Salient points of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


द्वारा श्री गौरव भाटिया -
16-10-2022
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वक्तव्य के मुख्यबिन्दु

 

शराब घोटाले के आरोपी नंबर वन मनीष सिसोदिया भले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री हैं लेकिन उन्हें यदि भ्रष्टाचार के किंगपिन अरविंद केजरीवाल के ‘भ्रष्टाचार संग्रह एजेंट’ कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा।

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कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल की ‘पाप’ पार्टी ने भ्रष्टाचार करते हुए जिस नई आबकारी नीति को लागू करके वापस ली थी उस मामले में जाँच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तारियां भी हुई हैं और शराब घोटाले के आरोपी नंबर वन दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जांच एजेंसी ने कल तलब किया है.

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जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ संबंधी खबर आने के साथ ही ये कट्टर बेईमान लोग ओछी राजनीति पर उतर आते हैं. जांच एजेंसी यदि पूछताछ के लिए बुलाती है तो इन कट्टर बेईमान लोगों की क्या कार्य प्रणाली होती है, वह आज स्पष्ट हो गया.

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कुछ माह पहले से खुद ही कहने लगो कि आरोपी नंबर वन की गिरफ्तारी होगी, हमारे उस नेता की गिरफ्तारी होगी, वगैरह वगैरह. आखिर ये दबाव की राजनीति क्यों? अगर जांच एजेंसियों से डर लगता है तो भ्रष्टाचार किया ही क्यों अरविंद केजरीवाल जी? जैसे जैसे सीबीआई का फंदा कसे, अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचारी की राजनीतिक जमीन धंसे.

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मनीष सिसोदिया ने ट्वीट के माध्यम से घोषणा की है कि वह समन मिलने के बाद कल सीबीआई कार्यालय जायेंगे और जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करेंगे। क्या मनीष सिसोदिया जी यह बात कह कर अहसान जताने चाहते हैं?

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मनीष सिसोदिया जी अन्य बातों के अलावा अपने ट्वीट में लिखा है-सत्यमेव जयते जबकि जनता कह रही है, सत्यमेव जयते नहीं बल्कि ‘भ्रष्ट जेल जायते’. यदि भ्रष्टाचार करेंगे तो जेल जाना ही होगा.

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भ्रष्टाचार के किंगपिन अरविंद केजरीवाल इन दिनों खुद की तुलना भगवान से और अपने मंत्रियों की भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानी से करते हैं। दरअसल, ‘आधुनिक युग का भ्रष्टाचारी कंस’ यदि कोई है तो वह अरविंद केजरीवाल जी हैं. इन्हीं के इशारे पर इनकी कठपुतलियां इनकी तिजोरी भर रही हैं.

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मैं श्री केजरीवाल से कहना चाहता हूं कि उन्हें ऐसा कहने में शर्म आनी चाहिए क्योंकि उनके भ्रष्ट मंत्री उनकी तिजोरी भर रहे हैं जबकि भगत सिंह ने देश के लिए अपना बलिदान दिया।

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अरविंद केजरीवाल को यह ज्ञात हो कि देश का कानून भ्रष्टाचार के लिए फांसी की सजा नहीं देता. यदि देता होता तो फांसी के कितने फंदे होते इसका अनुमान आपके निम्न भ्रष्टाचारों से लगाया जा सकता है- पहला फंदा आबकारी नीति के भ्रष्टाचार का, दूसरा फांसी का फंदा हवाला के भ्रष्टाचार का, लो फ्लोर डीटीसी बस घोटाले का तीसरा फंदा, वक्फ जमीन घोटाले का एक और फंदा, बच्चों के लिए क्लासरुम बनाने में घोटाले के लिए अन्य फंदा.

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दरअसल, अरविंद केजरीवाल जी बहुत घबराए और डरे हुए हैं. इसी वजह से देश के पूजनीय एवं आदर्श व्यक्तित्वों का नाम भी अपने कट्टर बेईमानों के नाम पर लेकर उनके योगदान को छोटा, हल्का कर देते हैं.

