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भारतीय जनता पार्टी
राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक
प्रस्ताव
कोविड काल के दौरान डिजिटल माध्यम से पार्टी ने पूरी सक्रियता के साथ राष्ट्रीय, प्रदेश एवं जिला इकाई तक बैठकों व संवाद के क्रम को जारी रखा. अब जनजीवन सामान्य हो रहा है तब भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक प्रत्यक्ष रूप में हो रही है औरहम सभी एक स्थान पर उपस्थित हैं. पिछले एक साल में दुनिया ने एक विश्वव्यापी संकट का सामना किया है. भारत जैसे एक सौ तीस करोड़ जनसंख्या व बड़े भूभाग वाले देश के सामने इस महामारी की चुनौती कई अन्य देशों की तुलना में अलग थी. दुनिया में यह आशंका जताई जा रही थी कि विशाल जनसंख्या तथा सीमित स्वास्थ्य अवसंरचना वाला भारत इस चुनौती से कैसे लड़ेगा ? वैश्विक पटल पर इस महामारी की वजह से जो आर्थिक चोट पहुंची है, उससे भारत कैसे उबरेगा ? इन कठिन हालातों में एक सौ तीस करोड़ भारतवासियों की बुनियादी जरूरतों को यह देश कैसे निर्बाध जारी रख पायेगा ?
आज एक साल बाद जब भाजपा प्रत्यक्ष रूप में अपनी राष्ट्रीय पदाधिकारीबैठक कर रही है, तब गौरवानुभूति के साथ यह कह सकती है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सजग, संवेदनशील, संकल्पवान, यशस्वी व दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने न सिर्फ कोविड की इस चुनौती को हराया है बल्कि देशवासियों के मन में'आत्मनिर्भर भारत' बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का आत्मविश्वास भी जागृत किया है. कोविड की वैश्विक चुनौती के खिलाफ लड़ाई में दुनिया को गौरवशाली और विजेता भारत से परिचित कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी मुक्त स्वर में अपने नेतृत्व का अभिनंदन करती है.
कोविड प्रबंधन: जनभागीदारी व मानवता की मिसाल
मार्च 2020 में जब भारत में कोरोना संक्रमितों के मामले आने शुरू हुए तब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने दूरदर्शी तथा मानवतावादी दृष्टिकोण का परिचय देते हुए 24 मार्च को 'संपूर्ण लॉक डाउन' का निर्णय लिया. एकतरफ जहां दुनिया के अनेक शक्तिसंपन्न देश आर्थिक स्थितियों का आकलन करते हुए 'लॉकडाउन' पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रहे थे, उसी दौरान भारत ने 'मानवता की रक्षा' को सर्वोपरि रखा. यह निर्णय एक जनहित को समर्पित कल्याणकारी सरकार की संवेदनशीलता के सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों की श्रृंखला में इतिहास में दर्ज किया जाएगा. सरकार के इस निर्णय को देश की जनता ने संयम और सहयोग का परिचय देते हुए जिस प्रकार सफल बनाया, वह जनभागीदारी की एक अनूठी मिसाल है. इसके लिए देश की एक सौ तीस करोड़ जनता का अभिनंदन है.
