प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में आयोजित विशाल जनसभा में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
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- इस पूरे क्षेत्र को महादेव का, भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त है। जलपेशधाम की धरती पर भोलेनाथ के चरणों में श्रद्धा पुष्प अर्पित करता हूं
- अब से थोड़ी देर पहले, करीब 2 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले ‘फलाकाता- सलसलाबाड़ी’ नेशनल हाईवे की फोर लेनिंग के प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया है। जब ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा तो इससे सिलीगुड़ी आने-जाने के लिए सुविधा बढ़ जाएगी
- आपका जीवन आसान बनाने के लिए, इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार निरंतर काम कर रही है। यहां नेपाल और बांग्लादेश की सीमा को जोड़ने वाले एशियन हाईवे नंबर 2 और नंबर 48 समेत हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट केंद्र सरकार ने स्वीकृत किए हैं
- आज आपकी दशकों पुरानी एक और मांग पूरी हुई है। थोड़ी देर पहले ही कलकत्ता हाईकोर्ट की जलपाईगुड़ी खंडपीठ का उद्घाटन किया गया है। इस खंडपीठ के लिए जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कलिंगपोंग, कूच बिहार और इस क्षेत्र के सभी बहनों-भाइयों को बहुत-बहुत बधाई
- अब आपको हाईकोर्ट से जुड़े अपने मामलों के लिए कोलकाता नहीं जाना पड़ेगा, यहीं जलपाईगुड़ी में ही आपको समाधान मिलेगा। इससे समय की बचत तो होगी ही, आपका पैसा भी बचेगा
- नॉर्थ बंगाल का मेरा एक खास रिश्ता भी है। ये रिश्ता है चाय का। आप चाय उगाने वाले हैं और मैं चाय बनाने वाला। यहां की चाय देश और दुनिया बड़े चाव से पीती है। चाय की बात करते हुए ही, मेरे मन में ये भी सवाल आता है कि आखिर चायवालों से दीदी को इतनी चिढ़ क्यों है
- आप सभी साक्षी हैं कि सिलीगुड़ी म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के साथ क्या बर्ताव किया जा रहा है? नॉर्थ बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है? यहां उद्योग-धंधे विकसित नहीं किए गए, युवा पलायन के लिए मजबूर हैं। सिंचाई की परियोजनाएं लटकी हुई हैं, ये हाल बनाकर रखा गया है
- पश्चिम बंगाल की इस सरकार ने माटी को बदनाम कर दिया है और मानुष को मजबूर कर दिया है। जो पश्चिम बंगाल कला और संस्कृति के लिए जाना जाता था, वो अब हिंसा के लिए चर्चा में रहता है
- ये पूरा उत्तर बंगाल 3T के लिए famous है- Tea, Timber और Tourism. इन तीनों को ही बेरुखी का शिकार होना पड़ा है, चाहे कोलकाता में कम्यूनिस्टों की सरकार रही हो या फिर कम्यूनिस्ट पार्ट-2, यानि टीएमसी की सरकार। इस पूरे क्षेत्र के संतुलित विकास पर कभी ध्यान नहीं दिया गया
- केंद्र की NDA सरकार के लिए, भारतीय जनता पार्टी के लिए सबका साथ, सबका विकास नीयत भी है और नीति भी इसी पर चलती है। यही कारण है कि यहां के बंद पड़े चाय बगानों को हमने खुलवाया है। चाय बगान में काम करने वाले श्रमिकों के, मजदूरों के बैंकों में खाते खुलवाए हैं
- प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन योजना के तहत देश के 40-42 करोड़ असंगठित मज़दूर बहन-भाइयों को 60 वर्ष के बाद 3 हज़ार रुपए प्रतिमाह पेंशन की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी
- जो महीने में 5 हज़ार, 10 हज़ार, कमाता है, 15 हज़ार रुपए से कम कमाता है, ऐसा हर व्यक्ति इस योजना का लाभार्थी होगा। इसके लिए औसतन 100 रुपए का अंशदान हर महीने देना होगा और जितना अंशदान मेरे मजदूर भाई-बहन देंगे, उतना ही केंद्र सरकार उनके पेंशन खाते में डालेगी
- जो सस्ता राशन आपको मिल रहा है, मुफ्त में रसोई गैस का कनेक्शन मिल रहा है, सस्ती दवाइयां मिल रही हैं, वो केंद्र सरकार भेज रही है
- इसी तरह गरीबों को पश्चिम बंगाल में 23 लाख से ज्यादा और यहां जलपाईगुड़ी में 65 हज़ार से ज्यादा पक्के घर मिल चुके हैं, जिसमें से अनेक लाभार्थी यहां भी मौजूद हैं
