संयुक्त राष्ट्र संघ के 76वें महासभा में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ऐतिहासिक उद्बोधन पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य
संयुक्त राष्ट्र संघ की 76वीं महासभा में हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री और दुनिया के सबसे लोकप्रिय जन नेता का उद्बोधन सच्चे मायनों में एक ट्रू स्टेट्समेन का स्टेटमेंट है। उनका उद्बोधन देश के 130 करोड़ भारतवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। देश को गौरवान्वित करने के साथ-साथ पूरी दुनिया में भारत की वैचारिक ध्वज पताका लहराने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हर मुद्दे पर जिस बेबाकी के साथ भारत के दृष्टिकोण को रखा है और वैश्विक मुद्दों पर दुनिया का ध्यान आकृष्ट कराया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाय, कम है। कोविड प्रबंधन और कोविड वैक्सीनेशन से लेकर आतंकवाद और समुद्री सीमा तक के मुद्दों पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने जिस तरह से वैश्विक समुदाय को एक साथ आने के लिए प्रेरित किया है, वह काबिले-तारीफ है। कोविड के कारण जान गंवाने वाले दुनिया के सभी लोगों के परिजनों के लिए जिस तरह उन्होंने संवेदना प्रकट की, वह दिल को छू लेने वाला था।
माननीय प्रधानमंत्री जी ने दुनिया को अपने कृतित्व से यह दर्शाया कि भारत ने किस तरह डेमोक्रेसी कैन डिलीवर से डेमोक्रेसी हैज डिलीवर्ड की यात्रा की है। उन्होंने विश्व समुदाय को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांत से न केवल परिचय कराया बल्कि पिछले सात वर्षों में लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के तहत किये जा रहे विकास योजनाओं पर विस्तार से चर्चा भी की। संयोग से आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्मदिन भी है।
भारत के सामर्थ्य से दुनिया का परिचय कराते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जब भारत विकास करता है तो पूरा विश्व विकास के पथ पर अग्रसर होता है, जब भारत सुधार कार्यक्रमों को लागू करता है तो पूरे विश्व में ट्रांसफॉर्मेशन का दौर शुरू होता है। यह बताने के लिए काफी है कि भारत ने किस तरह पिछले 7 वर्षों में दुनिया का नेतृत्व किया है।
आतंकवाद को लेकर जिस तरह भारत ने दुनिया को आईना दिखाया है और इसे पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल करने वाले देशों को चेतावनी दी है, वह आतंक को पालने वाले देशों के लिए भारत का एक कड़ा संदेश है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने एक बार पुनः अफगानिस्तान की आम जनता, महिलायें, बच्चों और अल्पसंख्यकों को मदद करने की प्रतिबद्धता जताई है।
साथ ही, पहली बार भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में समुद्री सुरक्षा पर भी आवाज बुलंद की और मेरीटाइम सेक्युरिटी पर भी बल दिया। कोविड के ऑरिजिन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर UN के ढुलमुल रवैये को लेकर भी संयुक्त राष्ट्र संघ को प्रधानमंत्री जी ने नसीहत दी।
चाहे आत्मनिर्भर भारत अभियान की बात हो, गरीब कल्याण अन्न योजना की बात हो, इकॉनमी और इकोलोजी के सम्बन्ध की बात हो, दुनिया को भारत में वैक्सीन का निर्माण करने के लिए आमंत्रित करने की बात हो, दुनिया को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के लिए भारत द्वारा किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराने का प्रयास हो, माननीय प्रधानमंत्री जी के उद्बोधन में भारत की विकास यात्रा की छाप झलकती है।
आज पूरी दुनिया जिस गंभीरता से माननीय प्रधानमंत्री जी को सुनती है और उनके सुझावों पर अमल करती है, उससे यह सिद्ध होता है कि आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित हुआ है। हमारे प्रधानमंत्री जी का एक ही लक्ष्य है और वह है भारत को विश्वगुरु के पद पर पुनः प्रतिष्ठित करना।
मैं एक बार पुनः यूएन जनरल असेंबली में शानदार उद्बोधन देने के लिए और पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन करता हूँ एवं उन्हें साधुवाद देता हूँ।
महेंद्र पांडेय
(कार्यालय सचिव)
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