भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा राहुल गाँधी से पूछे गए सवाल
राहुल गाँधी ने राफेल मुद्दे पर जितना झूठ देश की जनता के सामने बोला, उसका सोर्स ऑफ़ इन्फॉर्मेशन क्या था, यह देश की जनता जानना चाहती है
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2007 में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने डील की प्रक्रिया को फाइनल करने की शुरुआत की तो फिर 2007 से 2014 तक राफेल डील क्यों सोनिया-मनमोहन सरकार फाइनल नहीं कर पाई? क्या इसमें कमीशन का अमाउंट तय होना बाकी था या फिर दलालों की भूमिका निर्धारित करनी थी?
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देश की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस की केंद्र सरकारों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील क्यों नहीं की, गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील को क्यों नहीं माना?
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2007 से 2014 तक देश की रक्षा जरूरतों से संबंधित सभी मामलों को लटका कर कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार ने क्यों देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया? एयरक्राफ्ट लेट होने का जिम्मेदार कौन है, राहुल गाँधी को इसे देश की जनता को बताना चाहिए
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देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने और जनता को गुमराह करने के लिए राहुल गाँधी को देश की जनता और सेना के जवानों से माफी मांगनी चाहिए
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज शुक्रवार को पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से कुछ ज्वलंत प्रश्न पूछे।
श्री शाह ने देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आज सत्य की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने और जनता को गुमराह करने के लिए राहुल गाँधी को देश की जनता और सेना के जवानों से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं आज देश की जनता की ओर से राहुल गाँधी से चार सवाल पूछना चाहता हूँ। उन्हें इन चारों सवालों का जवाब देश की जनता को देना चाहिए।
- पहला - राहुल गाँधी ने राफेल मुद्दे पर जितना झूठ देश की जनता के सामने कहा, उसका सोर्स ऑफ़ इन्फॉर्मेशन क्या था? राहुल गाँधी को अपनी विश्वसनीयता बनाने के लिए देश को बताना चाहिए कि कौन उन्हें ये झूठी सूचनाएं देता था जिसके आधार पर राहुल गाँधी ये आरोप लगाते थे? देश की जनता राहुल गाँधी से उनका सोर्स ऑफ़ इन्फॉर्मेशन जानना चाहती है।
- दूसरा - 2001 में भारतीय वायुसेना ने एयरक्राफ्ट रिक्वायरमेंट बताई थी। 2007 में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने डील की प्रक्रिया को फाइनल करने की शुरुआत की तो फिर 2007 से 2014 तक राफेल डील क्यों सोनिया-मनमोहन सरकार फाइनल नहीं कर पाई? क्या इसमें कमीशन का अमाउंट तय होना बाकी था या फिर दलालों की भूमिका निर्धारित करनी थी?
- तीसरा - कांग्रेस ने जितने भी सौदे किये, सब में दलालों की भूमिका रखी गई जबकि भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील की जिसमें बिचौलियों का कोई सवाल नहीं उठता। कांग्रेस की सरकार में कभी क्वात्रोच्चि तो कभी मिशेल को दलाली का मौक़ा मिल जाता था। देश की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस की केंद्र सरकारों ने अब तक गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील क्यों नहीं की, गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील को क्यों नहीं माना?
- चौथा - 2007 से 2014 तक देश की रक्षा जरूरतों से संबंधित सभी मामलों को लटका कर कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार ने क्यों देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया? एयरक्राफ्ट लेट होने का जिम्मेदार कौन है, राहुल गाँधी को इसे देश की जनता को बताना चाहिए।
(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव
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