भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया एवं सांसद श्री गौतम गंभीर की प्रेस वार्ता के मुख्यबिंदु
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तिहाड़ जेल में बंद ठग सुकेश चन्द्रशेखर के पहले और दूसरे पत्र को लेकर दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछ रही है कि क्या केजरीवाल जी तिहाड़ जेल में बंद अपराधियों से फोन पर बातचीत और पैसों का लेन-देन करते थे? क्या केजरीवाल जी ठगों का सिंडिकेट बनाकर ठग उद्योग विकसित करना चाहते थे? क्या यह सत्य है कि आम आदमी पार्टी और सुकेश के बीच पुराने रिश्ते हैं?
भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल से मांग करती है कि 24 घंटे के भीतर देश की जनता द्वारा पूछे जा रहे सवालों का जवाब दें. यदि वे उत्तर नहीं देते हैं तो इस बात को और मजबूती मिलेगी कि अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी, बेईमान और महाठग हैं।
केजरीवाल ठगी सेन्टर में भ्रष्टाचार तो हो ही रहे हैं, मसाज और वसूली भी हो रहा है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सुकेश चन्द्रशेखर ने अपने पहले पत्र में लिखा था कि महाठग अरविंद केजरीवाल ने कैसे 50 करोड़ रुपए उससे ठगी किया?
महाठग अर्थात किंगपिन केजरीवाल जी का ठगों से “दो जिस्म एक जान” जैसा रिश्ता है। ठगी के मामले में यहां सिर्फ इनकमिंग ही नहीं, बल्कि इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों रिश्ते थे।
जालसाजी, धोखाघडी और वसूली जैसे आपराधिक मामले में तिहाड़ जेल में बंद सुकेश चन्द्रशेखर के पत्र के अनुसार, सुकेश द्वारा वर्ष 2016 में दी गयी डिनर पार्टी में अरविंद केजरीवाल पहुंच थे।
कैलाश गहलोत के असोला फार्म हाउस में अरविन्द केजरीवाल और सुकेश के बीच पैसों का आदान प्रदान हुआ। उस समय सुकेश ने केजरीवाल को 50 करोड़ रुपए दिए थे। 2019 में केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन को 10 करोड़ रुपए दिया गया था।
यह बेहद हास्यापद है दिल्ली के मुख्यंत्री अरविंद केजरीवाल जिस सत्येन्द्र जैन को कट्टर ईमानदार बता रहे थे, वह कट्टर ईमानदार सत्येन्द्र जैन पिछले पांच महीने से जेल की सलाखों के पीछे है और उन्हें जमानत तक नहीं मिल रही है। अरविंद केजरीवाल महाठग हैं, एक ठग सत्येंन्द्र जैन और दूसरे ठग कैलाश गहलोत हैं। ये वही कैलाश गहलोत हैं, जिनका नाम डीटीसी लो-बस खरीददारी घोटाला में शामिल है।
ठग सुकेश चन्द्रशेखर के पत्र के अनुसार अरविंद केजरीवाल उस ठग से कहते हैं कि तुमने 50 करोड़ रुपए दिए। अपने जैसे बीस-तीस व्यापारी और उद्योगपति और लाओ। अरविंद केजरीवाल जी बीच-बीच में फोन कर इस ठग से कहते थे कि हमलोगों के बीच जो बातचीत हुई है उसके अनुसार अपने जैसे लोगों को जोड़कर रुपए जमा क्यों नहीं कराया?
सुकेश को ठगी करने के लिए पांच-छह सौ करोड़ रुपए का टारगेट दिया गया, क्योंकि केजरीवाल जी इससे कम की राशि में कट्टर ईमानदारी की सर्टिफिकेट नहीं देते हैं। जरा सोचिए कि ठग से मिलकर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल कहते हैं कि तुम सभी ठग मिलकर एक इंडस्ट्री बनाओ। इतना अधिक बेइमानी, भ्रष्टाचार और वसूली करो कि हर तरफ से हमें गुलाबी गड्डियां मिलती रहे।
महाठग अरविंद केजरीवाल को दिल्ली और पंजाब में निवेश, विकास और लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने मे कोई रूचि नहीं है। उनकी रूचि है कि ठगी को एक उद्योग के रूप में कैसे विकसित की जाए।
ये सभी गंभीर आरोप एक ही बात स्पष्ट करता है कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे महाठग अरविंद केजरीवाल ने ठगा नहीं।
· अरविंद केजरीवाल ने अपने गुरू अन्ना हजारे जी को ठगा।
· दिल्ली की जनता को यह कह कर ठगा कि दिल्ली की हवाओं को स्वच्छ बनाएंगे, किन्तु सच्चाई सब लोग देख रहे हैं।
· महाठग केजरीवाल ने दिल्ली के बच्चों को ठगा. स्कूल के टॉयलेट को क्लासरूम बताते हुए बच्चों को उसमें पढ़ने के लिए बाध्य किया।
· किसानों को ठगा. केन्द्र सकार ने पराली प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार को 1350 करोड़ रुपए दिए, किन्तु पंजाब सरकार ने पराली प्रबन्धन में उसका उपयोग नहीं किया। पंजाब सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए 1.20 लाख मशीन खरीदी और उसमें से 12 हजार मशीनें गायब हो गईं।
· दिल्ली की महिलाओं को ठगा, उनकी सुरक्षा के लिए वादा किया था कि दिल्ली मे 15 हजार सीसीटीवी कैमरा लगाएंगे, लेकिन केजरीवाल जी बताएं कहां हैं वो 15 हजार सीसीटीवी कैमरे?
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