भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सैयद जफर इस्लाम और डॉ. संबित पात्रा की संयुक्त प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु
कांग्रेस “घोटालेबाज” पार्टी है जो अपने घोटाला पकड़े जाने पर केंद्र सरकार, भाजपा और आयकर विभाग को कटघरे में खड़ा करके झूठी बातें करती है, लेकिन न्यायालय में अपने बचाव के लिए दलील पेश नहीं कर पाती है।
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आयकर विभाग ने डिफॉल्टर होने के कारण कांग्रेस की बकाया टैक्स राशि ₹115 करोड़ के प्रयोग पर ही रोक लगाई है, न कि बैंक अकाउंट को फ्रीज किया है।
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आयकर मामले में कांग्रेस के द्वारा अपने ‘खाते फ्रीज’ होने की तुलना ‘लोकतंत्र की हत्या’ से करना, देश का अपमान है।
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कांग्रेस ने ₹1 लाख 80 हजार करोड़ का कोयला, ₹1 लाख 76 हजार करोड़ का 2जी स्पेक्ट्रम, ₹3600 करोड़ का हेलीकाप्टर, ₹70 हजार करोड़ का कॉमनवैल्थ गेम्स और ₹5 हजार करोड़ का नेशनल हेराल्ड घोटाला किया।
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राहुल गांधी स्वयं चार्टर्ड प्लेन में घूम रहे हैं, मगर कह रहे हैं कि कांग्रेस के पास ट्रेन में आने-जाने का भी पैसा नहीं है।
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सारे प्रावधानों की जानकारी होने के बावजूद भी कांग्रेस ने ₹14 लाख नगद चंदा लिया, ₹105 करोड़ का टैक्स बकाया होने के बावजूद मात्र ₹2.5 करोड़ ही जमा कराया। कांग्रेस ने उस समय कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है, क्योंकि कांग्रेस इस बात से सहमत थी कि 105 करोड़ रुपए का आयकर वैध है।
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कांग्रेस ने आयकर मामले में हर न्यायालय और ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें हर जगह मुंह की खानी पड़ी।
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कांग्रेस के कई बैंक खाते संचालित हैं और कांग्रेस के पास एक से अधिक पैन कार्ड भी हैं, एक से अधिक पैन कार्ड होना स्वयं कांग्रेस के संविधान के विरुद्ध है।
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भारत के हर नागरिक और संस्था को सभी आयकर नियम मानने होंगे फिर राहुल गांधी और सोनिया गांधी खुद को संविधान से ऊपर क्यों समझते हैं?
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सैयद जफर इस्लाम और डॉ. संबित पात्रा ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने आयकर मामले में अपने खाते फ्रीज होने की तुलना देश में लोकतंत्र की हत्या से की है, जो कि शर्मनाक है। कांग्रेस “घोटालेबाज” पार्टी है, जो अपने घोटाले पकड़े जाने पर केंद्र सरकार, आयकर विभाग और भाजपा को कटघरे में खड़ा करके झूठी बातें करती है, लेकिन न्यायालय में अपने बचाव के लिए दलील पेश नहीं कर पाती है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि कांग्रेस घोटालों की सरताज है। कांग्रेस ने आयकर मामले में हर न्यायालय और ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें हर जगह मुंह की खानी पड़ी है।
राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस ने आयकर मामले में अपने खाते फ्रीज होने की तुलना देश में लोकतंत्र की हत्या से की है, जो कि शर्मनाक है। आयकर अधिनियम के सेक्शन 13-A के तहत देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को आयकर में छूट मिलती है। उन्होंने कहा कि “साल 2017-18 के कांग्रेस पार्टी के कर निर्धारण के दौरान पार्टी की कमाई पर लगने वाले कर को भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2018 दी गई थी, लेकिन कांग्रेस ने अंतिम तिथि तक टैक्स नहीं भरा और उसके बाद कांग्रेस ने फरवरी 2019 में टैक्स जमा किया। राजनीतिक पार्टियों को लेकर एक प्रावधान है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी अपने एकाउंट में ₹20 हजार से अधिक नकद चंदा नहीं ले सकती है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने साल 2017-18 में इस प्रावधान का भी उल्लंघन किया। इस प्रावधान की जानकारी होने के बाद भी कांग्रेस ने ₹14 लाख नकद चंदा लिया। इन कानूनों का उल्लंघन करने पर राजनीतिक पार्टियों को कर में मिलने वाली छूट पर रोक लगा दी जाती है। प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण कांग्रेस को भी इस छूट से बाहर रखा गया, जिसके बाद कांग्रेस भी समान्य करदाताओं की श्रेणी में आ गई।