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यह सर्वविदित है कि सीबीआई ने दिल्ली की नई आबकारी नीति मामले में 17 अगस्त 2022 एफआईआर दर्ज की थी जिसमें आरोपी नंबर वन मनीष सिसोदिया हैं.

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‘आप’ के नेता कह रहे हैं जांच एजेंसियों का दुरूपयोग हो रहा है लेकिन अरविंद केजरीवाल जी यह बताएं कि एफआईआर दर्ज होने के बाद दो माह का समय मनीष सिसोदिया को मिला, लेकिन उन्होंने न्यायालय जाकर यह अर्जी नहीं दी कि उनपर लगाये सारे आरोप बेबुनियाद हैं, अतः इन मामलों को रद्द किया जाए, आखिर क्यों?

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अरविंद केजरीवाल जी, आपके लिए शहीद भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता कभी हो ही नहीं सकते. आपके आदर्श वे हैं जो आपके ईशारे पर देश के चुने हुए लोकप्रिय प्रधानमंत्री के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें आप न तो बर्खास्त करते हैं और न ही उनके द्वारा कहे अपशब्दों की निंदा करते हैं.

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एक वृद्ध माँ की अस्मिता को अपमानित किया जाता है, लेकिन केजरीवाल जी मौन रहते हैं. देश के हर नागरिक खासकर हिन्दुओं की भावनाओं को यह कहकर आहत किया जाता है कि मंदिरें महिलाओं को शोषित करने का अड्डा है, लेकिन केजरीवाल जी इन बयानों पर चुप्पी साधे रखी, आखिर क्यों?

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए कहा कि शराब घोटाले के आरोपी नंबर वन मनीष सिसोदिया भले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री हैं लेकिन उन्हें यदि भ्रष्टाचार के किंगपिन अरविंद केजरीवाल के ‘भ्रष्टाचार संग्रह एजेंट’ कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। 

 

कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल की ‘पाप’ पार्टी ने भ्रष्टाचार करते हुए जिस नई आबकारी नीति को लागू करके वापस ली थी उस मामले में जाँच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तारियां भी हुई हैं और शराब घोटाले के आरोपी नंबर वन दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जांच एजेंसी ने कल तलब किया है. जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ संबंधी खबर आने के साथ ही ये कट्टर बेईमान लोग ओछी राजनीति पर उतर आते हैं. जांच एजेंसी यदि पूछताछ के लिए बुलाती है तो इन कट्टर बेईमान लोगों की क्या कार्य प्रणाली होती है, वह आज स्पष्ट हो गया. कुछ माह पहले से खुद ही कहने लगो कि आरोपी नंबर वन की गिरफ्तारी होगी, हमारे उस नेता की गिरफ्तारी होगी, वगैरह वगैरह. आखिर ये दबाव की राजनीति क्यों? अगर जांच एजेंसियों से डर लगता है तो भ्रष्टाचार किया ही क्यों अरविंद केजरीवाल जी? जैसे जैसे सीबीआई का फंदा कसे, अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचारी की राजनीतिक जमीन धंसे. अरविंद केजरीवाल जी तो घूम घूम कर कहा करते थे कि उनके नेता सत्येन्द्र जैन कट्टर ईमानदार हैं. यदि सत्येन्द्र जैन जी इतने कट्टर ईमानदार हैं, तो 5 माह उनके जेल गए हो गए हैं, उन्हें अब तक जमानत क्यों नहीं मिली? 

