Salient points of interview of Hon'ble Prime Minister Shri Narendra Modi ji to ANI


द्वारा श्री नरेंद्र मोदी -
09-02-2022
Press Release

 

 

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) को दिए गए साक्षात्कार के मुख्य बिंदु

 

       विधान सभा चुनाव वाले पाँचों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के प्रति बड़ी लहर है। भारी बहुमत से भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने जा रही है। पाँचों राज्यों की जनता हमें सेवा का अवसर देगी क्योंकि जिन राज्यों ने हमें सेवा का अवसर दिया है, उन्होंने हमें परखा है, हमारे काम को देखा है।

 

       उत्तर प्रदेश ने पुराने सिद्धांत को पहले ही नकार दिया है। हमें 2014 में भी जनादेश मिला, 2017 में भी यूपी की जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया और 2019 में भी भाजपा को भव्य विजय मिली। उत्तर प्रदेश की जनता पहले ही हर बार पार्टी बदलने वाली नीति को नकार चुकी है तो इस बार क्यों इस पर चलेगी?

 

       जब काम करने का प्रयास दिखता है, जब काम दिखता है, जब लोगों को पॉजिटिव काम दिखता है, गरीब को घर मिलता है तो लोगों में विश्वास बनता है कि इसे घर मिल गया, कल मेरा भी नंबर आ जाएगा। भारतीय जनता पार्टी की जहां सरकार होती है, वहां एंटी इनकंबेंसी नहीं होती, वहां प्रो इनकंबेंसी रहती है।

 

       मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की योजनाएं अद्भुत हैं, उन्होंने कई योजनाओं को समय पर पूरा कर असंभव को संभव किया है। इसलिए विरोधी भी उन योजनाओं का लाभ लेने के लिए मैदान में उतरे हुए हैं। देश में एक संस्कृति चल पड़ी है कि राजनेता बोलते रहते हैं कि हम ये करेंगे, हम वो करेंगे। 50 साल बाद भी कोई अगर वो काम कर देगा तो ऐसे राजनेता तो कहेंगे कि हमने ये उस समय कहा था। ऐसे लोग बहुत मिल जाएंगे कि उत्तर प्रदेश में योजनाएं भाजपा की नहीं हैं, भाजपा अमलीजामा पहनाती है। अगर वे ऐसा कहने को विवश हो रहे हैं तो इसका मतलब है कि योगी आदित्यनाथ जी की योजनायें बहुत अच्छी हैं और उन्होंने इसे बहुत अच्छे तरीके से पूरा किया है।

 

       उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कानून-व्यवस्था में व्यापक सुधार किया है। पिछली सरकारों में माफिया राज और गुंडा राज से उत्तर प्रदेश की जनता परेशानी में थी। महिलायें अपने घरों से निकल नहीं पाती थीं। आज हर तरफ सुरक्षा का माहौल बना है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने हर कदम क़ानून सम्मत और न्याय सम्मत ही उठाये हैं। सुप्रीम कोर्ट जो कमेटी बनाना चाहती थी, राज्य सरकार ने सहमति दी। जिस जज के नेतृत्व में जांच चाहती थी, योगी सरकार ने सहमति दी। राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ काम कर रही है, तभी तो वह सुप्रीम कोर्ट की इच्छा के अनुसार सारे निर्णय कर रही है।

 

       उत्तर प्रदेश मेंदो लड़कोंवाला खेल हमने पहले भी देखा था और उन्हें इतना अहंकार था कि उन्होंनेगुजरात के दो गदहेशब्द का प्रयोग किया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें हिसाब सिखा दिया। एक बार तो दो लड़के भी थे और एक बुआ जी भी उनके साथ थी, फिर भी उनके हाल नहीं बदले।

 

       परिवारवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है। जब परिवार ही सर्वोच्च प्राथमिकता हो, देश बचे या न बचे परिवार बचे की मानसिकता हो तो कैसे चलेगा। एक परिवार के कई लोग जनता के बीच जाते हैं। पिता जी बेकार हो गए तो बेटा अध्यक्ष बने, बेटा बेकार हो जाए तो उसका बेटा आ जाए, भाई आ जाए। आप बिहार देखिए, झारखंड देखिए, उत्तर प्रदेश देखिए, तमिलनाडु जाइए, सभी जगह परिवारों की पार्टियां हैं। एक बार किसी ने मुझे चिट्ठी भेजी थी कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के परिवार से 45 लोग ऐसे थे जो किसी किसी पद पर थे। किसी ने मुझे कहा कि उनके पूरे परिवार में 25 साल से अधिक आयु के हर व्यक्ति को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। जब ऐसा होता है तो सबसे बड़ा नुकसान प्रतिभा को होता है। सार्वजनिक जीवन में जितनी अधिक प्रतिभा आए वो जरूरी है। क्या यह परिवारवाद की राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरा नहीं है?

 

       एक परिवार से एक या दो लोगों के टिकट हासिल करने और जीतने तथा एक पार्टी में सभी अहम राजनीतिक पद एक ही परिवार के पास होने में फर्क होता है। मान लीजिए कुछ युवा हैं, जिन्हें भाजपा में नहीं जाना है ऐसे युवाओं के सामने एकमात्र चॉइस भाजपा ही है, क्योंकि वह परिवारवादी राजनीति के कारण कहीं और जा ही नहीं सकते। ऐसे युवा महसूस करते हैं कि वे कई बार यूज कर लिए जाते हैं और फिर उन्हें कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाता है। ऐसे में युवा राजनीतिक जीवन में आने में डर महसूस कर रहे हैं। भाजपा आगे बढ़ रही है और इसका एक प्रमुख कारण यह है कि इस पार्टी में सबकुछ लोकतांत्रिक तरीके से होता है।

 

       मैं समाजवाद के खिलाफ नहीं हूँ परन्तु जो नकली समाजवाद की चर्चा करता है, ये पूरी तरह परिवारवाद है। लोहिया जी का परिवार कहीं नजर आता है क्या? जार्ज फर्नांडिस का परिवार कहीं नजर आता है क्या? नीतीश बाबू का परिवार कहीं नजर आता है क्या? हमारी सरकार का काम गरीबों के लिए भोजन के बारे में सोचना, उनके लिए घर और शौचालय बनाना, उन्हें पीने का साफ पानी दिलाना, उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना, सड़कें बनाना, छोटे किसानों के बारे में सोचना है। यह मेरी प्राथमिकता है।

 

       देश की आज जो हालत है उसमें सबसे जिम्मेदार कोई मुख्य धारा है तो वे कांग्रेस है। इस देश को जितने प्रधानमंत्री मिले उसमें श्रद्धेय अटल जी और मुझे छोड़कर सारे प्रधानमंत्री कांग्रेस स्कूल के ही थे। कांग्रेस की कार्यशैली और विचारधारा के आधार सम्प्रदायवाद, जातिवाद, भाषावाद, प्रांतवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हैं। अगर यही इस देश की मुख्य धारा में रहेगा तो देश का कितना बड़ा नुकसान होगा।

 

       भाजपा का मंत्र है, सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास। हम इसी भावना से काम करते हैं। हमें समाज के दबे-पिछड़े वर्ग की चिंता क्यों नहीं करना चाहिए। हम टिकट वितरण के दौरान जाति के आधार पर वर्गीकरण शुरू करते हैं और चर्चा करते हैं कि किस समुदाय द्वारा वोट प्रतिशत दिया जाएगा। हमें इस धारणा को बदलना चाहिए। 'सबका साथ, सबका विकास' मंत्र के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। देश को आगे ले जाने के लिए एकता का महत्व होना चाहिए। हम जनता के कल्याण पर फोकस करते हैं। यदि आप जनसंघ के समय से ही हमारे आर्थिक सिद्धांत सुनें तो आपको हम लोगों में, उनकी क्षमताओं में और उन्हें मौका देने वाली सरकारी नीतियों में ही विश्वास करते दिखाई देंगे। हम ऐसी ही राजनीति करते हैं, जिसमें लोगों को अधिकतम मौके हासिल हों। यह समाजवाद के कैसे खिलाफ है?

