भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
एक तरफ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं कि भाजपा द्वारा किए गए विकास कार्य तो मात्र ट्रेलर है, पूरी पिक्चर अभी बाकी है। दूसरी तरफ, कर्नाटक में किया गया आरक्षण इंडी गठबंधन का ट्रेलर दिख रह है, पूरी फिल्म ये लोग देश में दिखाना चाहते हैं।
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मुस्लिम आरक्षण का जिन्न इंडी गठबंधन के चिराग से बाहर निकल कर दक्षिण से गंगा के मैदान तक पहुँचकर विकराल रूप ले रहा है।
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लालू प्रसाद यादव के बयान में गौरतलब करने वाली बात है कि उन्होंने पूरा का पूरा आरक्षण मुस्लिम समुदाय को देने की बात कही है।
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इस बयान से ये साफ हो गया है कि इंडी गठबंधन एससी, एसटी और ओबीसी का हिस्सा छीनकर सिर्फ मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देना चाहती है.
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बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावना को संविधान की आत्मा बताया था और इसे कभी नहीं बदले जाने की बात कही थी। लेकिन कांग्रेस सरकार के दौरान 42वें संसोधन के जरिये संविधान की प्रस्तावना बदली गई और इसके माध्यम से लगभग 1/6 संविधान का हिस्सा बदल दिया गया।
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अब लालू प्रसाद और कांग्रेस के अन्य नेताओं के बयान दिखाते हैं कि धर्म के आधार पर आरक्षण देकर इंडी गठबंधन के नेता संविधान का मूल आधार बदलना चाहते हैं जबकि बाबा साहब अंबेडकर ने स्पष्ट रूप से धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था।
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सच तो यह है कि इंडी गठबंधन के नेता संविधान बदल चुके हैं, संविधान बदल रहे हैं और संविधान बदलना चाहते हैं। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में ये संविधान बदलने का प्रयास कर चुके हैं।
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इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को ‘बेकार’ बताया है। अगर राम मंदिर बेकार है तो क्या समाजवादी पार्टी द्वारा बनवाया गया गाजियाबाद का हज हाउस, आगरा का मुगल गार्डन और उत्तर प्रदेश के हर जिले में बनवाए गए कब्रिस्तान अच्छे थे?
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समाजवादी पार्टी के लिए मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, अबू सलेम और छोटा शकील के लिए कुख्यात तथा अपराध को सैद्धांतिक स्वीकार्यता देने वाला उत्तर प्रदेश अच्छा था, लेकिन अयोध्या, काशी, प्रयागराज, कुशीनगर के लिए प्रख्यात और उभरता हुआ उत्तर प्रदेश बेकार है।
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इससे ये भी स्पष्ट हो गया है कि श्रीराम को काल्पनिक कहने वालों से लेकर प्रभु श्रीराम और भगवान शिव में लड़ाई करवाने वाले और भगवान श्री कृष्ण की द्वारका माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा की गई पूजा का उपहास उड़ाने वालों के लिए ये सब कुछ बेकार है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा संसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। डॉ त्रिवेदी ने मुस्लिम आरक्षण की वकालत करने पर लालू प्रसाद की आलोचना की तथा सपा नेता रामगोपाल यादव के राम मंदिर को बेकार बताने के बयान पर इंडी गठबंधन पर करारा प्रहार किया।
राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा व्यक्त की जा रही आशंकाएं अब पूरी तरह से सत्य साबित होती दिख रही है। मुस्लिम आरक्षण का जिन्न इंडी गठबंधन के चिराग से बाहर निकल कर दक्षिण से गंगा के मैदान तक पहुँचकर विकराल रूप ले रहा है। लालू प्रसाद यादव के बयान में गौरतलब करने वाली बात है कि उन्होंने पूरा का पूरा आरक्षण मुस्लिम समुदाय को देने की बात कही है। इस बयान से ये साफ हो गया है कि इंडी गठबंधन एससी, एसटी और ओबीसी का हिस्सा छीनकर सिर्फ मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देना चाहती है. इतना ही नहीं, अब आरजेडी के MY कॉम्बिनेशन में M प्राइमरी हो गया है और Y सेकंड्री। भारतीय जनता पार्टी तो जात-बिरादरी के नजरिए से राजनीति नहीं करती, लेकिन प्रचलित धारणा के अनुसार, इनके लिए M का अर्थ मुस्लिम और Y का अर्थ यादव माना जाता है। इनकी मानसिकता के अनुसार M यानी मुस्लिम प्राथमिक और Y अर्थात यादव दोयम दर्जे का हो गया है।