'लॉक डाउन' ने दैनिक जीवन के पहिये को रोक सा दिया. कोविड की परिस्थिति में पैदा हुए ठहराव की स्थिति से देश के सामने कई चुनौतियों खडी हुईं. लोगों के जीवन और जीवनयापन के संसाधनों को बाधारहित रखना एक बड़ी जिम्मेदारी थी. आर्थिक गतिविधियां ठप होना कठिन चुनौती थी. कोरोना काल में इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर प्रतिकूल असर पड़ा. कामगारों के सामने रोजगार का संकट पैदा होना स्वाभाविक ही था. मुद्रास्फीति को बनाये रखना सरकार के लिए अत्यंत जरूरी था. साथ ही साथ छोटे-मध्यम स्तर के कारोबारों को संरक्षण देना किसी चुनौती से कम नहीं था. इसके लिए कोरोना के दौरान मोदी सरकार ने ‘मिनी बजट्स’ के तौर पर जरुरी कदम उठाये, जिसका असर है कि फौरी तौर पर इन तमाम चुनौतियों से देश खुद को बाहर निकाल सका.पार्टी बधाई देती है अपने नेतृत्व को कि लॉक डाउन की घोषण के 48 घंटे में 2.76 लाख करोड़ के 'गरीब कल्याण योजना' की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की गयी. इस योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को पूरे कोविड काल में अनाज और दाल मुफ्त दिया गया। 8 करोड़ परिवारों को तीन गैस सिलिंडर मुफ्त उपलब्ध कराये गए तो वहीं 20 करोड़ महिला जन-धन खाता धारकों के खाते में 500-500 रुपये की तीन किस्तें सीधे भेजी गईं. दिव्यांगों, विधवाओं और बुजुर्गों को लॉकडाउन के दौरान 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई तो किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की दो किस्तें दी गईं. जून 2020 में प्रवासी मजदूरों के रोजगार के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना शुरू की गयी. एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए अलग से रखे गए.
2014 में जब श्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने अपने पहले भाषण में कहा था, 'मेरी सरकार गरीब कल्याण को समर्पित सरकार है.' कोरोना के कठिन हालातों में बिना देर किये उन्होंने देश के गरीबों के लिए जो कार्य किये, वह एक कल्याणकारी राज्य की मूल दृष्टि की सर्वश्रेष्ठ मिसाल बनेंगे. पार्टी इसके लिए अपने संवेदनशील और सजग नेतृत्व का आभार प्रकट करती है.
दूसरी तरफ अचानक पैदा हुई स्वास्थ्य उपकरणों की जरूरतों, पीपीई किट्स, टेस्टिंग किट्स, मास्क, ऑक्सीजन सिलिंडर, वेंटिलेटर आदि की उपलब्धता की भी कभी कमी महसूस नहीं हुई. भारत की आत्मशक्ति का इससे बड़ा उदाहरण इस वर्तमान दौर की किसी पीढ़ी ने पहले कभी नहीं देखा होगा. बहुत कम समय में देश ने अपने टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाया, पीपीई तथा टेस्टिंग किट्स की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित किया और जरूरत के अनुरूप स्थायी/अस्थायी कोविड अस्पताल खड़े कर दिए. आज हमारी टेस्टिंग फैसिलिटी 15 लाख प्रतिदिन पहुँच गई है. प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की कार्यशैली की दुनिया ने सराहना की.
एकतरफ कोरोना काल में जब पूरा देश एकजुट होकर पूरे अपने नेतृत्व के साथ इस लड़ाई को लड़ रहा था, तब कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों की भूमिका अत्यंत असंवेदनशील और निराशाजनक रही. इस कठिन दौर में भय और हताशा पैदा करने वाले निराधार दुष्प्रचारों का सहारा लेने के प्रयास अनेक बार कांग्रेस द्वारा किये गये. नेतृत्व पर बेबुनियाद सवाल खड़े करने के प्रयास किये गये. लेकिन देश की जागरूक जनता ने विपक्ष के भ्रामक अपप्रचारों पर भरोसा नहीं किया और पूरी एकजुटता के साथ सरकार के निर्णयों के साथ खड़ी रही.
सामूहिकता की भावना, नेतृत्व पर विश्वास
एक सौ तीस करोड़ देशवासियों को इस कठिन दौर में उनके संयम, सहयोग, समर्पण तथा अपने नेतृत्व के निर्णय में विश्वास जताते हुए चुनौती से लड़ने का अभूतपूर्व साहस दिखाने के लिए पार्टी बार-बार अभिनन्दन करती है. मोदी जी के नेतृत्व तथा उनके निर्णयों पर देश ने जिस एकजुटता तथा सामूहिकता का परिचय दिया, उसकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है. इस कठिन दौर ने सिद्ध किया है कि आज देश के आम जन मानस के मन में यही भावना है कि उनके पास श्री नरेंद्र मोदी के रूप में हर पल, हर घड़ी, हर चुनौती में तत्परता से खड़ा रहने वाले भरोसेमंद नेतृत्व है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस कठिन दौर में संवाद की गति को जन-जन तक ले जाने के लिए जो कार्य किये, वो प्रेरणादायी हैं. प्रधानमंत्री मोदी नेटीवी तथा ‘मन की बात’ के माध्यम से देशवासियों से सतत संवाद रखा तो वहीं राज्यों के साथ भी कोविड की स्थिति पर चर्चा निरंतर जारी रखी. प्रधानमंत्री मोदी का संवादप्रिय व्यक्तित्व उन्हें जन-मन का नेता बनाता है.
