भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य


02-12-2016
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य

भारतीय जनता पार्टी ममता बनर्जी के इस आरोप की पूरी तरह से भर्त्सना  करती है कि भारतीय सेना ने पश्चिम बंगाल में तख्ता पलट करने का प्रयास किया। यदि ममता बनर्जी नोटबंदी-विरोधी अभियान में सड़को पर विरोध प्रकट करने एवं ड्रामेबाजी करने के लिये चीयरलीडर बनना चाहती है, तो हमें कोई एतराज नही है, परन्तु भारतीय सशत्र सेनाओं पर आरोप लगाना अत्यन्त निन्दनीय एवं आपतिजनक है। किसी भी समझदार राजनेता और किसी संवैधानिक प्रमुख ने कभी भी इतना गम्भीर आरोप भारतीय सेना पर नही लगाया। एक नियमित (रूटीन) अभ्यास को विवादग्रस्त बनाया जा रहा है। ममता बनर्जी के इस प्रकार के व्यवहार को उनका अपरम्परागत विचारो वाला स्वभाव नही कहा जा सकता। नोटबंदी से वह घबरा गई है। इसकी वजह साफ है- 8 नवम्बर को आधी रात को उन्हे विभिन्न चिटफंड कम्पनियों के माध्यम और तृणमूल कांग्रेस द्वारा संरक्षित सिंडिकेटो की अवैध गतिविधियों से कमाये गये करोड़ो रूपयेे के कालेधन का नुकसान हुआ और इस तरह से वह सभी बेकार हो गया।

ममता बनर्जी के बौखलाहट से मतिभ्रम का कालक्रम:-

  • पहले इसे वित्तीय आपातकाल बताना और इसे पूरी तरह से वापस लेने की मांग करना।
  • यह कहना कि एकजुट विपक्ष भारत के राष्ट्रपति के पास जायेगा, हालांकि बहुत कम विपक्षी दलों ने उसका साथ दिया।
  • देश में दंगो की धमकी देना और प्रधानमंत्री को नोटबंदी वापस लेने के लिए 72 घंटो का अल्टीमेटम देना।
  • उत्तर प्रदेश और बिहार में धरने देना, जबकि बहुत ही कम संख्या में लोग इनमें शामिल हुये।
  • हवाई जहाज न को उतारने की अनुमति न देने का और उन्हे मारने के षढ़यंत्र का गलत आरोप लगाना।
  • हाल ही में सबसे औछी बात यह कहकर आतंक पैदा करना कि सेना द्वारा तख्ता पलट का प्रयास किया गया है।

हताशा में उनकी मति भ्रमित हो गई और उन्हे निश्चित तौर पर ईलाज की जरूरत है।

यह दुर्भाग्य की बात है कि भारतीय सेना को यह प्रमाण देना पडा कि उन्होनें अपनी नियमित ड्रिल के बारे में पश्चिम बंगाल प्रशासन को बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। फिर भी ममता बनर्जी ने मात्र यह साबित करने के लिए एक षड़यन्त्र रचने का फैसला किया कि उनके द्वारा नोटबंदी का विरोध जायज है और मोदी सरकार गैर-लोकतान्त्रिक तरीके से व्यवहार कर रही है। यह ममता की राजनैतिक दृष्टि से सबसे औछी हरकत है जिसके लिए उन्हे भारतीय सेना से माफी मांगनी चाहिये और उनके सांसदो को संसद को ठप्प करने के लिए राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिये।

महेंद्र पांडेय
कार्यालय सचिव

 

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