भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री संबित पात्रा ने आज दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ दिए गए एनार्किस्ट (अराजकतावादी) बयान की कड़ी निंदा की और कहा कि यह सीधे तौर पर अदालत की अवमानना का मामला है। श्री पात्रा ने कहा कि श्री केजरीवाल ने जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया है वह एक अराजकतावादी की ही भाषा हो सकती है जिनका लोकतंत्र तथा देश की संवैधानिक संस्थाओं पर जरा भी विश्वास नहीं है।
श्री पात्रा ने कहा कि एक चुनी हुई सरकार के मुख्य मंत्री द्वारा देश की सर्वोच्च अदालत के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, वह न सिर्फ अपमानजनक है बल्कि संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा पर करारा चोट भी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने चाहे वह एसीबी का मामला हो, ग्रेड वन और टू के अफसरों के तबादले और प्रमोशन का मामला हो, कमीशन ऑफ इंक्वायरी का मामला हो, केन्द्र को अधिकार देने की बात कही। इतना ही नहीं, अदालत ने य़ह भी कहा कि जब भी एलजी और मुख्यमंत्री के बीच विवाद होगा तो एलजी की राय मानी जाएगी । लेकिन अरविंद केजरीवाल इसे मानने से इनकार कर रहे हैं।
श्री पात्रा ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस सुप्रीम कोर्ट का लोहा सारी दुनिया मानती है, उसी के निर्णय़ को वह असंवैधानिक करार दे रहे हैं। उनके अन्य नेता भी सुप्रीम कोर्ट को तहसीलदार कोर्ट बता कर सर्वोच्च अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है। श्री पात्रा ने केजरीवाल एंड कंपनी को याद दिलाते हुए कहा कि कर्नाटक में जब राजनीतिक संकट चल रहा था, उस दौरान जब इन्हीं जजों ने अपना फैसला दिया था तो आम आदमी पार्टी ने उनकी तारीफ की थी लेकिन आज उनके मन लायक फैसला न आने पर वे उन्हीं जजों के निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोलकर खड़ें हैं।
श्री पात्रा ने कहा कि केजरीवाल लोकतंत्र और संस्थाओं को बचाने की बात करते हैं लेकिन सर्वोच्च अदालत से मनपसंद फैसला न मिलने पर जजों पर प्रहार करने से भी नहीं चूकते हैं। यह उनके दोहरेपन चरित्र को साबित करता है. केजरीवाल का यह चरित्र ही है कि वे हर किसी पर प्रहार करते हैं, चाहे वह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हो या सुप्रीम कोर्ट क्योंकि वह अपने हिसाब से चीजों को देखते हैं।
श्री पात्रा ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह लोगों को भड़का रहे हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट में धरना देने के लिए कह रहे हैं। श्री केजरीवाल चाहते हैं कि जनता सुप्रीम कोर्ट में घुस जाए और धरना दे। एक लोकतांत्रिक देश के लिए यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि और इसके लिए सीधे अवमानना का मामला दर्ज होना चाहिए ।
श्री पात्रा ने तथाकथित महागठबंधन पर भी इस मामले में तंज कसते हुए कहा कि सत्ता के लालच में वे किसी भी हद तक गिर सकते हैं कि कल ममता बनर्जी, शरद पवार, राहुल गांधी, फारूक अब्दुल्ला वगैरह जो नेता हाथ पकड़कर खड़े एकजुटता का ढोंग दिखा रहे थे वे अब केजरीवाल पर चुप क्यों हैं? ये नेता आखिर आम आदमी पार्टी की अराजकता वाली सोच पर क्यों नहीं कुछ बोल रहे हैं.
(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव
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