सेवा का संकल्प
कोरोना के कठिन हालातों में जब देश के सामने मानवता की सेवा का अवसर आया तब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सात 'स' का मंत्र देते हुए 'सेवा ही संगठन' की प्रेरणा दी. इसी प्रेरणा के साथ पार्टी के लाखों कर्मठ कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा के कुशल सांगठनिक दिशानिर्देश में पूरे देश में सवा की अद्भुत मिसाल पेश की. सात 'स', 1- सेवाभाव, 2- संतुलन, 3- संयम, 4- समन्वय, 5- सकारात्मकता, 6- सद्भावना, 7- संवाद, ये वो मंत्र थे जिनको लेकर भाजपा कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से जरूरतमंद तक पहुँच रहे थे. देश के हर क्षेत्र व हर वर्ग के बीच भाजपा कार्यकर्ता सेवा का संकल्प लेकर गये. 4 जुलाई तक देश भर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'सेवा ही संगठन' के तहत 22 करोड़ से अधिक लोगों को भोजन, 4.5 करोड़ से अधिक फेस मास्क का निर्माण व वितरण किया. 5 लाख 40 हज़ार से अधिक कार्यकर्ता बुजुर्गों की सेवा में समर्पित रहे. पार्टी सेवा का संकल्प लेकर निरंतर जुटे रहने वाले उन लाखों संगठनसेवी कार्यकर्ताओं का पुरजोर अभिनंदन करती है, जिन्होंने अपने नेतृत्व के सात सूत्रों की प्रेरणा को नीचे तक पहुंचाने का प्रयास किया.
आत्मनिर्भर भारत का मंत्र
आत्मनिर्भर भारत का संकल्प रखकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने महामारी से निकले भारत की आत्मशक्ति को नए लक्ष्य दिए हैं. मई 2020 में एक बड़े पैकेज की बात जरूर की जा रही थी. लेकिन यह पॅकेज 20 लाख करोड़ का होगा, इसका अनुमान तब किसी को नहीं था. देश के बुनियादी ढाँचे के सभी आयामों को छूने वाले इस 'आत्मनिर्भर भारत' पॅकेज में इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड सहित हर पहलू के लिए प्रावधान रखे गये हैं. प्रधानमंत्री जी की अपील का असर है कि 'वोकल फॉर लोकल' भावना देश में बढ़ी है. लोगों में अपने देश में निर्माण करने, अपने देश में निर्मित वस्तुओं को खरीदने तथा उसका वैश्विक बाजार में प्रचार-प्रसार करने का आत्मविश्वास मजबूत हुआ है. देश में आत्मनिर्भरता को बहस के केंद्र में लाने तथा बहुत कम समय में उससे दुनिया को परिचित कराने के लिए प्रधानमंत्री जी का नेतृत्व बधाई के योग्य है.
