Press statement issued by BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra on 12.06.2020


12-06-2020
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा का प्रेस वक्तव्य

 

दिल्ली में कम टेस्टिंग, दिल्ली सरकार के अस्पतालों की दयनीय हालत और मरीजों एवं शवों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर सर्वोच्च न्यायालय की फटकार चिंताजनक है जो इस बात की ओर इशारा कर रही है कि दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।

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यह समय आक्रामक राजनीति का नहीं बल्कि साथ मिलकर दिल्ली को संभालने का, गंभीरता पूर्वक दिल्ली के विषय में चिंता करने का है। नकारात्मक राजनीति छोड़ कर केजरीवाल सरकार को जमीन पर काम करना चाहिए और दिल्ली के लोगों की चिंता करनी चाहिए।

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जब मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों ने टेस्टिंग बढ़ा दी है और देश में कोरोना वायरस के मामले रोजाना 10,000 के करीब रहे हैं, तो समझ में नहीं रहा कि दिल्ली में टेस्टिंग क्यों प्रतिदिन 7000 से घटा कर केवल 5000 या उससे भी नीचे कर दी गई है?

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अरविंद केजरीवाल जी, हम राजनीति नहीं करना चाहते हैं किंतु जिस प्रकार के राजनीतिक हथकंडों का इस्तेमाल आपकी सरकार कर रही है, उसे तुरंत बंद कर देना चाहिए। दो दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस में मनीष सिसोदिया द्वारा भाजपा और दिल्ली के उप-राज्यपाल के बारे में दिया गया का बयान अत्यंत निंदनीय था।

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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आज केजरीवाल सरकार को जाग जाना चाहिए। केजरीवाल सरकार के पास पब्लिसिटी में खर्च करने के लिए तो बहुत पैसा है किंतु दिल्ली में जरूरी मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान देने के बजाय वह राजनीति करने लगती है।

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केजरीवाल सरकार को अपनी पब्लिसिटी पर खर्च करने के बजाय अस्पतालों पर खर्च करना चाहिए।

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केंद्र सरकार हर सहयोग के लिए तैयार थी और तैयार रहेगी। हमसे जो भी सहयोग मांगा गया, हमने दिया। मैं बस इतना चाहता हूं कि श्रीमान अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के साथ कंधे-से-कंधा मिलकर काम करें

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दिल्ली में कम टेस्टिंग, दिल्ली सरकार के अस्पतालों की दयनीय हालत और मरीजों एवं शवों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर सर्वोच्च न्यायालय की फटकार चिंताजनक है जो इस बात की ओर इशारा कर रही है कि दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।

 

कोरोना वायरस के बढ़ते संकट, अस्पतालों की स्थिति, शवों के साथ बर्ताव को लेकर अदालत ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। जब मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों ने टेस्टिंग बढ़ा दी है और देश में कोरोना वायरस के मामले रोजाना 10,000 के करीब रहे हैं, तो समझ में नहीं रहा कि दिल्ली में टेस्टिंग क्यों प्रतिदिन 7000 से घटा कर केवल 5000 या उससे भी नीचे कर दी गई है? दिल्ली सरकार को टेस्टिंग बढ़ाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए।

 

सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर भी चिंता व्यक्त की कि मरीजों और कोविड-19 के कारण मृत्यु को प्राप्त हो रहे लोगों कीडेड बॉडी' के साथ जिस तरह से दिल्ली में अमानवीय व्यवहार हो रहा है, वह वाकई दुखद है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे ने इसे लेकर भी  हमारा सिर्फ इतना कहना है कि यह समय आक्रामक राजनीति का नहीं बल्कि साथ मिलकर दिल्ली को संभालने का, गंभीरता पूर्वक दिल्ली के विषय में चिंता करने का है।

 

आज दिल्ली में लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं, अस्पतालों में बैठने की जगह तक नहीं है, अस्पतालों के बाहर लोग दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में दो-तीन महत्वपूर्ण प्रश्न उठते हैं। अरविंद केजरीवाल जी, हम राजनीति नहीं करना चाहते हैं किंतु जिस प्रकार के राजनीतिक हथकंडों का इस्तेमाल आपकी सरकार कर रही है, उसे बंद कर देना चाहिए। दो दिन पहले ही आपकी सरकार में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर के कहा था कि भारतीय जनता पार्टीटुच्चीराजनीति कर रही है और दिल्ली के उप-राज्यपाल भी काम नहीं करने दे रहे हैं। केजरीवाल जी, आपकी सरकार को इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हम सबको दिल्ली की व्यवस्था को सही करने के लिए साथ में मिल कर काम करने चाहिए।

 

दिल्ली के अस्पतालों की हालत को मीडिया ने बार-बार दिखाया है, खासतौर पर दिल्ली सरकार की एलएनजेपी अस्पताल की हालत तो अत्यंत दयनीय है। इन सब बातों का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार पर टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आज केजरीवाल सरकार को जाग जाना चाहिए। केजरीवाल सरकार के पास पब्लिसिटी में खर्च करने के लिए तो बहुत पैसा है दिल्ली में जरूरी मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान देने के बजाय वह राजनीति करने लगती है। मेरा श्रीमान केजरीवाल से हाथ जोड़ कर विनम्र निवेदन है कि वे इस तरह की नकारात्मक राजनीति को थोड़े समय के लिए विराम दे दें, अपनी पब्लिसिटी पर खर्च करने के बजाय अस्पतालों पर खर्च करें और अस्पतालों की व्यवस्था जानने हेतु सरकार के मंत्री वहां का दौरा करें और परिस्थितियों को देखें की दिल्ली के मरीज किस कदर तड़प रहे हैं।

 

आज सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है कि दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव हो रहा है, इसको सुनने के बाद दिल बैठ जाता है। दिल्ली देश की राजधानी है। हम चाहते हैं कि दिल्ली का एक-एक व्यक्ति स्वस्थ रहे ऐसे में राजनीति छोड़ कर दिल्ली सरकार में बैठे हुए लोगों को सड़क पर उतरना चाहिए और लोगों की चिंता करनी चाहिए।

 

दिल्ली की केजरीवाल सरकार को अविलंब टेस्टिंग बढ़ाना चाहिए। शवों के साथ तो कम-से-कम मानवीय सलूक होना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि दिल्ली में गटर के अंदर डेड बॉडीज मिल रही हैं, नालों में मिल रही हैं। केजरीवाल सरकार पब्लिसिटी और नकारात्मक राजनीति को छोड़ कर जमीन पर काम करेगी, यह हम आशा करते हैं।

 

केंद्र सरकार हर सहयोग के लिए तैयार थी और तैयार रहेगी। हमसे जो भी सहयोग मांगा गया, हमने दिया। केंद्र सरकार हर स्तर पर दिल्ली सरकार को सहयोग करने के लिए तैयार है। मैं बस इतना चाहता हूं कि श्रीमान अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के साथ कंधे-से-कंधा मिलकर काम करें।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

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