Salient points of the joint press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra and Delhi BJP State President Shri Adesh Gupta


द्वारा श्री संबित पात्रा -
24-08-2022
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा एवं भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा एवं भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने आज केन्द्रीय कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित किया और शराब घोटाले के किंगपिन एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और इस घोटाले के मुख्य आरोपी एवं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सीधा निशाना साधते हुए कहा कि वे इधर-उधर की बात करने के बदले भारतीय जनता पार्टी के सवालों का का सीधा और सटीक जवाब दें।

 

डॉ. संबित पात्रा ने अरविन्द केजरीवाल को शराब घोटोल का किंगपिन ठहराते हुए सवाल पूछा और शराब घोटोले के मुख्य आरोपी मनीष सिसोदियो से छह सवाल करते हुए अविलम्ब जवाब देने की मांग की। भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि मनीष सिसोदिया के भ्रष्टाचार का खुलासा करेगी।

 

अरविन्द केजरीवाल जी, क्या यह हकीकत नहीं है कि आपको शराब घोटाले के बारे में पहले से ही सबकुछ मालूम था?

 

·        वास्तविकता यह है की नई आबकारी नीति के तहत दिए जा रहे शराब ठेके के घोटाले की जानकारी केजरीवाल जी को थी। इससे संबंधित फाइलें जब दिल्ली के उप राज्यपाल के पास भेजी जाती थी, तब मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी का हस्ताक्षर फाइलों पर नहीं होता था।

 

·        डीटीसी बस खरीद से लेकर अन्य फाइलों पर अरविन्द केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं होते थे, जबकि रुल बुक में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि जब मुख्यमंत्री शहर में मौजूद रहें, तब मुख्यमंत्री ही फाइलों पर हस्ताक्षर करके उप राज्यपाल को भेजेंगे, अन्यथा उसे सही नहीं माना जाएगा। उप राज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को इस बारे में पत्र लिखकर हस्ताक्षर करके ही फाइल भेजने की सलाह दी है।

 

·        अरविन्द केजरीवाल जी फाइलों पर इस कारण हस्ताक्षर नहीं करते हैं क्योंकि भ्रष्टाचार का खुलासा होने पर वे कहेंगे कि दिल्ली के अतिरिक्त  सचिव और संयुक्त सचिव प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से मिले हुए हैं, उन्होंने हमें वो फाइल ठीक से दिखाई ही नहीं थी।

 

मनीष सिसोदिया जी ने जो भ्रष्टाचार किया है, उसके सबूत मौजूद हैं और उसकी जांच भी हो रही है। इसलिए उनके भागने का कोई रास्ता नहीं है। भारतीय संविधान एवं कानून भ्रष्टाचार करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाएग। 

 

आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए नई आबकारी नीति के माध्यम से मोटा माल कमाया। शिक्षा कम शराब मंत्री मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति के लिए बनायी गयी कमिटी की सिफारिशों को नजरअंदाज किया ताकि मोटा माल कमाया जा सके। भारतीय जनता पार्टी मनीष सिसोदिया से छह सवाल कर उसका जवाब चाहती है. आशा है, सिसोदिया जी इधर-उधर की बातें न कर उसका जवाब देंगे।

 

पहला सवाल- क्या हकीकत नहीं है कि नई आबकारी नीति लाने के लिए कमिटी बनायी गयी थी?

 

·        नयी आबकारी नीति के लिए तीन सदस्यीय कमिटी बनायी गयी थी जिसमें तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर रवि धवन, डिप्टी कमिश्नर संजीव कुमार और अतिरिक्त कमिश्नर आनंद तिवारी सदस्य थे। इस कमिटी ने लगभग एक साल पहले मार्च 2021 में अपनी रिपोर्ट केजरीवाल सरकार को सौंपी थी।

 

दूसरा सवाल - क्या यह सही नहीं है कि शराब के ठेके देने के लिए होलसेल और रिटेल को लेकर कमिटी की सिफारिषों को दरकिनार किया गया?