- पश्चिम बंगाल में मां, माटी, मानुष के नाम पर जिनको आपने सत्ता दी, जिनको कम्यूनिस्टों के कुशासन से मुक्ति दिलाने का जिम्मा दिया, उन्होंने वही खून-खराबे का पॉलिटिकल कल्चर अपना बना लिया है
- आज स्थिति ये है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तो दीदी हैं, लेकिन दादागिरी किसी और की चल रही है, शासन TMC के ‘जगाई-मधाई’ चला रहे हैं
- टीएमसी सरकार की तमाम योजनाओं के नाम पर बिचौलियों का अधिकार है। दीदी, दिल्ली जाने के लिए परेशान हैं और बंगाल के गरीब और मध्यम वर्ग को सिंडिकेट के गठबंधन से लुटने के लिए छोड़ दिया है
- जगाई-मधाई का ये गठजोड़ टूटना चाहिए कि नहीं ? पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर जो दशकों से चल रहा है, वो खत्म होना चाहिए या नहीं? बंगाल के युवाओं को खून-खराबे से आज़ादी मिलनी चाहिए या नहीं
- त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी ने ये काम कर दिखाया है, अब पश्चिम बंगाल में भी ये होने वाला है। आप सभी के सहयोग से, सही मायने में सबका साथ, सबका विकास, पश्चिम बंगाल में आने वाला है और जगाई-मधाई जाने वाला है
- भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता गुंडागर्दी के इस ‘निज़ाम’ से लड़ने के लिए तैयार हैं
- देश के इतिहास में ये पहली बार देखा गया है कि कोई मुख्यमंत्री हज़ारों गरीब लोगों को लूटने वालों के पक्ष में दिन-दहाड़े धरने पर बैठ जाए
- महात्मा गांधी ने विदेश में रंगभेद के खिलाफ, विदेशी लोगों के हक के लिए दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति के खिलाफ सत्याग्रह किया, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने विदेश में रहकर, लोगों को जोड़ा और मुश्किल में फंसे भारतवासियों के लिए आंदोलन किया
- आज पश्चिम बंगाल में एक ऐसी मुख्यमंत्री हैं जो गरीबों की मेहनत से जुटाई पाई-पाई को लूटने वालों के साथ खड़ी हैं
- पश्चिम बंगाल की बहनें-बेटियां मजदूर-कामगार, करोड़ों लोग आज ममता दीदी से सवाल पूछ रहे हैं। जिन्होंने अपने जीवन भर की कमाई लुट जाने की वजह से प्राण त्याग दिए, उनके परिवार वाले आज ममता दीदी से सवाल पूछ रहे हैं
- वो जानना चाहते हैं कि चिटफंड घोटाले की जांच से आप इतना क्यों डरी हुई हैं? क्यों जिन लोगों पर जांच में लापरवाही बरतने का आऱोप है, उनके लिए धरना दे रही हैं
- मैं सारदा, नारदा, रोज़ वैली की ठगी के शिकार हर परिवार को विश्वास दिलाने आया हूं, कि चौकीदार इनको छोड़ेगा नहीं। चाहे वो लुटेरा हो या फिर लुटेरों का संरक्षक, किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा
- ये कितनी भी संख्या में आकर धरना दे दें, कितने भी नेता जुटा लें, गरीबों को लूटने वालों का पूरा हिसाब होगा। मैं चिटफंड घोटालों के एक-एक पीड़ित को ये विश्वास दिलाने आया हूं कि आपको इस स्थिति में पहुंचाने वालों को, कानून के दरवाजे तक पहुंचाया जाएगा
- आज कोलकाता को भ्रष्टाचारियों और भ्रष्टाचारियों को बचाने वालों का मंच बना दिया गया है। मैं कोलकाता में मंच बनाकर मोदी-मोदी बोलने वाले हर उस व्यक्ति को कहना चाहता हूं, कि भ्रष्टाचारियों को कवर देने के लिए आप कहां-कहां धरना देंगे
- आज हर उस व्यक्ति को मोदी से कष्ट है, जो पूरी तरह से भ्रष्ट है। हम गरीब को लूटने वाले, देश की सेना को धोखा देने वाले राज़दारों को विदेशों से उठाकर ला रहे हैं और ये उनको बचाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं
- मैं महा-मिलावट में जुटे इन सभी दलों को कहना चाहता हूं कि, दलालों, बिचौलियों और धोखेबाज़ों को बचाने के आपके प्रयास, मोदी कभी सफल नहीं होने देगा
- कल मैं लोकसभा में देख रहा था, कि जैसे ही मैंने महा-मिलावट कहा, इन लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया था। जब-जब देश को इनकी सच्चाई बताओ, ये ऐसे ही हंगामा करते रहे हैं। ये महा-मिलावट एक ऐसा घालमेल है जिसकी अपनी कोई विचारधारा नहीं है, देश के लिए कोई विजन नहीं है
- आप खुद देखिए, पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेता लगातार बोल रहे हैं कि बंगाल में अराजकता है, भ्रष्टाचारियों और गुंडों का राज है, लेकिन दिल्ली में मिस्टर वाड्रा के साले साहब दीदी धुन में मस्त हैं
