Salient points of BJP National President, Shri Amit Shah addressing Sehkari Bandhu Sammelan in Lucknow (Uttar Pradesh) on 23 Feb 2019


23-02-2019
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सहकारी बंधु सम्मेलन में दिए गए संबोधन के मुख्य बिंदु

 

पुलवामा में हुए कायराना आतंकी हमले में शहीद जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाने दी जायेगी। समग्र राष्ट्र पुलवामा हमले में शहीद वीर जवानों एवं उनके परिवारों के साथ एकजुट हो खड़ा है

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सोनिया-मनमोहन की कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के समय सहकारिता के माध्यम से किसानों को मात्र 23,635 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा सहकारिता के माध्यम से 73,051 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई

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एक जमाने में राष्ट्रीय बीज निगम जहां लगभग 2200 करोड़ रुपये का विपणन किया करती थी जो कांग्रेस की यूपीए सरकार में घट कर महज 403 करोड़ रुपये पर सिमट गई, हालांकि मोदी सरकार के अथक प्रयासों से फिर यह आंकड़ा 912 करोड़ रुपये तक पहुंचा है

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585 को-ऑपरेटिव मंडियों को ई-कृषि बाजार से जोड़ा गया है और 415 अन्य मंडियों को अगले दो महीनों में जोड़ दिया जाएगा। कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय मात्र 80 लाख किसान ही को-ऑपरेटिव संस्थाओं के माध्यम से क्रय-विक्रय किया करते थे, आज यह आंकडा बढ़ कर 4 करोड़ तक पहुंचा है

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निजी व्यापारियों के शोषण से किसानों को बचाना ही सहकारिता का उद्देश्य है। सहकारिता संस्थाओं में पारदर्शिता शुचिता लाना ही हमारा दायित्व होना चाहिए। सहकारिता संस्थाओं में पारदर्शिता शुचिता लाना ही हमारा दायित्व होना चाहिए।

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हमारा दायित्व है कि सहकारी में शुचिता और पारदर्शिता आये और साथ ही, कम से कम खर्चे से नियामक मंडल चले ताकि किसानों को महत्तम लाभ पहुँच सके

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उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक ढाँचे के साथ-साथ सहकारिता तंत्र जो सपा-बसपा सरकार में चरमरा गई थी, आज योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में यह ढांचा तेजी से मजबूत हो रहा है क्योंकि विकास ही हमारा मूलमंत्र है

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सपा-बसपा की सरकार के समय उत्तर प्रदेश में सहकारी व्यवस्था को पूरी तरह दीमक लग गया था, जो आज योगी सरकार में कुव्यवस्था के उस दौर से निकल कर लोगों के कल्याण का माध्यम बन रहा है

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सहकारिता के आंदोलन ने गरीब से गरीब किसान को समृद्ध बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। हमें उत्तर प्रदेश का सर्वांगीण विकास करना है, हर किसान के घर में गाय और भैंस देनी है और उनके दूध से किसान की जीविका और उसके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का प्रबंध करना है

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज अंबेडकर ऑडिटोरियम, राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, लखनऊ में सहकारिता सम्मेलन को संबोधित किया सहकारिता आंदोलन को नया बल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सराहना की।

 

श्री शाह ने कहा कि पुलवामा में हुए कायराना आतंकी हमले में शहीद जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाने दी जायेगी और इसका करारा जवाब दिया जाएगा।

 

श्री शाह ने कहा कि सहकारिता आंदोलन को सरदार पटेल ने आगे बढ़ाने का काम किया था। आज भी मैं प्राइमरी एग्रिकल्चर का अध्यक्ष हूं, जब भी समय मिलता है मैं वहां जाता हूं और समस्याओं के समाधान का प्रयास करता हूँ। गुजरात की उन्नति जो दुनिया देख रही ही है उसकी नींव सहकारिता आंदोलन ही है। सहकारिता से होने वाला मुनाफा सीधा किसान को मिलता है। गुजरात का सहकारिता मॉडल देश में उदाहरण है। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक ढाँचे के साथ-साथ सहकारिता तंत्र जो सपा-बसपा सरकार में चरमरा गई थी, आज योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में यह ढांचा तेजी से मजबूत हो रहा है क्योंकि विकास ही हमारा मूलमंत्र है। उन्होंने कहा कि निजी व्यापारियों के शोषण से किसानों को बचाना ही सहकारिता का उद्देश्य है। सहकारिता संस्थाओं में पारदर्शिता शुचिता लाना ही हमारा दायित्व होना चाहिए।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सहकारिता के आंदोलन ने गरीब से गरीब किसान को समृद्ध बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। हमें उत्तर प्रदेश का सर्वांगीण विकास करना है, हर किसान के घर में गाय और भैंस देनी है और उनके दूध से किसान की जीविका और उसके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का प्रबंध करना है। इसके साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र की तर्ज पर यहां कोऑपरेटिव इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। मोदी सरकार के आने सहकारी संस्थाओं मे पारदर्शिता आई है। ये परिवर्तन इसलिए आ रहा है क्योंकि देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और उसका नेतृत्व श्री नरेन्द्र मोदी जी कर रहे हैं। सहकारिता समितियों के माध्यम से किसानों को ज्यादा दाम दिलाने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है।