 

       देशभर में करीब 100 जिले पिछड़े हुए हैं। इन पर हमारा फोकस है। मैं इनके अधिकारियों से सीधे भी बात करता हूं। संघीय ढांचे में मैं हर जिले का विकास चाहता हूं। पिछड़े जिलों में गए युवा अधिकारियों ने बेहतरीन काम किया है। हमारे विकास के सिद्धांत को दूसरे देश अपना रहे हैं। सरकार को समाज के हर वर्ग की चिंता है। सबका विश्वास सबका विकास ही ही हमारा मंत्र है। हमें जातिगत राजनीति से बाहर आने की जरूरत है। ऊंच-नीच, जाति भेद समाज के हर समुदाय में हैं। गुजरात में 70% मुस्लिम जातियां ओबीसी में हैं। देश के विकास के लिए जातिगत राजनीति छोड़कर एकता की जरूरत है। मीडिया के जरिए आज दुनिया में हमारी बात पहुंच रही है। दुनिया को भारत अपनी और आकर्षित कर रहा है। आज देश में सबसे ज्यादा FDI, FII हैं। भारत ने दुनिया के ज्यादातर देशों में दवाइयां भेजी हैं।

 

       गरीबों की केयर करना, उन्हें टॉयलेट, खाना, मकान, साफ पेयजल और सड़कें उपलब्ध कराना हमारी सरकार का काम है। यदि गरीब बीमार है तो उसे इलाज देना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है। गरीब किसान की फसल बाजार तक पहुंचे, ये सुनिश्चित करना सरकार का काम है। यदि कोई इसे समाजवाद कहता है तो यह मुझे मंजूर है।

 

       केंद्र और राज्य यदि डबल इंजन की तरह मिलकर काम करें तो देश का कल्याण ही होता है। भारत की विविधता ही उसकी ताकत है। मैं खुद लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा हूं और राज्यों की अपेक्षाओं को जानता हूं। देश के विकास के लिए राज्यों की अपेक्षाओं को पूरा करना जरूरी है। इसी तरह राज्यों का सहयोग करना भी जरूरी है। कुछ नेता निजी स्वार्थ के लिए विविधता को एक दूसरे से साथ विरोध के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले 50 साल उन्होंने यही किया है, हर बात पर देश को बांटों और राज करो। मैं विदेशी मेहमानों को दिल्ली से बाहर देश के विभिन्न हिस्सों में लेकर जाता हूं। मैं चीन के राष्ट्रपति को तमिलनाडु ले गया, फ्रांस के राष्ट्रपति को .प्र. ले गया, जर्मन चांसलर को कर्नाटक ले गया। देश की शक्ति को उभारना, हर राज्य को प्रोत्साहन देना हमारा काम है। UN में मैं तमिल में बोलता हूं दुनिया को गर्व होता है कि भारत के पास दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। मैं सबको साथ लेकर चलने का प्रयास करता हूं। इसके बावजूद कुछ लोग इसे विरोध का हथियार बनाए हुए हैं।

 

       राज्य अपनी मनमानी करेंगे तो आम आदमी का ही नुकसान होगा। यदि यूपी का आदमी केरल जाएगा और वहां बीमार हो जाएगा तो आयुष्मान भारत से उसे वहां लाभ होगा लेकिन कुछ राज्य हैं, जो इसमें भी राजनीति कर रहे हैं और कहते हैं कि हम इस योजना से नहीं जुड़ेंगे। दिल्ली इसका उदाहरण है। अब दिल्ली का आदमी यदि किसी दूसरे राज्य में जाएगा और उसे कुछ हो जाए तो वहां उसका इलाज कैसे होगा? मोदी ने वन नेशन-वन राशन कार्ड का जिक्र किया और कहा कि पूरे देश में कहीं भी जाकर सबको एकसमान सुविधा मिले तो इसमें बुराई क्या है? हमें क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को अहमियत देनी चाहिए। अलगाव भारत के नागरिकों का चरित्र नहीं है। सर्वहित में विकास होना चाहिए। एक राज्य को छोड़कर सभी राज्य सहयोग कर रहे हैं। एक राज्य का साथ न चलना दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

       भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खा रहा है। जहाँ से भी सरकार को जानकारी मिलेगी, सरकार कदम उठाएगी। हिंदुस्तान में हर समय चुनाव चलता रहता है तो क्या सरकार काम करना बंद कर दे? आप पांच साल में एक बार तय कर लीजिये चुनाव। ईडी दिखाई देगी, इनकम टैक्स। CBI, ED अपने तरीके इसे मिटाने के लिए काम कर रही हैं। उनकी कार्रवाइयों के बीच चुनाव आ जाते हैं।

 

       लॉकडाउन के दमे कांग्रेस ने श्रमिकों को टिकट देकर वापस जाने के लिए कहा। इससे लोगों में भय पैदा हुआ। लोगों को फ्री टिकट दिए गए। राज्य एक के बाद एक अपने तरीके से लॉकडाउन लगा रहे थे, जिससे अव्यवस्था बन रही थी और इसी कारण नेशनल लेवल पर कुछ करने की जरूरत बन गई थी। दिल्ली में अव्यवस्था आम आदमी पार्टी के कारण बनी। उनके लोग जीपों में भर-भरकर मजदूर बस्तियों में गए। वहां जाकर कहा कि लॉकडाउन लगने जा रहा है। यहां क्या खाओगे। लोगों को जाने के लिए मुफ्त टिकट दिए गए। इससे भय का माहौल बन गया और अव्यवस्था फैल गई। आप और कांग्रेस ऐसा न करती तो हालात संभल जाते। मैं अब भी नहीं कहता कि कोरोना चला गया है। मैं कहता हूं कि यह बहुरुपिया है, जिससे सावधान रहने की जरूरत है।

 

       मैं हमला करने वाली भाषा नहीं जानता। हम सदन में संवाद करते हैं। हर विषय पर हमने तथ्यों के आधार पर बात कही। मैने किसी के दादा जी, नाना जी, नानी जी के लिए कोई बयान नहीं दिए। मैने उस समय के PM के बयान का जिक्र किया था। मैंने बाताया कि एक प्रधानमंत्री के ये विचार थे तब क्या स्थिति थी और आज प्रधानमंत्री के ये विचार हैं तब क्या स्थिति है। जो सुनता ही नहीं उसे मैं कैसे जवाब दूं, वो बात-बात पर संसद छोड़ देता है। कुछ लोग जो सदन में बैठते ही नहीं, आते ही नहीं, वे सवाल उठा रहे हैं। लेकिन हमने तय किया है कि अब देश को हम बुराइयों की तरफ नहीं जाने देंगे।

 

       मैं किसानों का दिल जीतने के लिए निकला हुआ इंसान हूँ। हिंदुस्तान भर के किसानों का दिल मैंने जीता भी है और उन्होंने मुझे भरपूर समर्थन भी दिया है। बातचीत चलते रहना चाहिए। हम सबके साथ संवाद चाहते हैं, उनके सुझावों पर अमल भी करते हैं। मैं हमेशा छोटे किसानों का भला चाहता हूं और मैंने उसके लिए काम भी किया है। किसानों की भलाई के लिए कानून लाए थे, ये बात मैंने उन्हें वापस लेते समय भी कही थी। बाद के घटनाक्रमों से जानकारी मिलेगी कि मैंने क्यों ऐसा कदम उठाया। हमने देशहित में कानून वापस लिए। इन पर यदि आगे बात करने की जरूरत होगी तो हम बात करेंगे। किसानों की भलाई के लिए हमारी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। पंजाब में हम किसान के डायरेक्ट बेनिफिट के लिए अड़े रहे। लगभग 1,000 से ज्यादा वीडियो है जिसमें किसान कह रहे हैं कि खेत तो उतना ही है, पैदावार भी उतनी ही है लेकिन मेरे घर में इतने पैसे नहीं आये जब से मोदी जी ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर शुरू किया है।