- आज पश्चिम बंगाल में अजीब सी स्थिति बन गई है। यहां की सरकार देशभर से आए ऐसे लोगों का स्वागत करती है जिनपर गंभीर आरोप हैं। यहां की सरकार घुसपैठियों का भी स्वागत करती है लेकिन दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल, भाजपा के नेताओं को रोका जाता है
- असल में रैलियों की रोकटोक, हेलीकॉप्टर को उतारने में आना-कानी, बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर हमले, ये सभी कुछ तृणमूल की जमीन खिसकने और उसके बौखला जाने के संकेत हैं। पहले पश्चिम बंगाल में टीएमसी के गुंडों से टकराने वाला कोई नहीं था, इसलिए ये अपनी मनमानी करते रहे
- अब आपके साथ भाजपा है और संकल्प गुंडों और सिंडिकेट पश्चिम बंगाल की मुक्ति का है
- देश में लोकतंत्र है, जो पश्चिम बंगाल पर भी लागू होता है। बीजेपी का कार्यकर्ता धमकियों से नहीं डरता। अगर हिंसा से बीजेपी के कार्यकर्ता डर जाते तो 2 सांसदों वाली पार्टी पूर्ण बहुमत की सरकार ना बना पाती और देश के अधिकतर राज्यों में सरकार में ना होती
- हाल में हुए पंचायत के चुनाव में पश्चिम बंगाल की जनता ने ट्रेलर दिखा दिया है। उस हिंसा की पराकाष्ठा कर दी गई थी, बूथ के बूथ लूट लिए गए थे, लेकिन फिर भी जनता ने भाजपा के प्रत्याशियों को भारी संख्या में जिताया
- मैं पश्चिम बंगाल की जनता को भी कहना चाहता हूं, यहां के हर युवा साथी को आश्वस्त करना चाहता हूं, कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में आपको अपने हक का इस्तेमाल करने से कोई ताकत रोक नहीं पाएगी
- लोकसभा चुनाव की व्यवस्था देश के चुनाव आयोग के नेतृत्व में होगी और सुरक्षा और निष्पक्षता की पूरी गारंटी देने का प्रयास होगा। इस बार भी आपका एक वोट, केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली, मज़बूत सरकार बनाने में मदद करेगा
- ये पूर्ण बहुमत वाली सरकार की ही ताकत है, जिससे देश के विकास को इतनी गति मिल रही है। दशकों से अटके हुए काम पूरे किए जा रहे हैं। आप सोचिए, साढ़े 4 वर्ष पहले अगर आपने एक मजबूत सरकार के लिए वोट नहीं दिया होता तो, भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद आज भी नहीं सुलझ पाता
- आज यहां जलपाईगुड़ी में, मैं देश से जुड़े एक महत्वपूर्ण विषय पर भी अपनी बात रखना चाहता हूं। ये विषय महिला सशक्तिकरण, महिलाओं को अवसरों की समानता और महिलाओं को न्याय का है, ये विषय तीन तलाक का है
- महिला अधिकारों पर झूठ बोलने वाली कांग्रेस ने अपनी असली सच्चाई भी देश के सामने रख दी है। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस किस हद तक जा सकती है, ये भी उसने कल फिर बता दिया है। कांग्रेस ने अब खुलकर कह दिया है कि वो तीन तलाक पर बन रहे कानून का विरोध करती है
- कांग्रेस ने उन लाखों मुसलिम बहनों-बेटियों के साथ अत्याचार किया है, उन्हें धोखा दिया है जो तीन तलाक कानून के लिए बरसों से प्रदर्शन कर रहीं थीं, मीडिया में आकर अपनी पीड़ा जता रहीं थीं
- कांग्रेस ने दिखा फिर दिखा दिया है कि उसे सुप्रीम कोर्ट की परवाह नहीं है, जो तुरंत तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर चुका है
- राजीव गांधी के समय, शाह बानो केस में कांग्रेस ने जो गलती की थी, अब वही गुनाह उसने कर दिया है। वो भूल गई है कि तीन तलाक से पीड़ित मुसलिम महिलाओं को कितने बुरे दौर से गुजरना होता है, कितने संकटों से गुजरना होता है
- यहां पश्चिम बंगाल की भी अनेक बहनों को इस तरह के अत्याचार से गुजरना पड़ा है। वो बरसों से तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रहीं थीं, जिसे हमारी सरकार पूरा करने का प्रयास कर रही है
- लेकिन तुष्टिकरण के लिए किसी भी हद से गुजरने वाली कांग्रेस ने, न सिर्फ तीन तलाक कानून को संसद में रोका, बल्कि उसे अब खत्म करने की भी बात करने लगी है
- ये लोग कुछ बोलें, मैं देश की सभी मुसलिम बहनों-बेटियों को ये भरोसा देना चाहता हूं कि तीन तलाक कानून को हटने नहीं दिया जाएगा। बीजेपी, महिलाओं के अधिकार के लिए, महिलाओं को न्याय के लिए, पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
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