Salient points of joint press conference of BJP National Spokesperson Dr Sambit Patra and Delhi BJP State President Shri Adesh Gupta


द्वारा श्री संबित पात्रा -
17-04-2022
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा एवं दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता  की संयुक्त प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

अरविंद केजरीवाल जनता के सामने ऐसा माहौल बनाने की चेष्टा करते हैं कि वे काम की बड़ी फिक्र करते हैं लेकिन वास्तविकता यही है कि वे कोई काम नहीं करते बल्कि काम का केवल जिक्र करते हैं और जिक्र की बस फिक्र करते रहते हैं: डॉ पात्रा

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दिल्ली में विज्ञापनों से एक ऐसा माहौल बनाने की चेष्टा की गई कि मानो भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत बड़ी लड़ाई लड़ने की चेष्टा अरविंद केजरीवाल जी की है जबकि इसके सच्चाई इसके ठीक उलट है: डॉ पात्रा

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अरविन्द केजरीवाल सरकार ने अपने पहले और दूसरे दोनों कार्यकाल में एक भ्रष्टाचार विरोधी एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर जारी किया था जिसमें झूठा दावा किया गया कि इस हेल्पलाइन पर लाखों फोन कॉल्स आये और इस कॉल्स के आधार पर 152 अधिकारियों को निलंबित और 35 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया: डॉ पात्रा

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RTI में यह सच्चाई सामने आई कि इन हेल्पलाइन नंबर 1031 पर मात्र 282 कॉल्स आए और 7 केस दर्ज हुए। एसीबी के स्पेशल पुलिस कमिश्नर ने कहा कि 1031 पर अधिकतम 451 शिकायतें सामने आयीं और मात्र 11 मामले दर्ज हुए: डॉ पात्रा

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बाद में हेल्पलाइन नंबर को बंद कर इसे कोविड हेल्पलाइन नंबर में परिवर्तित कर दिया गया। फिलहाल यह नंबर भी बंद है। जितने भी कॉल 1031 पर आए, उनका कोई भी रिकॉर्ड नहीं है क्योंकि दिल्ली सरकार ने निजी स्वयंसेवकों को इस सेवा में रखा गया था जिन्हें पता ही नहीं था कि इसे कैसे हैंडल किया जाए: डॉ पात्रा

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अरविंद केजरीवाल रोज प्रेस कांफ्रेंस करके कहते थे कि हम भ्रष्टाचार समाप्त कर देंगे जबकि वास्तविकता यह है कि हेल्पलाइन नंबर से कुछ नहीं हुआ, किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई: डॉ पात्रा

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बार-बार भ्रष्टाचार के बावजूद कथित ईमानदार मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपने किसी भी मंत्री को नहीं हटाया। इसका मतलब स्पष्ट है कि दिल्ली की कथित कट्टर ईमानदार केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है: आदेश गुप्ता

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जो लोग कहते थे कि हम ईमानदार हैं, वही भ्रष्टाचार कर रहे हैं। भ्रष्टाचार को खत्म करने के उनके पुलिंदे जनता के सामने आ चुके हैं। यही इनकी असली कहानी है। सादगी की बात करने वाले अपने लिए करोड़ों रुपये का स्वीमिंग पुल बनवा रहे हैं: आदेश गुप्ता

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हवाला कारोबारियों से 16.38 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से बर्खास्त नहीं किया: आदेश गुप्ता

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तीन शेल कम्पनियों के माध्यम से सत्येंद्र जैन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दिल्ली में सैकड़ों बीघा जमीन खरीदा और फिर उसे महंगे दामों पर बेचा। जांच एजेंसियों ने उनकी जमीनें जब्त भी की हैं लेकिन इसके बावजूद अरविन्द केजरीवाल ने अपने मंत्री को अब तक नहीं हटाया: आदेश गुप्ता

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दिल्ली जल बोर्ड के 60,000 करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब अब तक दिल्ली सरकार ने नहीं दिया है। पिछले सात साल में सीएजी ने दिल्ली जल बोर्ड को 22 पत्र लिखे लेकिन दिल्ली सरकार न तो हिसाब दे रही है और न ही कोई जवाब दे रही है: आदेश गुप्ता

