Salient points of speech of BJP National President Shri Amit Shah addressing Adivasi Adhikar Samavesh in Puri (Odisha) on 03 Feb 2019


03-02-2019
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा भगवान् महाप्रभु की नगरी पुरी, ओड़िशा में आदिवासी समावेश कार्यक्रम में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

 

देश की जनता ने केंद्र मेंफिर एक बार, मोदी सरकारका गठन करने का निर्णय कर लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है

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भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने ओड़िशा के विकास के लिए काफी काम किया है लेकिन ओडिशा में ये योजनायें नीचे तक नहीं पहुँच पाती। इसके लिए राज्य की बीजद सरकार से जवाब मांगने हेतु भाजपा की ओडिशा इकाई ने राज्य के मुख्यमंत्री सेजवाब मांगूची ओडिशा" कार्यक्रम की शुरुआत की है

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ओडिशा में भगवान् महाप्रभु का रत्न भंडार भी सुरक्षित नहीं है। यदि भगवान् महाप्रभु का रत्न भंडार सुरक्षित नहीं है तो इसका सीधा अर्थ यह है कि पूरे भारत की समृद्धि सुरक्षित नहीं है

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भारतीय जनता पार्टी की डीबीटी योजना का लक्ष्य है लाभार्थियों तक केंद्र सरकार की सहायता राशि की सीधी पहुँच सुनिश्चित करना लेकिन कांग्रेस के लिए डीबीटी का मतलब था डीलर ब्रोकर ट्रांसफर योजना

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ओड़िशा में जनजातियों की स्थिति बद से भी बदतर है। दाना मांझी का उदाहरण देश की जनता ने देखा है। शर्म आनी चाहिए ओड़िशा के मुख्यमंत्री को जो एक माँ के शव को उसके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी न कर पाए। ऐसे मुख्यमंत्री को राज्य की सत्ता में रहने का कोई भी अधिकार नहीं है

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देश की आजादी में अनुसूचित जनजाति के महानायकों के बलिदान को आज से पहले किसी कांग्रेसी सरकार ने याद नहीं किया, यह मोदी सरकार है जिसने उनके योगदान के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्हें उचित सम्मान दिया है

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राहुल गाँधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार के समय जनजातीय बजट के लिए केवल 30,700 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी जबकि मोदी सरकार ने इस बजट में लगभग 20,000 करोड़ रुपये की वृद्धि करते हुए 50,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है

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सोनिया-मनमोहन सरकार के 10 वर्षों की यूपीए सरकार में केवल 166 एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए गए, वहीं मोदी सरकार ने पांच वर्ष में ही 288 एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए जा चुके हैं

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आदिवासी भाइयों को पहले जहां केवल छः वन उपज पर समर्थन मूल्य मिलता था, वहीं मोदी सरकार ने 49 वन उपज पर समर्थन मूल्य देने का फैसला किया है जो करोड़ों आदिवासी भाई-बहनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक हो रहा है

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ओड़िशा के मुख्यमंत्री तो ओड़िया भाषा भी नहीं बोल पाते। राज्य की जनता इस बार राज्य में एक ऐसी सरकार बनाए जो राज्य को उत्कल भाषा बोलने वाला मुख्यमंत्री दे

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प्रधानमंत्री श्री नेरन्द्र मोदी जी ने देश के लघु एवं सीमांत किसानों, जिनके पास दो हेक्टेयर या पांच एकड़ तक की भूमि है, उनके एकाउंट में 6,000 रुपये सालाना बिना किसी बिचौलिए के सीधा ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है जो किसानों को समय पर खेती के लिए खाद, बीज, सिंचाई आदि में काफी सहायक होगी लेकिन राहुल गाँधी इसका मखौल उड़ा रहे हैं

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राहुल गाँधी की सोनिया-मनमोहन सरकार ने 10 सालों में एक बार वह भी केवल तीन करोड़ किसानों के महज 57,000 करोड़ रुपये ही माफ़ किये (उसमें भी घोटाले हुए) जबकि मोदी सरकार ने देश के 12 करोड़ से अधिक किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये हर साल सीधे उनके बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है

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मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत देते हुए आयकर में छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ा कर पांच लाख रुपये कर दिया है जो निवेश करने पर साढ़े छः लाख रुपये तक पहुँचती है

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श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आदिवासी भाई-बंधुओं के कल्याण के लिए ट्राइबल मंत्रालय का गठन किया था, अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मछुआरों के लिए अलग से मंत्रालय बनाकर मछुआरे भाई-बहनों के कल्याण के लिए कदम उठाये हैं

