भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी द्वारा संसद परिसर में मीडिया को दिए गए संबोधन के मुख्य बिंदु
कांग्रेस पार्टी आज अपने शीर्ष नेतृत्व के भ्रष्टाचार की हो रही जांच के खिलाफ जो धरना-प्रदर्शन कर रही है, वह सत्याग्रह नहीं है बल्कि असत्य के लिए दुराग्रह है। वास्तविकता यह है कि कांग्रेस पार्टी सत्य पर ग्रहण लगाने की नापाक कोशिश कर रही है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी जांच एजेंसी की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, तो इसके लिए न्यायालय का दरवाजे हमेशा खुले हैं। जांच एजेंसियों के खिलाफ सड़कों पर उतरना और भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच का विरोध करना - कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के मामले के आरोपी कानूनी लड़ाई में स्पष्ट रूप से कमजोर हैं।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शक्तियों को लेकर दायर याचिका पर अभी-अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट और ईडी के ज्यूरिडिक्शन को सही ठहराया है और उसे अपहोल्ड किया है। हम न्यायालय का सम्मान करते हैं। हम देश के संविधान एवं कानून का सम्मान करते हैं।
हजारों करोड़ रुपये के नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार मामले में ईडी द्वारा सोनिया गाँधी से पूछताछ की जा रही है तो कांग्रेस इसके विरोध में तथाकथित सत्याग्रह कर रही है। यह एक परिवार को बचाने का कुत्सित प्रयास है। यह सब धरना-प्रदर्शन केवल एक परिवार को बचाने का राजनैतिक अभियान चल रहा है। कांग्रेस पार्टी जाँच एजेंसियों पर जो सवाल उठा रही है और जिस तरह से सड़क पर भ्रष्टाचार के समर्थन में धरना-प्रदर्शन कर रही है, वह कहीं से भी उचित नहीं है।
यह सर्वविदित है कि नेशनल हेराल्ड मामले में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। इससे जुड़े लोगों को जांच एजेंसी के सामने जबाव देना चाहिए। यह उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन यह गाँधी परिवार अपने आप को देश और कानून से ऊपर समझता है। यदि कोई इस बारे में उनसे सवाल पूछे तो उन्हें नागवार गुजरता है। उनसे सवाल करने की कोई हिमाकत करे, तो यह गाँधी परिवार स्वीकार नहीं करता है।
देश संविधान से चलता है। कानून अपना काम कर रहा है। कानून के सामने अपनी बात रखना, किसी भी व्यक्ति का अधिकार है लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार की जांच के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, कांग्रेस और एक परिवार (गाँधी परिवार) द्वारा खुद को कानून से उपर समझने का कुत्सित प्रयास है। यह इस देश में चलने वाला नहीं है। कानून एवं नियम सबके लिए बराबर होते हैं। नियम एवं कानून का पालन करना और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करना, उनके सवालों के जबाव देना सबकी जिम्मेवारी भी है।
कांग्रेस पार्टी और गाँधी परिवार को भी नियम और कानून के अनुसार चलना चाहिए और जाँच एजेंसियों के सवाल का जबाव देना ही चाहिए। देश में कोई व्यक्ति या संस्थान जांच एजेंसी का दुरुपयोग कैसे कर सकता है? ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और अपने ढंग से काम करती है। कोई भी जांच एजेंसी कानून के दायरे में काम करती है। ईडी, सीबीआई आदि जाँच एजेंसियां ने अपने नियमित कार्रवाई के दौरान छापेमारी कर लाखों करोड़ रुपए नकद जब्त किए हैं। जाँच एजेंसियां भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलेरेंसे नीति के तहत सराहनीय कार्य करते हुए देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
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