Salient points of press conference : BJP National Spokesperson, Dr. Sambit Patra on 10 Dec 2018


10-12-2018
Press Release

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा द्वारा भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 
5,600 करोड़ रुपये के नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) घोटाले के आरोपी जिग्नेश शाह के साथ राहुल गाँधी की डील बताती है कि राहुल गाँधी सहित पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है
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अलीबाबा चालीस चोर, मचाए चौकीदार का शोर। अलीबाबा राहुल गाँधी ‘चौकीदार’ से बुरी तरह से डरे हुए हैं और इसीलिए पकड़े जाने से बचने के लिए शोर मचा रहे हैं। राहुल गांधी वह अलीबाबा हैं, जिसके इर्द-गिर्द 40 चोरों ने देश को लूट कर गर्त में गिराने का काम किया है
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नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के 5600 करोड़ रुपए के घोटाले के जनक जिग्नेश शाह को राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने महरौली स्थित अपने फार्म हाउस को किराए पर तब दिया था जब जिग्नेश शाह की कंपनी एफटीआइएल बड़े भ्र्ष्टाचार में शामिल थी
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यूपीए सरकार द्वारा जिग्नेश शाह को कारण बताओ नोटिस भेजने के बावजूद लगभग 1.5 वर्ष तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि नोटिस जारी होने के बाद ही जिग्नेश शाह ने राहुल गाँधी से रेंट एग्रीमेंट साइन की थी। यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार का मामला है, राहुल गाँधी को इस पर जवाब देना चाहिए
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एफटीआईएल ने रेंट एग्रीमेंट के तहत राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ब्याज रहित दो अलग-अलग चेक क्रमश: 20.10 लाख और 20.10 लाख रुपए के दिए थे। स्पष्ट है कि राहुल गांधी भ्रष्टाचार में निजी तौर पर संलिप्त हैं
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जिग्नेश शाह के राहुल गाँधी से डील के बदले में सोनिया गांधी की रिमोट कंट्रोल से चलने वाली तत्कालीन कांग्रेस की यूपीए सरकार ने कंपनी एनएसईएल को एफसीआरए के नियम 27 के प्रावधान से मुक्त करके नियमन में छूट प्रदान की थी
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जब राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी या कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाये जाते हैं तो कांग्रेस कहती है कि जांच करा लो और जब प्रवर्तन निदेशालय सहित अन्य जांच एजेंसियां अपना काम शुरू करतीं हैं तो कांग्रेस पार्टी कहने लगती है कि बदले की भावना से निशाना बना कर कार्रवाई की जा रही है
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एक ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं जो 125 करोड़ लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी है जो अपने परिवार की महत्वाकांक्षा के लिए लड़ रही है
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज सोमवार को पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और NSEL पेमेंट घोटाले में सज़ायाफ्ता जिग्नेश शाह की मदद करने के लिए राहुल गाँधी पर जम कर हमला किया।
 
राहुल गाँधी पर करारा प्रहार करते हुए डॉ पात्रा ने कहा कि 5,600 करोड़ रुपये के नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) घोटाले के आरोपी जिग्नेश शाह के साथ राहुल गाँधी की डील बताती है कि राहुल गाँधी सहित पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। उन्होंने कहा कि विगत सात दिनों में कांग्रेस पार्टी के ‘एक परिवार' से जुड़े भ्रष्टाचार के एक-के-बाद-एक तीन मामले आ चुके हैं। पहले क्रिश्चियन मिशेल का प्रत्यर्पण और उसके बचाव में कांग्रेस पार्टी द्वारा वकीलों की फ़ौज को खड़ा किया जाना, फिर उसी परिवार द्वारा अपने दामाद रॉबर्ट वाड्रा के लिए कर चोरी का सामना कर रही “भूषण स्टील" को लगभग 800 करोड़ रुपये का राहत पहुंचाया जाना और अब 5,600 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी जिग्नेश शाह के साथ राहुल गाँधी-प्रियंका वाड्रा की डील, स्पष्ट है कि राहुल गांधी वह अलीबाबा हैं, जिसके इर्द-गिर्द 40 चोरों ने देश को लूट कर गर्त में गिराने का काम किया है। अलीबाबा चालीस चोर, मचाए चौकीदार का शोर। उन्होंने कहा कि अलीबाबा राहुल गाँधी ‘चौकीदार’ से बुरी तरह से डरे हुए हैं और इसीलिए पकड़े जाने से बचने के लिए शोर मचा रहे हैं। 
 
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक में इस घोटाले के पर्दाफ़ाश से यह साबित हो गया है कि राहुल गांधी के खाते में सीधे घूस का पैसा आता है। उन्होंने कहा कि नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के 5600 करोड़ रुपए के घोटाले के जनक जिग्नेश शाह को राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने महरौली स्थित अपने फार्म हाउस को किराए पर तब दिया था जब जिग्नेश शाह की कंपनी एफटीआइएल बड़े भ्र्ष्टाचार में शामिल थी। इसके बदले में सोनिया गांधी के रिमोट कंट्रोल से चलने वाली तत्कालीन कांग्रेस की यूपीए सरकार ने कंपनी एनएसईएल को एफसीआरए के नियम 27 के प्रावधान से मुक्त करके नियमन में छूट प्रदान की थी। मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 29 नवंबर को भेजे अपने पत्र में फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज (इंडिया) लिमिटेड (अब, 63 मून्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड) के गांधी परिवार के साथ किए समझौते का ब्योरा मांगा था। 
 
डॉ पात्रा ने बताया कि जिग्नेश शाह की कंपनी एफटीआइएल, एनएसइएल कंपनी की प्रोमोटर थी। एनएसइएल कंपनी को रेगुलेशन से छूट देने को लेकर आपत्ति दर्ज़ कराई गई, लेकिन डेढ़ साल तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।  यूपीए सरकार ने एनएसइएल कंपनी को किसी भी रेगुलेशन से मुक्त कर दिया था। जिग्नेश शाह की कंपनी एफटीआईएल ने दिल्ली के महरौली स्थित इंदिरा गांधी फार्म हाउस को किराए पर लेने के लिए राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा के साथ 11 महीने का लीज एग्रीमेंट साइन किया था। करार के मुताबिक प्रति महीने इसके लिए लगभग सात लाख रुपए चुकाने की बात तय हुई थी। एफटीआईएल ने इसके लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ब्याज रहित दो अलग-अलग चेक क्रमश: 20.10 लाख और 20.10 लाख रुपए के दिए थे। स्पष्ट है कि राहुल गांधी भ्रष्टाचार में निजी तौर पर संलिप्त हैं। उन्होंने कहा कि जिग्नेश शाह की कंपनी को सरकार द्वारा नोटिस जारी करने के करीब 10 माह बाद यह रेंट एग्रीमेंट बनाया गया था। नोटिस 27 अप्रैल, 2012 को भेजा गया था। यह एक वर्ष का समय रिश्वत लेन-देन का था, लेकिन कारण बताओ नोटिस भेजने के बाद सरकार ने लगभग 1.5 वर्ष तक इसपर कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार का मामला है, राहुल गाँधी को इस पर जवाब देना चाहिए।
 
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि जब राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी या कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाये जाते हैं तो कांग्रेस कहती है कि जांच करा लो और जब प्रवर्तन निदेशालय सहित अन्य जांच एजेंसियां अपना काम शुरू करतीं हैं तो कांग्रेस पार्टी कहने लगती है कि बदले की भावना से निशाना बना कर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं जो 125 करोड़ लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी है जो अपने परिवार की महत्वाकांक्षा के लिए लड़ रही है।
 
(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव
 

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