 

       आज भाजपा पंजाब में सबसे विश्वसनीय पार्टी बनकर उभरी है। समाज जीवन के बहुत से वरिष्ठ लोग, राजनीति के बहुत बड़े महारथी भी अपने पुराने दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। हमने छोटे किसानों के लिए जो काम किया है, उसकी पंजाब में ज़बरदस्त पहुंच है। हम पंजाब में शांति चाहते हैं। हम पंजाब की शांति और विकास वापस लौटाना चाहते हैं। हमने पंजाब की भलाई के लिए अपना नुकसान भी होने दिया। पंजाब में दो दल भाजपा के साथ हैं। आज सुखदेव ढींढसा और कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे दिग्गज नेता हमारे साथ पंजाब में आकर जुड़े हैं। भाजपा पंजाब में पहले की तुलना में पहले से कई गुना ज्यादा यशस्वी होगी। छोटे किसान वहां हमारी ताकत हैं, जिनकी फसल के दाम के बीच से हमने बिचौलिया को हटा दिया है।

 

       मेरा पंजाब से पुराना नाता रहा है। मैं वहां पार्टी का काम करता था। वहां के लोग बहुत साहसी और दिलवाले हैं। मैं एक पुराना किस्सा सुनाता हूं। मैं मोगा या तरनतारण में था पार्टी के एक कार्यक्रम के लिए जहां देर हो गई। निकलने पर सड़क पर मेरी कार खराब हो गई। मैं और ड्राइवर ही थे। सुनसान सड़क पर खेत में काम कर रहा एक सरदार परिवार दौड़ा आया और मेरी एंबेसेडर गाड़ी में धक्का लगाया। गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई तो हमें अपने खेत पर बने छोटे से घर में ही प्यार से रखा। उनका बेटा सुबह में ही कहीं से एक मैकेनिक लेकर आया, गाड़ी ठीक कराई। मैं सरदारों के भावों को जानता हूं। पंजाब में मैंने काफी वक्त गुजारा है। चुनाव अपनी जगह है लेकिन पंजाब के किसान मेरे देश के वीर जवान हैं। उनके विकास के लिए मैं तब भी जुटा रहूंगा।

 

       गुजरात कच्छ के लखपत में बहुत सिख भाई हैं। वहां भव्य गुरुद्वारा भी बनाया गया है। मेरा इतना लगाव रहा है उनसे। अंग्रेजों के जमाने में भी सिखों के लिए नहीं हुआ है, उतना काम हमारी सरकार ने किया है, उनकी वीरता को सम्मान करने का काम किया है।

 

       फिरोजपुर के विषय पर मैंने पूरी तरह से मौन रखा है। सुप्रीम कोर्ट गंभीरतापूर्वक इस मामले को देख रहा है। मेरा कहना उचित नहीं है। हमें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना चाहिए।

 

       हमने मन बना लिया है कि राष्ट्र को हम उस बुराई की ओर जाने नहीं देंगे। हम देश में जनहित में जीने वाले, जनहित के लिए जूझने वाले लोग हैं। हम जनता-जनार्दन के सपनों को पूरा करने वाली व्यवस्था को बनायेंगे, उसी को बढायेंगे, उसी को चलायेंगे। यही रहेगा मेरा रास्ता। तबाही के रास्ते ले जाने वाले जितने तरीके हैं, हम उसे नहीं आने देंगे।

 

महेंद्र कुमार

(कार्यालय सचिव)

 

 

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