विजय का 'टीका'
आज कोरोना को पूरी तरह से मात देकर आगे बढ़ने की दिशा में देश चल रहा है. यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में देश के चिकित्सा क्षेत्र के वैज्ञानिकों की अथक मेहनत की बदौलत देश ने दो-दो भारत में निर्मित वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल की. इस सफलता के लिए पार्टी अपने यशस्वी नेतृत्व तथा वैक्सीन निर्माण में जुटे सभी वैज्ञानिकों, कर्मियों तथा विशेषज्ञों का करतल ध्वनि के साथ अभिनंदन करती है. कोरोना की वैक्सीन हर किसी तक जल्दी पहुंचे, प्राथमिकताओं के अनुसार टीकाकरण हो तथा हर देशवासी इस महामारी से स्वयं को सुरक्षित महसूस करे, इसकी योजना हमारे जनप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2020 में जाहिर की थी. यह उनकी दूरदर्शिता तथा तत्परता का परिचायक है. इसी का परिणाम है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा 16 जनवरी को शुरू किये गये दुनिया का सबसे बड़े टीकाकरण अभियान देश में चल रहा है. भारत की कोविड वैक्सीन की मांग दुनिया के अनेक देशों में हो रही है. आज का भारत दुनिया में वैक्सीन निर्यातक बनकर नयी मजबूती के साथ उभरा है. यह आत्मनिर्भर भारत की क्षमता का परिचायक है. टीकाकरण के लिए बजट 2021-22 में सरकार द्वारा बाकायदे 35000 करोड़ का प्रावधान भी रखा गया है. इस सुव्यवस्थित टीकाकरण अभियान के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार के योजनाबद्ध प्रयास सराहनीय व बधाई के योग्य हैं.
दृढ़ इच्छाशक्ति से सुधारवादी कदम
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में अनेक विधायी सुधार हुए हैं. ऐसे अनेक कानून जो या तो वर्तमान के वैश्विक व आर्थिक क्षेत्र में अप्रासंगिक थे एवं जनहित कार्यों को जटिल बनाने वाले थे, उनमें सुधार करने की मोदी सरकार की इच्छाशक्ति प्रशंसनीय है. कृषि कानून, नई शिक्षा नीति, स्वामित्व योजना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय, वित्तीय अनियमितता पर अंकुश सहित ऐसे अनेक सुधारवादी कदम सरकार द्वारा उठाये गये हैं:
- श्रम कानूनों में सुधार:
भारत में श्रम कानूनों में सुधार की चर्चा लंबे समय से चलती आ रही थी. कोरोना के कठिन हालातों में जब वैश्विक बाजार में अनेक बदलाव करवट ले रहे थे. ऐसे में भारत में निवेश को आकर्षित करने के लिहाज से श्रम कानूनों में लंबित सुधारों को अमल में लाने का यह एक अनुकूल समय था. श्रम कानूनों में सुधार से जुड़े तीनों विधेयकों को पारित कराने के लिए पार्टी केंद्र की मोदी सरकार को बधाई देती है. इन सुधारों से भारत में निवेश तथा रोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा.
2. कृषि सुधार- किसान कल्याण:
किसानों का हित हो, उनकी उपज का उन्हें वाजिब मूल्य मिले, उनकी आय दोगुनी हो तथा उन्हें अपनी उपज को अपनी शर्तों पर कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता मिले, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 3कृषि कानून लाये गये. पार्टी किसान हितैषी इन कानूनों के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का अभिनंदन करती है.इस कृषि कानून को लेकर कांग्रेस तथा कुछ अन्य राजनीतिक दलों सहित कुछ लोगोंद्वारा किसानों को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि कभी इन्हीं कृषि सुधारों की बात करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगी अब केवल और केवल अपने राजनीतिक अवसर के लिए देश के किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. यही कारण है कि बार-बार चर्चा की बात करने वाली कांग्रेस अभी तक यह नहीं बता पाई है कि कृषि कानूनों में वो कौन से बिंदु हैं, जिनसे वे असहमत हैं. पार्टी मानती है कि देश के किसानों की खुशहाली के लिए ये कानून जरूरी थे और इसकी मांग काफी समय से की जा रही थी.
3. स्वामित्व योजना:
यहप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहतगांवों के लोगों की आवासीय संपत्ति के अभिलेख में पूरा ब्योरा दर्जकिया जा रहा है.
4. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति:
भारत की शिक्षा प्रणाली में बहुप्रतीक्षित परिवर्तनों को अमल में लाते हुए मोदी सरकार ने 29 जुलाई, 2020 को एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीतिको मंजूरी दी. यह नीति स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक सबके लिए एकसमान पहुंच सुनिश्चित करनेपर जोर देती है.पार्टी सरकार द्वारा शिक्षा सुधार के क्षेत्र में उठाये इस कदम का स्वागत करती है.