 

मनीष सिसोदिया ने ट्वीट के माध्यम से घोषणा की है कि वह समन मिलने के बाद कल सीबीआई कार्यालय जायेंगे और जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करेंगे। क्या मनीष सिसोदिया जी यह बात कह कर अहसान जताने चाहते हैं? मनीष सिसोदिया जी, प्रथम द्रष्टया आपने संगीन अपराध किया है, एफआईआर में आरोपी नंबर वन हैं. दरअसल उनके कुकर्मों के बाद उनके पास कोई विकल्प नहीं है और जांच एजेंसी के सवालों का जवाब उन्हें देना होगा। मनीष सिसोदिया जी अन्य बातों के अलावा अपने ट्वीट में लिखा है-सत्यमेव जयते जबकि जनता कह रही है, सत्यमेव जयते नहीं बल्कि ‘भ्रष्ट जेल जायते’. यदि भ्रष्टाचार करेंगे तो जेल जाना ही होगा.

 

दूसरी ओर, भ्रष्टाचार के किंगपिन अरविंद केजरीवाल इन दिनों खुद की तुलना भगवान से और अपने मंत्रियों की भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानी से करते हैं। दरअसल, ‘आधुनिक युग का भ्रष्टाचारी कंस’ यदि कोई है तो वह अरविंद केजरीवाल जी हैं. इन्हीं के इशारे पर इनकी कठपुतलियां इनकी तिजोरी भर रही हैं. मैं श्री केजरीवाल से कहना चाहता हूं कि उन्हें ऐसा कहने में शर्म आनी चाहिए क्योंकि उनके भ्रष्ट मंत्री उनकी तिजोरी भर रहे हैं जबकि भगत सिंह ने देश के लिए अपना बलिदान दिया।

 

अरविंद केजरीवाल के आज के ट्वीट का उद्धरण लेते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल को यह ज्ञात हो कि देश का कानून भ्रष्टाचार के लिए फांसी की सजा नहीं देता. यदि देता होता तो फांसी के कितने फंदे होते इसका अनुमान आपके निम्न भ्रष्टाचारों से लगाया जा सकता है- पहला फंदा आबकारी नीति के भ्रष्टाचार का, दूसरा फांसी का फंदा हवाला के भ्रष्टाचार का, लो फ्लोर डीटीसी बस घोटाले का तीसरा फंदा, वक्फ जमीन घोटाले का एक और फंदा, बच्चों के लिए क्लासरुम बनाने में घोटाले के लिए अन्य फंदा. दरअसल, अरविंद केजरीवाल जी बहुत घबराए और डरे हुए हैं. इसी वजह से देश के पूजनीय एवं आदर्श व्यक्तित्वों का नाम भी अपने कट्टर बेईमानों के नाम पर लेकर उनके योगदान को छोटा, हल्का कर देते हैं.

 

यह सर्वविदित है कि सीबीआई ने दिल्ली की नई आबकारी नीति मामले में 17 अगस्त 2022 एफआईआर दर्ज की थी जिसमें आरोपी नंबर वन मनीष सिसोदिया हैं. ‘आप’ के नेता कह रहे हैं जांच एजेंसियों का दुरूपयोग हो रहा है लेकिन अरविंद केजरीवाल जी यह बताएं कि एफआईआर दर्ज होने के बाद दो माह का समय मनीष सिसोदिया को मिला, लेकिन उन्होंने न्यायालय जाकर यह अर्जी नहीं दी कि उनपर लगाये सारे आरोप बेबुनियाद हैं, अतः इन मामलों को रद्द किया जाए, आखिर क्यों?

 

अरविंद केजरीवाल जी, आपके लिए शहीद भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता कभी हो ही नहीं सकते. आपके आदर्श वे हैं जो आपके ईशारे पर देश के चुने हुए लोकप्रिय प्रधानमंत्री के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें आप न तो बर्खास्त करते हैं और न ही उनके द्वारा कहे अपशब्दों की निंदा करते हैं. एक वृद्ध माँ की अस्मिता को अपमानित किया जाता है, लेकिन केजरीवाल जी मौन रहते हैं. देश के हर नागरिक खासकर हिन्दुओं की भावनाओं को यह कहकर आहत किया जाता है कि मंदिरें महिलाओं को शोषित करने का अड्डा है, लेकिन केजरीवाल जी इन बयानों पर चुप्पी साधे रखी, आखिर क्यों?

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