भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता एवं विधायक विजेंद्र गुप्ता की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्यबिन्दु
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भ्रष्टाचार एक-दूसरे का पर्याय बन गए हैं. भ्रष्टाचार में लिप्त मुख्यमंत्री को अपने पद पर रहने का कोई हक नहीं, उन्हें शीघ्र इस्तीफा देना चाहिए.
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जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक केजरीवाल जी दिल्ली की जनता से कहा था कि 11 हज़ार से ज्यादा डीटीसी बस देंगे, लेकिन इतनी बस मिली नहीं और अब डीटीसी की लो फ्लोर बस में घोटाला मिला है.
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अरविंद केजरीवाल की एक ही खूबी, इनकी सरकार हर जगह भ्रष्टाचार में डूबी
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पहले आबकारी नीति में, अब बसों की खरीद में अनियमितता. आम आदमी पार्टी खुद को 'कट्टर ईमानदार' होने का दावा करती है, जबकि सच्चाई यह है कि ‘आप’ कट्टर भ्रष्ट हैं। दरअसल, ये ‘आप’ नहीं ‘पाप’ है. जहां-जहां केजरीवाल, वहां वहां भ्रष्टाचार. केजरीवाल जी आखिर खुद को कानून से ऊपर आप कैसे समझ सकते हैं?
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आम आदमी पार्टी सरकार का ऐसा कोई मंत्रालय नहीं, जहां घोटाले और वसूली न हुई है। केजरीवाल जी के मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए अनुबंध और निविदाएं तैयार की जा रही हैं।
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केजरीवाल सरकार का कोई भी मंत्रालय उठाइए, उसमें भ्रष्टाचार मिलेगा, वसूली मिलेगी। केजरीवाल जी जो भी करते हैं उसका एक कंसल्टेंट जरूर बना देते हैं और इस कंसल्टेंट का मुख्य काम होता है कैसे वसूली का रुपया, ये काला धन , गुलाबी गड्डियां अरविंद केजरीवाल तक पहुंच जाएं और भ्रष्टाचार पूरा हो जाए। यही इनका काम है।
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सत्येंद्र जैन 3 महीने से जेल में हैं, लेकिन केजरीवाल जी उन्हें अब तक उन्हें कट्टर ईमानदार बताते हुए उनके इस्तीफे भी नहीं ले रहे हैं। अरविंद केजरीवाल जी का मुख्य मुद्दा है भटका दो और सही काम को लटका दो। लेकिन आप अगर लटकाना जानते हैं, तो जनता भी झटका देना जानती है।
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केजरीवाल जी ने दोस्तों को लाभ देने के इरादे से दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को दिल्ली परिवहन निगम की बसों की निविदा व खरीद संबंधी समिति का अध्यक्ष बनाया गया। ऐसा पहली बार हुआ है कि केजरीवाल सरकार ने परिवहन मंत्री को ट्रांसपोर्ट बोर्ड का चेयरमैन बना दिया गया है, इससे पहले तक यहां का अधिकारी ही चेयरमैन होता था.
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डीटीसी बसों की खरीद के टेंडर में गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया और गलत टेंडर दिया गया। इस निविदा के लिए, बोली प्रबंधन सलाहकार के रूप में डीआईएमटीएस की नियुक्ति गलत कामों को सुविधाजनक बनाने के लिए की गई थी।
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दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार अनियमितताओं के आरोपों का जवाब नहीं देती, बल्कि ध्यान भटकाने के लिए एक ऐसे मुद्दे उठाती है, जिसका कोई मतलब नहीं होता। आज डीटीसी बसों में सीबीआई की जांच की सिफारिश को उपराज्यपाल ने आगे बढ़ाया है, वह स्वागतयोग्य है.
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भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी की सरकार स्वराज से शराब और फिर शराब से भ्रष्टाचार के सफर में इतनी डूब गई है कि वो जो भी काम करते हैं, जो भी खरीद फरोख्त होती है, बिना भ्रष्टाचार के होती ही नहीं है।
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केजरीवाल सरकार ने कुछ कंपनियों के पक्ष में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के निविदा नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। केजरीवाल जी संवैधानिक संस्था सीवीसी में विश्वास नहीं करते, उनका एकमात्र मकसद डीसीसी है - डायरेक्ट कैश कलेक्शन।
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भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में एक हजार बसों के टेंडर में कई सारी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। बसों की खरीद में अपनी चहेती कंपनी को फेवर करने के लिए टेंडर के नियमों का उल्लंघन किया गया। सीवीसी की गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाकर टेंडर दिए गए।
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01 जून, 2018 को षड्यंत्र के तहत ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर को डीटीसी बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया। यह हैरानी करने वाला फैसला था, क्योंकि डीटीसी के इतिहास में 1970 से ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई राजनीतिक व्यक्ति इस का चेयरमैन बना हो।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आज केन्द्रीय कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित किया और दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भ्रष्टाचार एक-दूसरे का पर्याय बन गए हैं. भ्रष्टाचार में लिप्त मुख्यमंत्री को अपने पद पर रहने का कोई हक नहीं है, उन्हें शीघ्र इस्तीफा देना चाहिए.
राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दिल्ली परिवहन निगम द्वारा की गई 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में कथित अनियमितताओं के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए हुए कहा कि जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक केजरीवाल जी दिल्ली की जनता से कहा था कि 11 हज़ार से ज्यादा DTC बस देंगे, लेकिन इतनी बस मिली नहीं और अब डीटीसी की लो फ्लोर बस में घोटाला मिला है. आम आदमी पार्टी सरकार का ऐसा कोई मंत्रालय नहीं, जहां घोटाले और वसूली न हुई है। केजरीवाल जी के मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए अनुबंध और निविदाएं तैयार की जा रही हैं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार का कोई भी मंत्रालय उठाइए, उसमें भ्रष्टाचार मिलेगा, वसूली मिलेगी। केजरीवाल जी जो भी करते हैं उसका एक कंसल्टेंट जरूर बना देते हैं और इस कंसल्टेंट का मुख्य काम होता है कैसे वसूली का रुपया, ये काला धन , गुलाबी गड्डियां अरविंद केजरीवाल तक पहुंच जाएं और भ्रष्टाचार पूरा हो जाए। यही इनका काम है। अरविंद केजरीवाल की एक ही खूबी, इनकी सरकार हर जगह भ्रष्टाचार में डूबी.
सत्येंद्र जैन 3 महीने से जेल में हैं, लेकिन केजरीवाल जी उन्हें अब तक उन्हें कट्टर ईमानदार बताते हुए उनके इस्तीफे भी नहीं ले रहे हैं। अरविंद केजरीवाल जी का मुख्य मुद्दा है भटका दो और सही काम को लटका दो। लेकिन आप अगर लटकाना जानते हैं, तो जनता भी झटका देना जानती है।
श्री भाटिया ने कहा कि पहले आबकारी नीति में, अब बसों की खरीद में अनियमितता. केजरीवाल और भ्रष्टाचार एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। आम आदमी पार्टी खुद को 'कट्टर ईमानदार' होने का दावा करती है, जबकि सच्चाई यह है कि ‘आप’ कट्टर भ्रष्ट हैं। दरअसल, ये ‘आप’ नहीं ‘पाप’ है. जहां-जहां केजरीवाल, वहां वहां भ्रष्टाचार. उन्होंने सवाल करते हुए केजरीवाल से पूछा कि खुद को कानून से ऊपर आप कैसे समझ सकते हैं?
उन्होंने कहा कि केजरीवाल जी ने दोस्तों को लाभ देने के इरादे से दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को दिल्ली परिवहन निगम की बसों की निविदा व खरीद संबंधी समिति का अध्यक्ष बनाया गया। ऐसा पहली बार हुआ है कि केजरीवाल सरकार ने परिवहन मंत्री को ट्रांसपोर्ट बोर्ड का चेयरमैन बना दिया गया है, इससे पहले तक यहां का अधिकारी ही चेयरमैन होता था.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि डीटीसी बसों की खरीद के टेंडर में गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया और गलत टेंडर दिया गया। इस निविदा के लिए, बोली प्रबंधन सलाहकार के रूप में डीआईएमटीएस की नियुक्ति गलत कामों को सुविधाजनक बनाने के लिए की गई थी। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार अनियमितताओं के आरोपों का जवाब नहीं देती, बल्कि ध्यान भटकाने के लिए एक ऐसे मुद्दे उठाती है, जिसका कोई मतलब नहीं होता। आज डीटीसी बसों में सीबीआई की जांच की सिफारिश को उपराज्यपाल ने आगे बढ़ाया है, वह स्वागतयोग्य है.
दूसरी ओर, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल जी की सरकार स्वराज से शराब और फिर शराब से भ्रष्टाचार के सफर में इतनी डूब गई है कि वो जो भी काम करते हैं, जो भी खरीद फरोख्त होती है बिना भ्रष्टाचार के होती ही नहीं है। केजरीवाल सरकार ने कुछ कंपनियों के पक्ष में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के निविदा नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। केजरीवाल जी संवैधानिक संस्था सीवीसी में विश्वास नहीं करते, उनका एकमात्र मकसद डीसीसी है - डायरेक्ट कैश कलेक्शन। अरविंद केजरीवाल और इनकी पार्टी के जब से घोटाले खुलने शुरू हुए हैं, तब से ये घबराने लगे हैं.
वहीं, भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में एक हजार बसों के टेंडर में कई सारी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। बसों की खरीद में अपनी चहेती कंपनी को फेवर करने के लिए टेंडर के नियमों का उल्लंघन किया गया। सीवीसी की गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाकर टेंडर दिए गए। 01 जून, 2018 को षड्यंत्र के तहत ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर को डीटीसी बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया। यह हैरानी करने वाला फैसला था, क्योंकि डीटीसी के इतिहास में 1970 से ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई राजनीतिक व्यक्ति इस का चेयरमैन बना हो।
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