सर्वस्पर्शी समावेशी बजट
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के अथक, अनवरत तथा अभिनंदनीय प्रयासों से अब जब देश और समाज कोविड की परिस्थिति से बाहर निकल रहा है तब नए वित्त वर्ष के लिए सरकार ने जो बजट रखा है, वह चुनौतियों से आगे बढ़कर देश में ढांचागत बुनियाद की स्थायी और मजबूत आधारशिला रखने की दृष्टि को रेखांकित करता है. यह बजट नए दशक में आत्मनिर्भर भारत की सुदृढ़ आधारशिला का शिलापट है.
बजट 2021-22 में देश की स्वास्थ्य अवसंरचना को नए ढंग से समझने और उसके लिए भविष्य के चुनौतियों के अनुरूप आधारभूत ढांचा तैयार करने का संकल्प है. यह बजट किसानों की आय को दोगुना करने तथा उनकी उपज की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को अभिव्यक्त करता है. इस बजट में आधारभूत संरचना के विकास से रोजगार सृजन तथा प्रगति की नई उचाईयों को छूने की कटिबद्धता है. यह बजट रक्षा से सुरक्षा तथा आर्थिक बुनियाद की मजबूती को सुनिश्चित करने वाला है. बजट में बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता है तो महिलाओं के उत्थान के पुख्ता प्रावधान हैं. बजट में युवाओं के लिए नए अवसर खोलने की इच्छाशक्ति नजर आती है. बजट में अनुसूचित जाति/जनजाति के कल्याण तथा उनके शैक्षणिक उत्थान की भावना स्पष्ट नजर आती है.देश में सड़कों का विस्तार बढे, शिक्षा की पहुँच हर वर्ग तक हो, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले तथा जन-जीवन व परिवहन यातायात सुगम हो, इन सभी लक्ष्यों को यह बजट समाहित करता है.‘मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ की भावना के साथ देश की प्रगति को आगे बढ़ाने वाला बजट है. शोध और नवाचार के लिए नई संभवानाएं खोलने वाला बजट है. यह बजट आकांक्षी भारत के समावेशी विकास को प्रतिध्वनित करता है. देश में रेल के बुनियादी ढाँचे को और सुदृढ़ करने के लिए भी बजट में जरुरी प्रावधान किये गये हैं.गाँव, गरीब, किसान, महिला, युवा, कारोबारी सहित देश के आधारभूत संरचना को सुदृढ़ता प्रदान करने वाले 'आत्मनिर्भर भारत के बजट' के लिए राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक में पार्टी अपने यशस्वी नेतृत्व का अभिनंदन करती है.
सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय:
देश में कई छोटे-छोटे बैंकों को आपस विलय करके उन्हें बड़े बैंक के रूप बनाने की बात काफी समय से हो रही थी. ऐसा महसूस किया जा रहा था कि अलग-अलग काम कर रहे छोटे बैंक देश की अर्थव्यवस्था में कई मोर्चों पर जरूरत के अनुसार परफार्मेंस को बेहतर करने के लिए उनका विलय करना देश की बैंकिंग प्रणाली में एक सुधारवादी आवश्यकता बन गया था. देशहित में सुधारों के प्रति कटिबद्ध मोदी सरकार ने देश 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का निर्णय किया. पार्टी सरकार के इस सुधारवादी कदम की सराहना करती है.
सबल राष्ट्र, स्पष्ट नीति
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी वैश्विक नीति में उसी कथन को चरितार्थ किया है कि- भारत न किसी से आँख झुकाकर बात करेगा, न आँख उठाकर बात करेगा बल्कि आँख मिलाकर बात करेगा. चीन के साथ पैदा हुई स्थिति पर भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट रहा है. भारत अपनी सीमा पर किसी की भी विस्तारवादी नीति को सफल नहीं होने दे सकता है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने हर अवसर पर इसे साबित किया है.
जनादेश की कसौटी पर खरी सरकार
कोरोना के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव हुए. चुनाव परिणाम पूरी तरह से एनडीए के पक्ष में रहे. बिहार में भारतीय जनता पार्टी को जनता का ऐतिहासिक आशीर्वाद मिला. पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. तमाम नकारात्मक आशंकाओं को धता बताकर जिस ढंग से बिहार ने एनडीए को जीत का जनादेश दिया, वह भाजपा के प्रति जनता के बढ़ते अगाध भरोसे का प्रतीक है. बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 243 सीटों में से NDA को 125 सीटें मिलीं.