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जब संसद में वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल बजट 2019 पेश कर रहे थे, जन-कल्याण के लिए घोषणाएं कर रहे थे, तब सारे जन-प्रतिनिधि मेज थपथपा कर लोक-कल्याणकारी योजनाओं का स्वागत कर रहे थे लेकिन राहुल गाँधी का चेहरा हताशा और निराशा से भरा हुआ था

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राहुल गाँधी के चेहरे पर हताशा और निराशा का भाव गरीब-कल्याण के प्रति उनकी मनोवृत्ति को उजागर करती है। स्पष्ट हो गया कि राहुल गाँधी देश के गाँव, गरीब, किसान और मजदूरों की भलाई के प्रति नकारात्मक हैं

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कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन-राहुल सरकार की यूपीए सरकार के दौरान 13वें वित्त आयोग में ओड़िशा को विकास के लिए केवल 79,000 करोड़ रुपये दिए गए जबकि मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग में 2,11,510 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की

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केंद्र सरकार की ओर से ओडिशा को विकास के लिए कुल मिलाकर 5,13,000 करोड़ रुपये दिए गए। मुख्यमंत्री जवाब दें कि ओडिशा की जनता के लिए दी गई  5,13,000 करोड़ रुपये की राशि गई कहाँ?

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज भगवान् महाप्रभु की नगरी पुरी (ओड़िशा) में विशाल आदिवासी समावेश को संबोधित किया और आदिवासी एवं अनुसूचित समाज के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की प्रतिबद्धता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य की बीजद सरकार की विफलता का उल्लेख करते हुए 2019 में देश में फिर एक बार मोदी सरकार का नारा दिया।

 

श्री शाह ने कहा कि राहुल गाँधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार के समय जनजातीय बजट के लिए केवल 30,700 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी जबकि मोदी सरकार ने इस बजट में लगभग 20,000 करोड़ रुपये की वृद्धि करते हुए 50,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने जहां जनजातीय कार्य मंत्रालय के लिए महज 4,000 करोड़ रुपये दिए थे वहीं केंद्र की भाजपा सरकार ने इसमें 50% की वृद्धि करते हुए लगभग 6,275 करोड़ रुपये की राशि दी है। उन्होंने कहा कि सोनिया-मनमोहन सरकार के 10 वर्षों की यूपीए सरकार में आदिवासी भाई-बंधुओं के कल्याण के लिए केवल 166 एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए गए, वहीं मोदी सरकार ने पांच वर्ष में ही 288 एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए जा चुके हैं। यदि केवल ओडिशा की बात की जाय तो पांच वर्ष पहले ओड़िशा में जहां केवल 6 एकलव्य मॉडल स्कूल थे, वहीं मोदी सरकार के पांच वर्षों में यह संख्या बढ़ कर 103 हो गई है। उन्होंने कहा कि आदिवासी भाइयों को पहले जहां केवल छः वन उपज पर समर्थन मूल्य मिलता था, वहीं मोदी सरकार ने 49 वन उपज पर समर्थन मूल्य देने का फैसला किया है जो करोड़ों आदिवासी भाई-बहनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक हो रहा है। उन्होंने कहा कि ओड़िशा में आदिवासी छात्रों के लिए जहां यूपीए की सरकार में केवल 144 करोड़ रुपये मिलते थे, वहीं पिछले पांच सालों में मोदी सरकार ने इसके लिए 329 करोड़ रुपये की राशि आवंटित किये हैं। उन्होंने कहा कि लगभग साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये की राशि से आदिवासी छात्रों के लिए 500 नए हॉस्टल का निर्माण विगत पांच वर्षों में हुआ है।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के आदिवासियों के लिये सबसे बड़ा काम डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाने का किया है। उन्होंने कहा कि खदानों की पारदर्शी नीलामी से होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा लगभग 9,000 करोड़ रुपये  डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड के लिए निर्धारित किये गए हैं।

 

