Press statement issued by BJP National Secretary, Shri Shrikant Sharma


26-08-2016
Press Release

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा की ओर से जारी प्रेस वक्तव्

उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी की सरपरस्ती में अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया जा रहा है। अखिलेश राज में विकास तो हुआ नहीं, हाँ - हत्या, बलात्कार, लूट, अपहरण जैसे वारदातों में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज जरूर की गई है। प्रदेश में बहन-बेटियां खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं, वे स्कूल तक जाने से डरती हैं। इस सबके बावजूद अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती, उलटे प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार को ही प्रताड़ित किया जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के बजाय जिस तरह से अपराधियों का संरक्षण किया जा रहा है, वह वाकई शर्मनाक है। उत्तर प्रदेश में अपराध के आंकड़ों में बेतहाशा वृद्धि के बावजूद अखिलेश सरकार के बड़बोले मंत्री आजम खान विधान सभा को भी गुमराह करने से नहीं हिचकते। उनके अनुसार तो उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाओं में 33% की कमी हुई है, पता नहीं कौन सी उनकी रिसर्च टीम है।

राज्य अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पिछले एक साल (2014 से 2015) में दुष्कर्म के मामलों में 161 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके मुताबिक, 2014 में उप्र में दुष्कर्म की 3,467 घटनाएं हुई थीं, जो 2015 में बढ़कर 9,075 हो गई। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश महिलाओं के प्रति अपराध में भी अव्वल है। ब्यूरो के अनुसार पिछले साल 2014 में महिलाओं के प्रति अपराध के 38 हजार 467 मामले दर्ज किये गये जो 2013 के मुकाबले 18 प्रतिशत ज्यादा थे। मीडिया में प्रकाशित ख़बरों के अनुसार 15 मार्च, 2012 से 25 मार्च, 2016 तक उत्तर प्रदेश में 13144 हत्याएं, 6333 लूट, चोरी या डकैती और 1282 अपहरण की घटनाएं रजिस्टर हो चुकी हैं।

ध्यान देने वाली बात यह है कि यूपी में अपराध की वास्तविक घटनाएं इससे भी ज्यादा है। कई घटनाएं तो रजिस्टर ही नहीं होती। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो बुंदेलखंड की घटना है जहां पहले तो इस घटना को रजिस्टर ही नहीं किया जा रहा था, जब मीडिया और जनता के दबाव में इस घटना की एफ़ाइआर रजिस्टर की गई तो इस तरह की कमजोर धाराएं लगाई गयी कि अपराधी आसानी से छूट जाय। इस पर विडम्बना यह कि अखिलेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खान इन वीभत्स बलात्कार की घटनाओं को राजनीति से प्रेरित बता देते हैं, इससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि खुद मुख्यमंत्री कड़ी भर्त्सना करने के बजाय ऐसे निंदनीय बयानों की वकालत करने लगते हैं। वास्तव में सपा सरकार उत्तर प्रदेश पर कलंक है।

और जब उत्तर प्रदेश की बिगड़ती क़ानून व्यवस्था और बहन-बेटियों के खिलाफ हो रहे गंभीर अत्याचारों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता लोकतांत्रिक तरीके से विधान सभा के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हैं तो यूपी की मुगलिया सोच वाली अखिलेश सरकार के इशारे पर उन पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया जाता है और आंसू गैस के गोले छोड़े जाते हैं। इस कायराना प्रशासनिक कार्रवाई में प्रदेश के बड़े भाजपा नेताओं समेत पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता जख्मी हुए हैं और कई को तो गंभीर चोटें भी आईं हैं। हद तो तब हो गई कि अपराधियों पर नकेल कसने के बजाय भाजपा कार्यकर्ताओं पर ही फर्जी मुकद्दमे रजिस्टर कर लिए गए, इतना ही नहीं, भाजपा के जो नेता उस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के समय लखनऊ में थे ही नहीं, उनके खिलाफ भी फर्जी मुकद्दमे दायर कर दिए गए।

जवाहर बाग़ कांड की खुफिया रिपोर्ट पहले से होने के बावजूद अपर पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी एवं थानाध्यक्ष संतोष कुमार की शहादत होने दी गई और गुनाहगारों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि अपराधियों के साथ तो अखिलेश सरकार की पुरानी सांठ - गाँठ है। सपा सरकार की अपराधियों के साथ जो नेक्सस है उससे उत्तर प्रदेश की जनता त्रस्त है। ऐसा लगता है कि अखिलेश सरकार को प्रदेश की जनता पर कोई भरोसा नहीं है और वह अपराधियों के बल पर ही चुनाव जीतना चाहती है।

विगत 21 जुलाई को जब बीएसपी सड़कों पर प्रदर्शन कर रही थी, नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे उसके नेता सरेआम यूपी की बहन-बेटियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर रहे थे तो अखिलेश सरकार की पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। बहन-बेटियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं और प्रदेश में बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं के खिलाफ अखिलेश सरकार को कुम्भ्करनी नींद से जगाने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे भाजपा के कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज - यह अखिलेश सरकार की मुगलिया सोच नहीं तो और क्या है? यह अखिलेश यादव और मायावती की बुआ-भतीजे की जुगलबंदी का सबसे बड़ा उदाहरण है।

उत्तर प्रदेश में पिछले 15 सालों से सपा-बसपा और कांग्रेस का जो शासन रहा है, वह अपराध के महा-जंगलराज का शासन है। सपा, बसपा और कांग्रेस ने 15 वर्षों में यूपी को बर्बाद करके रख दिया है। उत्तर प्रदेश की जनता इनके अपराधियों के साथ सांठ - गाँठ से भलीभांति परिचित है और वह आनेवाले समय में लोकतांत्रिक तरीके से इन लोगों को कड़ा सबक सिखाएगी।

भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि यदि अखिलेश यादव में थोड़ी भी इंसानियत है तो लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर अखिलेश सरकार के इशारे पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज के दोषी पुलिस अधिकारियों पर अखिलेश सरकार तुरंत कार्रवाई करे और भाजपा नेताओं पर दर्ज किये गए फर्जी और झूठे मुकद्दमे को निरस्त किया जाए। साथ ही बहन-बेटियों का अपमान करने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत अन्य बसपा नेताओं को तुरंत गिरफ्तार किया जाय।

भारतीय जनता पार्टी केरल में संघ परिवार और भाजपा के कार्यकर्ताओं पर सीपीएम के कार्यकर्ताओं द्वारा किये जा रहे हमलों की कड़ी निंदा करती है। जिस तरह से भगवान श्री कृष्ण की शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं पर सीपीएम के कार्यकर्ताओं ने हमला किया और फिर संघ के स्वयंसेवकों पर घर जाकर सीपीएम के 30 लोगों की फ़ौज ने जो हमला किया है, वह निहायत ही चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। दोषी लोगों पर कार्रवाई करने के बजाय अन्यायी और बर्बर केरल सरकार ने संघ के छः स्वयंसेवकों पर ही झूठे मुकद्दमें दायर कर दिए। हम केरल सरकार से मांग करते हैं कि राजनीतिक विद्वेष के कारण हो रही हत्याओं पर अविलम्ब रोक लगाया जाय, दोषी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाय और संघ कार्यकर्ताओं पर दायर किये गए झूठे एफआईआर को तुरंत रद्द किया जाय।

(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव

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