Press Release : BJP National Media Head Shri Anil Baluni regarding BJP’s nationwide program on “Dark Days of Democracy” in protest against the “Emergency” imposed on the country by the Congress government in 1975


द्वारा श्री अनिल बलूनी -
24-06-2024
Press Release

कांग्रेस की सरकार द्वारा 1975 में देश पर थोपे गए लोकतंत्र के काले अध्याय “आपातकाल” के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख श्री अनिल बलूनी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति

 

“आपातकाल” भारत के महान लोकतंत्र का एक काला अध्याय है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। देश में लोकतंत्र का गला घोंटते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने 25 जून 1975 को देश पर “आपातकाल” थोप दिया था। कांग्रेस की सरकार ने 21 महीनों तक देश के लोकतंत्र तथा भारत के संविधान को बंधक बनाए रखा तथा इन 21 महीनों में देश की जनता पर, मीडिया पर और विपक्ष के नेताओं पर अनगिनत जुल्म ढाए जो कांग्रेस के एकतरफा अत्याचारों का पर्याय बन गया। कांग्रेसी सरकार ने सभी नागरिक अधिकारों को ख़त्म कर दिया था और सरकार के इस अलोकतांत्रिक रवैये का विरोध करने वाले तमाम नेताओं को जबरन और अकारण जेल में बंद कर दिया गया। 12 जून 1975 को भारतीय इतिहास में जोड़े गए इस अभिशप्त पन्ने को पढ़ कर आज भी खौफ उत्पन्न होता है।

 

कांग्रेस की इसी तानाशाही बर्बरता और देश के संविधान के प्रति उनकी सोच को उजागर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का आयोजन किया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी कल पार्टी के केंद्रीय कार्यालय नई दिल्ली में “आपातकाल” के विरोध में आयोजित कार्यक्रम “डार्क डेज ऑफ़ डेमोक्रेसी” (Dark Days of Democracy) को दोपहर 12:30 बजे संबोधित करेंगे।

 

देश भर में भारतीय जनता पार्टी के नेता, कार्यकर्ता, पार्टी पदाधिकारी कांग्रेस द्वारा देश पर थोपे गए “आपातकाल” के खिलाफ आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेंगे और कांग्रेस की हकीकत को देश की जनता के सामने उजागर करेंगे कि किस तरह कांग्रेस ने देश के संविधान का गला घोंटा, देश की जनता के अधिकार छीने, कैसे 21 महीनों तक विपक्ष के नेताओं पर जुल्म की इन्तेहाँ की, कैसे मीडिया का दमन किया, कैसे सच बोलने वालों को कुचला, कैसे देश के लोकतंत्र की गरिमा को तार-तार किया और कैसे Maintenance of internal security (MISA) तथा Defense of India rules यानि डीआईआर (DIR) के तहत विपक्ष के नेताओं एवं आम लोगों को प्रताड़ित किया, उनके अधिकारों का दमन किया।

 

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