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डीटीसी की बसों की खरीद में भी केजरीवाल सरकार द्वारा जम कर घोटाला हुआ। 1,000 बसें 975 करोड़ रुपये में केजरीवाल सरकार द्वारा खरीदी गई और मेंटिनेंस का अलग बोर्ड बना कर 3,500 करोड़ रुपये खर्च किया गया। शराब माफिया के साथ भी केजरीवाल सरकार ने गंठबंधन कर भारी भ्रष्टाचार किया है: आदेश गुप्ता

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा एवं दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने आज पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए आम आदमी पार्टी सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार बताया।

 

प्रेस वार्ता की शुरुआत करते हुए डॉ पात्रा ने कहा कि जिस प्रकार दिल्ली में अरविंद केजरीवाल जी का अब तक का शासन रहा उसका लब्बोलुवाब यही है कि जनता के सामने ऐसा माहौल बनाया जाए कि वे काम की बड़ी फिक्र करते हैं लेकिन वास्तविकता यही है कि वे कोई काम नहीं करते बल्कि केवल काम का जिक्र करते हैं और बस जिक्र का फिक्र करते रहते हैं। यही अरविन्द केजरीवाल सरकार की यूएसपी भी रही है। दिल्ली में विज्ञापनों से एक ऐसा माहौल बनाने की चेष्टा की गई कि मानो भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत बड़ी लड़ाई लड़ने की चेष्टा अरविंद केजरीवाल जी की है जबकि इसके सच्चाई इसके ठीक उलट है।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का सरकार के रुप में दिल्ली में पहला कार्यकाल 28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक का रहा। 8 जनवरी 2014 को एक भ्रष्टाचार विरोधी एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर अरविंद केजरीवाल जी ने स्वयं लांच किया था। यह हेल्पलाइन नंबर 011-27357169 था।  इस एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर को लेकर ये दावा किया गया था कि हजारों फोन कॉल इस नंबर पर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी का दूसरा कार्यकाल 2015-2020 तक था। अप्रैल 2015 को पुन: एक नव गठित हेल्प लाइन लांच किया गया - 1031 जो दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के अंतर्गत था और इस पर आने वाले कॉल एंटी करप्शन ब्यूरो, जो उस समय सतर्कता विभाग के अंतर्गत था, को भेजा जाना था। विज्ञापन के माध्यम से ऐसा माहौल बनाया गया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ने की चेष्टा अरविंद केजरीवाल जी की ही है। कुछ समय बाद दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में एसीबी नहीं रहा। ठीक इसके बाद, केजरीवाल सरकार ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कुछ आंकड़े रखे कि हेल्पलाइन नंबर 1031 पर भ्रष्टाचार विरोधी कुल 1 लाख 25 हजार कॉल्स आए हैं और ये कॉल्स कुछ विभागों- एमसीडी, पुलिस, परिवहन विभाग और दिल्ली जल बोर्ड से सम्बंधित थे। आम आदमी पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा गया कि इन कॉल्स के आधार पर 152 अधिकारियों को निलंबित और 35 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। सूचना के अधिकार के तहत जब दिल्ली पुलिस से इस संबंध में जानकारी मांगी गई तो पाया गया कि 1031 पर मात्र 282 कॉल्स आए और 7 केस दर्ज हुए। 20 अप्रैल 2015 को एसीबी के स्पेशल पुलिस कमिश्नर ने कहा कि 1031 पर अधिकतम 451 शिकायतें सामने आयीं और मात्र 11 मामले दर्ज हुए। बाद में यह नंबर बंद हो गया और कोविड हेल्पलाइन नंबर में इसे परिवर्तित कर दिया गया। फिलहाल यह नंबर अभी भी बंद है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उस समय के जो एसीबी अधिकारी थे, उन्होंने कहा कि जितने भी कॉल 1031 पर आए, उनका कोई भी रिकॉर्ड नहीं है क्योंकि दिल्ली सरकार ने निजी स्वयंसेवकों को इस सेवा में रखा गया था जिन्हें पता ही नहीं था कि इसे कैसे हैंडल किया जाए।

 

