भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज़ हुसैन जी का कांग्रेस के अनर्गल प्रलाप पर प्रेस वक्तव्य
सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी अलग बैठक कर अपने मुख्यमंत्रियों को कांग्रेस का एजेंडा लागू करने को बाध्य कर रही है। कांग्रेस पार्टी यदि कोरोना से जंग में राष्ट्र को सहयोग नहीं दे सकती तो कम से कम कोविड-19 के मुद्दे पर देश को बांटने का काम न करें।
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कांग्रेस से अनुरोध है कि वह कम से कम कोरोना के मुद्दे पर सियासत न करे क्योंकि 135 करोड़ देशवासियों के संघर्ष को कमजोर करने की इजाजत कांग्रेस पार्टी को कतई नहीं दी जा सकती। कांग्रेस ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्र का कोई सहयोग नहीं किया है।
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राहुल गांधी के पास सवाल उठाने के अलावा भी कोई जिम्मेदारी है क्या? कांग्रेस की रुचि केवल सरकार को बदनाम करना और देशवासियों की एकता को कमजोर करना है। कांग्रेस पार्टी ने क्या यह समझ लिया है कि विपक्ष में रहने का मतलब केवल और केवल विरोध करना होता है? कांग्रेस ऐसी निम्न स्तर की राजनीति से बाज आये।
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यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कभी राहुल गाँधी तो कभी सोनिया गाँधी तो कभी कांग्रेस पार्टी के और नेता बेतुके और तथ्यहीन सवाल उठा कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर पर उतारू हैं। कांग्रेस को ऐसी स्थिति में इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। ये दुर्भाग्यपूर्ण है।
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कोरोना वायरस और इसके संक्रमण के मुद्दे पर सोनिया गांधी, राहुल गाँधी और पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी केवल और केवल सियासत कर रही है जबकि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को विश्वास में लेकर कोरोना से निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं जिसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है।
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कोरोना वायरस और इसके संक्रमण के मुद्दे पर सोनिया गांधी, राहुल गाँधी और पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी केवल और केवल सियासत कर रही है जबकि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को विश्वास में लेकर कोरोना से निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं जिसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी अपने मुख्यमंत्रियों को कांग्रेस का एजेंडा लागू करने को बाध्य कर रही है।
कांग्रेस पार्टी यदि कोरोना से जंग में राष्ट्र को सहयोग नहीं दे सकती तो कम से कम कोविड-19 के मुद्दे पर देश को बांटने का काम न करें। जिस तरह से श्री नरेन्द्र मोदी जी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, उसी तरह कांग्रेस के मुख्यमंत्री भी अपने-अपने प्रदेशों के मुख्यमंत्री हैं जो टीम इंडिया के रूप में काम करते हुए कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी टीम इंडिया की भावना को तोड़ना चाहती है और कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करना चाहती है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कभी राहुल गाँधी तो कभी सोनिया गाँधी तो कभी कांग्रेस पार्टी के और नेता बेतुके और तथ्यहीन सवाल उठा कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर पर उतारू हैं। कांग्रेस को ऐसी स्थिति में इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। ये दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरा भारत कोरना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है लेकिन कांग्रेस पार्टी इसमें भी सियासत करती है। पहले राहुल गाँधी, फिर सोनिया गाँधी और अब मनमोहन सिंह भी रोज एक नया झूठ जनता के सामने परोस देते हैं और ऐसे सवाल खड़े करते हैं जिसका जवाब पहले ही दिया जा चुका होता है। इसलिए कांग्रेस से अनुरोध है कि वह कम से कम कोरोना के मुद्दे पर सियासत न करे क्योंकि 135 करोड़ देशवासियों के संघर्ष को कमजोर करने की इजाजत कांग्रेस पार्टी को कतई नहीं दी जा सकती। मुख्यमंत्रियों को पार्टी और राज्य के नाम पर बांटना सरासर गलत है। कांग्रेस ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्र का कोई सहयोग नहीं किया है।
राहुल गांधी के पास सवाल उठाने के अलावा भी कोई जिम्मेदारी है क्या? क्या कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कोई रचनात्मक सुझाव कांग्रेस की तरफ से आज तक दिया गया है? नहीं, कांग्रेस की रुचि केवल सरकार को बदनाम करना और देशवासियों की एकता को कमजोर करना है। याद कीजिये जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोरोना के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए दीया जलाने की अपील की थी, तब भी कांग्रेस पार्टी ने इसका न केवल मजाक उड़ाया था, बल्कि प्रियंका वाड्रा ने तो यहाँ तक कह दिया था कि इससे पावर फेल हो जाएगा जोकि अनर्गल प्रलाप के अलावे कुछ भी नहीं था। कांग्रेस पार्टी ने क्या यह समझ लिया है कि विपक्ष में रहने का मतलब केवल और केवल विरोध करना होता है? कांग्रेस ऐसी निम्न स्तर की राजनीति से बाज आये।
(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव
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