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी भगवान् बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पर भव्य स्मारक बनाने का का कार्य कर देश की आन-बाण और शान के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान देशभक्त योद्धाओं को सम्मान देने का महती कार्य किया है। इसके साथ ही, महारानी दुर्गावती, वीर भीमानायक सहित कई नाम, अनाम आदिवासी विभूतियों का स्मारक बनाकर मोदी सरकार ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में अनुसूचित जनजाति के महानायकों के बलिदान को आज से पहले किसी कांग्रेसी सरकार ने याद नहीं किया, यह मोदी सरकार है जिसने उनके योगदान के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्हें उचित सम्मान दिया है। इसके अलावे मोदी सरकार ने मानगढ़ में ट्राइबल स्वातंत्र्य सेनानियों के म्यूजियम को भी बनाने का काम किया है।

 

दाना मांझी के साथ हुई अमानवीय घटना का जिक्र करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ओड़िशा में जनजातियों की स्थिति बद से भी बदतर है। दाना मांझी का उदाहरण देश की जनता ने देखा है। शर्म आनी चाहिए ओड़िशा के मुख्यमंत्री को जो एक माँ के शव को उसके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी न कर पाए। उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री इतना भी नहीं कर सकते, उन्हें राज्य की सत्ता में रहने का कोई भी अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि आज भी ओडिशा में 42% लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा।  

 

श्री शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने ओड़िशा के विकास के लिए काफी काम किया है लेकिन ओडिशा में ये योजनायें नीचे तक नहीं पहुँच पाती। इसके लिए राज्य की बीजद सरकार से जवाब मांगने हेतु भारतीय जनता पार्टी की ओडिशा इकाई ने राज्य के मुख्यमंत्री सेजवाब मांगूची ओडिशा" कार्यक्रम की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि आज भी राज्य के लोग बेहतर अवसरों की तलाश में राज्य से पलायन करने को मजबूर है। आखिर क्या कारण है कि प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध ओडिशा समृद्ध नहीं हो रहा, यह इसलिए क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री को सरकार चलाने नहीं आता। उन्होंने कहा कि ओड़िशा के मुख्यमंत्री तो ओड़िया भाषा भी नहीं बोल पाते। उन्होंने राज्य की जनता से अपील करते हुए कहा कि इस बार राज्य में एक ऐसी सरकार बनाइये जो राज्य को उत्कल भाषा बोलने वाला मुख्यमंत्री दे।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ओडिशा में भगवान् महाप्रभु का रत्न भंडार भी सुरक्षित नहीं है। यदि भगवान् महाप्रभु का रत्न भंडार सुरक्षित नहीं है तो इसका सीधा अर्थ यह है कि पूरे भारत की समृद्धि सुरक्षित नहीं है। ओडिशा की जनता इसका हिसाब मांगती है लेकिन बीजद सरकार है कि वह जवाब देती नहीं।

 

बजट 2019 में मोदी सरकार द्वारा देश के किसानों के लिए घोषित योजनाओं का जिक्र करते हुए श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नेरन्द्र मोदी जी ने देश के लघु एवं सीमांत किसानों, जिनके पास दो हेक्टेयर या पांच एकड़ तक की भूमि है, उनके एकाउंट में 6,000 रुपये सालाना बिना किसी बिचौलिए के सीधा ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है जो किसानों को समय पर खेती के लिए खाद, बीज, सिंचाई आदि में काफी सहायक होगी लेकिन राहुल गाँधी इसका मखौल उड़ा रहे हैं। वे कहते हैं कि कांग्रेस ऋण माफ़ करना चाहती है।उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी की सोनिया-मनमोहन सरकार ने 10 सालों में एक बार वह भी केवल तीन करोड़ किसानों के महज 57,000 करोड़ रुपये ही माफ़ किये (उसमें भी घोटाले हुए) जबकि मोदी सरकार ने हर साल देश के 12 करोड़ से अधिक किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी दूरदृष्टि और किसानों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह मोदी सरकार देश के किसानों को हर साल लगभग साढ़े सात लाख करोड़ रुपये की सहायता दे रही है, ये राहुल गाँधी की समझ में नहीं आ रही। उन्हें तो यह भी मालूम नहीं कि कौन-कौन से रबी फसल हैं और कौन-कौन खरीफ।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत देते हुए आयकर में छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ा कर पांच लाख रुपये कर दिया है जो निवेश करने पर साढ़े छः लाख रुपये तक पहुँचती है। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आदिवासी भाई-बंधुओं के कल्याण के लिए ट्राइबल मंत्रालय का गठन किया था, अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मछुआरों के लिए अलग से मंत्रालय बनाकर मछुआरे भाई-बहनों के कल्याण के लिए कदम उठाये हैं।

 

