सरकार में पहले बेंच के निर्णय को निरस्त करते हुए भूषण पावर के 800 करोड़ रुपये को काले-धन से सफ़ेद कर दिया और उसे सजा एवं पेनल्टी से भी छूट दे दी?

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स्पष्ट है कि भूषण पावर को अपने काले धन को सफ़ेद करने के एवज में रॉबर्ट वाड्रा को फायदा पहुंचाया गया और पता नहीं इस 800 करोड़ रुपये के काले धन को सफ़ेद करने के लिए भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड ने नेहरू-गाँधी परिवार को कितने पैसे दिए

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नेशनल हेराल्ड में पैसों के हेरफेर को लेकर सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी दोनों पहले ही बेल पर जेल से बाहर हैं, इन पर 154 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला भी चल रहा है। रॉबर्ट वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी पर 25 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का केस अलग से चल रहा है। मतलब राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी, रॉबर्ट वाड्रा सब मिल कर टैक्स चोरी कर रहे हैं।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और रॉबर्ट वाड्रा के जमीन घोटाले से संबंधित ताजा खुलासे को लेकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी पर कड़ा प्रहार किया।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि कांग्रेस और करप्शन एक दूसरे की पर्यायवाची हैं। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर आज तक नामदार परिवार ने भ्रष्टाचार करने के सिवा कुछ और किया ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के इसनामदार" परिवार का सबसे बड़े किसान रॉबर्ट वाड्रा हैं जिनका एक ही काम था औने-पौने दाम में दूसरों के पैसों से किसानों की जमीन हड़पना और फिर कांग्रेस की सरकार से लैंड यूटिलिटी बदल कर उसे करोड़ों रुपये में बेच कर अपनी जेब भरना।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि आज एक प्रसिद्ध अंग्रेजी समाचार पत्र ने बहुत बड़ा खुलासा करते हुए कांग्रेस केनामदार" परिवार और रॉबर्ट वाड्रा की जालसाजी का कच्चा चिट्ठा देश की जनता के सामने रख दिया है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप सबको याद होगा कि किस तरह कांग्रेस के शासन में 2010 में रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कंपनीस्काई लाइट हॉस्पिटैलिटीके माध्यम से राजस्थान के बीकानेर में फर्जी तरीके से 70 हेक्टेयर की जमीन महज एक लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मात्र 72 लाख रुपये में खरीदी थी। इसके दो वर्ष के भीतर ही स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2012 में उस जमीन को लगभग 7 गुना ऊँची कीमत पर 7.41 लाख हेक्टेयर की दर से कुल 5.15 करोड़ रुपये एलीजनी फिनलीज नाम की कंपनी को बेच दिया। एलीजनी फिनलीज ने इसके लिए भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड से 564 करोड़ रुपये का अन्सिक्योर्ड लोन लिया था। इसे लेकर 2015 में राजस्थान की भाजपा सरकार ने बीकानेर में इस जमीन घोटाले को लेकर एक एफआईआर दर्ज करवाई थी जिसके बल पर यह जांच आगे बढ़ी है और प्रवर्तन निदेशालय ने इनकम टैक्स सैटलमेंट कमीशन से सवाल पूछे हैं।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि य केवल 4-5 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार की जड़ें कहीं और है और बहुत गहरी है। भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड का एक गड़बड़ घोटाला आईटी डिपार्टमेंट ने 2011-12 में पकड़ते हुए भूषण पावर को एक नोटिस भेजा जिसमें आईटी डिपार्टमेंट ने कहा कि 2004-05 से लेकर 2011-12 तक हुए इनकम टैक्स एसेसमेंट के अनुसार भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड को 800 करोड़ रुपये का टैक्स और देना होगा। भूषण स्टील ने इसके खिलाफ इनकम टैक्स के सैटलमेंट कमीशन में एक याचिका दाखिल की। सैटलमेंट कमीशन ने 15 जून 2013 को एक ड्राफ्ट रिलीज करती है, उसमें दो महत्वपूर्ण बिंदु होते हैं - एक, कि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड को 500 करोड़ रुपये देने होंगे और दूसरा, यह कि चूंकि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड ने गलती की है, इसलिए भूषण पावर को प्रोसिक्यूट भी किया जाएगा और पेनल्टी भी लगाईं जायेगी। इसके बाद पता नहीं कि सोनिया-मनमोहन सारकार ने इनकम टैक्स सैटलमेंट कमीशन पर क्या दवाब बनाया कि पहले ड्राफ्ट रिलीज के 15 दिन की भीतर ही सेटलमेंट कमीशन ने एक और बेंच का गठन कर दिया जिसने भूषण पावर पर से प्रोसिक्यूशन और पेनल्टी के क्लॉज को हटा दिया और पांच सौ करोड़ रुपये की टैक्स छूट भी दे दी। नए बेंच ने यह भी निर्णय दे दिया कि भूषण पावर को एडिशनल इनकम दिखाने की भी कोई आवश्यकता नहीं है।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि पहले इनकम टैक्स के नोटिस और सैटलमेंट कमीशन के पहले ड्राफ्ट में भूषण पावर के 800 करोड़ रुपये इनकम को अनएकाउंटेड मनी कहा था अर्थात् इसे एक तरह से काला धन की संज्ञा दी थी। स्पष्ट है कि भूषण पावर को अपने काले धन को सफ़ेद करने के एवज में रॉबर्ट वाड्रा को फायदा पहुंचाया गया और पता नहीं इस 800 करोड़ रुपये के काले धन को सफ़ेद करने के लिए भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड ने नेहरू-गाँधी परिवार को कितने पैसे दिए।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि जहां तक रॉबर्ट वाड्रा का सवाल है, येदागदार नामदारऔरदागदार दामाद" हैं और इनके घोटालों का मॉडल तो विश्व प्रसिद्ध है ही। एक ओर राहुल गाँधी हैं जिन्हें मूंग और मसूर का फर्क नहीं मालूम तो दूसरी ओर विश्व प्रसिद्ध किसान रॉबर्ट वाड्रा हैं और ये केवल मनी की खेती करते हैं - नो मूंग, नो मसूर, ओनली मनी। यही है कि नेहरू-गाँधी परिवार के करप्शन का मॉडल।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह पर भी सवाल उठते हैं कि आखिर क्यों उन्होंने ऐसे घोटाले होने दिया। नेशनल हेराल्ड में पैसों के हेरफेर को लेकर सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी दोनों बेल पर जेल से बाहर चल रहे हैं, अब इस केस में भी 154 करोड़ रुपये की टेक्स चोरी का आरोप राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी पर है। इनकम टैक्स री-एसेसमेंट को रुकवाने के लिए राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी दोनों पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट गए लेकिन कोर्ट ने इनकी मांग को खारिज कर दिया। रॉबर्ट वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी पर 25 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का केस अलग से चल रहा है। मतलब राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी, रॉबर्ट वाड्रा सब मिल कर टैक्स चोरी कर रहे हैं। रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित ताजा खुलासा कोई बदले की कार्यवाही नहीं है क्योंकि 2015 से ही रॉबर्ट वाड्रा के बीकानेर जमीन घोटाले की जांच चल रही है और एक-एक करके नेहरू-गाँधी परिवार के लोगों के भ्रष्टाचार की परतें खुलती जा रही है।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

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