 

श्री शाह ने कहा कि सोनिया-मनमोहन की कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के समय सहकारिता के माध्यम से किसानों को मात्र 23,635 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा सहकारिता के माध्यम से 73,051 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई।

 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों की आय दोगुना करने वाला प्रधानमंत्री देश को मिला। उन्होंने कहा कि सोनिया-मनमोहन की सरकार देश के अर्थतंत्र को 9वें नंबर पर छोड़कर गई थी, लेकिन हमारी सरकार इन 5 वर्षों में ही देश की अर्थव्यवस्था को छठे नंबर पर लेकर आई है और आज भारत चीन को पीछे छोड़कर विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सहकारी समितियों पर कब्जा करना सपा और बसपा की मानसिकता हो सकती है लेकिन हमारी नहीं है। सहकारिता से जुड़े लोग लोकसभा चुनाव के बाद यहां से कई टोलियों में बंटकर गुजरात और महाराष्ट्र के सहकारिता का मॉडल जाकर जरूर देखें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के जन-जन तक समृद्धि पहुंचाना हमारे कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है। हमारा दायित्व है कि सहकारी में शुचिता और पारदर्शिता आये और साथ ही, कम से कम खर्चे से नियामक मंडल चले ताकि किसानों को महत्तम लाभ पहुँच सके। हम घाटे में गए हुए सहकारी बैंकों को मुनाफ़े वाली संस्था में तब्दील कर सकें, यह हमारी सोच होनी चाहिए।

 

श्री शाह ने कहा कि हमने किसानों के सम्मान को भी बचाना है, उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाना है और उन्हें जीवन यापन में सहायता भी करनी है और यह सहकारी संस्थाओं के माध्यम से ही संभव है। राष्ट्रीय बीज निगम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि निजी कंपनिया बीजों पर ज्यादा मुनाफा लेती थी जिससे किसानों पर इसका भार ज्यादा पड़ता था, इसलिए किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम बनाया गया जो सहकारी संस्थाओं के माध्यम से खाद, बीज और अन्य कृषि उत्पादों का वितरण और विपणन करती थी। एक जमाने में राष्ट्रीय बीज निगम जहां लगभग 2,200 करोड़ रुपये का विपणन किया करती थी जो कांग्रेस की यूपीए सरकार में घट कर महज 403 करोड़ रुपये पर सिमट गई, हालांकि मोदी सरकार के अथक प्रयासों से फिर यह आंकडा 912 करोड़ रुपये तक पहुंचा है। उन्होंने कहा कि लगभग 585 को-ऑपरेटिव मंडियों को ई-कृषि बाजार से जोड़ा गया है और 415 अन्य मंडियों को अगले दो महीनों में जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को बल देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय मात्र 80 लाख किसान ही को-ऑपरेटिव संस्थाओं के माध्यम से क्रय-विक्रय किया करते थे, आज यह आंकडा बढ़ कर 4 करोड़ तक पहुंचा है। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा की सरकार के समय उत्तर प्रदेश में सहकारी व्यवस्था को पूरी तरह दीमक लग गया था, जो आज योगी सरकार में कुव्यवस्था के उस दौर से निकल कर लोगों के कल्याण का माध्यम बन रहा है।

 

बजट 2019 की चर्चा करते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नेरन्द्र मोदी जी ने देश के लघु एवं सीमांत किसानों के एकाउंट में 6,000 रुपये सालाना सीधा ट्रांसफर करने का निर्णय लिया जो किसानों को समय पर खेती के लिए खाद, बीज, सिंचाई आदि में काफी सहायक होगी। एक ओर कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 10 वर्षों में मात्र तीन करोड़ किसानों के केवल लगभग 53,000 करोड़ रुपये ही माफ़ किये जबकि मोदी सरकार हर वर्ष लगभग 15 करोड़ किसानों को 75,000 करोड़ रुपये देने वाली है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के किसानों पर लगभग 48,000 करोड़ रुपये का ऋण है लेकिन राज्य की कांग्रेस-जेडीएस सरकार ने अब तक किसानों के केवल 1,800 करोड़ रुपये ऋण ही माफ़ किये।

 

उन्होंने कहा कि गाय हमारी संस्कृति और अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु है, इसलिए लगभग 750 करोड़ रुपये की लागत से मोदी सरकार ने राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बना कर गौ-माता को संरक्षित और संवर्द्धित करने की योजना बनाई है। इसके अतिरिक्त मछुआरे भाइयों और घूमातू जातियों के कल्याण के लिए अलग से बोर्ड बनाया गया है। असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों के लिए 60 वर्ष की उम्र के पश्चात् 3000 रुपये मासिक पेंशन की भी शुरुआत की गई है।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सहकारी संस्थाओं से अपील करते हुए कहा कि सहकारी संस्थाएं अपना लक्ष्य निर्धारित करें कि वे किसानों तक कितना लाभ पहुंचा सकते हैं, संस्थाओं को घाटे से मुनाफे में कैसे लाया जा सकता है, समय पर चुनाव करा के व्यवस्था को पारदर्शी कैसे बनाया जा सकता है और कैसे इन संस्थाओं से वैसे लोगों को जोड़ा जा सकता है जो जन-कल्याण की भावना से लोगों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हों।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

 

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