डॉ त्रिवेदी ने कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे संविधान बदले जाने के झूठ पर कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावना को संविधान की आत्मा बताया था और इसे कभी नहीं बदले जाने की बात कही थी। लेकिन कांग्रेस सरकार के दौरान 42वें संसोधन के जरिये संविधान की प्रस्तावना बदली गई और इसके माध्यम से लगभग 1/6 संविधान का हिस्सा बदल दिया गया। अब लालू प्रसाद और कांग्रेस के अन्य नेताओं के बयान दिखाते हैं कि धर्म के आधार पर आरक्षण देकर इंडी गठबंधन के नेता संविधान का मूल आधार बदलना चाहते हैं जबकि बाबा साहब अंबेडकर ने स्पष्ट रूप से धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था। 28 अगस्त 1947 को हुई संविधान सभा की बहस में मुस्लिम लीग ने मुस्लिम समुदाय के लिए अलग स्थान, अलग चुनाव और अलग पहचान की बात कही थी, लेकिन सरदार पटेल ने फटकार लगाते हुए उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था।
सच तो यह है कि इंडी गठबंधन के नेता संविधान बदल चुके हैं, संविधान बदल रहे हैं और संविधान बदलना चाहते हैं। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में ये संविधान बदलने का प्रयास कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पदोन्नति में अनुसूचित जाति का आरक्षण समाप्त कर चुकी थी, जिसे भाजपा सरकार ने बहाल किया है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिला मिलिया इस्लामिया में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण समाप्त किया जा चुका है। लालू प्रसाद यादव के बयान ने इंडी गठबंधन के मंसूबों की सच्चाई उजागर कर दी है। इससे ये भी साफ हो गया कि कांग्रेस कर्नाटक के आरक्षण मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहती है। एक तरफ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं कि भाजपा द्वारा किए गए विकास कार्य तो मात्र ट्रेलर है, पूरी पिक्चर अभी बाकी है। दूसरी तरफ, कर्नाटक में किया गया आरक्षण इंडी गठबंधन का ट्रेलर दिख रह है, पूरी फिल्म ये लोग देश में दिखाना चाहते हैं।
इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को ‘बेकार’ बताया है। अगर राम मंदिर बेकार है तो क्या समाजवादी पार्टी द्वारा बनवाया गया गाजियाबाद का हज हाउस, आगरा का मुगल गार्डन और उत्तर प्रदेश के हर जिले में बनवाए गए कब्रिस्तान अच्छे थे? इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार पक्की कब्र नहीं होनी चाहिए, लेकिन उसके बावजूद समाजवादी पार्टी के नेताओं के अनुसार कब्रिस्तान अच्छा था, लेकिन राम मंदिर बेकार है। समाजवादी पार्टी के लिए मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, अबू सलेम और छोटा शकील के लिए कुख्यात तथा अपराध को सैद्धांतिक स्वीकार्यता देने वाला उत्तर प्रदेश अच्छा था, लेकिन अयोध्या, काशी, प्रयागराज, कुशीनगर के लिए प्रख्यात और उभरता हुआ उत्तर प्रदेश बेकार है। इनके अनुसार राम नवमी के दिन कठोर वैज्ञानिक गणनाओं से हुआ सूर्य तिलक, श्री राम मंदिर के उद्घाटन के समय हुआ एक लाख करोड़ का व्यापार और अयोध्या में बना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी बेकार है। इससे ये भी स्पष्ट हो गया है कि श्रीराम को काल्पनिक कहने वालों से लेकर प्रभु श्रीराम और भगवान शिव में लड़ाई करवाने वाले और भगवान श्री कृष्ण की द्वारका माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा की गई पूजा का उपहास उड़ाने वालों के लिए ये सब कुछ बेकार है।
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राम मंदिर के लिए बेकार शब्द प्रयोग करने वाले इंडी गठबंधन की तमन्ना क्या शाह बानो केस की तरह अपनी सत्ता आने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलटने और राम मंदिर पर 1949 की स्थिति लाकर उस पर ताला लगाने की है। इंडी गठबंधन का सत्य तो ये है कि कांग्रेस के मुस्लिम आरक्षण का राग अलापने से राजद और सपा घबड़ा गई है तथा उन्हें अपने वोटबैंक खिसकने की चिंता होने लगी है, इसीलिए लालू प्रसाद यादव और रामगोपाल यादव इस तरह के बयान दे रहे हैं। इस गठबंधन में किसी को अपने ईमान से मतलब नहीं है, सबको सिर्फ अपनी दुकान की चिंता है और हर दल को लग रहा है कि कट्टरपंथी मुस्लिम समुदाय ही इनकी दुकान का सामान होना चाहिए। इंडी गठबंधन के नेताओं पर ये पंक्तियां चरितार्थ होती हैं - “अपने चेहरे से जो जाहिर है, छुपाएं कैसे, तेरी मर्जी के मुताबिक नजर आएं कैसे? घर सजाने का तसव्वुर तो है बहुत बाद की बात, अब तो मुश्किल है इस घर की हकीकत को छुपाएं कैसे?”
भारतीय जनता पार्टी ये स्पष्ट कर रही है कि श्री राम जन्मभूमि भारतीय समाज के 500 वर्षों के रक्तरंजित इतिहास और बलिदान के बाद बना है, तो कोई सपने में भी उस मंदिर में कोई परिवर्तन करने की चेष्टा न रखे। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा और पूरा देश ये भाव रखता है कि “रोम रोम में रमा है राम का पवित्र नाम, राम का ललाम धाम कैसे भूल जाएंगे, जन्मभूमि को अनेक बार दे चुके हैं रक्त, वक्त जो पड़ा तो रक्त और भी चढ़ाएंगे”।
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