Press statement by BJP National President Shri J.P. Nadda


द्वारा श्री जगत प्रकाश नड्डा -
25-06-2022
Press Release

  

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा की ओर सेकांग्रेस द्वारा देश पर थोपे गए आपातकाल" के संदर्भ में जारी प्रेस वक्तव्य

 

आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। 25 जून 1975 को देश के इतिहास में जोड़े गए इस अभिशप्त पन्ने को पढ़ कर आज भी खौफ उत्पन्न होता है। तानाशाही बर्बरता का जो जुल्म इंदिरा गाँधी की सरकार ने देश की जनता पर, मीडिया पर और विपक्षी नेताओं पर ढाया, वह एकतरफा अत्याचारों का पर्याय बन गया।

 

आपातकाल के काले दिनों में कांग्रेस पार्टी द्वारा हमारे देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से नष्ट करने साजिश को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। आज हम उन महान नायकों को याद करते हैं जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।

 

इंदिरा गांधी जी ने अपने विरोधियों के दमन के लिए Maintenance of internal security (MISA) यानि आंतरिक सुरक्षा अधिनियम का इस्तेमाल किया। इस कानून के तहत विपक्ष के तमाम नेताओं को जेल में डाल दिया गया, जिनमें लोकनायक जयप्रकाश नारायण से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी तक शामिल थे। एक और काले कानून Defense of India rules यानि डीआईआर (DIR) के तहत एक लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। राजनीतिक लोगों के नागरिक अधिकार खत्म करने के साथ ही इस कानून के जरिये सुरक्षा के नाम पर लोगों को प्रताड़ित करने का काम किया गया। उनकी संपत्ति छीन ली गई। उन्हें परेशान करने के नए-नए बहाने तलाश किए गए। यहां तक कि आम आदमी को भी नहीं बख्शा गया। ऐसे कई उदाहरण थे, जहां व्यक्तिगत एवं राजनीतिक प्रतिशोध के लिए कानूनों का दुरुपयोग किया गया था।

 

आपातकाल में प्रेस सेंसर कर दिया गया था। प्रकाशित करने से पहले सभी समाचार पत्रों को सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजना जरूरी कर दिया गया। अखबार द्वारा आपातकाल के विरोध में किसी तरह की सामग्री छापने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इतना ही नहीं, कई अखबारों के दफ्तरों की बिजली काट दी गई, इससे समाचार पत्र प्रिंटर भी ठहर गए। प्रेस के साथ-साथ कलाकारों, विपक्षी नेताओं और बड़ी संख्या में जनता के साथ भी अत्याचार किया गया। 1975 से 1977 के दौर में हमारे देश ने देखा कि किस तरह से संवैधानिक संस्थाओं का भी विध्वंस किया गया।

 

हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी आपातकाल के खिलाफ संघर्ष किया। वे आपातकाल के 20 महीनों में भूमिगत रहकर लगातार लोक संघर्ष आंदोलन को धार देते रहे और तमाम प्रमुख नेताओं के बीच संवाद सेतु का काम करते रहे। आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व देश ने आपातकाल से विकासकाल का सफ़र तय किया है। कांग्रेस की सरकार ने गरीबों को गरीब बनाए रख कर केवलगरीबी हटाओ' के नारे के सहारे गरीबों का वोट हड़पने की साजिश की जबकि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी नेसबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के सहारे हर गरीब का सशक्तिकरण किया है। इसी का परिणाम है कि भारत आज हर क्षेत्र में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विगत 8 वर्षों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी में लगभग 12% की कमी आई है तथा अत्यंत गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 1% से भी कम है। JAM-डीबीटी से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है बल्कि हर लाभार्थी तक बिना किसी बिचौलिए के शत-प्रतिशत सहायता पहुंची है। उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, गरीब कल्याण अन्न योजना, स्वच्छ भारत अभियान, आत्मनिर्भर भारत, किसान सम्मान निधि, जन-धन योजना जैसी कई योजनाओं ने जन-जन के जीवन को ऊपर उठाया है। मतलब स्पष्ट है कि कांग्रेस आती है तो आपातकाल आता है लेकिन भाजपा की सरकार आती है तो विकास होता है, यह बात जनता समझ चुकी है।

 JP Nadda

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