 

·        कमिटी की पहली बड़ी सिफारिश थी कि राज्य सरकार के अधिन शराब कारोबार का होलसेल होना चाहिए ताकि राज्य सरकार को अधिक मुनाफा हो सके, जैसे कर्नाटक में कर्नाटक स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन के तहत किया जाता है। मनीष सिसोदिया जी ने कमिटी की सिफारिशें स्वीकार न करते हुए निजी कंपनियों को होलसेल का काम दिया और अपने शराब माफिया दोस्तों को बगैर टेंडर के जोन बनाकर ठेका बांट दिया । रेवड़ी बंट रही थी, जो उनके यार थे वे लोग टेंडर ले गए। इसके लिए बगैर पब्लिक नोटिस और बिना टेंडर जारी किए अपने शराब माफिया दोस्तों के बीच रेवड़ियां बांटी गयी। 

 

·        दूसरी बड़ी सिफारिश थी कि शराब के रिटेल का काम किसी बड़ी कंपनी को नहीं देकर एकल व्यक्ति को और लॉटरी सिस्टम के आधार पर शराब दुकान का लाईसेंस दिया  जाना चाहिए। कमिटी ने अपनी सिफारिश में कहा था कि रिटेल लाइसेंस बड़ी कंपनियों को देने से भ्रष्टाचारियों का कार्टेल बन जाएगा जिससे इन्हें बाजार में मनमानी करने का अवसर मिलेगा। सिफारिश में यह भी कहा गया था कि शराब मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को होलसेन, वितरण और रिटेल का काम नहीं मिलना चाहिए।

 

·        मनीष सिसोदिया ने अपने शराब माफिया दोस्तों से कमीशन लेकर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से जुड़ी कंपनियों को रिटेल का लाइसेंस ही नहीं दिया बल्कि ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को भी शराब ठेके दिए गए, क्योंकि पंजाब चुनाव के समय आम आदमी पार्टी को मोटा माल की आवश्यकता थी और जिसने भी मोटा माल दिया उसे शराब के ठेके दे दिए गए। कमिटी की रिपोर्ट दरकिनार करके मोटा माल जेब में रखा गया और शराब दुकान कार्टेल कपनियों के हाथों में सौंप दिए गए। यह शराब घोटाला केस बहुत जटिल नहीं है, बहुत ही साफ है कि उसमें भ्रष्टाचार हुए। 

 

·        शराब रिटेल का लाईसेंस देने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया। एक जोन में 27 से 28 वेन्डस अर्थात शराब दुकान खोलने का लक्ष्य रखा। एक-एक कंपनी को दो-दो जोन के रिटेल लाईसेंस दिए गए। एक कंपनी को औसतन 54-56 शराब दुकानों  के लाईसेंस दिए गए।

 

तीसरा सवाल - कमिटी की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए किसके कहने पर इस तरह से शराब ठेका दिया गया और क्यों ?

 

चौथा सवाल - क्या मोटा माल कमाने के चक्कर में कमिटी की सिफारिशों को दरकिनार किया गया?

 

पांचवा सवाल - क्या यह हकीकत नहीं है कि नई आबकारी नीति को वापस लेने से पहले 19 शराब दुकानदारों ने अपने लाईसेंस सरेन्डर कर दिए ?

 

छठा सवाल - जब 19 कंपनियों ने पांच जोन में अपने लाईसेंस सरेन्डर किये, तब वहां के लिए सेकंड बीडर को शराब दुकान का लाईसेंस दिया जाना चाहिए था। शराब मंत्री मनीष सिसोदिया ने सेकेंड बीडर को बुलाकर उन्हें लाइसेंस देने का प्रस्ताव क्यों नहीं दिया?

 

मनीष सिसोदिया जी प्रथम बीडर पाने वाले शराब दुकानदारों पर इसलिए अटके रहे क्योंकि मोटा माल उनसे ही आया था। एक जोन में लगभग 250 करोड़ रुपए का मुनाफा होता है। इस प्रकार, चार जोन में एक तरह से 1000 करोड़ रुपए का घालमेल हो रहा था।

 

जब दिल्ली के उपराज्यपाल ने शराब घोटाला मामले में केन्द्रीय एजेंसी को जांच करने के आदेश  दिए और मीडिया में सारी बातें आ गईं, तब शिक्षा कम शराब मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी नई आबकारी नीति को वापस लेने की घोषणा कर दी।

 

जब शराब कंपनियां अपने लाईसेंस सरेन्डर कर रहे थे, तब मनीष सिसोदिया कैसे कह रहे थे कि उन्हें करोड़ों रुपए के राजस्व प्राप्त हो रहे हैं? किस आधार पर कह रहे थे कि उनकी नई आबकारी नीति वर्ल्ड क्लास है?  

 

भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के देवली में जब दो महिलाओं ने शराब दुकान खोलने का विरोध किया तो उसे गुंडों से पिटवाया गया। केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति का यह दुष्परिणाम है कि नशे की लत से परिवार के परिवार बर्बाद हुए। अरविन्द केजरीवाल जी की यह महिला सम्मान की नीति भी क्या वर्ल्ड क्लास है?

 

 

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