वहीं जम्मू-कश्मीर में ऐतिहासिक तौर पर अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए पहले स्थानीय चुनाव में असली जीत जम्हूरियत की हुई है. प्रदेश में पहली बार हुए जिला विकास परिषद के चुनाव में जम्मू-कश्मीर की अवाम ने कई मिथक तोड़ दिए हैं. कश्मीर में आतंकियों एवं अलगाववादियों को दरकिनार कर लोगों ने बेखौफ होकर लोकतंत्र में अपना भरोसा जताया है. जिला विकास परिषद चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू हो गई है. हैदराबाद के निकाय चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी को जिस ढंग से अभूतपूर्व समर्थन मिला है, वह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के कोने-कोने में बढ़ते भरोसे को दर्शाता है.
आगामी चुनावों में विजय का संकल्प
वर्ष 2021 में कई राज्यों में चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, असम, केरल और पुदुचेरी में विधानसभा के चुनाव आसन्न हैं. इसबार पश्चिम बंगाल की जनता का अपार समर्थन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को मिल रहा है.पश्चिम बंगाल की जनता प्रदेश की अलोकतांत्रिक, दमनकारी, तुष्टिकरण को पनाह देने वाली तृणमूल सरकार से त्रस्त हो चुकी है. पश्चिम बंगाल एक नयी इबारत लिखने जा रहा है. भाजपा पश्चिम बंगाल में विजय के विश्वास के साथ चुनाव में जा रही है.
वहीं असम में पिछले पांच वर्षों में केंद्र और राज्य की एनडीए सरकारों के बीच समन्वयपरक नीति की वजह से विकास की गति तेज हुई है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में नार्थ-ईस्ट के राज्यों को लेकर देश की दृष्टि बदली है. परिणाम है कि असम की जनता का विश्वास एनडीए सरकार के प्रति पहले से भी अधिक मजबूत हुआ है. आगामी चुनावों में जीत के संकल्प के साथ एकबार पुन: एनडीएअसम की जनता के बीच जा रही है.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के उन राज्यों तथा क्षेत्रों में भी भाजपा का जनाधार बढ़ा और सांगठनिक विस्तार हुआ है, जहाँ भाजपा के आधार को कम माना जाता था. तामिलनाडू और केरल में भाजपा ने अपने संगठन के आधार को और मजबूत किया है. तामिलनाडू में पार्टी एनडीए के अपने सहयोगी दल के साथ चुनाव में है. केरल में भी पार्टी ने अपनी सदस्यता को बढ़ाया है. पार्टी इन दोनों राज्यों के चुनावों में अपनी नीतियों और विचारों को लेकर जन-जन के बीच उत्साह के साथ जा रही है.
पुदुचेरी का चुनाव भी हमारे लिए समान महत्व का है. पुदुचेरी में कांग्रेस की जनविरोधी सरकार को हटाकर नयी एनडीए सरकार का विकल्प जनता देख रही है.
आगामी अप्रैल महीने में पार्टी कार्यकर्ता, किसान उत्पादक संगठन(FPO), पोषण अभियान तथा बंधन योजना के माध्यम से देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक लोगों को जोड़ने का अभियान चलाएंगे. साथ ही समाज के सभी वर्गों, विशेषकर युवा वर्ग, से ‘आत्मनिर्भर भारत’ के व्यापक क्रियान्वयन तथा इसे सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक सहभागिता करने का भी पार्टी आह्वान करती है.
अंत में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठकप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के संकल्प को मुक्त कंठ से समर्थन देते हुए उनके अथक व अनवरत प्रयासों के लिए एक बार फिर सराहना करती है. उनके यशस्वी नेतृत्व में नए दशक का भारत विश्व पटल पर नयी पहचान के साथ एक मजबूत शक्ति बनकर खड़ा होगा, यह दृढ़विश्वास है.
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