श्री शाह ने कहा कि जब संसद में वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल बजट 2019 पेश कर रहे थे, जन-कल्याण के लिए घोषणाएं कर रहे थे, तब सारे जन-प्रतिनिधि मेज थपथपा कर लोक-कल्याणकारी योजनाओं का स्वागत कर रहे थे लेकिन राहुल गाँधी का चेहरा हताशा और निराशा से भरा हुआ था। राहुल गाँधी के चेहरे से रंग गायब इसलिए था कि इस बजट के साथ कांग्रेस के जीत की बची-खुची संभावना (जो पहले भी नहीं थी) भी समाप्त हो गई। राहुल गाँधी के चेहरे पर हताशा और निराशा का भाव गरीब-कल्याण के प्रति उनकी मनोवृत्ति को उजागर करती है। स्पष्ट हो गया कि राहुल गाँधी देश के गाँव, गरीब, किसान और मजदूरों की भलाई के प्रति नकारात्मक हैं।  

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी न्यू इंडिया के साथ-साथ न्यू ओड़िशा की रचना के लिए प्रतिबद्ध हैं जहां कोई बेरोजगारी न हो, कहीं गंदगी न हो, कहीं बीमारी न हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन-राहुल सरकार की यूपीए सरकार के दौरान 13वें वित्त आयोग में ओड़िशा को विकास के लिए केवल 79,000 करोड़ रुपये दिए गए जबकि मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग में 2,11,510 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की। इसके अलावे मोदी सरकार ने ओडिशा को विकास के लिए 51 हजार करोड़ रुपये की राशि अलग से दी। जलमार्ग के विकास के लिए लगभग 2,000 करोड़, ग्राम ज्योति योजना के लिए 1700 करोड़, तीन ब्लॉक की पारदर्शी नीलामी से 14,000 करोड़, तीन नए मेडिकल कॉलेज के लिए 1,600 करोड़, पुराने मेडिकल कॉलेज के उन्नयन के लिए 400 करोड़, अमृत योजना में 1,900 करोड़, भगवान् जगन्नाथ पुरी के विकास के लिए हृदय एवं प्रसाद योजना में 70 करोड़ और पारादीप स्मार्ट इंडस्ट्रियल पोर्ट सिटी के डेवलपमेंट के लिए 3,300 करोड़ रुपये दिए गए। इसके अतिरिक्त 33,000 करोड़ रुपये के लोन मुद्रा बैंक के अंतर्गत दिए गए, लगभग 1,37,816 करोड़ रुपये पेट्रोलियम प्रोजेक्ट के लिए दिए गए, जिला निधि के तौर पर 400 करोड़ रुपये दिए गए, कुल मिलाकर 5,13,000 करोड़ रुपये नरेन्द्र मोदी सरकार ने ओड़िशा के विकास के लिए दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से सवाल पूछते हुए कहा कि नवीन बाबू जवाब दें कि ओडिशा की जनता के लिए दी गई  5,13,000 करोड़ रुपये की राशि गई कहाँ?

 

श्री शाह ने कहा कि राजीव गाँधी अपनी सरकार के दौरान खुद कहा करते थे कि केंद्र से एक रुपया जाता है लेकिन गरीब तक केवल 15 पैसे ही पहुँच पाते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए मोदी सरकार ने लाभार्थियों तक केंद्र सरकार की सहायता राशि को सीधा पहुंचाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए डीबीटी योजना की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि डीबीटी से लगभग एक लाख करोड़ रुपये सालाना की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की डीबीटी योजना का लक्ष्य है लाभार्थियों तक केंद्र सरकार की सहायता राशि की सीधी पहुँच सुनिश्चित करना लेकिन कांग्रेस के लिए डीबीटी का मतलब था डीलर ब्रोकर ट्रांसफर योजना।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के 50 करोड़ गरीबों को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से निजात दिलाने के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की है लेकिन नवीन पटनायक इस योजना को ओडिशा में लागू नहीं होने देना चाहते क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता और बढ़ जाने का डर सता रहा है। उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि आप हमारा नाम भले ही इस योजना के साथ न जोड़ें लेकिन गरीबों को उनके अधिकार से वंचित तो न करें।

 

श्री शाह ने आदिवासी भाई-बंधुओं का आह्वान करते हुए कहा कि गठबंधन सरकार कभी भी देश का भला नहीं कर सकती, देश को विकास के पथ पर लगातार आगे बढ़ाते रहने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने केंद्र में फिर एक बार मोदी सरकार का गठन करने का निर्णय कर लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

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