डॉ. संबित पात्रा ने कहा कि जुलाई 2021 में हुए कांग्रेस के “आयकर” निर्धारण के आधार पर पार्टी पर ₹105 करोड़ का टैक्स लगाया गया था, लेकिन कांग्रेस ने सिर्फ ₹2.5 करोड़ ही जमा किए। कांग्रेस ने उस समय कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया कि “हमारे साथ अन्याय हो रहा है,” क्योंकि कांग्रेस इस बात से सहमत थी कि 105 करोड़ का आयकर वैध है। आयकर कानून के मुताबिक बकाया राशि का यदि 20 प्रतिशत भी जमा कर दी जाए, तो मामले को अलग से चलाया जाता है, जिसका प्रभाव बैंक खाते पर नहीं पड़ता। लेकिन कांग्रेस ने ₹21 करोड़ की राशि भरने की जगह सिर्फ ₹2.5 करोड़ ही जमा किए। जब बकाया राशि जमा नहीं की जाती है, तो उस पर ब्याज देना पड़ता है। ब्याज पर ब्याज लगने के बाद ₹105 करोड़ की राशि अब ₹135 करोड़ बन चुकी है।
डॉ. संबित पात्रा ने कहा कि जब तक टैक्स की पूरी राशि नहीं जमा की जाएगी, ब्याज की राशि बढ़ती रहेगी और यह राशि ₹135 करोड़ से बढ़कर ₹140 करोड़ भी हो सकती है। कांग्रेस ने इस मामले में वसूल की जाने वाली राशि पर रोक के लिए पहले कमिश्नर अपीलेट में अपील की, जहां नोटिस पर रोक लगाने की अर्जी को खारिज कर दिया गया। इसके बाद कांग्रेस आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल और फिर दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंची, दोनों ही जगहों से कांग्रेस को फटकार मिली और नोटिस पर रोक लगाने से मना कर दिया गया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने न सिर्फ ट्रिब्यूनल के आदेश को सही ठहराया, बल्कि आयकर विभाग पर नोटिस देने से रोकने लगाने की मांग को ख़ारिज कर दिया। इसके बाद 13 फरवरी 2024 को आयकर विभाग ने रूटीन नोटिस देकर कांग्रेस के 3-4 बैंक खातों को अटैच कर दिया। इसके बावजूद कांग्रेस के कई बैंक खाते संचालित हैं और कांग्रेस के पास एक से अधिक पैन कार्ड भी हैं, एक से अधिक पैन कार्ड होना स्वयं कांग्रेस पार्टी के संविधान के विरुद्ध है। आयकर विभाग ने नियमानुसार कांग्रेस के अकाउंट में से मात्र ₹115 करोड़ फ्रीज किए और सिर्फ इसी राशि के प्रयोग पर रोक लगाई। सत्य ये है कि आयकर विभाग ने डिफॉल्टर होने के कारण कांग्रेस की बकाया टैक्स राशि के प्रयोग पर रोक लगाई है, न कि बैंक अकाउंट को फ्रीज किया है। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि कांग्रेस के बैंक खातों में ₹1000 करोड़ की राशि है और ₹500 करोड़ की अचल संपत्ति है, राहुल गांधी चार्टर्ड प्लेन में घूमते हैं और फिर कहते हैं कि पार्टी के पास ट्रेन की यात्रा करने का पैसा नहीं है।
कांग्रेस को घोटालेबज बताते हुए डॉ. पात्रा ने कहा कि कांग्रेस ने कोयला घोटाला में ₹1 लाख 80 हजार करोड़, 2जी स्पेक्ट्रम में ₹1 लाख 76 हजार करोड़, चौपर घोटाले में ₹3600 करोड़, कॉमनवैल्थ गेम्स घोटाला में ₹70 हजार करोड़ और नेशनल हेराल्ड में ₹5 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार किया है। इतने बड़े-बड़े घोटाले करने के बाद राहुल गांधी कहते हैं कि ट्रेन से आने-जाने के लिए पैसा नहीं है। भारत के हर नागरिक और संस्थाओं को सभी आयकर नियम मानने होंगे, फिर राहुल गांधी और सोनिया गांधी खुद को संविधान से ऊपर क्यों समझते हैं? उन्होंने इस प्रेस वार्ता के जवाब में राहुल गांधी से राजनीतिक नहीं, बल्कि तकनीकी उत्तर की अपेक्षा की।
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