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल रोज प्रेस कांफ्रेंस करके कहते थे कि हम भ्रष्टाचार समाप्त कर देंगे जबकि वास्तविकता यह है कि हेल्पलाइन नंबर से कुछ नहीं हुआ, किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। केजरीवाल जी की रणनीति है- कुछ नहीं करना, केवल जिक्र करना और जिक्र की फिक्र करना।

 

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि जो लोग कहते थे कि हम ईमानदार हैं, वही भ्रष्टाचार कर रहे हैं। भ्रष्टाचार को खत्म करने के उनके पुलिंदे जनता के सामने आ चुके हैं। यही इनकी असली कहानी है। दिल्ली में भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन चलाकर कार्रवाई करने का दावा करने वाले खुद भ्रष्टाचार में शामिल हैं। सादगी की बात करने वाले अपने लिए करोड़ों रुपये का स्वीमिंग पुल बनवा रहे हैं। दिल्ली के तथाकथित कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री केजरीवाल के कट्टर दोस्त सत्येंद्र कुमार जैन की पांच करोड़ की संपत्ति जो कि फर्जी कंपनियों के नाम पर हवाला कारोबारियों से उन्होंने खरीदी थी, उसको जब्त कर लिया गया। 

 

श्री गुप्ता ने आरोप लगाया कि हवाला कारोबारियों से 16.38 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से बर्खास्त नहीं किया जबकि हवाला कारोबारियों ने खुद माना है कि उन्होंने सत्येंद्र जैन को 16.38 करोड़ रुपये दिए हैं। गंभीर बात यह है कि सत्येंद्र जैन ने किसी को मोहरा बनाकर काम नहीं किया बल्कि स्वयं हवाला कारोबारियों से सीधे संपर्क में रहकर अपनी शेल कंपनियों को चलाते रहे। शेल कंपनियों के पते को अनधिकृत कॉलोनियों पर दिखाए गए, जिससे उनकी काली करतूत पर किसी का ध्यान न जाए और वे करोड़ों रुपये की गाढ़ी कमाई करते रहें। तीन शेल कम्पनियों के माध्यम से सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में सैकड़ों बीघा जमीन खरीदा और फिर उसे महंगे दामों पर बेचा। चूंकि सत्येंद्र जैन पीडब्ल्यूडी विभाग देखते हैं, उन्हें पहले पता होता था कि कहाँ सड़कें बनेंगी, कहाँ सीवर डलेगी और कहाँ पानी की लाइनें दी जायेंगी, इसलिए वे पहले सस्ते में जमीन खरीदते थे और जमीन का विकास होने के बाद उसे महंगे दाम पर बेच देते थे। सत्येंद्र जैन का यह खेल वर्षों से चल रहा था। जांच एजेंसियों ने उनकी जमीनें जब्त भी की हैं और कार्रवाई भी की है लेकिन तमाम भ्रष्टाचार के बावजूद अरविन्द केजरीवाल ने अपने मंत्री को अब तक नहीं हटाया।

 

केजरीवाल सरकार पर हमले की धार को और तेज करते हुए दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के 60,000 करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब अब तक दिल्ली सरकार ने नहीं दिया है। पिछले सात साल में सीएजी ने दिल्ली जल बोर्ड को 22 पत्र लिखे लेकिन दिल्ली सरकार न तो हिसाब दे रही है और न ही कोई जवाब दे रही है। अपने आखिरी पत्र में सीएजी को यह लिखना पड़ा कि जवाब नहीं देने का मतलब यह है कि दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। इसी तरह डीटीसी की बसों की खरीद में भी जम कर घोटाला हुआ। 1,000 बसें 975 करोड़ रुपये में केजरीवाल सरकार द्वारा खरीदी गई और मेंटिनेंस का अलग बोर्ड बना कर 3,500 करोड़ रुपये खर्च किया गया जबकि नई बसों की खरीद में मेंटिनेंस भी शामिल होता है। शराब माफिया के साथ भी केजरीवाल सरकार ने गंठबंधन कर भारी भ्रष्टाचार किया है। बार-बार भ्रष्टाचार के बावजूद कथित ईमानदार मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपने किसी भी मंत्री को नहीं हटाया। इसका मतलब स्पष्ट है कि दिल्ली की कथित कट्टर ईमानदार केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। 

 

महेंद्र कुमार

(कार्यालय सचिव)

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